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Bhartiya Darshan Ki Roop - Rekha- Competitive Exam
by Harendra Prasad Sinhaप्रस्तुत पुस्तक में आध्यात्मिक और दार्शनिक विकास के सभी विषयों को शामिल किया गया है। दर्शन क्या है? भारतीय दर्शन और पश्चिमी दर्शन के स्वरूप की विशेषताएं और तुलनात्मक व्याख्या, उनका विकास, ईश्वर विचार वेदों का दर्शन उनके सिद्धान्त, उपनिषदों का दर्शन उनकी विचारधारा गीता का दर्शन गीता का महत्व ज्ञान, भक्ति, और कर्म योग के विचार को प्रस्तुत किया गया है। योग दर्शन, मीमांसा दर्शन, शंकर का अद्वैतवाद के अन्तर्गत जगत विचार, माया, ब्रह्म विचार, आत्म विचार, भ्रम विचार, शंकर के दर्शन में नैतिकता और धर्म का स्थान रामानुज का विशिष्टाद्वैत दर्शन, जैन और बौद्ध दर्शन के सिद्धान्तों को शामिल किया गया है।इस प्रकार यह पुस्तक सरल भाषा में दर्शन विषयक की समस्त जानकारी प्राप्त कराने में उपयोगी सिद्ध हुर्ह है। जिससे छात्रों में आध्यात्मिक और मानवीय गुणों का विकास हो सके।
Bhartiya Darshan- Competitive Exam
by Vimal Aggarwalप्रस्तुत पुस्तक भारतीय दर्शन की प्रकृति एवं उद्देश्य उनकी मूलभूत विशेषताएँ, महत्व एवं उपयोगिता, धर्म एवं लोक से संबंधित मानव कल्याण की ओर संकेत करता है।, जैन एवं बौ्द्ध दर्शन उनकी शिक्षाएँ, जीव एवं ब्रह्मा में संबंध, ब्रह्म जगत का स्वरूप, आत्मा का स्वरूप, जगत में जीव बन्धन एवं मोक्ष, आदि विषय को केन्द्रित किया है। लेखक ने भारतीय दर्शन में जो विषय चुने है उसकी भाषा सरल एवं विद्यार्थी गण के लिए अर्थपूर्ण है। भारतीय दर्शन की विषय सामग्री और उस पर आधारित प्रश्नों का विभाजन विद्यार्थियों के लिए सही और सरल ढंग से समझने योग्य है इस ढंग से यह पुस्तक और भी उपयोगी सिद्ध होती है।
Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part Two)
by Harikrishna DevsarayChildren's fiction as been very rich since ancient times. The original children's stories that were written in Indian languages in the second half of the twentieth century are selected in this part.
Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part Three)
by Harikrishna DevsarayPart three of the collection of children's stories. The present collection also contains stories from different Indian languages.
Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part One)
by Harikrishna DevsarayA marvelous collection of stories for children with variety of content and topics. The author has tried to make realistic stories, so readers will be find these closer to themselves.
Bhartiya Arthvyavastha - Civil Seva, Vishwavidyalaya Evam Anya Pratiyogi Pariksha Hetu: भारतीय अर्थव्यवस्था - सिविल सेवा, विश्वविद्यालय एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा हेतु
by Ramesh Singhभारतीय अर्थव्यवस्था के 12 वें संशोधित संस्करण को प्रस्तुत करते समय मैक्ग्रॉ–हिल गर्व का अनुभव करता है।यह अधिकाधिक वर्षों से विषय परआधारित विश्लेषणात्मक पुस्तकों के रूप में सर्वाधिक रूप से अनुमोदित की जाती है ,जो एक विषय विशेषज्ञ एवं प्रसिद्ध शिक्षक द्वारा लिखी गयी है। प्रस्तुत पुस्तक को संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिविल सेवा एवं राज्य लोक सेवा आयोगों के द्वारा आयोजित राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के नवीनतम पाठ्यक्रम के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। इसके अंतर्गत नवीन तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ मूलभूत अवधारणाओं को अच्छी तरह समाविष्ट किया गया है जिसका जुड़ाव भारत के सन्दर्भ में अद्यतन विकास से है । प्रस्तुत पुस्तक में पूर्णतया नवीनता एवं संशोधन और परिवर्द्धन के समय जिन अन्य रचित ग्रंथों का सहारा लिया गया है, वे हैं : भारत 2020, आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20; संघीय बजट 2020-21, भारत विकास रिपोर्ट 2017 (अद्यतन ) तथा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित डाक्यूमेंट्स एवं रिपोर्ट्स इत्यादि ताकि अभ्यर्थियों को एक हीं पुस्तक में उन सभी पहलुओं का समाधान मिल जाये । आर्थिक क्षेत्र में हो रहे निरंतर बदलाव को इस 12 वें संशोधित संस्करण में लेखक के द्वारा अतिरिक्त संसाधन के रूप में लिंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जानी है , जो इस संस्करण की नवीन प्रस्तुति है। प्रमुख विशेषताऐं: 1. नए मुद्दों को शामिल करते हुए मुद्रास्फीति, कृषि ,उद्योग, अवसंरचना और सेवा वाले अध्याय में काफी हद तक संशोधन 2. अद्यतन मानव विकास रिपोर्ट 2019 को शामिल करते हुए भारत में विकसन अर्थशास्त्र ,आर्थिक सुधार , मानव विकास वाले अध्याय में संशोधन एवं नवीनीकरण 3. हाल ही में हुए सरकारी परिवर्तनों के साथ वित्तीय क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव किया गया है 4. कुछ नए तथ्यों को समाहित करते हुए कर और बजट वाले खंड में पूर्णतया संशोधन और नयापन लाने का प्रयास किया गया है 5. ज्वलंत सामाजिक - आर्थिक मुद्दे नामक अध्याय में कोविड -19 का आर्थिक प्रभाव पर विशेष विवेचन कर इसे अद्यतन एवं पूर्ण संशोधन करने का प्रयास किया गया है।
Bhartiya Arthvyastha: भारतीय अर्थव्यवस्था
by संजीव वर्मायूपीएससी पाठ्यक्रम के नए पैटर्न के आधार पर पूरी तरह से संशोधित और अद्यतन संस्करण - अब 4 व्यापक खंडों में संरचित- ए। घरेलू अर्थव्यवस्था, बी। बाहरी क्षेत्र- बाहर की ओर, सी। ग्लोबल इकोनॉमी और आउटलुक और डी। इंडियन इकोनॉमी रिविजिटेड, आउटलुक और चुनौतियां। पुस्तक आर्थिक मुद्दे को महान वैचारिक स्पष्टता के साथ रेखांकित करने और आवेदन के हिस्से में लाने और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता का प्रयास है। नई पीढ़ी के छात्रों को अर्थव्यवस्था को सही परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास। निम्नलिखित अध्यायों में अर्थव्यवस्था में भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही नई अवधारणाओं, नीतियों और कार्यान्वयन को अद्यतन करने और जोड़ने के दौरान सीखने की आसानी को ध्यान में रखा गया है: 1. मुख्य विशेषताएं: नया भारत 2. गरीबी और सामाजिक क्षेत्र 3. सरकार फाइनेंसिंग और बैंकिंग 4. विदेश व्यापार नीति ... कुछ का नाम दिया जाना है निम्नलिखित वर्गों को नए संस्करण में डाला गया है: 1. भारतीय अर्थव्यवस्था तारकीय प्रदर्शन 2. भारत की अर्थव्यवस्था भर में फैले JAM 3. माल और सेवा कर: एक प्रगतिशील कर व्यवस्था 4 निति आयोग: द प्रीमियर पॉलिसी थिंक टैंक 5. स्टार्टअप इंडिया: विंग्स टू द स्काई ऊपर 6. डिमॉनेटाइजेशन पॉलिसी: काले धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ही समय में अवधारणा (ओं) को सीखने और समझने की सुविधा के लिए आरेखों के साथ समृद्ध किया गया है।
Bhartiya Arthavyavstha Ka Vikas class 11 - NCERT: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में चार इकाई दी गई है। पहले इकाई के दो अध्यायों के द्वारा हम स्वतंत्रता पूर्व से लेकर नियोजित विकास के चार दशकों तक के भारत द्वारा चुने गये पथ का समग्र रूप से अवलोकन करेंगे। दूसरे इकाई में इस इकाई में सुधारों की प्रक्रिया तथा भारत के संदर्भ में उनके प्रयोग का मूल्यांकन किया गया है। तिसरे इकाई हम विकास के निहितार्थों को भी अपने पर्यावरण तथा धारणीय विकास की मांग के संदर्भ में देखेंगे। इन मुद्दों को सुलझाने के क्रम में सरकार की नीतियों का आलोचनात्मक आकलन किए जाने की ज़रूरत है, जिस पर इस इकाई में अलग से चर्चा की गई है। चौथे इकाई में इकाई में हम भारत के विकास अनुभवों की तुलना इसके दो महत्त्वपूर्ण और निर्णायक पड़ोसियों- पाकिस्तान और चीन से करेंगे।
