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Swar Ruchi Bhag 1 class 11 - RBSE Board: स्वर रुची भाग 1 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Dr Seema Saxena

स्वर रुची संगीत विषय की स्वीकृत पाठ्य पुस्तक है, इस किताब में प्रमुख तीन भाग दिए गए है - 1. संगीत के पारिचायिक शब्द, 2. सितार और 3. तबला आदि के बारे में जानकरी दि गई है। इसी दायित्व के साथ संगीत में निर्वहन का प्रयास रखते हुए "स्वर रुची" संगीत पाठ्य पुस्तक कक्षा 11 के लिए यह प्रथम भाग प्रस्तुत है।

Swar Vihar Sangeet class 11 - RBSE Board: स्वर विहार संगीत 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

स्वर विहार संगीत इस पुस्तक में गायन, मैलोडी वाद्य, ताल वाद्य तथा कथक नृत्य इन 4 खंडों में विभक्त लेखन किया गया है कि सरल भाषा के साथ संगीत संबंधी सामान्य ज्ञान की कुछ जानकारियाँ विद्यार्थियों को उपलब्ध करायी जा सके, साथ ही संगीत के लब्ध प्रतिष्ठित विद्ववत्जनों की प्रकाशित पुस्तकों के मंथन से प्राप्त नवनीत के द्वारा प्रत्येक अध्याय की विषयवस्तु को तथ्यात्मक कलेवर प्रदान करने का भी प्रयास किया गया है। इंटरनेट की सहायता से चित्रों का प्रयोग किया है जिनमें पुस्तक की पाठ्य सामग्री से संबंधित चित्रों के अलावा महान संगीतकारों के चित्र, मध्यकालीन रागमाला चित्र व्यंजना, विविध नृत्य शैलियों, मुद्राओं, तालों आदि का चित्रात्मक ज्ञान निश्चित तौर पर विद्यार्थियों की सांगीतिक अभिरूचि में वृद्धि करेगा, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु संदर्भ पुस्तिका के रूप में भी उच्च शिक्षा के विद्यार्थी इसका प्रयोग कर सकेगें।

Swar Vihar Sangeet class 12 - RBSE Board: स्वर विहार संगीत 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

विश्व इतिहास में भारत ऐसे लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो कि संगीत, काव्य, दर्शन की सीमाओं में सत्य की खोज हेतु प्राचीनकाल से शोधरत हैं, जिनके शोध का मूल अंतर्दृष्टि है। अंतदृष्टि बुद्धि और शरीर की आवश्यकताओं के उत्तर में कार्य करती है तथा साधक को नवीन अन्वेषण हेतु दिशा प्रदान करती है। यद्यपि विज्ञान एवं कला दोनों का स्रोत अंतर्दृष्टि ही है, लेकिन रंगों, लय, स्वर, ध्वनि के आंदोलनों से स्पंदित अंतर्दृष्टि ही संगीत के सौन्दर्य को आहतनाद में व्यक्त करके 'सत्यं शिवं सुन्दरं' रुपी अनाहतनाद का बोध कराती है। आध्यात्मिक दृष्टि से निराकार संगीत ही निराकार ब्रह्म का स्पर्श / अनुभव कर पाता है । प्रत्येक व्यक्ति संपूर्ण विश्व रुपी वाद्यवृंद में एक वाद्य है और प्रत्येक आवाज इस वाद्य की ध्वनि । शब्द एवं स्वर के अंतर्निहित स्वरुप को समझकर, उसके गहनतम गह्वर में प्रविष्ट होकर दिव्य चेतना के साथ एकाकार होना ही संगीत का लक्ष्य हैं । इसी दायित्व के साथ नादब्रह्म की इयता, सत्ता, महत्ता का सम्मान एवं उसकी शुचिता के निर्वहन का प्रयास रखते हुए "स्वर विहार" संगीत पाठ्य पुस्तक कक्षा 12 के लिए यह द्वितीय भाग प्रस्तुत है।

Swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) B.A. Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Keshri Kumar Nalin Sharma

swarna Manjusha (Braj-Kavya-Sangraha) textbook for B.A. Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University In Hindi and Sanskrit.

