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I Love Money: आय लव मनी

by Suresh Padmanabhan

12 भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवादित "I love money" का हिंदी अनुवादजब आप धन-दौलत के बारे में सोचते हैं तो उसमें वृद्धि होने लगती हैसुरेश पदमनाभन को धन विषय में अधिकारपूर्वक कहने का अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है।- द टाइम्स ऑफ़ इंडियायह पुस्तक धन के साथ हमारे संबंधों की मौलिक रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक को आप जब भी पढ़ेंगे तो आपको याद आएगा कि जब पैसा, व्यक्तिगत शक्ति और व्यापक बल आपके साथ होंगे तो आपको जीवन में संतुलित और सामंजस्यपूर्ण विकास की अनुभूति होगी।धन से जुड़ी ऐसी कई तकनीकें और सूत्र हैं जिन्हें मिनी वर्कशॉप (रुपय की कार्यशाला) में पहले आज़माया जा चुका है। आपको स्वयं कुछ नया खोजने की ज़रुरत नहीं है; इन तकनीकों का सूत्रों के माध्यम से आपका जीवन सरल और सुखमय बन सकता है।इस पुस्तक में आपको ऐसे कई विचार और अवधारणाएं मिलेंगी जो आपको पसंद आएँगी और जिन्हें आप स्वीकार भी करेंगे; क्योंकि आपको ऐसा महसूस होगा जैसे ये सभी विचार आपके अपने ही हैं।

Indian Business Women: इंडियन बिझनेस वूमैन

by Suman Vajpayee

प्रस्तुत पुस्तक में उद्यम-जगत् में अपना वर्चस्व कायम कर चुकी कुछ महिलाओं की निजी व प्रोफेशनल जिंदगी की प्रेरक घटनाओं का विवेचन किया गया है। इन महिलाओं का जीवन, सोच एवं मेहनत प्रेरणाप्रद है और इससे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। स्त्री-शक्ति को सही मायने में उद्घाटित करती नारी का सम्मान बढ़ानेवाली लोकप्रिय पुस्तक।

Chhattisgarh Bharati class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: छत्तीसगढ़ भारती ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् की नई किताब बनाने का उद्देश्य बच्चों को स्वतंत्र और जिज्ञासु पाठक बनाना है। परिषद् की पुस्तकों ने यह भी रेखांकित किया है कि भाषा सीखने-सिखाने का दायित्व सिर्फ भाषा की पुस्तक का ही नहीं है वरन् अन्य विषयों की भी इसमें भूमिका है। कक्षा 8वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक को विषय 'हिन्दी - छत्तीसगढ़ भारती' में सहायक पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया है, इससे बच्चों में पठन, वाचन, तर्क एवं चिंतन क्षमता विकसित होगी। सामाजिक अध्ययन, विज्ञान व गणित की पुस्तकों को पढ़कर समझने के प्रयास से, स्वतंत्र व समृद्ध पाठक बनाना संभव होता है। पाठ्यपुस्तकों के अलावा विद्वानों द्वारा रचित साहित्य, अन्य प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी सामग्री के साथ-साथ बच्चों के लिए अन्य कहानी, कविता, नाटक आदि की पुस्तकों की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। बच्चों के अनेक स्वाभाविक अनुभवों के बारे में सोचना, उनका गहराई से विश्लेषण करना व इन सबको एक-दूसरे से बाँटना न सिर्फ भाषायी समझ बढ़ाता है वरन् कई और महत्वपूर्ण क्षमताएँ भी प्रदान करता है। कक्षा आठवीं में पढ़नेवाले बच्चों के भाषायी ज्ञान को और समृद्ध बनाना है। इसमें समझने व अभिव्यक्त करने, दोनों तरह की क्षमताएँ शामिल हैं। अच्छे लेखकों, कवियों और साहित्यकारों द्वारा लिखी कहानी, कविता, निबंध, नाटक आदि साहित्य की विधाएँ तो हैं ही, साथ ही-साथ ऐसी पुस्तकें सोचने-समझने के तरीकों को भी समृद्ध बनाती हैं। इन सभी की पढ़ने में रुचि पैदा करना ही एक प्रमुख लक्ष्य है। ज्यादातर भाषा-शिक्षण व साहित्य का उद्देश्य बच्चे के विकास व समाज के साथ उसके संबंध को गहरा करना व उसके सोचने व जीवन दर्शन को वृहद् करना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चे अच्छे साहित्य को पढ़ें-लिखें और उस पर बातचीत करें। बच्चों का पुस्तक की सामग्री के साथ संबंध गहरा हो, उनके बीच एक सतर्क पाठक का रिश्ता बने। इसके लिए वे पाठों पर आधारित नए प्रश्न बनाएँ व अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर सामग्री में प्रस्तुत विचारों पर टिप्पणी करें।

