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Bhaswati Dviteeyo Bhag class 12 - NCERT: भास्वती द्वितीयो भाग 12वीं कक्षा
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभास्वती द्वितीयो भागः 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं, साथ ही साथ इस पाठपुस्तक में वैदिक साहित्य के अनन्तर लौकिक साहित्य की परिगणना की गई है। इस पाठ्यक्रम में वाल्मीकि से लेकर वर्तमान काल तक संस्कृत साहित्य प्रवाह भाँति तथा महाकाव्य, गद्यकाव्य, चम्पूकाव्य एवं नाट्यसाहित्य का समावेश किया गया है।
Bhaswati Dviteeyo Bhag class 12 - NCERT - 23: भास्वती द्वितीयो भागः १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभास्वती द्वितीयो भागः द्वादशवर्गाय संस्कृतस्य पाठ्यपुस्तकम् 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दस पाठ हैं, साथ ही साथ इस पाठपुस्तक में वैदिक साहित्य के अनन्तर लौकिक साहित्य की परिगणना की गई है। इस पाठ्यक्रम में वाल्मीकि से लेकर वर्तमान काल तक संस्कृत साहित्य प्रवाह भाँति तथा महाकाव्य, गद्यकाव्य, चम्पूकाव्य एवं नाट्यसाहित्य का समावेश किया गया है।
Shashwati (Dviteeyo Bhag) class 12 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: शाश्वती द्वितीयो भाग 12 वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.शाश्वती द्वितीयो भागः कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी । इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है ।
Shashwati Dviteeyo Bhag class 12 - NCERT: शाश्वती द्वितीयो भाग 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadशाश्वती द्वितीयो भागः 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चौहद पाठ हैं, साथ ही साथ इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी । इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है ।
Shashwati Dviteeyo Bhag class 12 - NCERT - 23: शाश्वती द्वितीयो भागः १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadशाश्वती द्वितीयो भागः द्वादशवर्गाय संस्कृतस्य पाठ्यपुस्तकम् 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल ग्यारह पाठ हैं, साथ ही साथ इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से जब शिक्षा भारमुक्त होगी तो वह स्वयमेव एक 'आनन्दप्रद अनुभूति' सिद्ध होगी। इस पाठ्यक्रम में आनन्दवृद्धि के लिए ऐसे ज्ञान-सन्दर्भो का समावेश किया गया है, जिनमें उदात्त जीवन मूल्य है, जिनमें घटना-वैचित्र्य के साथ ही साथ आधुनिक जनजीवन का प्रतिबिम्ब भी है।
Shemushi Dviteeyo Bhag class 10 - NCERT: शेमुषी द्वितीयो भाग 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadशेमुषी द्वितीयो भागः 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – संस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी प्रथम भाग नामक पाठ्यपुस्तक के अनंतर दशम कक्षा के लिए यह शेमुषी द्वितीय भाग पुनरीक्षित संस्करण (2017) प्रस्तुत किया जा रहा है। इस संकलन में संस्कृत को जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसीलिए इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित पाठों को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरम्भ में पाठ-सन्दर्भ दिए गए हैं जिनसे पाठ-प्रसंगों को समझा जा सके। छात्रों को सीखने का अधिकाधिक अवसर मिल सके इसलिए पाठों के अन्त में विविध अभ्यासों वाली प्रश्नावली दी गयी है।