Swatantra Bharat Mein Rajniti class 12 - NCERT - 23: स्वतंत्र भारत में राजनीति १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

यह पुस्तक "स्वतंत्र भारत में राजनीति" स्वतंत्रता के बाद भारत की राजनीतिक यात्रा को समझाने का एक प्रयास है। यह देश के संवैधानिक विकास, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और प्रमुख राजनीतिक परिवर्तनों पर केंद्रित है। पुस्तक में स्वतंत्र भारत की राजनीति के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें संविधान निर्माण, संसदीय प्रणाली की स्थापना, राजनीतिक दलों का विकास, चुनावी प्रणाली, और सामाजिक-आर्थिक सुधारों की भूमिका शामिल है। इसके अलावा, इसमें आपातकाल, गठबंधन राजनीति, आर्थिक उदारीकरण और समकालीन राजनीतिक प्रवृत्तियों का भी विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को भारत के राजनीतिक तंत्र की गहरी समझ प्रदान करना है। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो भारतीय राजनीति के बदलते स्वरूप को समझना चाहते हैं। निष्कर्षतः, पुस्तक स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की यात्रा, इसकी चुनौतियों और सफलताओं को समाहित करते हुए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

Swatantra Bharat Mein Rajniti class 12 - NCERT: स्वतंत्र भारत में राजनीति 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

स्वतंत्र भारत में राजनीति कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, इस किताब में जिस दौर की चर्चा की गई है उसके कथा-नायकों अथवा किसी घटना पर कोई दो-टूक फ़ैसला सुनाने से परहेज़ किया गया है। किताब की मंशा आपको सूचनाओं और दृष्टिकोण से परिचित कराना है ताकि आप राजनीति विज्ञान के छात्र अथवा देश के नागरिक के रूप में राजनीति पर कहीं ज्यादा सुचिन्तित और जानकारी भरा पक्ष ले सकें। इसी वजह से हमने यह कथा खुले ढंग से कही है और बातों को तटस्थ होकर लिखा है। इस किस्म की किताब को लिखने में सारे 'विवादास्पद' मुद्दों को एक तरफ खिसकाकर नहीं चला जा सकता। किताब में जिस दौर की चर्चा की गई है उससे जुड़े कई अहम मुद्दों पर गहरे राजनीतिक मतभेद रहे हैं और अब भी बने हुए हैं। यह किताब स्वतंत्र भारत की राजनीति की कथा, विभिन्न सामग्रियों के आधार पर सुनाती है जिसमें अकादमिक लेखन से लेकर अखबार और पत्रिकाओं की कतरन तक शामिल है। किताब में मौजूदा नेताओं की राजनीतिक भूमिका की विस्तृत चर्चा से परहेज़ किया गया है।

Swavikas Aur Kalarsaswad class 10 - Maharashtra Board: स्व-विकास और कलारसास्वाद विज्ञान १०वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

"स्व-विकास और कलारसास्वाद" इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए आवश्यक जीवन कौशल और कला के प्रति सराहना विकसित करना है। "स्व-विकास और कला रसास्वाद" पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण, स्व-प्रबंधन, और विभिन्न जीवन परिस्थितियों का विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करती है। इसमें नागरिकता, लोकतंत्र, और सांस्कृतिक विविधता को समझने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, यह पुस्तक कला के विभिन्न रूपों, जैसे दृश्य और प्रदर्शन कलाओं के माध्यम से सृजनशीलता और अभिव्यक्ति के महत्व को रेखांकित करती है। पाठ्यक्रम में जीवन के हर क्षेत्र में जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और सहयोग के मूल्यों को आत्मसात करने के लिए अनेक गतिविधियाँ और अभ्यास दिए गए हैं। छात्रों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हुए यह पुस्तक उन्हें जीवन और कला के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश देती है।

Swavikas Aur Kalarsaswad class 9 - Maharashtra Board: स्व-विकास और कलारसास्वाद विज्ञान ९वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