Kala Pani: काला पानी

by Vinayak Damodar Savarkar

काला पानी की भयंकरता का अनुमान इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि इसका नाम सुनते ही आदमी सिहर उठता है। काला पानी की विभीषिका, यातना एवं त्रासदी किसी नरक से कम नहीं थी। विनायक दामोदर सावरकर चूँकि वहाँ आजीवन कारावास भोग रहे थे, अत: उनके द्वारा लिखित यह उपन्यास आँखों-देखे वर्णन का-सा पठन-सुख देता है। इस उपन्यास में मुख्य रूप से उन राजबंदियों के जीवन का वर्णन है, जो ब्रिटिश राज में अंडमान अथवा 'काला पानी' में सश्रम कारावास का भयानक दंड भुगत रहे थे। काला पानी के कैदियों पर कैसे-कैसे नृशंस अत्याचार एवं क्रूरतापूर्ण व्यवहार किए जाते थे, उनका तथ वहाँ की नारकीय स्थितियों का इसमें त्रासद वर्णन है। इसमें हत्यारों, लुटेरों, डाकुओं तथा क्रूर, स्वार्थी, व्यसनाधीन अपराधियों का जीवन-चित्र भी उकेरा गया है। उपन्यास में काला पानी के ऐसे-ऐसे सत्यों एवं तथ्यों का उद‍्घाटन हुआ है, जिन्हें पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

Vajpayee - Ek Rajneta ke Agyat Pehlu: वाजपेयी: एक राजनेता के अज्ञात पहलू

by Ullekh N. P.

सांसद में नेहरूवाद से मिलते-जुलते अपने 'धर्मनिरपेक्ष' बयानों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी यदा-कदा कट्टरपंथी जमात में थोड़ी घुसपैठ कर जाते थे। 1983 में उन्होंने असम चुनावों के दौरान भड़काऊ भाषण दिया जिससे प्रदेश में 'बांग्लादेशी विदेशियों' की मौजूदगी बड़ा मुद्दा बन गया। यहां तक कि भाजपा ने भी वाजपेयी के भाषण से किनारा कर लिया। संभवतः इस भाषण के कारण उस वर्ष असम के नल्ली में 2000 से अधिक लोगों का संहार हुआ, जिनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे। वाजपेयी भारत के चतुर राजनेताओं में से एक हैं और उन्हें कई तरह की विरोधाभासी बातें करने के लिए जाना जाता है : उग्रवादी राष्ट्रवादी से अपने गुप्त पारिवारिक जीवन तक, साम्यवाद के प्रति रुझान, भोजनप्रियता और यदि स्वयं को उदारवादी के रूप में पेश न कर सके तो मध्यमार्गी की तरह पेश करने तक। यह पुस्तक वाजपेयी के करियर के अहम पड़ावों और एक अनुभवी राजनेता के रूप में उनकी विशेषताओं को खंगालती हुई उनके अपनी पार्टी के नेताओं से संबंधों और आरएसएस तथा उसके सहयोगी संगठनों के साथ प्रेम व् द्वेष वाले संबंधों पर नज़र डालती है। बेहतरीन शोध, पुख़्ता तथ्यों से समर्थित तथा अंतर्कथाओं और उपाख्यानों के साथ, अंतर्दृष्टियों से युक्त साक्षात्कारों तथा सहेजने योग्य छायाचित्रों से सज्जित यह पुस्तक एक कवि-राजनेता के जीवन की झलक पेश करती है।