Bhartiy Itihaas Main Mahilayen M.A. SEM-II Ranchi University, N.P.U: भारतीय इतिहास में महिलाएँ एम.ए. सेमीस्टर-II राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by K. L. Khurana S. S. Chauhanप्रस्तुत पुस्तक भारतीय इतिहास में महिलाएँ, डॉ. के. एल. खुराना और डॉ. एस. एस. चौहान द्वारा लिखित है, जो लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में बीस अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पुरुषों की तुलना में भारत में महिलाओं की संख्या कदाचित् कम नहीं है, इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी महिलाओंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है । समाज व देश के आदर्शों और उच्चतम मूल्यों का संरक्षण भी उन्होंने अत्यन्त सफलतापूर्वक किया है । उनके ही उदार दृष्टिकोण के कारण सामाजिक परम्पराएँ एवं मान्यताएँ जीवित हैं । महिलाओं के त्याग, प्रयास और ज्ञान के कारण विद्वानों की यह मान्यता है, कि समाज की वस्तुस्थिति और उसके स्तर की जानकारी, समाज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति से जानी व समझी जा सकती है। इस किताब में उन्हीं भारतीय महिलाओं के इतिहास बारे में बताया गया है।
Bhartendu Harishchandra
by Madan GopalBhartendu Harischandra tried to make the Desi language more popular in India. He had lots to give to Hindi journalism and literature. The writer has presented an invaluable study on this literary giant.
Bharteeya Darshan -Competitive Exam
by Shobha Nigamभारतीय दर्शन मानवीय ज्ञान में वृद्धि करता है। भारत में दार्शनिक चिन्तन की परम्परा, वैदिक एवं उपनिषद दर्शन, भगवद्गीता का दर्शन, चार्वाक दर्शन जैन तथा बौद्ध दर्शन, सांख्य दर्शन, योग दर्शन, न्याय दर्शन आदि विषय को शामिल किया गया है। वैसे तो भारतीय दर्शन की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई किन्तु प्रस्तुत पुस्तक भारतीय दर्शन विद्यार्थियों के लिए बहुत ही सरल भाषा में लिखी गयी है। यदि विद्यार्थी इसमें रूचि लेते है तो आसानी से समझ लेते है।
Bharatiya Samaj class 12 - NCERT - 23: भारतीय समाज १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय समाज कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक का मूल उद्देश्य है राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2005 के नए मार्गदर्शक सिद्धांतों को क्रियान्वित करना। पाठ्यपुस्तक मे कुछ सुस्पष्ट उदाहरण अध्याय 3, 5 और 6 में हैं जिनमें जाति व अन्य प्रकार की विषमताओं व अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित विषयों का जिक्र है। गतिविधियाँ इस पाठ्यपुस्तक का अभिन्न अंग हैं; इन्हें सुविचारित व योजनाबद्ध तरीके से विषयवस्तु में सम्मिलित किया गया है। 'अभ्यास' पुस्तक में दिए गए किसी खास उद्धरण अथवा तालिका पर आधारित हैं, और इनमें छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे सटीक सवालों के सटीक जवाब दें।
Bharatiya Samaj class 12 - NCERT: भारतीय समाज कक्षा 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय समाज कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक का मूल उद्देश्य है राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2005 के नए मार्गदर्शक सिद्धांतों को क्रियान्वित करना । पाठ्यपुस्तक मे कुछ सुस्पष्ट उदाहरण अध्याय 3, 5 और 6 में हैं जिनमें जाति व अन्य प्रकार की विषमताओं व अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित विषयों का जिक्र है । गतिविधियाँ इस पाठ्यपुस्तक का अभिन्न अंग हैं; इन्हें सुविचारित व योजनाबद्ध तरीके से विषयवस्तु में सम्मिलित किया गया है । 'अभ्यास' पुस्तक में दिए गए किसी खास उद्धरण अथवा तालिका पर आधारित हैं, और इनमें छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे सटीक सवालों के सटीक जवाब दें ।
Bharatiya Kala Ka Parichay Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: भारतीय कला का परिचय भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadउन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय विद्वानों के सहयोग से कुछ ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों ने भारत के अतीत का अध्ययन करने में सक्रिय रुचि ली। इसके साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में स्थापत्य स्मारकों, मूर्तियों और चित्रों का एक सुव्यवस्थित या क्रमवार अध्ययन शुरू हुआ। धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के साथ, धर्म के इतिहास का अध्ययन भी किया गया और मूर्तियों और चित्रों