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Sahajta: सहजता

by Dada Bhagwan

मोक्ष किसे कहते हैं? खुद के शुद्धात्मा पद को प्राप्त करना | जो कुदरती रूप से स्वाभाविक हैं, जो सहज हैं| क्योंकि कि कर्मबंधन और अज्ञानता के कारण हमें अपने शुद्ध स्वरुप का ज्ञान नहीं हैं जो स्वाभाव से ही सहज हैं, शुद्धात्मा हैं | तो सहजता किस प्रकार प्राप्त करनी चाहिए ? ज्ञानीपुरुष के पास उसका उपाय हैं और ऐसे महान ज्ञानीपुरुष, दादाश्री ने हमें सहजता प्राप्त करने की चाबियाँ दी हैं | उन्होंने हमें अपने शुद्ध स्वरुप का परिचय कराया(आत्मज्ञान दिया) | मूल आत्मा तो सहज ही हैं, शुद्ध ही हैं | लोग इमोशनल (असहज) हो जाते हैं, क्योंकि उनके विचार, वाणी और वर्तन (मन-वचन-काया) के साथ तन्मयाकार हो जाते हैं | उसे अलग रखने से और उसका ज्ञाता-द्रष्टा रहने से आप सहजता प्राप्त कर सकेंगे | एक बार ज्ञान प्राप्त करने (ज्ञानविधि द्वारा) के बाद खुद का शुद्धात्मा (जो सहज हैं और रहेंगा) जागृत हो जाता हैं फिर, मन-बुद्धि-अहंकार शरीर की सहज स्थिती प्राप्त करने के लिए दादाश्री ने पाँच आज्ञाएँ दी हैं | प्रस्तुत संकलन में दादाश्रीने सहजता का अर्थ, सहज स्थिति में विक्षेप के कारणों, हम ज्ञाता-द्रष्टा रहकर सहजता किस प्रकार प्राप्त करें इन सभी का संपूर्ण विज्ञान दिया हैं | इस पुस्तक का पठन हमें अवश्य ही सहज स्वरुप बनाएगा और शांतिपूर्ण जीवन के तरफ ले जाएगा |

Pratikraman (Granth): प्रतिक्रमण (ग्रंथ)

by Dada Bhagwan

इंसान हर कदम पर कोई ना कोई गलती करता है जिससे दूसरों को बहुत दुःख होता है| जिसे मोक्ष प्राप्त करना है, उसे यह सभी राग-द्वेष के हिसाबो से मुक्त होना होगा| इसका सबसे आसान तरीका है अपने द्वारा किये गए पापों का प्रायश्चित करना या माफ़ी माँगना| ऐसा करने के लिए तीर्थंकरों ने हमें बहुत ही शक्तिशाली हथियार दिया है जिसका नाम है ‘प्रतिक्रमण’| प्रतिक्रमण मतलब, हमारे द्वारा किये गए अतिक्रमण को धो डालना| ज्ञानी पुरुष दादा भगवान ने हमें आलोचना-प्रतिक्रमण-प्रत्याख्यान की चाबी दी है जिससे हम अतिक्रमण से मुक्त हो सकते है| आलोचना का अर्थ होता है- अपनी गलती का स्वीकार करना, प्रतिक्रमण मतलब उस गलती के लिए माफ़ी माँगना और प्रत्याख्यान करने का अर्थ है- दृढ़ निश्चय करना कि ऐसी गलती दोबारा ना हो| इस पुस्तक में हमें हमारे द्वारा किये गए हर प्रकार के अतिक्रमण से कैसे मुक्त हो सके इसका रास्ता मिलता है|

UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-1: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-१

by Dr Gunjan Saxena

Paper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.

UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-2: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-२

by Dr Gunjan Saxena

Paper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.

Bharat Ava Vishva Ka Bhugol: भारत एवं विश्व का भूगोल

by माजिद हुसेन

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने वर्ष 2013 में सिविल सेवा मुख्य परीक्षा हेतु अपने परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम को पुनरीक्षित किया था। वर्ष 2011 में प्रारंभिक परीक्षा के आकार और पैटर्न में भी परिवर्तन किया गया था। पुनरीक्षित पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों से प्राप्त उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के आलोक में “भारत एवं विश्व का भूगोल” पुस्तक को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी प्रकाशनों से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों और सूचनाओं को ध्यानपूर्वक सम्मिलित कर पुनरीक्षित और अद्यतन किया गया है। इस पुनरीक्षित संस्करण में भूगोल, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तथा आपदा प्रबंधन के लगभग सभी विषयों को शामिल किया गया है, जोकि प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र—II, III और —IV में निर्धारित हैं।