Safalta Prapti Ke Swarnim Sutra: सफलता प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र

by Sudhir Dixit

हम सभी को सदा प्रेरणा और प्रोत्साहन की ज़रुरत होती है। हमारे आस-पास ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो यह काम नियमित रूप से कर सकें। यह पुस्तक आपको प्रेरित करने के लिए ही लिखी गई है, और वह भी तुरंत। सफलता के ये प्रेरणादायी कथन सभी महत्वाकांक्षी लोगों के लिए उपयोगी हैं, लेकिन ये उन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ज़्यादा उपयोगी हैं, जहाँ प्रेरणा और प्रोत्साहन की ज़रुरत अधिक होती है- जैसे सेल्स, प्रबंधन, व्यवसाय, करियर, फ्रीलान्सिंग, नेतृत्व, नेटवर्क मार्केटिंग आदि। पुस्तक में शामिल कुछ प्रेरक कथन: सच्ची सफलता के लिए खुद को ये चार सवाल पूछें - क्या? क्यों नहीं? मैं क्यों नहीं? अभी क्यों नहीं? जीवन के दो नियम होते हैं - कभी कोशिश मत छोड़ो और हमेशा इस बात को याद रखो। आप किसी को सीढ़ी पर तब तक ऊपर नहीं चढ़ा सकते जब तक कि वह खुद न चढ़ना चाहे। लीडर के रूप में उत्साही बनें। आप गीली दिया- सिलाई से आग नहीं जला सकते। औसत सेल्समैन एक साल में एक पुस्तक भी नहीं पढ़ता है, इसलिए वह औसत सेल्समैन रहता है। अपने काम को बेहतर तरीके से करें, मलाई अपने आप ऊपर आ जाएगी। ग्राहक आपके नहीं, उनके कारणों से ख़रीदते हैं। आपकी पोशाक आपके बोलने से पहले ही बोल देती है।

Mayavan - Ek Rahasyamay Jungle: मायावन - एक रहस्यमय जंगल

by Shivendra Suryavanshi

माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ है। कुछ पुरातत्वविद् माया सभ्यता का सम्बन्ध दैत्यराज मयासुर से जोड़ते हैं। मयासुर, एक ऐसा दैत्य, जिसे उसके अद्भुत निर्माणकार्य के लिये देवताओं ने भी सराहा। तारकासुर के समय में ‘त्रिपुरा’नामक 3 भव्य नगरों का निर्माण, दैत्यराज वृषपर्वन के लिये बिंदुसरोवर के निकट अद्भुत सभाकक्ष का निर्माण, रामायणकाल में रावण के लिये सोने की लंका का निर्माण एवं महाभारतकाल में पांडवों के लिये, खांडवप्रस्थ के वन में अकल्पनीय इन्द्रप्रस्थ का निर्माण मयासुर की अद्भुत शिल्पकला की कहानी कहतें हैं। रावण की पत्नि मंदोदरी का पिता मयासुर, वास्तुशिल्प और खगोलशास्त्र में प्रवीण था। खगोलशास्त्र के क्षेत्र में मयासुर ने भगवान सूर्य नारायण से विद्या सीखकर ‘सूर्य सिद्धान्तम’की रचना की। आज भी हम ज्योतिष शास्त्र की गणनाएं सूर्य सिद्धान्तम के आधार पर ही करते हैं। महादेव के इस परमज्ञानी शिष्य ने किस प्रकार की ये अद्भुत रचनाएं? क्या भगवान शिव की पारलौकिक शक्तियां मयासुर के पास थीं? तो दोस्तों तैयार हो जाइये, इस कथानक के अद्भुत संसार में डूब जाने के लिये, जहां का हर एक दृश्य आपको वस्मीभूत कर देगा। हिमालय की गुफाओं से माया सभ्यता तक, ग्रीस के ओलंपस पर्वत से अंटार्कटिका की बर्फ की चादर तले फैले, एक अविश्वसनीय और अद्वितीय कथानक को पढ़ने के लिये।

Samajik Vigyan Itihas Evam Nagarik Shastra Bhag-1 class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh: सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग-१ ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग 1 पाठ्यपुस्तक कक्षा 8वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक में भूगोल, इतिहास, नागरिकता एवं अर्थशास्त्र के पाठों का समावेश किया गया है। इस पुस्तक में इतिहास और नागरीकशास्त्र का अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ राज्य के संसाधनों के साथ ही छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में स्थानीय इतिहास का भी समावेश है। इस पुस्तक में विषयवस्तु को समझने के लिए निर्देश दिये गए हैं चित्र देखिए, मानचित्र टांगिए, तुलना कीजिए। इसके साथ-साथ विषयवस्तु को स्थानीय परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया गया है। आवश्यकतानुसार प्रश्नों को भी समाहित किया गया है। पुस्तक में प्रत्येक पाठ का पूर्व के पाठों से संबंध जोड़ने का प्रयास भी है, उसके पश्चात आगे का ध्यान दिया गया है। पाठों में मूल्य शिक्षा, सामाजिकता, पर्यावरण संरक्षण तथा राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को बताने का सार्थक प्रयास किया गया है।