"स्व-विकास और कलारसास्वाद" नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई एक पाठ्यपुस्तक है, जिसका उद्देश्य छात्रों में आत्मविकास, नैतिक मूल्यों और कलात्मक संवेदनशीलता को विकसित करना है। यह पुस्तक छात्रों को आत्मनिरीक्षण, आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल और सामाजिक समरसता की ओर प्रेरित करती है। इसमें किशोरावस्था की समझ, भावनात्मक प्रबंधन, कला के विभिन्न रूपों का रसास्वादन, संघर्ष समाधान, और करियर निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समाहित किया गया है। पाठ्यपुस्तक में चित्रकथाओं, गतिविधियों और संवाद-आधारित शिक्षण पद्धतियों का उपयोग किया गया है, जिससे छात्र अपनी रचनात्मकता और निर्णय लेने की क्षमता को निखार सकें। पुस्तक का उद्देश्य छात्रों को जीवन कौशल प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे अपने भविष्य के लिए उचित निर्णय ले सकें।

Swikriti (Kahani Atmglani ki): स्वीकृति (कहानी आत्मग्लानि की)

by Dimple Titra

यूँ तो प्रेम ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत एहसास है। मगर वही प्रेम जब धोखे और झूठ की बली चढ़ जाए तो उस से भयानक किसी अनुभव का अनुमान इंसान लगा ही नहीं सकता। हर इंसान अलग है। हर इंसान की ज़िंदगी और रिश्तो को लेकर सोच अलग है। क्या हो जब कोई किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसके लिए वो रिश्ता महज़ एक वक़्त बिताने का ज़रिया हो ? क्या हो जब एक साथी के लिए रिश्ते को निभाने से ज़्यादा अहम जीवन की मौज-मस्ती हो ? क्या हो जब हम किसी ऐसे से प्रेम कर बैठे जिसे कोई भी चीज़ या व्यक्ति कुछ वक़्त बाद बोर कर जाता हो? ये कुछ वही लोग होते है जो सच्चे प्रेम कर रहे लोगो के सीने में जख्म का कारण बन जाते है। इस कहानी के पात्रों का जीवन कई इसी तरह की घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमता है। जिसमे झूठ , धोखा , दर्द और आत्मग्लानि सभी भावनाओं का सटीक मिश्रण देखने को मिलता है। कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते है जो पढ़ने वाले को खुद से बांधे रखने में सक्षम है। आज के इस आधुनिक युग में जहाँ आज का युवा रिश्तो की गंभीरता समझ ही नहीं पाता वहाँ ये कहानी कई लोगों की आप-बीती हो सकती है।

Tandav Stuti Khand-3 (Kalkikaal Katha): ताण्डव स्तुति खंड-तीन (कल्किकाल कथा)

by Prashant Singh

कोई मसीहा कहता है तो कोई अवतार, लेकिन सच यह है कि मुसीबत में हम मानव ही किसी एक मानव में ईश्वर को खोजने लगते हैं और उससे उम्मीद करते हैं कि वह सारी मुसीबतों का हनन कर दे। जब वह मानव ऐसा कर देता है तो आने वाली पीढ़ियों में मानव रूपी भगवान के नाम से जाना जाता है, अवतार या मसीहा के नाम से जाना जाता है। यह कहानी है एक ऐसे ही अवतार की जो तकदीर को भी बदलने की क्षमता रखता है। घायल पृथ्वी तथा रक्तरंजित मानवजाति को बचाने की इस अविस्मरणीय यात्रा में आप कल्कि नामक एक ऐसे नायक के उदय का गवाह बनेंगे जो अतीत व भविष्य की दिशा बदल देगा। मस्तिष्क को झकझोर देने वाली अकल्पनीय व अविश्वसनीय घटनाओं तथा किंवदंतियों से परिपूर्ण इस कहानी में आयामों की भूल-भुलैया में खो चुकी परम कुंजी ही महासंकट को खत्म करने का जरिया होगी। मानव सभ्यता के विभिन्न युगों के रहस्यमय पात्रों की सहायता से परम कुंजी को प्राप्त करने के लिये कल्कि को साक्षात समय से लड़ना होगा और ऐसी रहस्यमयी दुनिया पर विजय पाना होगा जहाँ भौतिकी के नियम भी आत्म-समर्पण कर देते हैं। प्रकृतिका कानून अटल है, निर्णय अटल है। उसके खिलाफ ना कोई सुनवाई है और ना कोई पुनर्विचार अर्जी। प्रकृति की गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया तो मृत्यु ताण्डव निश्चित है। विज्ञान तथा पौराणिक कथाओं के प्रशंसकों के लिए रचित इस अभूतपूर्व गाथा में भाग्य के चौराहे पर खड़ी पृथ्वी व मानवजाति का भविष्य किस दिशा में जायेगा? आयामों की विकृति को पार कर, क्या कल्कि अनदेखे-अनकहे भीषण संकट का सामना कर पाएगा? चिरंजीवी समूह क्या एलियन प्रजाति को विनाशकारी पथ पर जाने से रोक पाएगा?

