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Jayshankar Prasad

by Ramesh Chandar Shah

Ramesh Chandra Shah has presented the biography of Jayshankar Prasad in this book and has presented the in-depth evaluation of his work. Shah presents Prasad as a writer whose writings are based on the foundation of psychological realism.

Jayshankar Prasad: जयशंकर प्रसाद

by Rameshchandra Shah

हिन्दी के मूर्धन्य उपन्यासकार जैनेन्द्र कुमार ने जयशंकर प्रसाद की प्रशंसा हमारे साहित्य के पहले महान् स्वतंत्रचेता के रूप में की है। प्रसाद का दर्शन भारतीय इतिहास-प्रवाह में अर्जित, गँवाई गई तथा फिर से प्राप्त नैतिक तथा सौन्दर्यात्मक, व्यावहारिक तथा रहस्यात्मक, अंतर्दृष्टियों का समन्वयन करने का साहसिक प्रयास है। उनकी कविकल्पना सदैव उनके निजी जीवन-अनुभवों तथा अन्वीक्षणों से संयमित तथा संचरित रही। उनका कथा साहित्य तथा नाट्य साहित्य अपने सारे रूमानी तथा रहस्यात्मक वातावरण के बावजूद गहरे मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद की नींव पर खड़ा है। कवि-नाटककार उपन्यासकार तथा कहानी लेखक जयंशंकर प्रसाद पर लिखे गए प्रस्तुत विनिबंध में हिन्दी के विख्यात आलोचक, चिन्तक तथा उपन्यासकार रमेशचन्द्र शाह ने प्रसाद को उनके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में रखा है, जीवन वृत्तांत प्रस्तुत किया है तथा पाठक को उनके पूरे कृतित्व के गहनतर मूल्यांकन की ओर प्रेरित किया है।

Jay Jay Raghuveer Samarth

by Harikrishna Devsare

In this book Harikrishna Devsare described about the life of the saint Ramdas, his messages and thoughts. इस पुस्‍तक हरिकृष्‍ण देवसरे ने संत रामदास के जीवनकाल, उनके दिये गये संदेशों और विचारों का अध्‍ययन किया है।

Jalpari Ka Mayajal

by Webstar Devis Jeerva

The state of Meghalaya in India is divided in three parts, out of which two are of Khasi and one is of Jayantia mountain range. The current story is the collection from Khasi land of Meghalaya. The writer has kept alive the attraction of Angels in the story.

Jaiv Bhugol B.A (Hons.) Sixth Semester - Ranchi University, N.P.U: जैव भूगोल बी.ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर VI - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr Santosh Kumar Dangi

डॉ. सन्तोष कुमार दांगी द्वारा लिखित 'जैव-भूगोल' झारखण्ड स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय के बी. ए. सेमेस्टर-III, कोल्हान विश्वविद्यालय के बी. ए. सेमेस्टर VI और राँची विश्वविद्यालय के बी. ए. सेमेस्टर VI-DSE-4 के पाठ्यक्रम के अनुरूप लिखी गई पुस्तक है। जैव-भूगोल में जैविक तत्वों की विस्तृत विवेचना की गई है। जैसे-जैव भूगोल की परिभाषा, महत्व, जलचक्र, पारिस्थितिकी तन्त्र, ऊर्जा प्रवाह, पादप प्राणियों का विसरण, जीवोम, राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य, जैव-विविधता, मिट्टी निर्माण, बंजर भूमि का विकास तथा प्रबन्ध इत्यादि को इस पुस्तक में स्थान दिया गया है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अतिरिक्त झारखण्ड के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए यह पुस्तक अति उपयोगी होगी।

Jagat Karta Kaun?: जगत कर्ता कौन?