Shemushi Dviteeyo Bhag class 10 - NCERT - 23: शेमुषी द्वितीयो भाग १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadशेमुषी द्वितीयो भागः 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दस पाठ हैं- संस्कृत के नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप नवम कक्षा के लिए शेमुषी प्रथम भाग नामक पाठ्यपुस्तक के अनंतर दशम कक्षा के लिए यह शेमुषी द्वितीय भाग पुनरीक्षित संस्करण (2022) प्रस्तुत किया जा रहा है। इस संकलन में संस्कृत को जीवन्त भाषा के रूप में देखा गया है जिसकी धारा निरन्तर प्रवाहित होती रही है। इसीलिए इसमें आधुनिक संस्कृत रचनाओं के समावेश के साथ अन्य भाषाओं के साहित्य से अनूदित पाठों को भी ग्रहण किया गया है। पाठों के आरम्भ में पाठ-सन्दर्भ दिए गए हैं जिनसे पाठ-प्रसंगों को समझा जा सके। छात्रों को सीखने का अधिकाधिक अवसर मिल सके इसलिए पाठों के अन्त में विविध अभ्यासों वाली प्रश्नावली दी गयी है।
Ruchira Dviteeyo Bhag class 7 - NCERT - 23: रुचिरा द्वितीयो भागः ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadरुचिरा पुस्तक शृङ्खला अपने नाम के अनुसार रुचिवर्धक सामग्री से विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा के प्रयोग में कुशलता तो प्रदान करेगी ही, साथ ही संस्कृत साहित्य के प्रति उत्सुकता एवं सम्मान भी पैदा करेगी। इसी शृङ्खला का द्वितीय पुष्प रुचिरा द्वितीयो भाग: (पुनरीक्षित संस्करण 2018) छात्र-छात्राओं के लिए प्रस्तुत है। इस पुस्तक के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि कक्षा में शिक्षक और विद्यार्थियों की अन्तःक्रिया प्रश्नोत्तर माध्यम से संस्कृत में ही हो, जिससे विद्यार्थी संस्कृत के सरल वाक्यों को समझने, बोलने, पढ़ने और लिखने की कुशलता विकसित कर सकें। संस्कृत भाषा की छन्दः सम्पदा की लय एवं गेयता का आनन्द छात्रों को प्राप्त हो, एतदर्थ कुछ नवीन गीत भी इस पुस्तक में दिये गए हैं। पाठ्य सामग्री को रोचक बनाने के लिए कुछ पाठों की रचना संवाद अथवा नाट्य-शैली में की गई है। वर्णनात्मक-पाठों में 'पण्डिता रमाबाई', 'विश्वबन्धुत्वम्' और 'अमृतं संस्कृतम्' एवं कथा पाठों में 'दुर्बुद्धिः विनश्यति' (पञ्चतन्त्र की संपादित कथा), ‘स्वावलम्बनम्’, ‘समवायो हि दुर्जयः' आदि में प्रेरणास्पद विषयवस्तु को प्रस्तुत किया गया है। राष्ट्रध्वज के महत्त्व को बताने के लिए संवादात्मक शैली में 'त्रिवर्णः ध्वज:' पाठ को इस पुस्तक में समाहित किया गया है।
Ruchira Bhag 3 Sanskrit class 8 - NCERT: रुचिरा तृतीयो भाग संस्कृतपाठ्यपुस्तकम् अष्टमवर्गाय 8th NCERT
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadतृतीयो भागः अष्टमवर्गाय संस्कृतपाठ्यपुस्तकम्, रुचिरा पुस्तक शृङ्खला अपने नाम के अनुसार रुचिवर्धक सामग्री से विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा के प्रयोग में कुशलता तो देगी ही साथ ही संस्कृत भाषा तथा साहित्य के प्रति उनमें अपेक्षित अभिरुचि भी उत्पन्न करने में समर्थ होगी, ऐसा विश्वास है। इसी शृङ्खला का तृतीय पुष्प रुचिरा तृतीयो भागः संशोधित संस्करण 2017 छात्र-छात्राओं के लिए प्रस्तुत है। इसके निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि कक्षा में शिक्षक और विद्यार्थियों की अन्तःक्रिया प्रश्नोत्तर माध्यम से संस्कृत में ही हो जिससे विद्यार्थी सरल संस्कृत वाक्यों को समझने, बोलने, पढ़ने और लिखने का कौशल विकसित कर सकें। रुचिरा के इस भाग में कुल 15 पाठ हैं जिनमें छह पद्यात्मक तथा तीन संवादात्मक या नाट्यरूप हैं। शेष पाठ कथात्मक या निबन्धात्मक हैं।