Operation Khukri: ऑपरेशन खुकरी

by Major General Rajpal Punia and Damini Punia

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था? कैसे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का अभियान भारतीय तिरंगे के गौरव की रक्षा के लिए एक युद्ध में बदल गया? वर्ष 2000 की बात है। पश्चिम अफ्रीका का सिएरा लिओन बरसों के गृहयुद्ध से तबाह हो चुका था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से भारतीय सेना की दो कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान के अंतर्गत कैलाहुन में तैनात किया गया था। ‘ऑपरेशन खुकरी’ भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।

Humankind: ह्यूमनकाइंड

by Rutger Bregman

यह एक विश्वास ही है जो वामपन्थियों और दक्षिणपन्थियों को, मनोवैज्ञानिकों और दार्शनिकों को, लेखकों और इतिहासकारों को एकजुट करता है। यह उन सुर्खियों को प्रेरित करता है जो हमें घेरे रहती हैं और उन नियमों को संचालित करता है जो हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं। पश्चिम के चिन्तन में इस विश्वास की जड़ें, मैकियावेली से लेकर हॉब्स तक और फ्रॉइड से लेकर डॉकिन्स तक, बहुत गहराई तक समाई हुई हैं। हमें सिखाया गया है कि मनुष्य अपने स्वभाव से ही स्वार्थी होते हैं और अपने हित से नियन्त्रित होते हैं। ह्यूमनकाइंड एक नया तर्क प्रस्तुत करती है: यह मानना कि लोग भले होते हैं, व्यावहारिक होने के साथ-साथ क्रान्तिकारी भी है। प्रतिस्पर्धा करने की बजाय सहयोग करने की, अविश्वास करने की बजाय भरोसा करने की प्रवृत्ति का आधार हमारी प्रजाति के आरम्भ से ही हमारी विकास-प्रक्रिया में मौजूद रहा है। दूसरों को उनके निकृष्टतम रूप में देखना न स़िर्फ दूसरों के प्रति हमारे रुख को, बल्कि हमारी राजनीति और अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर के बेस्टसेलिंग लेखक रुत्ख़ेर ब्रेख़्मान इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक में दुनिया के कुछ सर्वाधिक प्रसिद्ध अध्ययनों को आधार मान कर और उन्हें नये सिरे से संयोजित कर मानव-इतिहास के पिछले 200, 000 वर्षों के बारे में एक नया परिप्रेक्ष्य उपलब्ध कराते हैं। वास्तविक जीवन के लॉर्ड ऑफ़ द फ़्लाइज़ से लेकर ब्लिट्ज़ के बाद सामने आये सहयोग तक, स्टेन्फ़ोर्ड प्रिज़न एक्सपेरीमेंट की छिपी हुई गड़बड़ियों से लेकर किटी जेनोवीस की हत्या के सच्चे क़िस्से तक, ब्रेख़्मान साबित करते हैं कि किस तरह मानवीय दयालुता और परोपकार हमारे सोचने के ढंग को बदल सकते हैं- और हमारे समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने की भूमिका निभा सकते हैं। यह मानव-स्वभाव के बारे में नया द़ृष्टिकोण अपनाने का समय है।

Meluha Ke Mritunjay: मेलूहा के मृत्युंजय

by Amish Tripathi

जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता है अथवा नहीं? अपने प्रारब्ध एवं कर्तव्य की ओर खिंच जाने वाले एवं साथ ही प्रेम से प्रेरित शिव क्या सूर्यवंशियों के प्रतिशोध में उनका नेतृत्व करेंगे और बुराइयों का नाश करेंगे?यह शिव रचना त्रयी की प्रथम पुस्तक है। शिव एक साधारण मनुष्य है जिसके कर्म उसे देवों के देव महादेव में परिवर्तित कर देते हैं।

