उपन्यासकार जेम्स मूर, कैम्बोडिया में अपने लेखन भ्रमण के दौरान, अनायास बाढ़ की त्रासदी से बचाव हेतु, एक वैश्यालय में आश्रय लेता है।
वह और उसका अनुवादक, नाबालिग बच्चीओं पर नृशंसनीय एवं अमानवीय व्यवहार ,अति निकटता से सम्पर्क में आने से देखते हैं।
वहाँ एक आठ वर्षीय बच्ची, जो आलौकिक शक्ति से नवाज़ी है, भी मिलती है।
जेम्स एवं अनुवादक, बालिकाओं को, न ही केवल बाढ़ से सुरक्षित निकालते हैं, अपितु वैश्यालय के भयंकर स्वामी एवं अन्य साथिओं, से भी स्वत्रंत करते है।
उपन्यास की प्रशंसा
तीव्रगामी एवं रोमांचक! अति संस्तुति!!~
रीडर्ज़फेवोरिट.कोम
Readersfavorite.com
अति प्रशंसनीय! पढ़ने योग्य!~
सैनफ्रांसिस्को का उपंयासकार रिव्यू
San Francisco Review of Books
प्रत्येक पृष्ठ जिज्ञासा बनाऐ रहता है एवं रोचक पित्रों से परिपूर्ण~
जेन जोन्सन, उपन्यासकार, नाट्य-लेखक
अति कुशलता से निर्मित एवं पढ़ने उल्लहसनीय~
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