by Dada Bhagwan

अनादी कल से जगत की वास्तविकता जानने की मनुष्य की लालसा है मगर वह सही जान नहीं पाया है| मुख्यत: वास्तविकता में मैं कौन हूँ, इस जगत को चलाने वाला कौन है तथा इस जगत का रचयिता कौन है, यह जानना है| प्रस्तुत संकलन में सच्चा कर्ता कौन है, यह रहस्य खुल्ला किया गया है| आमतौर पर अच्छा हुआ तो ‘मैंने किया” मान लेता है और बुरा हुआ तो दूसरे पर आक्षेप देता है कि ‘इसने बिगाड़ दिया|’ नहीं तो ‘मेरी ग्रह दशा बिगड़ गयी है’बोलेगा या तो ‘भगवान् ने किया’ ऐसा भी आक्षेप दे देता है| यह सब रोंग मान्यताएं हैं| भगवांन क्या पक्षपात करने वाला है कि आपका नुकसान करे? यह दुनिया किसने बनाई? अगर बनाने वाला होता तो उसको किसने बनाया? फिर उसको भी किसने बनाया? याने उसका अंत ही नहीं है| और दूसरा यह भी प्रश्न पैदा होता है कि दुनिया उसको बनानी ही थी, तो फिर ऐसी कैसी दुनिया बनाई कि जिसमे सभी दुखी हैं? किसी को भी सुख नहीं है? उसकी मज़ा और अपनी सजा, यह कैसा न्याय?! इस काल में करता सम्बन्धी का सिद्धांत पहली बार विश्व को यथार्थ स्वरुप में परम पूज्य दादा भगवान् ने दिया है और वह यह है कि इस दुनिया में कोई स्वतंत्र कर्ता नहीं है| इस दुनिया को रचने वाला या चलाने वाला कोई भी नहीं है| यह जगत चलता है, वह साइंटिफिक सरकमस्टेन्शियल एविडेंस से चलता है| जिसको परम पूज्य दादाश्री ‘व्यवस्थित शक्ति’ कहते हैं| जगत में कोई भी स्वतंत्र करता नहीं है, मगर, सब नैमितिक कर्ता हैं, सभी निमित हैं| गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि, "हे! अर्जुन! तू इस युद्ध में निमित मात्र है, तू युद्ध का कर्ता नहीं है| प्रस्तुत पुस्तिका में करता का रहस्य परम पूज्य दादाश्री की सादी, सरल भाषा में दिल में उतर जाए, इस तरह से समझाया गया है|

Jadui Dweep

by Zai Whitaker Murari Sharan

The Andaman and Nicobar Islands have lured many a traveller for its beauty, adventure-packed history and the indigenous tribes. This book talks about all this in a fascinating manner. Illustrated by Amitabh Sengupta.

Jab Aaye Pahiye

by Anup Roy

“जब आये पहिए”- यह कहानी उन चींटियों की हैं जो अपने पेट के लिए भोजन एकत्र करती हैं, और वह इसके लिए कड़ी मेहनत भी करती हैं। उन्होंने तरह-तरह के आविष्कार भी किये जिसमें वह सफल भी हुई हैं। "Jab Aaye Pahiye" - This story is of those ants that collect food for their stomach, and they also work hard for it. They also made a variety of inventions in which they were successful .

Jaanch Commission

by Ra. Showrirajan

Translated from the original Tamil novel into Hindi, Jaanch Commission is the story of Tangharaju who loses his life due to atrocities by police, which finally results in the setting up of an inquiry commission.

Itihas Prashnottar Roop Mein - Competitive Exam

by N. N. Ojha

इतिहास एक रुचिकर विषय होता है किसी भी व्‍यक्ति वस्‍तु अथवा स्‍थान के विषय में जानने के लिए उसका इतिहास जानना आवश्यक होता है। इस पुस्‍तक में इतिहास को दो प्रश्‍न पत्र में विभाजित किया गया है। प्रथम प्रश्‍न पत्र में प्राचीन भारत के इतिहास जैसे-मानचित्र, प्रागैतिहासिक काल, इतिहास लेखन, सिंधु घाटी सभ्‍यता आर्य एवं वैदिक काल बुद्ध काल/महाजन पद काल धार्मिक आंदोलन जैन एवं बौद्ध धर्म विदेशी आक्रमण आदि विषय शामिल किये गये है। मध्‍यकालीन भारत में पूर्व मध्यकाल, चोल और पल्लंव वंश, राष्‍ट्रकूट, तुर्की आगमन, सूफी आंदोलन मराठा एवं सिख समाज शामिल है। द्वितीय प्रश्‍न पत्र में आधुनिक भारत इसमें भारत में अंग्रेजी शासन की स्थापना औपनिवेशिक शासन और उसका विरोध उनकी सामाजिक स्थिति , दो महायुद्धों के बीच भारत की अर्थव्‍यवस्‍था,स्‍वतंत्रता की ओर विश्‍व इतिहास के अर्न्‍तगत पुनर्जागरण, धर्मसुधार आंदोलन तथा प्रबोधन आधुनिक राजनीति का उदय, औद्यौगिक क्रांति आदि जो विषय आते है उसे रखा गया है।इस प्रकार ‘इतिहास प्रश्‍नोत्तर रूप में’ पुस्‍तक संघ लोक सेवा आयोग, राज्‍य लोक सेवा आयोग तथा अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उपयोगी है।

Itihas Paper III and Paper IV BA (Hons) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Mittal

Itihas Paper III and Paper IV text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihas Ke Aanshu

by Ramdhari Singh Dinkar

Dinkar describes the Himalaya and Delhi in this book of poems. The most prominent is Magadh Mahima.