Taqdir Ka Tohfa: तक़दीर का तोहफ़ा

by Surender Mohan Pathak

इस पुस्तक में दस कहानियाँ हैं, ये हैं - तक़दीर का तोहफ़ा, टीपू सुलतान की डायरी, बीवी का चश्मा, मौत की घड़ी, शतरंज के मोहरे, शिकारी का शिकार, रेलवे क्रॉसिंग, मीनार वाली हवेली, विशालगढ़ एक्सप्रैस और भूत बसेरा। हिंदी अपराध कथा साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का प्रथम प्रकाशित 'रहस्य कथा संग्रह। सुरेन्द्र मोहन पाठक अपराध कथा साहित्य की दुनिया के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। इन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने लेखन की शुरआत की और जासूसी-अपराध कथाओं में लगातार ऐसे कीर्तिमान खड़े किये जिसकी बराबरी करना नामुमकिन है। 300 से भी ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं जिनमें सुनील सीरीज़, विमल सीरीज़ और सुधीर कोहली सीरीज़ ने सबसे ज्यादा चर्चा हासिल की।

Khwahishon Ka Safar: ख्वाहिशों का सफर

by Dewashish Upadhyay

अंकुर ठाकुर बिहार के आरा जिले का एक मेधावी छात्र था, परंतु उसकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में जिले में टॉप करने के बाद उसके पिताजी आईआईटी की तैयारी का चाहते थे लेकिन उनके पास फीस भरने को पैसा नहीं था। बावजूद इसके अंकुर अपनी काबिलियत के दम पर फ्री सीट पर कोटा की एक प्रतिष्ठित कोचिंग में एडमिशन प्राप्त करता है। पहले प्रयास में आईआईटी मेंस में अच्छे नंबर आने के बावजूद एडवांस एग्जाम से 15 दिन पहले उसे डेंगू हो जाता है, जिसके कारण उसका IIT में फाइनल सलेक्शन नहीं हो पाता है। दूसरे अटेम्प्ट में मेंस से 3 दिन पहले उसके पिताजी का देहांत हो जाता है, उसके पास इतना भी पैसा नहीं होता है कि वह टिकट लेकर अपने गांव आरा जा सके। वह बिना टिकट यात्रा करता है लेकिन विदाउट टिकट पकड़ लिया जाता है। जिसके कारण वह गांव की बजाय जेल पहुंच जाता है... दम तोड़ती ख्वाहिशों से, संघर्ष की ऐसी दास्तां जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। जिसमें जेल की दुनिया के अनुभव, प्राइवेट नौकरी की दुश्वारियों का विवरण, प्लेटफॉर्म की दुनिया से रूबरू, होने के साथ ही कंपटीशन की अनिश्चितता और असफलता के दौर में हौसले को बनाए रखने का सजीव चित्रण किया गया है। किसी भी कंपटीशन में संघर्ष, आपका स्वयं से होता है न कि दुनिया और प्रतियोगियों की भीड़ से! सफलता हासिल करने की खातिर, आपको स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण स्थापित कर, आंतरिक रूप से स्वयं के आत्म बल को इतना मजबूत करना होगा कि असफलता आपके हौसले के आगे घुटने टेक दे।

Itihas B.A (Hons.) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Chaturvedi

Itihas text book for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Manto Pandrah Kahaniya: मंटो पन्द्रह कहानियाँ