Ruchira Tritiyo Bhag class 8 - NCERT - 23: रुचिरा तृतीयो भागः ८वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadतृतीयो भागः अष्टमवर्गाय संस्कृतपाठ्यपुस्तकम्, रुचिरा पुस्तक शृङ्खला अपने नाम के अनुसार रुचिवर्धक सामग्री से विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा के प्रयोग में कुशलता तो देगी ही साथ ही संस्कृत भाषा तथा साहित्य के प्रति उनमें अपेक्षित अभिरुचि भी उत्पन्न करने में समर्थ होगी, ऐसा विश्वास है। इसी शृङ्खला का तृतीय पुष्प रुचिरा तृतीयो भागः संशोधित संस्करण 2017 छात्र-छात्राओं के लिए प्रस्तुत है। इसके निर्माण में इस बात का ध्यान रखा गया है कि कक्षा में शिक्षक और विद्यार्थियों की अन्तःक्रिया प्रश्नोत्तर माध्यम से संस्कृत में ही हो जिससे विद्यार्थी सरल संस्कृत वाक्यों को समझने, बोलने, पढ़ने और लिखने का कौशल विकसित कर सकें। रुचिरा के इस भाग में छह पद्यात्मक तथा तीन संवादात्मक या नाट्यरूप हैं। शेष पाठ कथात्मक या निबन्धात्मक हैं।
Vyakaranavithi class 10 - NCERT: व्याकरणवीथिः 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadव्याकरणवीथि: 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं – इस पुस्तक में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा में लिखित शास्त्रों के सम्यक् अध्ययन, मनन एवं चिन्तन के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि व्याकरण भाषा को शुद्ध बनाकर उसका समुचित प्रयोग सिखाता है। व्याकरण शब्द (वि + आ + कृ + ल्युट्) से निष्पन्न है। व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम् अर्थात् शब्दों की व्युत्पत्ति करने वाले, प्रकृति एवं प्रत्यय का निर्धारण करने वाले तथा उनके शुद्ध स्वरूप का विवेचन करने वाले शास्त्र को व्याकरणशास्त्र कहते हैं । अति प्राचीन काल से शास्त्रों में व्याकरण का प्रमुख स्थान है— मुखं व्याकरणं स्मृतम् । संस्कृत भाषा में व्याकरणशास्त्र का जितना सूक्ष्म तर्कपूर्ण एवं विस्तृत विवेचन हुआ है उतना विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं हुआ है । वेदों के सम्यक् अध्ययन, अर्थ बोध तथा वेद मंत्रों की व्याख्या के लिए वेदाङ्गों का ज्ञान अनिवार्य है।
Vyakaranavithi class 9 - NCERT - 23: व्याकरणवीथि: ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadव्याकरणवीथि: ९वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं- इस पुस्तक में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा में लिखित शास्त्रों के सम्यक् अध्ययन, मनन एवं चिन्तन के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि व्याकरण भाषा को शुद्ध बनाकर उसका समुचित प्रयोग सिखाता है। व्याकरण शब्द (वि + आ + कृ + ल्युट्) से निष्पन्न है। व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम् अर्थात् शब्दों