Browse Results

Showing 1,501 through 1,525 of 1,944 results

Charitraheen

by Sharat Chandra Chattopadhyay

Set in Bengali society of the early 1900's this novel is a depiction of orthodox Hindu society in conflict with Western thoughts brought in by British rule is good.

Chandrakanta

by Devki Nandan Khatri

A book which compelled and drove the imagination of a generation and brought Hindi to the forefront, Chandrakanta is first work of prose in modern Hindi language.

Chandra Pahad

by Vibhutibhushan Bandhyopadhyay

Chandra Pahad is the creation of the famous Bengali storyteller Vibhutibhushan Bandhyopadhyay. Sahitya Akademi for the first time presents a unique story of the daring teenager.

Chandi ka Batan

by Srikant Vyas Richard Burtan

This book is written by Shrikant Vyas. This story title is 'Silver buttons'. This story is full of great events plucked.

Chandi Charitra: चण्डी-चरित्र

by Dr Puranchand Tandan

“वरदायिनी चण्डी-चरित्र” (गुरु गोविन्द सिंह विरचित) वास्वत में भक्ति-भावों को सशक्त एवं प्रखर बनाने की विलक्षण प्रेरणा है। भक्ति की अन्य रचनाएँ जिनमें विनय, प्रेम, वात्सल्य अथवा दास्य आदि भाव प्रबल रहते हैं, उनसे यह रचना नितान्त भिन्न है। इस रचना से पाठकों-भक्तों के भीतर उत्साह, उमंग एवं पराक्रम की भावना का संचार भी होता है। शक्ति-स्तुति की भावना से जुड़कर हम अपने भीतर के कालुष्य का निवारण करते हैं। मन की परतें उज्ज्वल हो जाती हैं। वीरता और भक्ति भावना का यह अद्भुत संगम ही इस रचना की विशिष्टिता है। शक्ति की उपासना, वास्तव में विश्वास की, शिवत्व की तथा सत्य-भावना की उपासना है। अपने भीतर की शक्ति को हम सब जगाएँ, आज यह आवश्यक भी है। न्याय और धर्म की प्रतिष्ठा के लिए, सहनशीलता, क्षमा और दया की निरंतर पूजा के लिए यह आवश्यक है कि हम 'शक्तिमान' बनें। गुरु गोविन्द सिंह का यही स्वप्न है जो ‘चण्डी-चरित्र' के माध्यम से वे देखते हैं। निष्क्रीय समाज को सक्रिय बनाने एवं अकर्मण्य को कर्म का सूत्र प्रदान करने की यह नित्य-कोशिश है।

Chandabhai Ki Chandani

by Ghijjubhai Badheka

In this book Ghijjubhai Badheka discribe about the children’s stories. This stories full of entertainment for kids. इस पुस्‍तक में गिजुभाई बधेका ने बच्‍चों की कहानियों के बारे में बताया है। यह कहानियाँ बच्‍चों के लिए मनोरंजन से भरपूर है।

Chanda Mama Ki Kahaniyan

by Shyam Dua

Chandamama presents the stories of the book is the collection of such stories, some enlightening children will provide healthy entertainment. These stories will not only provide moral lessons to children, but also will be instrumental in making them good citizens.

Chanakya Niti: चाणक्य नीति

by Dr Ashwini Parashar

आचार्य विष्णुगुप्त (चाणक्य) द्वारा प्रणीत चाणक्य नीति का मुख्य विषय मानव मात्र को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है। इसमें मुख्य रूप से धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति, सुशिक्षा एवं सर्वतोमुखी मानव-जीवन की प्रगति की झांकियां प्रस्तुत की गई हैं। आचार्य चाणक्य के नीतिपरक इस महत्वपूर्ण ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन व्यवहार तथा आदर्श यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है। जीवन की रीति-नीति सम्बन्धी बातों का जैसा अद्भुत और व्यावहारिक चित्रण यहां मिलता है अन्यत्र दुर्लभ है। इसी लिए यह ग्रन्थ पुरे विश्व में समादृत है।