Red Beret: रेड बैरेट

by Vivek Agrawal

प्रियदर्शिनी जिद्दी, अक्खड़ और स्वाभिमानी महिला हैं, जिनके लिए भारत की संप्रभुता सबसे ऊपर है। वे किसी देश के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं, जो अमरीकी हुक्मरानों को रास नहीं आता। अमरीका ने खतरनाक सीआईए एजंट रॉबर्ट को प्रियदर्शिनी वध का जिम्मा सौंप रखा है। उसकी हर साजिश को रेड बैरेट नाकाम करती है। रॉबर्ट 22 बार हमले की योजनाएं बनाता है, हर हमले का उसे रेड बैरेट से मुंहतोड़ जवाब मिलता है। रेड बैरेट का मुख्य काम भारतीय प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी की जीवनरक्षा है। सेना के विभाग टेक्टिकल एक्शन ग्रुप (टेग) के बैनर तले काम करने वाले अज्ञात ग्रुप का कोड नेम रेड बैरेट है। इसके मुखिया ब्रिगेडियर विशंभर दयाल हैं, जो सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। जरूरत पड़ने पर आर्मी चीफ से निर्देश लेते हैं। रेड बैरेट के पास सिर्फ एक काम है - हर हाल में प्रधानमंत्री की रक्षा, देश के खिलाफ जारी कुचक्र रोकने और तोड़ने के लिए किसी भी हद तक जाना, दुश्मनों के एक्टिव होते ही दबोच कर सूचनाएं हासिल करना, दुश्मनों को पकड़ना संभव न हो, तो मार गिराना। रेड बैरेट के लिए सीमाओं का बंधन नहीं है। इन्हें सारी दुनिया में, कहीं भी, कोई भी, काम करने के लिए मुक्त रखा गया। टीम में 25 प्रमुख सदस्य हैं, जो सारा काम करते हैं। कभी-कभी सेना के अन्य डिवीजन या बटालियनों से साथी लिए जाते हैं। उन्हें काम होने के बाद छोड़ देते हैं। उन्हें नहीं बताया जाता कि रेड बैरेट में कौन-क्या करता है। रेड बैरेट उपन्यास पूरे घटनाक्रम का रोमांचक और लोमहर्षक वर्णन पेश करता है। भारतीय सैन्य खुफिया इकाई की जाबांजी के तमाम किस्सों में से कुछ रेड बैरेट में पेश करता है।

Tilismaa Avishvasniya Mayajal: तिलिस्मा अविश्वसनीय मायाजाल

by Shivendra Suryavanshi

मायाजाल- एक ऐसा शब्द, जो हमारी आँखों के सामने रहस्यों से भरी पहेलियों का एक संसार खड़ा कर देता है। जहां एक ओर गणितीय उलझनें होती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी वैचारिक पहेलियां, जिनमें उलझना अधिकांशतः लोगों को पसंद होता है। पर क्या हो? जब ऐसी उलझनों और पहेलियों के मध्य आपका जीवन दाँव पर लगा हो। अर्थात अगर आप इन उलझनों को पार ना कर पायें, तो आप हमेशा-हमेशा के लिये इस मायाजाल में कैद हो जाएं। इस पुस्तक में कुछ मनुष्यों के सामने, कुछ ऐसी ही मुसीबतें खड़ी हैं।ऐसे ही अनगिनत सवालो का जवाब है यह पुस्तक। रहस्य, रोमांच, तिलिस्म और साहसिक कार्यों से भरपूर, एक ऐसा हिंदी कथानक, जो विज्ञान के इस युग में भी ईश्वरीय शक्ति का अहसास दिलाता है।

Sahayak Vachan class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सहायक वाचन ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

पाठ्य सामग्री का चुनाव छात्रों की मानसिक क्षमता व रूचि को ध्यान में रखकर किया गया है। केन्द्रित शिक्षाक्रम में सम्मिलित मूल्यों के समावेश का पाठों के चयन में विशेष ध्यान रखा गया है। कक्षा 8वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक को विषय 'हिन्दी - छत्तीसगढ़ भारती' में सहायक पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया है, इससे बच्चों में पठन, वाचन, तर्क एवं चिंतन क्षमता विकसित होगी। प्रत्येक पाठ के अन्त में विस्तृत प्रश्न और अभ्यास दिए गए है जिनसे छात्रों को पठित वस्तु को समझने, उस पर विचार करने की योग्यता और भाषा का प्रभावी प्रयोग करने में सहायता मिलेगी व क्रियात्मक अभ्यासों की गतिविधियाँ करने से भाषाई दक्षताओं का विकास हो सकेगा। पुस्तक के अन्त में शब्दार्थ भी दिए गए हैं। भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को ज्ञान और आनन्द की प्राप्ति हो। यह एक संकलित दस्तावेज है और दस्तावेजों (पुस्तक) में प्रयुक्त शब्दों में बदलाव नही किया जा सकता है, अतः माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए दस्तावेज में प्रयुक्त मूल शब्दों के साथ ही इसे मुद्रित कराया गया है।