by Saadat Hasan Manto

‘अगर आप मेरी कहानियाँ बरदाश्त नहीं कर सकते, तो दरअसल ज़माना ही नाक़ाबिले-बरदाश्त है।’ यह कहना था मंटो का जो अपनी कहानियों में वह लिखते थे जो सब आवरणों को हटाने के बाद ज़माने के चेहरे पर नज़र आता है। उन्होंने मज़लूमों, ग़रीब-गुरबा और उन औरतों की कहानियाँ लिखीं जिन्हें समाज ने हाशिए पर धकेलकर छोड़ दिया था। उन्होंने उन भावनाओं को लेकर भी कहानियाँ लिखीं जिन्हें सफ़ेदपोश समाज खुली रोशनी में स्वीकार नहीं कर पाता। उन्होंने ऐसे-ऐसे अहसासात को ज़बान बख़्शी जिन्हें हम कभी अपनी चालाकी और कभी अल्फ़ाज़ की कमी की वजह से यूँ ही ग़ायब हो जाने देते हैं। इसलिए आज भी उनकी कहानियाँ हमें अपनी कहानियाँ लगती हैं; वे अपने वक़्त से इतना आगे चल रहे थे कि आज भी हमें अपने आगे ही चलते दिखाई देते हैं। यह संकलन उनकी कुछ बहुत चर्चित और कुछ ऐसी कहानियों को लेकर बनाया गया है जिनका ज़िक्र बहुत ज़्यादा नहीं होता। संकलन किया है जानी-पहचानी सिने-अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने। उनकी चर्चित फ़िल्म ‘मंटो’ के साथ-साथ प्रकाशित यह किताब क़िस्सागो मंटो की पूरी शख़्स‌ियत को सामने ले आती है। बकौल नंदिता: ‘उनकी कहानियों के पात्र अक्सर वे लोग होते हैं जो समाज के कोनों में रहते हैं और औरतों के लिए सहानुभूति भरी नज़र रखते हैं। यही बात उन्हें और लेखकों से अलग करती है।’

Pathik (KhandKavya) B.A Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by Ramnaresh Tripathi

Pathik (KhandKavya) text book for B.A Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Har Bhartiya Ke Liye Nivesh Ke Saral Upay: हर भारतीय के लिए निवेश के सरल उपाय

by Vinod Pottayil

निवेश सम्बंधी अपने सभी प्रश्नोंके जवाब पाएं! - मैं सुनार के पास बार-बार जाए बिना सोने मैं निवेश कैसे कर सकता हूँ ?म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं, जिनमें मैं निवेश कर सकता हूँ? - मुझे जीवन बीमा को ख़र्च मानना चाहिए या निवेश? - शेयर बाज़ार कैसे काम करता है? - क्या मैं 15 साल बाद भी पीपीएफ़ में निवेश कर सकता हूँ? - क्या एम्पलॉई प्रॉविडेंट स्कीम से पैसा निकालते समय करमुक्त होता है? - रियल एस्टेट में निवेश करके मुनाफ़ा कमाने के कौन से तरीक़े हैं? - क्या मुझे स्वास्थ्य बीमे की सचमुच ज़रुरत है? अगर हाँ, तो मेरे पास कितनी राशि का बीमा होना चाहिए? - कैशलेस हेल्थ इनश्योरेंस क्या होता है? स्वास्थ्य बीमे में टॉप अप और सुपर टॉप अप का क्या मतलब होता है? - वसीयत क्या है और क्या मुझे भी वसीयत लिखनी चाहिए? - मैं संख्याओं और हिसाब-किताब में माहिर नहीं हूँ? क्या कोई आसान तरीक़ा है, जिससे मैं अपने निवेशों के भावी मूल्य का पता लगा सकता हूँ? यह पुस्तक बताती है कि बाज़ार मैं उपलब्ध निवेश के सबसे लोकप्रिय विकल्प कैसे काम करते हैं अप जो ज्ञान हासिल करेंगे, उससे न सिर्फ अप अपने निवेशों का बेहतर प्रबंधन कर पाएँगे, बल्कि इससे आपको स्वयं ही निवेश के संसार कि पड़ताल करने का आत्मविश्वास भी मिलेगा यह पुस्तक सभी उम्र के लोगों के लिए एक उपयोगी साधन होगी, जो अपने वित्तीय जीवन की बागडोर अपने हाथों मैं थामना चाहते हैं।

Western Political Thinkers: पाश्चात्य राजनीति विचारक

by O. P. Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है।

Pashchyatya Rajniti Vicharak - Delhi Vishvavidyalaya: पाश्चात्य राजनीति विचारक - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Om Prakash Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है। प्राचीन यूनानी दार्शनिकों में यहां सुक़रात, प्लेटो और अरस्तू के चिंतन का विश्लेषण किया गया है। फिर प्राचीन रोम और मध्ययुगीन यूरोप के प्रतिनिधि विचारकों का संक्षिप्त किंतु निकट परिचय दिया गया है। आधुनिक युग के मुख्य-मुख्य राजनीति-दार्शनिकों में मेकियावेली, बोदां, ग्रोश्यस, हॉब्स, लॉक, रूसो, मांतेस्क्यू, ह्यूम, बर्क, बेंथम, जे.एस. मिल, कांट, हेगेल, टी.एच. ग्रीन, मार्क्स, लेनिन, रोज़ा लक्ज़ेमबर्ग, माओ त्से-तुंग, ग्राम्शी, ल्यूकाच, हन्ना आरेंट और माइकल ओकशॉट के मुख्य-मुख्य विचारों की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की गई है।