की व्युत्पत्ति करने वाले, प्रकृति एवं प्रत्यय का निर्धारण करने वाले तथा उनके शुद्ध स्वरूप का विवेचन करने वाले शास्त्र को व्याकरणशास्त्र कहते हैं। अति प्राचीन काल से शास्त्रों में व्याकरण का प्रमुख स्थान है- मुखं व्याकरणं स्मृतम्। संस्कृत भाषा में व्याकरणशास्त्र का जितना सूक्ष्म तर्कपूर्ण एवं विस्तृत विवेचन हुआ है उतना विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं हुआ है। वेदों के सम्यक् अध्ययन, अर्थ बोध तथा वेद मंत्रों की व्याख्या के लिए वेदाङ्गों का ज्ञान अनिवार्य है।
Vyakaranavithi class 10 - NCERT - 23: व्याकरणवीथि: १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadव्याकरणवीथि: 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं- इस पुस्तक में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक संस्कृत भाषा में लिखित शास्त्रों के सम्यक् अध्ययन, मनन एवं चिन्तन के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि व्याकरण भाषा को शुद्ध बनाकर उसका समुचित प्रयोग सिखाता है। व्याकरण शब्द (वि + आ + कृ + ल्युट्) से निष्पन्न है। व्याक्रियन्ते व्युत्पाद्यन्ते शब्दा: अनेन इति व्याकरणम् अर्थात् शब्दों की व्युत्पत्ति करने वाले, प्रकृति एवं प्रत्यय का निर्धारण करने वाले तथा उनके शुद्ध स्वरूप का विवेचन करने वाले शास्त्र को व्याकरणशास्त्र कहते हैं । अति प्राचीन काल से शास्त्रों में व्याकरण का प्रमुख स्थान है- मुखं व्याकरणं स्मृतम् । संस्कृत भाषा में व्याकरणशास्त्र का जितना सूक्ष्म तर्कपूर्ण एवं विस्तृत विवेचन हुआ है उतना विश्व की किसी अन्य भाषा में नहीं हुआ है । वेदों के सम्यक् अध्ययन, अर्थ बोध तथा वेद मंत्रों की व्याख्या के लिए वेदाङ्गों का ज्ञान अनिवार्य है।
Abhyaswaan Bhav class 9 - NCERT: अभ्यासवयान् भव 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadअभ्यासवयान् भव 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं –इसमें 12 अध्याय हैं। प्रथम अध्याय में अपठितावबोधनम्, द्वितीय में पत्रम् – (क) अनौपचारिकम् पत्रम्, (ख) औपचारिकम् पत्रम्, तृतीय में चित्रवर्णनम्, चतुर्थ में संवादानुच्छेदलेखनम्, पंचम में रचनानुवादः, षष्ठ में कारकोपपदविभक्तिः, सप्तम में सन्धिः, अष्टम में उपसर्गाव्ययप्रत्ययाः, नवम में समासाः, दशम में शब्दरूपाणि अकारान्त पुंल्लिङ्गशब्दः, एकादश अध्याय में धातुरूपाणि एवं द्वादश अध्याय में वर्णविचार: दिए गए हैं। पुस्तक के परिशिष्ट 1 में फलादीनां नामानि तथा परिशिष्ट 2 में विलोमपदानि एवं पर्यायपदानि को दिया गया है। इस तरह इस पुस्तक में कक्षा नवम के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप संस्कृत व्याकरण के आधारभूत नियमों का परिचय देते हुए उपयोगी अभ्यासचारिका द्वारा छात्रों की संस्कृत समझ तथा भाषा प्रयोग को सुदृढ़ करने का प्रयत्न किया गया है।