Itihas Darshan - Ranchi University, N.P.U

by Prof. Chaube

इतिहास मनुष्य का अध्ययन है, उसका अध्ययनकर्ता मनुष्य है और जिस मूल सामग्री पर वह आश्रित है वह मनुष्य द्वारा संचित निधि होती है। उपलब्ध स्रोत सामग्री की अपूर्णता के अतिरिक्त इतिहासकार समसामयिक परिस्थितियों की उपेक्षा नहीं कर सकता। अपूर्णताओं के बावजूद भी इतिहासकार सत्य की खोज के प्रति समॢपत होता है। इस कार्य के लिए जिस विशेष प्रकार के अध्ययन, चिन्तन और अनुशासन की आवश्यकता होती है, उसकी अपेक्षा एक प्रशिक्षित इतिहासकार से ही करनी चाहिए। स्रोत सामग्री के चयन, विश्लेषण और प्रस्तुतीकरण के कुछ आधारभूत सिद्धान्त सभी इतिहासकारों पर लागू होते हैं। इतिहास-दर्शन पर लिखित प्रस्तुत ग्रन्थ इस संदर्भ में एक बहुत बड़े अभाव का एक सराहनीय प्रयास है। इतिहास-दर्शन से सम्बन्धित प्राय: सभी विषयों का इस पुस्तक में विद्वत्तापूर्ण विवेचन किया गया है। इतिहास-दर्शन के व्यापक और गहन अध्ययन के लिए यह पुस्तक बड़ी उपयोगी होगी।

Itihas class 11 - MP Board: इतिहास कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Bhopal Madhya Pradesh Rajya Shiksha Kendra

Itihas text book for 11 th standard from Shivalal Agarwal and Company in Hindi.

Itihas (C. 750-1206) BA (Hons) Sem-III -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Mittal

Itihas (C. 750-1206) Core Course-C 5 and Core Course-C 6 text book According to the Latest Syllabus based on Choice Based Credit System (CBCS) for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihas B.A (Hons.) Sixth Semester - Ranchi University, N.P.U: इतिहास बी.ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर VI - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr A. K. Mittal

इतिहास History पुस्तक का यह संस्करण रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी. ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर-VI के पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है। पुस्तक को अत्यन्त सरल भाषा एवं सुगम शैली में लिखा गया है। इस पुस्तक का प्रयोजन यह है कि विषय का संक्षिप्त एवं पूर्ण परिचय सरल, सुबोध एवं सुसंगठित रूप से एक ही स्थान पर प्राप्त हो सके। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में निम्नलिखित दो प्रश्न-पत्र हैं: Core Course-C 13: भारत का इतिहास VIII (1857-1950 ई.), Core Course-C 14: आधुनिक यूरोप का इतिहास II (1780-1939 ई.)। पुस्तक से सम्बन्धित विषय-वस्तु एकत्रित करने में आधिकारिक स्रोतों का आश्रय लिया गया है। अध्याय के अन्त में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय तथा बहुविकल्पीय प्रश्नों को रखा गया जो कि विद्यार्थियों की सुविधा एवं मार्ग-दर्शन हेतु हैं।

Itihas B.A (Hons.) Sem-V (Core Course 11, & Core Course 12) - Ranchi University N.P.U: इतिहास बी. ए. (ऑनर्स) (पंचम-सेमेस्टर) कोर-11 और कोर-12 – रांची युनिवर्सिटी, एन.पि.यू.

by A. K. Mittal

इतिहास बी. ए. (ऑनर्स) प्रस्तुत पुस्तक रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी. ए. (ऑनर्स), सेमेस्टर V के (CBCS) नवीनतम संशोधित पाठ्यक्रम को आधार बनाकर तैयार की गयी है। पुस्तक में निम्नांकित दो प्रश्न - पत्रों को पाठ्यक्रमानुसार संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में कोर-11 में आधुनिक यूरोप का इतिहास-I (1780 ई. से 1939 ई. तक) [HISTORY OF MODERN EUROPE-I (1780 A.D. TO 1939 A.D.)], कोर-12 में भारत का इतिहास-VII (1605 ई. से 1750 ई. तक) [HISTORY OF INDIA-VII (1605 A.D. TO 1750 A.D)] इन मुद्दो को विस्तार में समजाया गया है।

Itihas B.A (Hons.) Sem-II -Ranchi University, N.P.U

by A. K. Chaturvedi

Itihas text book for B.A (Hons.) Sem-II from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Itihaas lekhan Avadharana, Vidhi Evam Sadhan M.A. - Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड

by Rashmi Sharma Prof. Mahabir Singh Tyagi

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रदत्त मॉडल पाठ्यक्रमानुसार Choice Based Credit सेमेस्टर प्रणाली (CBCS) पर आधारित लोकप्रिय तथा छात्रोपयोगी पुस्तक है। इतिहास लेखन : अवधारणा, विधि एवं साधन यह पुस्तक कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा झारखंड की एम. ए. की कक्षाओं के नवीनतम् पाठ्यक्रमानुसार लघु उत्तरीय तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर सहित है। इस पुस्तक में सम्पूर्ण नवीनतम् पाठ्यक्रम, गत वर्षों के सोल्वड पेपर्स, सरल प्रश्नोत्तर रूप और अधुनातम् क्रमबद्ध विषय-सामग्री दी गई है।

Ithihas class 12 - MP Board: इतिहास कक्षा 12 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Ithihas text book for 12 th standard from Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Ishwarchand Vidyasagar

by Hiranyamay Banerjee

Ishwarchandra Vidyasagar has made Bangla literature popular by translating the books into simpler language and freeing them from the complex Sanskrit words. He was also a great social reformer. Hiranymay Banerjee has focused on those aspects of his life which made him one of the best human beings in the history of India.