Taqdir Ka Tohfa: तक़दीर का तोहफ़ा

by Surender Mohan Pathak

इस पुस्तक में दस कहानियाँ हैं, ये हैं - तक़दीर का तोहफ़ा, टीपू सुलतान की डायरी, बीवी का चश्मा, मौत की घड़ी, शतरंज के मोहरे, शिकारी का शिकार, रेलवे क्रॉसिंग, मीनार वाली हवेली, विशालगढ़ एक्सप्रैस और भूत बसेरा। हिंदी अपराध कथा साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का प्रथम प्रकाशित 'रहस्य कथा संग्रह। सुरेन्द्र मोहन पाठक अपराध कथा साहित्य की दुनिया के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। इन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने लेखन की शुरआत की और जासूसी-अपराध कथाओं में लगातार ऐसे कीर्तिमान खड़े किये जिसकी बराबरी करना नामुमकिन है। 300 से भी ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें सुनील सीरीज़, विमल सीरीज़ और सुधीर कोहली सीरीज़ ने सबसे ज्यादा चर्चा हासिल की।

Teen Take Ka Upanyas: तीन टके का उपन्यास

by Bertolt Brecht

'तीन टके का उपन्यास' दरअसल बेर्टोल्ट ब्रेष्ट के प्रसिद्ध नाटक ‘थ्री पेनी ऑपेरा’ का ही एक विस्तृत और व्यापक संस्करण है. ‘थ्री पेनी आपेरा’ ब्रिटिश नाटककार जॉन गे द्वारा लिखित ‘बेगर्स ऑपेरा’ पर आधारित था. 1728 में लिखे गये ‘बेगर्स ऑपेरा’ के सभी केन्द्रीय चरित्र जैसे मैकहीथ, पीचम, जेनी, पॉली, आदि ब्रेष्ट के ‘थ्री पेनी ऑपेरा’ में थे. 1928 में ब्रेष्ट ने यह उपन्यास पूरा किया. 1934 में उन्होंने इन्हीं चरित्रों और उसी कहानी को लेकर ‘थ्री पेनी नॉवेल’ यानी ‘तीन टके का उपन्यास’ लिखा. जहाँ नाटक में ब्रेष्ट के पास एक-एक चरित्र को विकसित करने का मौका नहीं था, वहीं उपन्यास में उन्होंने हर चरित्र को पूरी तरह विकसित किया और बोलचाल की भाषा में होने के बावजूद इसे ‘एपिकल’ बना दिया।

Teesri Aankh: तीसरी आँख

by Dr Krishan Gopal

"तीसरी आँख" इस उपन्यास के संदर्भ में, डॉ. कृष्ण गोपाल ने इतिहास की भूमिका और राष्ट्र के दर्शन पर गहराई से विचार किया है। वे मानते हैं कि समाज की वास्तविक प्रगति उसकी ऐतिहासिक समझ पर निर्भर करती है, और एक राष्ट्र की दिशा उसके इतिहास, परंपरा, और वैशिष्ट्य पर आधारित होती है। डॉ. हेडगेवार और डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण से, वे राष्ट्र के उद्देश्य, जिम्मेदारियों, और वैश्विक जागृति में योगदान पर जोर देते हैं। विशेषकर, डॉ. अंबेडकर के कश्मीर संबंधी रुख की आलोचना करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र की एकता और समान अधिकार की बात को समझना और स्वीकारना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर की रक्षा करनी चाहिए और कश्मीरियों को समान अधिकार देना चाहिए, लेकिन इसके लिए कश्मीर को भारत के साथ पूर्ण समानता और निष्ठा रखनी होगी।

Tenali Raam Aur Ahankaaree Raaja

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Aur Laal Mor

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Aur Swapna Mahal

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ban Gaya Doot

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ka Pahalavaan Se Mukaabala

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तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Kee Kahaaniyaan - Raanee Maan Kee Ichchha

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तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ki Kahaaniyaan - Naee Ko Mila Sabak