Chamatkar: चमत्कार

by Dada Bhagwan

आज के युग में जहाँ विज्ञान ने इतनी प्रगति की है वहाँ लोगो के बीच अभी भी बहुत सारी चमत्कार और जादू-टोना संबंधित भ्रामक मान्यताएँ है| चमत्कार का मतलब है हमारी समझ से परे किसी अद्वितीय शक्ति का अस्तित्व होना| हमारे भारत देश में लोगो को धर्म और चमत्कार के नाम पर गुमराह करना बहुत ही आसान है क्योंकि किसी अवांछित घटना से बचने के लिए लोग इन बातों पर आसानी से भरोसा कर लेते है| ज्ञानी पुरुष दादा भगवान हमें इन चमत्कारों में छुपी हुई सच्चाई से वाकिफ कराते हुए चमत्कार और सिद्धि के बीच का अंतर बताते है| सामान्यतः लोगो में खड़े होने वाले प्रश्न जैसे- चमत्कार कौन करता है? किस तरह वह हमारे जीवन को प्रभावित करता है? क्या हम कोई चमत्कार करके भगवान को प्रसन्न कर सकते है?||इत्यादि के उत्तर हमें इस पुस्तक में मिलते है| दादाश्री स्पष्टतौर पर यही बताना चाहते है कि आत्मा इन सभी बातों से परे हैं और आत्म-साक्षात्कार मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र सरल उपाय है| आध्यात्मिकता और चमत्कार के बीच का सही अंतर जानने के लिए यह किताब अवश्य पढ़े|

Chalava

by Mrudula Garg

The book is written by Mrudula Garg. In this book there are many collection of children's story. These stories will not only provide moral lessons to children, but also will be instrumental in making them good citizens.

Chakravyuh: चक्रव्यूह

by Shalini Soni

जब इंसान स्वप्न के उड़नखटोले पर बैठकर खुले आसमान में उड़ता है, तो उसे अद्भुत आनंद का अहसास होता है। लेकिन जब यही उड़नखटोला उसे हकीकत के घरातल पर उतारता है, तो धरती की तपेदिक उसके पदों को घायल कर देती है, जिसे सहन कर पाना आसान नहीं होता। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में, हर बच्चे को भाग लेना अनिवार्य हो गया है, चाहे वह अपनी मर्जी से हो या परिवार की इक्षापूर्ति के लिए। नतीजतन, कभी-कभी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलते, कभी काबिलियत की कमी के कारण तो कभी चाहत की पूर्ति न होने से। इस दौड़ में कोटा जैसे कोचिंग हब में बच्चों की तादाद बढ़ रही है, जहां से उनका उच्च शिक्षा और स्वाभिमान का सफर शुरू होता है। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि जो कुछ भलाई के लिए बनाया गया होता है, वह अक्सर बुराई में परिणत हो जाता है। आज कोटा एक शिक्षा का शहर होने के बजाय आत्महत्या का केंद्र बन रहा है, जो अभी तक चेतावनी नहीं दे रहा है, पर आने वाले कल में एक चिंतनीय विषय बन सकता है। इन्ही बढ़ती कुरीतियों को रोकने की कोशिश में माताएं अपनी जान जोखिम में डाल कर किस तरह साहस का परिचय देती है यह हमें आगे जानने को मिलेगा।

Chaho! Sab Kuchh Chaho: चाहो! सब कुछ चाहो

by Sadhguru

चाहो! सब कुछ चाहो “लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं,” ‘बुद्ध ने कहा इच्छा न करो। लेकिन आप तो कहते हैं- सारा कुछ पाने की इच्छा करो। यह विरोधाभास क्यों है?’ जो अपने जीवन-काल के अंदर समस्त मानव जाति को ज्ञान प्रदान करने की इच्छा करते रह, क्या उन्होंने लोगों को इच्छा का त्याग करने को कहा होगा? कभी नही। बड़ी से बड़ी इच्छाएं पालिए। उन्हें पाने के लिए सौ फीसदी लगन के साथ कार्य कीजिए। ध्यानपूर्वक इच्छा का निर्वाह करेंगे तो वांछित मनोरथ पा सकते हैं। सद्गुरु बेहद लोकप्रिय साप्तहिक ‘आनंद विकटन’ में एक वर्ष-पर्यत धारावाहिक रूप से निकलकर, फिर पुस्तकाकार प्रकाशित सद्गुरु के वचनामृत अब आपके हाथों में है - ‘चाहो! सब कुछ चाहो’ ये हैं जीवन की बाधाओं को जीतकर, वांछित मनोरथ प्राप्त करते हुए सम्पूर्ण जीवन जीने की राह बताने वाले अनमोल वचन; जीवन में कायाकल्प लाने वाले अमोघ वचन.