Kurukshetra October 2023: कुरुक्षेत्र अक्तूबर २०२३

by Publications Division

कुरुक्षेत्र के इस अंक में भारत के हरित भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की गई है। पहला लेख केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का है, अपने लेख में उन्होंने भारत सरकार के 'स्वच्छ और हरित गाँव' विजन को प्रस्तुत किया है। भारतीय गाँव के हरित आवरण का संरक्षण, हरित गाँव के लिए जल का महत्व, पराली प्रबंधन और हरित विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेषज्ञ लेखकों के लेख इस अंक में शामिल हैं।

Kurukshetra September 2023: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२३

by Publications Division

कुरुक्षेत्र के इस अंक में मेक इन इंडिया पर चर्चा की गई है। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के आर्थिक विकास में तेजी आई है और अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संक्षेप में, मेक इन इंडिया पर आधारित इस अंक में इस अभियान की 9 वर्षों की विकास यात्रा का आकलन करने के साथ-साथ इसके मार्ग में आ रही चुनौतियों और उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया है। साथ ही, मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का भी विश्लेषण विशेषज्ञ लेखकों द्वारा किया गया है।

Innovation, Kanoon Aur Garibi: इनोवेशन, कानून और गरीबी

by Robert D. Cooter and Hans-Bernd Schafer

कैसे कानून नवाचार (इनोवेशन), विकास, गरीबी पर असर डालते हैं और राष्ट्र गरीब व अमीर बनते हैं। कूटर व शेफर बताते हैं कि इनोवेटर की पूँजी की समस्याओं का हल भी बेहतर कानून कर सकते हैं, जिसे वे विश्वास की दोहरी समस्या कहते हैं तथा इसके समाधान सुझाते हैं। कानून व अर्थशास्त्र के संयुग्मित विचार विश्व की गहनतम समस्याओं के हल की समझ देते हैं। यह पुस्तक राष्ट्रों की गरीबी पर ही नहीं, वरन् उसके नागरिकों की विकास की आकांक्षाओं के लिए कानूनी व इनोवेटिव विचारों को ऊर्जा देती है। भारत में बेहतर कानूनी ढाँचागत व्यवस्था व नवाचार की ऊर्जा है। अतः यह पुस्तक भारतीय पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

Rashtra Mukti: राष्ट्र मुक्ति

by Akhilesh Sharma

‘राष्ट्र मुक्ति’ किसी आंदोलन का नाम प्रतीत होता है। वह आंदोलन जो ‘शायद’ एक या दो सदी पहले घटित हो गया। आज हम स्वतंत्रता का “अमृत महोत्सव” मना रहे हैं। ऐसे में यह नाम अप्रासंगिक लगता है। पर बात विधान की हो, न्याय की हो या कार्यपालन की, हर स्थान पर मध्यस्थता अनिवार्य है। न्याय के सर्वोच्च शिखर पर विदेशी भाषा अनिवार्य है। मुद्रास्फीति, विदेशी ऋण, विदेशी वस्त्र और शिष्टाचार सब कुछ अनिवार्य है। क्या इसी को स्वतंत्रता कहते हैं? राष्ट्र मुक्ति इन्हीं तत्वों का विवेचनात्मक अध्ययन है।

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Yun Hi Nahin Ban Jata Koi Elon Musk: यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क