Abhyaswaan Bhav class 9 - NCERT - 23: अभ्यासवान् भव ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadअभ्यासवयान् भव 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में कुल बारह पाठ हैं- इसमें 12 अध्याय हैं। प्रथम अध्याय में अपठितावबोधनम्, द्वितीय में पत्रम्- (क) अनौपचारिकम् पत्रम्, (ख) औपचारिकम् पत्रम्, तृतीय में चित्रवर्णनम्, चतुर्थ में संवादानुच्छेदलेखनम्, पंचम में रचनानुवादः, षष्ठ में कारकोपपदविभक्तिः, सप्तम में सन्धिः, अष्टम में उपसर्गाव्ययप्रत्ययाः, नवम में समासाः, दशम में शब्दरूपाणि अकारान्त पुंल्लिङ्गशब्दः, एकादश अध्याय में धातुरूपाणि एवं द्वादश अध्याय में वर्णविचार: दिए गए हैं। पुस्तक के परिशिष्ट 1 में फलादीनां नामानि तथा परिशिष्ट 2 में विलोमपदानि एवं पर्यायपदानि को दिया गया है। इस तरह इस पुस्तक में कक्षा नवम के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप संस्कृत व्याकरण के आधारभूत नियमों का परिचय देते हुए उपयोगी अभ्यासचारिका द्वारा छात्रों की संस्कृत समझ तथा भाषा प्रयोग को सुदृढ़ करने का प्रयत्न किया गया है।
Abhyaswaan Bhav class 10 - NCERT: अभ्यासवयान् भव 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadअभ्यासवयान् भव 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चौदह पाठ हैं – अभ्यासवान् भव में दशम कक्षा के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमानुसार अभ्यास हेतु पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे न केवल आवश्यक व्याकरण-बिंदुओं से परिचित होते हैं, बल्कि वाक्य संरचना कौशल का पर्याप्त ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। पुन:-पुन: अभ्यास करने से विषयों का ज्ञान हो जाता है और वह स्मृत विद्या चिरकालपर्यन्त याद रहती है। ‘अनभ्यासे विषं विद्या' यह जानते हुए विद्यार्थियों को पर्याप्त अभ्यास करना चाहिए। इस अभ्यास पुस्तिका में अपठितांश, पत्र, चित्रवर्णन, अनुच्छेदलेखन, संस्कृतानुवाद, सन्धि, समास, प्रत्यय, अव्यय, समय, वाच्य और अशुद्धि संशोधन पर आधारित बारह पाठ हैं। इसके अतिरिक्त मिश्रित अभ्यास हेतु दो कार्यपत्रिकाएँ त्रयोदश पाठ में समाविष्ट की गई हैं। चतुर्दश पाठ में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार एक आदर्श प्रश्न पत्र भी समाविष्ट किया गया है, जो परीक्षा हेतु तैयारी में सहायक होगा। परिशिष्ट में ध्येय-वाक्यों और व्यवहार-वाक्यों का संकलन है, जिससे छात्रों की संभाषण क्षमता में वृद्धि होगी।
Abhyaswaan Bhav class 10 - NCERT - 23: अभ्यासवयान् भव १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadअभ्यासवयान् भव 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक संस्कृत भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चौदह पाठ हैं – अभ्यासवान् भव में दशम कक्षा के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमानुसार अभ्यास हेतु पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराई गई है, जिससे वे न केवल आवश्यक व्याकरण-बिंदुओं से परिचित होते हैं, बल्कि वाक्य संरचना कौशल का पर्याप्त ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। पुन:-पुन: अभ्यास करने से विषयों का ज्ञान हो जाता है और वह स्मृत विद्या चिरकालपर्यन्त याद रहती है। ‘अनभ्यासे विषं विद्या' यह जानते हुए विद्यार्थियों को पर्याप्त अभ्यास करना चाहिए। इस अभ्यास पुस्तिका में अपठितांश, पत्र, चित्रवर्णन, अनुच्छेदलेखन, संस्कृतानुवाद, सन्धि, समास, प्रत्यय, अव्यय, समय, वाच्य और अशुद्धि संशोधन पर आधारित बारह पाठ हैं। इसके अतिरिक्त मिश्रित अभ्यास हेतु दो कार्यपत्रिकाएँ त्रयोदश पाठ में समाविष्ट की गई हैं। चतुर्दश पाठ में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार एक आदर्श प्रश्न पत्र भी समाविष्ट किया गया है, जो परीक्षा हेतु तैयारी में सहायक होगा। परिशिष्ट में ध्येय-वाक्यों और व्यवहार-वाक्यों का संकलन है, जिससे छात्रों की संभाषण क्षमता में वृद्धि होगी।