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तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ne Bhagaaye Choohe

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ne Chakhe Svaadisht Baingan

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

Tenali Raam Ne Diya Choron Ko Chakama

by BPI India Pvt Ltd

तेनाली राम की कहानियाँ

The Compound Effect: द कम्पाउंड इफ़ेक्ट

by Darren Hardy Sudhir Dixit

क्या आप सफलता चाहते हैं? वर्तमान से ज़्यादा सफलता? और अपनी कल्पना से भी ज़्यादा सफलता? यह पुस्तक इसी बारे में है। यह ऐसी ही सफलता हासिल करने के बारे में है। सक्सेस मैग्ज़ीन के प्रकाशक के रूप में लेखक डैरेन हार्डी ने सफल लोगों को बहुत नज़दीक से देखा और समझा है। यह पुस्तक सफलता दिलाने वाले बुनियादी सिद्धांतों को उजागर करती है। असाधारण सफलता हासिल करने के लिए इंसान को क्या जानना चाहिए, किन चीज़ों का अभ्यास करना चाहिए और किनमें माहिर बनना चाहिए, इस पुस्तक में यह सब कुछ बताया गया है। इसमें आप जानेंगे: हर बार कैसे जीतें! किसी भी लक्ष्य को हासिल करने और किसी भी प्रतिस्पर्धी पर विजय पाने की नंबर 1 रणनीति, भले ही वे ज़्यादा बुद्धिमान, ज़्यादा योग्य या ज़्यादा अनुभवी हों अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पाना (जिनमें से कुछ के बारे में आप स्वयं भी अनजान हो सकते हैं), जो आपकी प्रगति में बाधक बन रही हैं बड़ी सफलताओं के लिए आवश्यक कुछ मुख्य नियमों को बिना कष्ट के लागू करना प्रेरणा पाने की वास्तविक व स्थायी कुंजियाँ आत्मसात करना - जैसे कि, जो करने का आपका मन न हो, उसे करने के लिए ख़ुद को कैसे प्रेरित करें प्रगति की मायावी व अजेय शक्ति का दोहन करना। यह सीख लेंगे, तो फिर कोई आपको नहीं रोक पाएगा अति सफल लोगों की प्रगति के रहस्य। क्या उनके पास कोई अनुचित वर्चस्व है? हाँ, उनके पास है और अब आपके पास भी हो सकता है अगर आप सचमुच असाधारण जीवन जीना चाहते हैं, तो इस शक्तिशाली पुस्तक की मदद से सफलता की शुरूआत कर दें। अपनी यात्रा आज ही शुरू करें!

The Diary of a Young Girl: द डायरी ऑफ़ ए यंग गर्ल

by Anne Frank

विश्व की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक यह उस युवती का मर्मस्पर्शी दस्तावेज़ है जो दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक यहूदी होने के नाते नाज़ी अत्याचारों की शिकार बनी. ऐन फ्रैंक का परिवार 1942 से 1944 के दरमियान एक ईमारत में स्तिथ किताबों की अलमारी के पीछे बने कुछ गुप्त कमरों में छिप कर रहा.ऐन के तेरहवें जन्मदिन पर तोहफ़े के रूप में एक नई डायरी भेंट की गई, जिसमें वह अपने जीवन के आख़िरी दिनों तक अपनी यादें दर्ज़ करती रही. ऐन की मृत्यु 15 वर्ष की उम्र में नाज़ी कॉनसन्ट्रेशन कैम्प के टाइफस नाम की बीमारी से हुई. युद्ध समाप्त होने के पश्चात् ऐन के पिता के प्रयासों के फलस्वरूप 1947 में इस डायरी का प्रकाशन इस पुस्तक के रूप में किया गया. युद्ध की भयावहता को दर्शाती यह पुस्तक मानवीय भावनाओं का एक आश्चर्यजनक व् दिलचस्प वृत्तांत है, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बचे हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक मन जाता है. मूलतः डच भाषा में लिखी गई इस पुस्तक का 60 से अधिक भाषाओँ में अनुवाद किया जा चूका है."इतिहास में जितने भी लोगों ने घोर विपदा और पीड़ा के दौर में मानव गरिमा की बात की है, उनमें ऐन फ्रैंक की आवाज़ सबसे आगे है.

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