by Parag Mahajan

एलन मस्क के नाम से आज कौन परिचित नहीं है! दुनिया के सफल व सबसे धनी उद्यमियों की सूची, जिसमें बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे लोगों के नाम शामिल हैं, बिना एलन मस्क के पूर्ण नहीं हो सकती। व्यवसाय की दुनिया में सफलता की चाह रखनेवाली आज की युवा पीढ़ी के लिए एलन मस्क आदर्श हैं। क्या आप भी एलन मस्क के जैसे सफल व धनी उद्यमियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं? उनकी सफलता के गूढ़ रहस्यों को जानना, उन्हें जीवन में अपनाना चाहते हैं? उनकी कार्यशैली/ नीतियों व विचारों का उपयोग करके किस तरह आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं, यह पुस्तक यही बताती है। ‘यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क’ पुस्तक में आप सफल उद्यमियों व लीडरों के उन गुप्त भेदों को जानेंगे, जिन्हें अपनाकर आपका नाम भी सबकी जुबान पर सफलता का पर्याय बन जाएगा। उनके चरित्र की विशेषताएँ व आदतें और भी बहुत से ऐसे अध्याय पढ़ने को मिलेंगे जो सफलता की आवश्यक शर्त हैं। उभरते उद्यमियों, व्यवसायियों व विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त प्रस्तुत पुस्तक में पेशे से इंजीनियर मस्क की सफलता को उनकी पृष्ठभूमि, शुरुआती कॅरियर, असफलताओं व नौकरी से निकाले जाने के साथ-साथ उनके उन विचारों, जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुँचाया, के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है, जो हर पाठक-वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है।

Jeevan ke 12 Niyam: जीवन के १२ नियम

by Jordan B. Peterson

जीवन के 12 नियम अव्यवस्था से व्यवस्था की ओर... वे सबसे मूल्यवान बातें कौन सी हैं, जिनसे हर किसी को परिचित होना चाहिए? जाने-माने मनोवैज्ञानिक जॉर्डन पीटरसन ने इंसानी व्यक्तित्व के बारे में आधुनिक समझ पर गहरा प्रभाव डाला है और अब वे दुनिया के सबसे मशहूर विचारकों में से एक के तौर पर जाने जाते हैं। बाइबल से लेकर प्रेम-संबंधों और पौराणिक आख्यानों तक विविध विषयों पर उनके लेक्चर्स ने करोड़ों दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। अभूतपूर्व बदलावों और धुव्रीकरण (फूट डालने) की राजनीति वाले इस दौर में व्यक्तिगत जिम्मेदारी और प्राचीन प्रज्ञा से जुड़े उनके स्पष्टतावादी और नई सोच वाले संदेशों को दुनिया भर में हाथों-हाथ लिया गया है। इस किताब में उन्होंने बारह ऐसे गहन और व्यावहारिक नियम बताए हैं,जो हमें सिखाते हैं कि एक अर्थपूर्ण जीवन कैसे जिया जाए। अपने निजी जीवन व अपने मरीजों के साथ हुए जीवंत अनुभवों से और मानवता के सबसे प्राचीनतम मिथकों और कहानियों से मिलनेवाली शिक्षाओं से प्रेरित होकर, उन्होंने जीवन के 12 नियम शीर्षक वाली इस किताब में हमारे जीवन में मौजूद अराजकता के नाशक आधुनिक समस्याओं पर लागू होने वाले शाश्वत सच को प्रस्तुत किया है।

Gandhi Aur Ambedkar: गांधी और आंबेडकर

by Ganesh Mantri

गांधी और आंबेडकर पर अनेक छोटे-बडे़ अध्ययन हुए हैं; किंतु अस्पृश्यों की सामाजिक स्थिति में परिवर्तन की दृष्टि से उनके विचारों और कार्यों का अध्ययन आंशिक रूप से ही हुआ है। प्रस्तुत अध्ययन का उद्देश्य अस्पृश्यता के परिप्रेक्ष्य में गांधी और आंबेडकर का समग्र रूप से तुलनात्मक विवेचन करना है। इस पुस्तक में इन दोनों महान् व्यक्तियों के जीवन-संदर्भों; विचारधाराओं; स्वतंत्रता-संग्राम के समय की सामाजिक-राजनीतिक प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते हुए; भारत की वर्तमान परिस्थितियों में दोनों के विचार और कर्म की भूमिका तथा दलितों की वर्तमान स्थिति में इनकी प्रासंगिकता की खोज की गई है।