Rajniti Sidhanth Ki Rooprekha: राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा

by Om Gaba

"राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा' के सप्तम संस्करण के अंतर्गत जगह-जगह नए संशोधन-परिवर्धन किए गए हैं, और अद्यतन सामग्री का समावेश किया गया है। विवेच्य विषय के निरंतर विस्तारशील स्वरूप को। नए महत्त्वपूर्ण प्रकरण जोड़े गए हैं। 'विचारधारा की संकल्पना' के अंतर्गत 'नारीवाद' (Feminism) का संक्षिप्त परिचय जोड़ा गया है। 'राज्य का स्वरूप : विविध परिप्रेक्ष्य' के अंतर्गत दो नए, विस्तृत प्रकरण जोड़े गए हैं।

Ek Tha Doctor Ek Tha Sant: एक था डॉक्टर एक था संत

by Arundhati Roy

वर्तमान भारत में असमानता को समझने और उससे निपटने के लिए, अरुंधति रॉय ज़ोर दे कर कहती हैं कि हमें राजनीतिक विकास और एम.के. गांधी का प्रभाव, दोनों का ही परीक्षण करना होगा। सोचना होगा कि क्यों बी.आर. आंबेडकर द्वारा गांधी की लगभग दैवीय छवि को दी गई प्रबुद्ध चुनौती को भारत के कुलीन वर्ग द्वारा दबा दिया गया। राय के विश्लेषण में, हम देखते हैं कि न्याय के लिए आंबेडकर की लड़ाई, जाति को सुदृढ़ करनेवाली नीतियों के पक्ष में, व्यवस्थित रूप से दरकिनार कर दी गई, जिसका परिणाम है वर्तमान भारतीय राष्ट्र जो आज ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र है, विश्वस्तर पर शक्तिशाली है, लेकिन आज भी जो जाति व्यवस्था में आकंठ डूबा है।

Vah: वह: किन्नर समुदाय के संघर्ष की गाथा

by Shrigopal Singh Sisodia 'Nisar'

यह उपन्यास किन्नर पर आधारित है और हमें उनसे जुड़ी रूढ़ियों और तथ्यों से परिचित कराता है।

Aadan Pradan Ki Kala: आदान प्रदान की कला

by Adam Grant

हर व्यक्ति जानता है कि कड़ी मेहनत, तक़दीर और प्रतिभा जमरे कामकाजी जीवन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस बेहतरीन पुस्तक में ऐडम ग्रांट ने एक चौथे महत्वपूर्ण तत्त्व की उपयोगिता बताई है कि शीर्ष पर पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है अन्य लोगों को अपने साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना। यह पुस्तक कामयाबी के बारे में हमारी मूलभूत समझ में बदलाव लाती है तथा सहयोगियों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के साथ हमारे रिश्तों के लिए नए मॉडल को प्रस्तुत करती है। ग्रांट ने वॉर्टन बिज़नेस स्कूल में प्रोफ़ेसर क रूप में अपने गहन शोध का इस्तेमाल करने के साथ ही हॉलीवुड से लेकर इतिहास तक कि सफलता की कहानियों के माध्यम से दिखाया है कि अन्य लोगों की मदद करने से हमें अधिक व्यक्तिगत सफलता मिलती है।

Naina: नैना

by Sanjeev Paliwal

भारत की सबसे पसंदीदा समाचार एंकर, नैना वशिष्ठ की घर से 500 मीटर से भी कम दूरी पर उस समय हत्या कर दी जाती है जब वह अपने पड़ोस के पार्क में टहलने जाती थी। वह जितनी ग्लैमरस हैं उतनी ही महत्वाकांक्षी भी, मीडिया और राजनीतिक हलकों में उनका एक जाना-पहचाना नाम है और उनके चैनल की टीआरपी के लिए वह महत्वपूर्ण हैं।