की पहचान शुरू की गई, जो प्रारंभिक छात्रवृत्ति का एक प्रमुख क्षेत्र बन गया। कक्षा 11 और 12 के लिए पाठ्यपुस्तकों की इस श्रृंखला में, कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तक शुरुआत से मध्ययुगीन काल तक के विभिन्न दृश्य कला रूपों का परिचय देती है, जैसे- भित्ति चित्र, चित्रकला, मूर्तियाँ, वास्तुकला आदि। कक्षा 12 की इस पाठ्यपुस्तक में मध्ययुगीन और आधुनिक काल के दौरान भारत में चित्रकला परंपराओं के विकास पर अध्याय शामिल हैं। उच्चतर माध्यमिक स्तर की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय कला में विकास की समझ विकसित करने के लिए पाठ्यपुस्तक कुछ उदाहरणों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इस पाठ्यपुस्तक में आठ अध्याय हैं और प्रत्येक अध्याय एक विशेष शैली या चित्रकला के समयकाल और अन्य दृश्य कलाओं की चर्चा से संबंधित है।
Bharatiya Kala Ka Parichay Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: भारतीय कला का परिचय भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकला के इतिहास का अध्ययन व्यापक प्रलेखन तथा उत्खनन कार्यों के आधार पर विकसित हुआ है इसलिए कलात्मक वस्तुओं का वर्णन इस विषय के अध्ययन का प्रमुख आधार बन गया है। बीसवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में ऐसे बहुत ही कम उल्लेखनीय अध्ययन किए गए, जहां चिंतन का विषय साधारण वर्णन से आगे बढ़ा हो और अध्ययनकर्ताओं ने वर्णन के अलावा कुछ और भी विवेचन किया हो। अनेक स्मारकों, मूर्तियों और शैलियों का नामकरण तत्कालीन राजवंशों के आधार पर किया गया, जैसे- मौर्य कला या मौर्य कालीन कला, सातवाहन कला, गुप्त कालीन कला आदि। इसके अलावा, कुछ कलाकृतियों के काल का नामकरण धार्मिक आधार पर भी किया गया, जैसे- बौद्ध काल, हिंदू काल और इस्लामिक या मुस्लिम काल। लेकिन इस तरह निर्धारित किए गए नाम, कला की परंपराओं को समझने के लिए उपयोगी नहीं हैं। मध्य युगीन कला और वास्तु संबंधी स्मारकों को अनेकों रूपों में राजवंशों का संरक्षण मिला, लेकिन इससे पहले के ऐतिहासिक काल को भी राजवंशों के नामों से जोड़ दिया गया और वे आज भी प्रचलित हैं। तथापि प्रस्तुत पुस्तक में मानक परंपरागत विवरणात्मक लेखन से परे हटकर कला तथा पुरातत्त्वीय स्मारकों के अपेक्षाकृत अधिक व्यापक विकास का अध्ययन किया गया है और यह बताने का प्रयास किया गया है कि उनके विकास की शैलियाँ क्या थीं और सामाजिक तथा राजनीतिक संबंध कैसे और किसके साथ थे। इस प्रकार यह पाठ्यपुस्तक भारतीय कला के इतिहास के अध्ययन का एक विनम्र प्रयास है।
Bharatiya Itihas Ke Kuch Vishay Bhag-3 class 12 - NCERT - 23: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग-३ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 3 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।
Bharatiya Itihas Ke Kuch Vishay Bhag 3 class 12 - NCERT: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 3 12वी कक्षा - एन.सी.ई.आर.टी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 3 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।
Bharatiya Itihas Ke Kuch Vishay Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 2 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।
Bharatiya Itihas Ke Kuch Vishay Bhag 2 class 12 - NCERT: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 2 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 2 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है, यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।
Bharatiya Itihas Ke Kuch Vishay Bhag-1 class 12 - NCERT - 23: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग-१ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में ऐतिहासिक काल के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृती, उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति, धार्मिक जीवन, रीति-रिवाज, अर्थव्यवस्थाओं के विषय और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में बताया गया है।