Anandadayak Ganit class 2 - NCERT - 23: आनन्ददायकं गणितम् कक्षा २री - एनसीईआरटी - २३
by National Council of Educational Research and Trainingइयत्ता दुसरीसाठी असलेले आनंददायी गणित असे नाव असलेले गणिताचे पाठ्यपुस्तक NEP 2020, NCF-FS 2022 तसेच पायाभरणीच्या टप्प्यासाठीचा अभ्यासक्रम यांच्या शिफारसी डोळ्यासमोर ठेवून तयार केले आहे। बालवाटिका 1 ते 3 तसेच पहिली झाल्यावर (3-8 वर्षे वयात) दुसरीत जाणाऱ्या मुलाला अंकांचे ज्ञान झालेले असते, असे यात गृहीत धरले आहे। परंतु, आपल्या देशातील विविधता बघता, कदाचित काही मुलांची एकदम शाळेत पहिलीत गेल्यावरच पहिल्यांदा अंकांची ओळख होत असेल, असेही होऊ शकते। हे क्रमिक पुस्तक तयार करताना अशा परिस्थितीचाही विचार केलेला आहे। वयाच्या या टप्प्यावरील मुले मुक्तपणे खेळणे, खेळणी यात रमतात। हे लक्षात घेऊन, अवकाशीय समज, अंकहाताळणी, गणितीय आणि संगणकीय संकल्पना इ। शिकवण्यासाठीच्या उपक्रमांमध्ये खेळ, खेळणी यांचा वापर करण्यासाठी पुष्कळ वाव ठेवलेला आहे। यामुळे प्रत्येक नवीन संकल्पना किंवा कौशल्य शिकताना मूर्त वस्तूंकडून चित्रस्वरूपाकडे व त्याकडून अमूर्त कल्पनांपर्यंतचे संक्रमण सहजपणे होऊ शकते। सर्वांगीण विकासासाठी अनुभवातून शिक्षण हे उद्दिष्ट डोळ्यासमोर ठेवून, इयत्ता दुसरीसाठी असलेल्या आनंददायी गणित या पुस्तकामध्ये, वर्गात आणि वर्गाबाहेर करण्यासारखे अनेक उपक्रम दिले आहेत। यातील सर्व प्रकरणांमध्ये, उपक्रमाधारित कार्यांच्या माध्यमातून गणितीय संकल्पनांचे आकलन करून दिले आहे। सक्तीने, नाखुषीने गणित शिकण्याऐवजी, आपण खेळ खेळत आहोत अशा भावनेने मुलांनी हे उपक्रम करावेत आणि त्याद्वारे गणितीय संकल्पना आपोआप रुजाव्यात, अशा प्रकारचे वातावरण निर्माण करण्याचा प्रयत्न या पुस्तकातून केलेला आहे।
Anandadayak Ganit class 1 - NCERT - 23: आनन्ददायकं गणितम् कक्षा १ - एनसीईआरटी - २३
by National Council of Educational Research and Trainingइयत्ता पहिलीसाठी आनंददायी गणित या पाठ्यपुस्तकातील आशय NCF-FS 2022 मध्ये नमूद केलेल्या पुढील चार घटकांवर आधारित आहे तोंडी गणित चर्चा, कौशल्य शिकवणे, कौशल्य सराव आणि गणिती खेळ सर्व अध्यायांमध्ये समाविष्ट केले गेले आहेत. त्यापैकी बहुतेक एकात्मिक पद्धतीने सादर केले आहेत. तथापि, खालील प्रकरणे केवळ गणितीय समज आणि क्षमता विकसित करण्याच्या अभ्यासक्रमाच्या उद्दिष्टाशी (CG-8) आणि परिमाणे, आकार आणि मापे यांद्वारा जग ओळखू शकण्याशीच संरेखित नाहीत तर NCF-FS 2022 मध्ये दिलेल्या सर्वांगीण विकासाकडे नेणाऱ्या इतर सर्व अभ्यासक्रम व अभ्यासक्रमिय उद्दिष्टांशीदेखील सरेखित आहेत - मौखिक गणित चर्चा, कौशल्यशिक्षण, कौशल्यसराव आणि गणिती खेळ. बौद्धिक आव्हान आणि विचारप्रवर्तक कार्यांमुळे गणिताचे अध्ययन व निर्णयनक्षमता अधिक चांगल्या प्रकारे होते. मेंदूला सतावणारे प्रश्न, कोडी, कूट प्रश्न यामुळे नेहमीच्या शिकण्याच्या जोडीने मुलांना याची संधी मिळते. मुलांच्या वयाला साजेशी अनेक कोडी या पुस्तकात दिली आहेत.