BHDLA 135 Hindi Bhasha Vividh Prayog (Khand 1 Bhasha Tatva Aur Bodhan) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 1: भाषा तत्व और बोधन) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDLA - 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 1: भाषा तत्व और बोधन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में सात परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। अगर आप इस खंड में सीखे हुए बिंदुओं को ध्यान में रखें तो अधिक आसानी से विविध विषयों का वाचन कर सकेंगे और वाचन के अभ्यास से अभिव्यक्ति में पर्याप्त दक्षता हासिल कर सकेंगे। प्रत्येक इकाई के अंत में हमने विषय से संबद्ध उपयोगी पुस्तकों की सूची भी दी है। पुस्तकालय जाकर आप इन पुस्तकों के माध्यम से विषय का गहन अध्ययन भी कर सकते हैं।

BHDLA 135 Hindi Bhasha Vividh Prayog (Khand 2 Vachan Aur Vividh Vishay) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: भाषा तत्व और बोधन) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDLA - 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: वाचन और विविध विषय) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। ज्ञान - विज्ञान के विषयों को पढ़ने के लिए इन विषयों की विशिष्ट पारिभाषिक शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है। पारिभाषिक शब्द बोलचाल की भाषा से भिन्न निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। ज्ञान -विज्ञान के विषयों का वाचन करने की प्रक्रिया में बहुत से पारिभाषिक शब्द उन विषयों के संदर्भ में आपके सामने आएँगे। इनके बारे में हमने इकाइयों में आपको विस्तार से जानकारी दी है।

Kashi: काशी: काले मंदिर का रहस्य

by Vineet Bajpai

'ब्रह्मांड की समस्त काली शक्तियां उसकी दास हैं...' 1699 ईसापूर्व, आर्यवर्त के दलदल - जब प्रलय की लहरें एक-एक नगर को अपनी चपेट में लेती जा रही थी, तब विराट नौका और धरती के बीच एक अंतिम युद्ध की शुरुआत हुई। एक निर्मम राजा ने मानवजाति के अस्तित्व को चुनौती देते हुए कलयुग के आगमन की घोषणा की। 2017, बनारस रात्रि के आकाश में एक पवित्र नक्षत्र प्रस्फुटित हुआ और भविष्यवाणी में नियत समय आ पहुंचा। 'दैव- इलिदान एक भयानक राक्षस-बलि में बदल गया, और देवता ने पापी भ्रातृसंघ के रक्तरंजित इतिहास से पर्दा उठाया। 762 ईस्वी, राष्ट्रकूट साम्राज्य शक्तिशाली सम्राट पृथ्वीवल्लभ से मिलने के लिए पवित्र नगरी से एक रहस्यमयी अतिथि आया। उसने सम्राट को प्राचीन रहस्य सौंपा, जिसने सम्राट को एक शौर्यपूर्ण और असंभव अभियान के लिए प्रेरित किया। 2017, न्यूयॉर्क शहर - छठी पीढ़ी के एक अरवपति को 'द बिंग मैन' का फोन आया। न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के उस सर्वेसर्वा ने अपने अंतिम दांव के बारे में बताया। मुंबई के अंडरवर्ल्ड ने भी शैतान के दूत से हाथ मिला लिया! क्या विद्युत भ्रातृसंघ के साथ होने वाले निर्णायक युद्ध में विजयी हो पाएगा? यूरोप में 14वीं सदी में हुई काली मृत्यु के पीछे कौन सा घिनौना सत्य है? प्रकाश और अंधेरे, अच्छाई और बुराई, ईश्वर और शैतान के बीच होने वाले अंतिम युद्ध का साक्षी बनने के लिए पढ़िए।

BSOC 131 Samajshastra Ka Parichay IGNOU: BSOC 131 समाजशास्त्र का परिचय इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSOC-131 समाजशास्त्र का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस पाठ्यक्रम में तीन खंड और तेरह इकाइयाँ (अध्याय) हैं। सबसे पहला "समाजशास्त्रः अनुशासन और परिप्रेक्ष्य” शीर्षक खंड समाजशास्त्र और सामाजिक मानव विज्ञान के रूप में अन्तः संबंधित अनुशासन के उद्भव को भी अवस्थित करता है लेकिन उन्हें विशिष्ट अनुशासन के रूप में भी स्थापित करता है। खंड 2 जिसका शीर्षक है "समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञान समाजशास्त्र के अन्य संबंधित विषयों के साथ समाजशास्त्र के संबंधों पर चर्चा करता है, विशेष रूप से, मानव विज्ञान, मनोविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र औरराजनीति विज्ञान के साथ। इसकी पाँच इकाइयाँ हैं। “बुनियादी अवधारणाओं" शीर्षक के तहत खंड 3 समाजशास्त्र में प्रयुक्त कुछ मूल अवधारणाओं की व्याख्या करता है। उनमें शामिल है "संस्कृति और समाज", "सामाजिक समूह और समुदाय", "संघ और संस्थाएँ", "प्रस्थिति और भूमिका", "समाजीकरण", "संरचना और कार्य", और "सामाजिक नियंत्रण और परिवर्तन"।