Bharatiya Hastakala Ki Paramparayen class 12 - NCERT: भारतीय हस्तकला की परंपराएँ 12वीं कक्षा
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय हस्तकला की परंपराएँ कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में भारत की विरासत हस्तकला एक ऐसा क्षेत्र गठित करती है, जो शिल्प के संदर्भ में सौंदर्य बोध और उत्पादक अधिगम्यता की खोज में एक अनोखा स्थान बनाती है । वर्तमान पुस्तक भारत की जीवंत हस्तकला परंपरा के विशेष अध्ययन की ओर शिक्षा का एक नया आयाम प्रदान करती है, जो पृष्ठभूमि के ज्ञान के साथ कार्यक्षेत्र अध्ययन को जोड़ने और शिल्पकारों तथा उनके शिल्प अनुभवों पर केंद्रित होगा ।
Bharatiya Arthavyavstha Ka Vikas class 11 - RBSE Board: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer'भारतीय आर्थिक विकास' पर इस पुस्तक की रचना का मुख्य ध्येय पाठक को भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष मुख्य समस्याओं और मुद्दों से परिचित कराना है। इसी प्रक्रिया में नव युवाओं को इन विषयों के प्रति संवेदनशील बनाने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न आर्थिक क्रियाओं में सरकार की भूमिका की समालोचना कर पाने में सक्षम बनाना भी है। यह पुस्तक देश के आर्थिक संसाधनों और विभिन्न क्षेत्रकों में उनके प्रयोग के विषय में भी जानकारी प्रदान कर रही है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों से जुड़े आँकड़ों द्वारा परिमाणात्मक जानकारी के साथ-साथ देश की आर्थिक नीतियों की भी एक झलक इसमें समाहित है। इन सबके आधार पर आशा की जा रही है कि पाठक अपनी विश्लेषण क्षमताओं को विकसित कर आर्थिक घटनाक्रम को समझने और भारत के आर्थिक भविष्य के विषय में अपना एक दृष्टिकोण विकसित कर पाने में सफल होंगे। फिर भी, हमारा प्रयास रहा है कि पाठक पर अवधारणाओं ओर आँकड़ों का अधिक बोझ न होने पाए।
Bharatiya Arthavyavstha Ka Vikas class 11 - NCERT - 23: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में चार इकाई दी गई है। पहले इकाई के दो अध्यायों के द्वारा हम स्वतंत्रता पूर्व से लेकर नियोजित विकास के चार दशकों तक के भारत द्वारा चुने गये पथ का समग्र रूप से अवलोकन करेंगे। दूसरे इकाई में इस इकाई में सुधारों की प्रक्रिया तथा भारत के संदर्भ में उनके प्रयोग का मूल्यांकन किया गया है। तिसरे इकाई हम विकास के निहितार्थों को भी अपने पर्यावरण तथा धारणीय विकास की मांग के संदर्भ में देखेंगे। इन मुद्दों को सुलझाने के क्रम में सरकार की नीतियों का आलोचनात्मक आकलन किए जाने की ज़रूरत है, जिस पर इस इकाई में अलग से चर्चा की गई है। चौथे इकाई में इकाई में हम भारत के विकास अनुभवों की तुलना इसके दो महत्त्वपूर्ण और निर्णायक पड़ोसियों- पाकिस्तान और चीन से करेंगे।
Bharatiy Kala Ka Parichay Bhag 1 class 11 - NCERT: भारतीय कला का परिचय भाग 1 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय कला का परिचय भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक के आठ अध्याय एकक हैं। प्रस्तुत पुस्तक में मानक परंपरागत विवरणात्मक लेखन से परे हटकर कला तथा पुरातत्वीय स्मारकों के अपेक्षाकृत अधिक व्यापक विकास का अध्ययन किया गया है और यह बताने का प्रयास किया गया है कि उनके विकास की शैलियाँ क्या थीं और सामाजिक तथा राजनीतिक संबंध कैसे और किसके साथ थे। इस प्रकार यह पाठ्यपुस्तक भारतीय कला के इतिहास के अध्ययन का एक विनम्न प्रयास है।
Bharateey itihaas ke kuch vishay Bhag 1 Class 12 NCERT: भारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एनसीईआरटी.
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadभारतीय इतिहास के कुछ विषय भाग 1 कक्षा 12वी एन.सी.ई.आर.टी. यह पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में ऐतिहासिक काल के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में हड़प्पा संस्कृती, उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति, धार्मिक जीवन, रीति-रिवाज, अर्थव्यवस्थाओं के विषय और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में बताया गया है।