Insaan Ka Beta

by Alka Pathak

इस पुस्तक में बाबू एक छोटा-सा बच्चा है पर उसके दिमाग में अनगिनत प्रश्न है। इसके उत्तर खोजते हुए वह कभी रहस्यमय रूप से आटोमेटिक हो जाता है तो कभी नाखून के बराबर नन्हा। In this book Babu is a small child but there are countless questions in his mind. He became automatic by seeking answers of his questions in mysterious style. sometimes he becomes equal to tiny nails.

Innovation, Kanoon Aur Garibi: इनोवेशन, कानून और गरीबी

by Robert D. Cooter and Hans-Bernd Schafer

कैसे कानून नवाचार (इनोवेशन), विकास, गरीबी पर असर डालते हैं और राष्ट्र गरीब व अमीर बनते हैं। कूटर व शेफर बताते हैं कि इनोवेटर की पूँजी की समस्याओं का हल भी बेहतर कानून कर सकते हैं, जिसे वे विश्वास की दोहरी समस्या कहते हैं तथा इसके समाधान सुझाते हैं। कानून व अर्थशास्त्र के संयुग्मित विचार विश्व की गहनतम समस्याओं के हल की समझ देते हैं। यह पुस्तक राष्ट्रों की गरीबी पर ही नहीं, वरन् उसके नागरिकों की विकास की आकांक्षाओं के लिए कानूनी व इनोवेटिव विचारों को ऊर्जा देती है। भारत में बेहतर कानूनी ढाँचागत व्यवस्था व नवाचार की ऊर्जा है। अतः यह पुस्तक भारतीय पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

India's Foreign Policy Challenge and Strategy: भारत की विदेश नीति चुनौती और रणनीति

by Rajiv Sikri Chinmay Dharkhan

पुस्तक एक रणनीतिक और नीति-उन्मुख दृष्टिकोण से भारत की वर्तमान और बढ़ती विदेशी नीति चुनौतियों की जांच करती है। यह देश के विदेश नीति निर्माण को निर्धारित करने वाले दीर्घकालिक कारकों और रुझानों का विश्लेषण करता है। यदि यह जटिल और तेजी से विकसित होने वाली 21 वीं सदी की दुनिया में एक प्रमुख खिलाड़ी बनना है, तो लेखक भारत के दृष्टिकोण का पुन: मूल्यांकन करने का आग्रह करता है।

Indian Politics Thinker: भारतीय राजनीति विचारक

by नेशनल पेपरबैक्स ओम् गाबा

भारतीय राजनीति-चिंतन की परंपरा पश्चिमी परंपरा से भी पुरानी है, और इसमें बहुत सारे ओजस्वी विचार भरे हैं। परंतु इसके अध्ययन को यथोचित महत्त्व नहीं मिल पाया है। देखा जाए तो आधुनिक युग में पश्चिमी सभ्यता के अभ्युदय के कारण साधारणतः पाश्चात्य राजनीति-चिंतन को ही भूमंडलीय बौद्धिक परंपरा के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत किया गया है; भारतीय राजनीति-चिंतन को छिटपुट अध्ययन का विषय बना कर छोड़ दिया गया है। वस्तुतः भारतीय चिंतन की प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक धाराओं में राजनीति की बहुत सारी समस्याओं पर इतने सुलझे हुए विचार व्यक्त किए गए हैं जो भूमंडलीय बौद्धिक परंपरा का महत्त्वपूर्ण अंग बनने की क्षमता रखते हैं, परंतु मुख्यतः हमारी उदासीनता के कारण इस क्षमता को सार्थक करने का विशेष प्रयत्न नहीं हुआ है। ‘भारतीय राजनीति-विचारक’ का प्रस्तुत संस्करण पिछले सब संस्करणों का उन्नत रूप है। आशा है, इस रूप में प्रस्तुत कृति अपने पाठक-वर्ग को न केवल भारतीय राजनीति-चिंतन की समृद्ध परंपरा से परिचित कराएगी बल्कि उन्हें मानव-समाज की समस्याओं के बारे में स्वयं चिंतन करने की प्रेरणा देगी।

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