Majhi Janmathep FYBA First Semester - RTMNU: माझी जन्मठेप बी.ए. प्रथम सेमिस्टर - राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपूर विद्यापीठ

by Vinayak Damodar Savarkar

माझी जन्मठेप हे आत्मचरित्र स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर यांनी अंदमानात काळ्यापाण्याची शिक्षा भोगत असताना आलेल्या अनुभवांवर लिहिलेले आत्मचरित्रपर पुस्तक आहे. तसेच या आत्मचरित्र्याचे प्रकाशन लाखे प्रकाशन यांनी केले आहे. भारतीय स्वातंत्र्यलढ्यातील योद्धे वीर सावरकर यांना दोन जन्मठेपेची म्हणजे पन्नास वर्षांची शिक्षा झाल्यावर त्यांची रवानगी अंदमानला केली गेली. तेथले त्यांचे जीवन म्हणजे मृत्यूशी झुंज होती पण त्या झुंजीत मृत्यूचा पराभव झाला आणि सावकरांचा जय झाला. सावरकरांच्या वीर रसाने ओथंबलेल्या चरित्रामध्ये अनेक रोमहर्षक पर्वे आहेत. त्यापैकी अंदमान पर्व हे अत्यंत रौद्र आणि भयानक पर्व आहे. त्याची रोमांचकारी कथा 'माझी जन्मठेप' या आत्मकथेत सावरकरांनी सांगितली आहे.

I Love Money: आय लव मनी

by Suresh Padmanabhan

12 भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवादित "I love money" का हिंदी अनुवादजब आप धन-दौलत के बारे में सोचते हैं तो उसमें वृद्धि होने लगती हैसुरेश पदमनाभन को धन विषय में अधिकारपूर्वक कहने का अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है।- द टाइम्स ऑफ़ इंडियायह पुस्तक धन के साथ हमारे संबंधों की मौलिक रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक को आप जब भी पढ़ेंगे तो आपको याद आएगा कि जब पैसा, व्यक्तिगत शक्ति और व्यापक बल आपके साथ होंगे तो आपको जीवन में संतुलित और सामंजस्यपूर्ण विकास की अनुभूति होगी।धन से जुड़ी ऐसी कई तकनीकें और सूत्र हैं जिन्हें मिनी वर्कशॉप (रुपय की कार्यशाला) में पहले आज़माया जा चुका है। आपको स्वयं कुछ नया खोजने की ज़रुरत नहीं है; इन तकनीकों का सूत्रों के माध्यम से आपका जीवन सरल और सुखमय बन सकता है।इस पुस्तक में आपको ऐसे कई विचार और अवधारणाएं मिलेंगी जो आपको पसंद आएँगी और जिन्हें आप स्वीकार भी करेंगे; क्योंकि आपको ऐसा महसूस होगा जैसे ये सभी विचार आपके अपने ही हैं।

21vi Sadi ke Liye 21 Sabak: २१वीं सदी के लिए २१ सबक़

by Yuval Noah Harari

21वीं सदी के लिए 21 सबक़ का हिंदी अनुवाद सेपियन्स ने अतीत का विश्लेषण किया है होमो डेयस ने भविष्य का विश्लेषण किया है 21 सबक़ ने वर्तमान का विश्लेषण किया है हम स्वयं को परमाणु युद्ध, परिस्थितिकीय विनाश और प्रौद्योगिकीय विध्वंस से कैसे बचा सकते हैं? झूठी ख़बरों की महामारी या आतंकवाद के खतरे के बारे में हम क्या कर सकते हैं? हमें अपने बच्चों को क्या शिक्षा देनी चाहिए? युवाल नोआ हरारी हमें वर्तमान के अति महत्वपूर्ण मुद्दों की रोमांचक यात्रा पर ले जाते हैं। निरन्तर भ्रम उत्पन्न करने वाले परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सामूहिक और वैक्तिक एकाग्रता को कैसे बरकरार रखें, यह चुनौती ही रोमांच और उमंग पैदा करने वाली इस नई पुस्तक का मूल बिंदु है। क्या हम अभी भी इस दुनिया को समझने में सक्षम हैं जो हमने रची हैं?

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