Healing Is The New High: हीलिंग इज द न्यू हाई

by Vex King

यदि आपने मेरी पहली पुस्तक, 'Good Vibes, Good Life' पढ़ी है, तो आप उच्च स्तर पर कंपन के महत्त्व को जानते होंगे। ‘Healing Is The New High', जिस पर मैंने कई वर्षों तक काम किया है, मैं आपको एक कदम और आगे ले जाकर आपको पूरी तरह ठीक करने में मदद करना चाहता हूँ, जिसकी कमी आपको आगे बढ़ने से रोक रही है। इनर हीलिंग हमारे अतीत की कंडीशनिंग को छोड़ने, अपने लिए एक नई व सशक्त विश्वास प्रणाली बनाने और भविष्य की अज्ञात बातों को इस विश्वास के साथ गले लगाने का कार्य है कि हम मजबूत और सक्षम हैं, फिर चाहे हमारा सामना किसी भी परिस्थिति से हो। इस पुस्तक को आप पढ़ने से महसूस कर सकेंगे की आप में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की क्षमता है, और अपनी शक्ति और सामर्थ्य में आपका विश्वास अटल है।

Main Samay Hoon: मैं समय हूँ

by Deep Trivedi

‘मैं समय हूँ’ यह पुस्तक बेस्टसेलर्स ‘मैं मन हूँ’, ‘मैं कृष्ण हूँ’ और ‘101 सदाबहार कहानियां’ के लेखक तथा स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर दीप त्रिवेदी ने लिखी है। मनुष्यजीवन को गहराई से समझने और समझाने वाले दीप त्रिवेदी ने विश्व की अंतिम और निर्णायक सत्ता समय के रहस्यों का अपनी किताब ‘मैं समय हूँ’ में रहस्योद्घाटन किया है। इस किताब में दीप त्रिवेदी ने घड़ी की सूइयों से परे समय के कई स्वरूपों का खुलासा किया है। यही नहीं, उन्होंने न सिर्फ इन सभी स्वरूपों की विस्तार से चर्चा की है, बल्कि उनके प्रभावों को भी समझाया है। इस किताब की सबसे विशेष बात यह कि लेखक ने इसमें इतनी सरल भाषा का उपयोग किया है जिससे कि एक सामान्य मनुष्य भी समय जैसी महासत्ता की पूरी कार्यप्रणाली आसानी से समझ सके। इस किताब में यह स्पष्ट होता है कि एक समय ही है जिस कारण न सिर्फ मनुष्य बल्कि यह पूरा ब्रह्मांड भी चलायमान है तथा मनुष्य के जीवन में घटने वाली तमाम ऊंच-नीच भी समय के ही अधीन है। अतः चाहे मनुष्यजीवन सरल बनाना हो या फिर ब्रह्मांड के गहरे रहस्य समझने हों, समय के गहरे स्वरूपों को समझे बिना इनमें से कुछ भी शक्य नहीं है। इसीलिए इस बात पर विशेष ध्यान देते हुए लेखक ने मनुष्यों को उनका बिगड़ा समय संवारने के कई सरल उपाय भी दिये हैं। यह बात तय है कि जो भी समय की ताल-से-ताल मिला लेगा, एक सुखी और सफल जीवन गुजारना उसका भाग्य हो जाएगा।

Bada Soche, Bada Kare: बड़ा सोचें, बड़ा करें

by Ankur Warikoo

अंकुर वारिकू प्रख्यात उद्यमी और कंटेंट क्रिएटर हैं। सफलता और असफलता, धन तथा निवेश, स्व-जागरूकता तथा निजी संबंधों पर उनके गंभीर, विलक्षण और ईमानदारी से भरे विचारों ने उन्हें भारत के शीर्ष पर्सनल ब्रांड्स में से एक बना दिया है। अपनी पहली पुस्तक में अंकुर वे महत्वपूर्ण विचार बताते हैं, जिन्होंने उनकी यात्रा को आगे बढ़ाया है। वे बताते हैं कि किस तरह वे स्पेस इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन फिर ऐसी सामग्री तैयार करने लगे, जिसे लाखों लोगों ने देखा और पढ़ा है। उनके विचार बहुत प्रभावशाली हैं, जो दीर्घकालीन सफलता के लिए आदतें डालने का महत्व, धन प्रबंधन की बुनियाद का महत्व, असफलता को स्वीकार तथा अंगीकार करने का महत्व और परानुभूति सीखने के बारे में सच्चाई बताते हैं। इस पुस्तक को बार-बार पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसकी विषय वस्तु आपको बार-बार सोचने के लिए प्रेरित करेगी। यह ऐसी किताब है, जिसे आप अपने परिवार वालों, मित्रों और अन्य लोगों को पढ़ने के लिए देना चाहेंगे। लेखक की अभिलाषा है कि यह सबसे ज़्यादा भेंट की जाने वाली पुस्तक बन जाए!

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