Chaho Aur Paa Lo: चाहो और पा लो!

by Sadhguru

हमारे दैनिक जीवन में, हमें असंख्य स्थितियों से निपटना और प्रबंधित करना होता है, चाहे वह परिवार हो, पेशा हो, रिश्ते हों या अन्य जिम्मेदारियां हों। यह पुस्तक अंतर्दृष्टि प्रकट करती है और इन जीवन स्थितियों से आनंदपूर्वक और सहजता से निपटने के तरीके के बारे में सुझाव देती है। यह पुस्तक सद्गुरु की गहरी अंतर्दृष्टि और तीखे तर्क का संकलन प्रस्तुत करती है जो दिलचस्प कहानियों और उपाख्यानों के माध्यम से व्यक्त की जाती हैं। जिन मुद्दों से हम गुजर रहे हैं, उनके बारे में स्पष्टता लाकर सद्गुरु हमारे दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं। यह पुस्तक जीवन का अन्वेषण करने और जीवन को उसकी पूरी क्षमता के साथ जीने का निमंत्रण है। ईशा क्रिया और कल्पवृक्ष ध्यान इस पुस्तक में दिए गए दो सरल लेकिन शक्तिशाली साधन हैं, जो व्यक्ति को एक आनंदमय जीवन जीने और अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

Chadhta Suraj

by Gauhar Jalali

The poems from Gauhar Jalali are filled with the human religion. The literature is idealistic as well as progressive.

Chadhta Suraj

by Goohar Jalali

The poem Chadhta Suraj by Gaurav Jalali states that time is moving fast and the generation of today would be looked by generation of tomorrow as dead and decomposed. The creation of poet resembles of Kabir.

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 4 Dirghakalin Kshamata – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 4 दीर्घकालीन क्षमता - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह चौथा खंड "दीर्घकालीन क्षमता शीर्षक वाला खंड है। इसमें व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालीन क्षमता विकास के बारे में चर्चा की गयी है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 3 Nirman ki Takniki – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो का संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 2 Karyakram Nirman – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 2 कार्यक्रम निर्माण - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह दूसरा खंड "कार्यक्रम निर्माण" शीर्षक वाला खंड है। इस पाठ्यक्रम में कार्यक्रमों की योजाना और विशेषज्ञों की भूमिका और बाहरी स्रोत जैसे अहम पक्षों पर प्रकाश डाला गया है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 1 Sthapana Ke Liye Takneek – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 1 स्थापना के लिए तकनीक - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेशियों में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह पहला खंड "स्थापना के लिए टेक्नोलॉजी" शीर्षक वाला खंड है। सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचे तथा तकनीकी जरूरतों को के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।

Canvaas Par Bikhre Yadon Ke Rang: कैनवास पर बिखरे यादों के रंग

by Abhidha Sharma

उपन्यास में नयी पीढ़ी के प्रेम की परिभाषा है और परिवार का यथार्थ है। नयी पीढ़ी ने जीविका के पारंपरिक अर्थगर्भ से असंतोष व्यत्तफ़ किया, तो उसमें भी सभ्यता के अधैर्य का व्यापक आधार है। संस्कृति की पूंजी और परंपरामोह ने नई पीढ़ी के आत्मप्रवाह के अर्थ में विकास दंभ की रूपरेखा भी खींची, तो अपनी संपूर्ण विज्ञान सहमति के साथ अभिधा के उपन्यास में बड़े घरों की नई पीढ़ी की जीविका की तलाश है और प्रेम यहाँ धैर्य का प्रतीक बनकर उपस्थित हुआ है।

Buland Awaaz: बुलंद आवाज

by Nand Kishore Yadav

बुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"

BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 6 Samaj Karyakarta Ke liye Manovigyan Ke Multatva – IGNOU: BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खण्ड में मनोविज्ञान की अवधारणा और समाज कार्य व्यवहार में उनका प्रयोग के संबंध में परिचय कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'समाज कार्य व्यवहार में मनोनिज्ञान की प्रासंगिकता' है, जिसमें समाज कार्य व्यवहार में मनोविज्ञान का महत्व और मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाओं का वर्णन किया है। दूसरी इकाई ‘मानव व्यवहार की मूल मनोवैज्ञानिक अवधारणाएँ हमको महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर सूचना उपलब्ध कराती है। तीसरी इकाई 'प्रतिरक्षा तन्त्र' नाम से है जो मानव व्यवहार में इसके प्रयोग को स्पष्ट करती है और प्रतिरक्षा तन्त्र के परिणामों से अवगत कराती है। चौथी इकाई ‘सामान्यता और असामान्यता' से संबंधित है जो मानव जीवन में असामान्य व्यवहार इसके लक्षण और निदान को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसकी पाँचवी और अंतिम इकाई 'सामाजिक मनोविज्ञान की मूलभूत अवधारणाएँ' है, जिसमें सामाजिक समूहों में व्यक्तिगत व्यवहार के संबंध में चर्चा की है।

BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 5 Manav Vruddhi Aur Vikas - IGNOU: BSWE - 001 समाज कार्य परिचय - खंड 5 मानव वृद्धि और विकास -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 5: मानव वृद्धि और विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इसमें व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है। पहली इकाई का विषय व्यक्तित्व विकास है, इसमें आपको व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का परिचय दिया है। दूसरी इकाई "व्यक्तित्व निर्धारण : आनुवंशिकता और पर्यावरण की भूमिका" से संबंधित है। तीसरी इकाई "मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएँ" में मृत्यु की सकल्पना से लेकर व्यक्ति की भौतिकीय मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों की चर्चा की है। चौथी इकाई 'व्यक्तित्व के सिद्धांत" पर आधारित है। इसमें व्यक्तित्व के सिद्धांतों को स्पष्ट किया गया है जिसमें प्रख्यात मनोवैज्ञानिकों और अन्य विद्वानों के सिद्धांतों का अध्ययन किया है। पाँचवीं और अंतिम इकाई "मनोलैंगिक विकासः फ्रायड की अवधारणा" में व्यक्तित्व विकास की आपसी समझ के साथ फ्रायड के सहयोग का विश्लेषण किया है।

BSWE-001 Samaj Karya Parichay - Khand 4 - Samajik Vyavastha Aur Samajik Upavyavsthaen – IGNOU: BSWE-001 समाज कार्य परिचय - खंड 4 - सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 4: सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इस खंड में “सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ में आप समाज के कुछ महत्वपूर्ण घटकों परिवार, वर्ग, जाति, संस्कृति एवं राज्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। ये व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करने में विशेष महत्वपूर्ण हैं। ये व्यक्ति के सामाजिक नियत कर्तव्य तथा उस ढाँचे की, जिसके अन्तर्गत स्त्री या पुरुष अपने निर्णय लेते हैं, और सामाजिक स्थिति से संबंधित अपने विशेषाधिकार तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन भी करते हैं। व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याओं की जड़ें इन्हीं संस्थाओं की कार्य प्रणाली में निहित हैं।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay - Khand 3 Samaj ka Parichay - IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस पाठ्यक्रम में समाज का परिचय दिया गया है। इस खंड में समाज शास्त्र की मूल अवधारणाओं के संबंध में बताया गया है। इस ज्ञान का अनुप्रयोग समाज कार्य प्रणालियों के माध्यम से किया गया है। समाज कार्य के द्वारा इन विषयों से उधार लिया गया ज्ञान रचनात्मक कार्यों में उपयोग किया गया है। पहली इकाई में मूल सामाजिक अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें समाज कार्य व्यवहार में लगातार प्रयोग होने वाली सामाजिक शब्दावली की जानकारी के साथ विषय के संबंध में विस्तार से बताया गया है। दूसरी इकाई में समाज का मूल्यांकनः प्रकृति और विशेषताओं की चर्चा है। तीसरी इकाई में सामाजिक प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। चौथी इकाई में 'सामाजिक परिवर्तन' सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक परिवर्तन में शामिल कारकों का उल्लेख किया गया पाँचवी इकाई सामाजिक नियंत्रण पर है, जो कि सामाजिक नियन्त्रण की अवधारणा से संबद्ध है।

Refine Search

Showing 1,501 through 1,525 of 1,944 results