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Yojana November 2023: योजना नवम्बर २०२३

by Yojana

योजना नवम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में जी20: पृथ्वी, लोग, शांति और समृद्धि के लिए और भारत का बढ़ता प्रभाव: जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत को विश्व मंच पर स्थापित किया आदि प्रमुख बिंदु हैं।

Yojana October 2023: योजना अक्टूबर 2023

by Yojana

योजना अक्टूबर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आधारभूत संरचना हैं।

Yun Hi Nahin Ban Jata Koi Elon Musk: यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क

by Parag Mahajan

एलन मस्क के नाम से आज कौन परिचित नहीं है! दुनिया के सफल व सबसे धनी उद्यमियों की सूची, जिसमें बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे लोगों के नाम शामिल हैं, बिना एलन मस्क के पूर्ण नहीं हो सकती। व्यवसाय की दुनिया में सफलता की चाह रखनेवाली आज की युवा पीढ़ी के लिए एलन मस्क आदर्श हैं। क्या आप भी एलन मस्क के जैसे सफल व धनी उद्यमियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं? उनकी सफलता के गूढ़ रहस्यों को जानना, उन्हें जीवन में अपनाना चाहते हैं? उनकी कार्यशैली/ नीतियों व विचारों का उपयोग करके किस तरह आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं, यह पुस्तक यही बताती है। ‘यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क’ पुस्तक में आप सफल उद्यमियों व लीडरों के उन गुप्त भेदों को जानेंगे, जिन्हें अपनाकर आपका नाम भी सबकी जुबान पर सफलता का पर्याय बन जाएगा। उनके चरित्र की विशेषताएँ व आदतें और भी बहुत से ऐसे अध्याय पढ़ने को मिलेंगे जो सफलता की आवश्यक शर्त हैं। उभरते उद्यमियों, व्यवसायियों व विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त प्रस्तुत पुस्तक में पेशे से इंजीनियर मस्क की सफलता को उनकी पृष्ठभूमि, शुरुआती कॅरियर, असफलताओं व नौकरी से निकाले जाने के साथ-साथ उनके उन विचारों, जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुँचाया, के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है, जो हर पाठक-वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है।

Aage Badhata Kadam Bhag-3 class 10 - Himachal Pradesh Board: आगे बढ़ता कदम भाग-३ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

आपके जीवन के इस पड़ाव पर, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आपको भावी "आपदा प्रबंधकों" के रूप में तैयार करना चाहता है, ताकि आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास विशेषज्ञों की बेहतर टीमें उपलब्ध हों। पुस्तक का प्रारम्भ सूनामी पर एक विशेष अध्याय से किया गया है। इस अध्याय में यह बताया गया है कि सूनामी लहरें क्या होती हैं और उनके प्रभाव से अपनी रक्षा के लिए कौन-कौन से संभावित कदम उठाए जा सकते हैं। इस पुस्तक में विद्यार्थियों को जीवन रक्षा के विभिन्न कौशलों के बारे में व्यावहारिक अनुभव से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। कोई आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर इस अनुभव के आधार पर अनेकों बेशकिमती जानें बचाई जा सकती हैं। इस पुस्तक में उन विभिन्न वैकाल्पिक संचार प्रणालियों के बारे में भी चर्चा की गई है जिनका प्रयोग आपदा के समय मौजूदा संसार प्रणाली के विफल होने पर किया जा सकता है। सुरक्षित निर्माण की कार्य पद्धतियों को अपनाना और अपनी मौजूदा इमारतों को सुदृढ़ करना जरूरी है। हम आपको यकीन दिलाना चाहेंगे कि समुदाय की सुरक्षा के इस पावन कार्य में आप अकेले नहीं है। अध्याय छह में उन अनेकों सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बारे में बताया गया है जिनकी, आपदाओं के प्रबंधन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर आपकी सहायता कर सकती हैं। उनके बारे में सही जानकारी होने से यह लाभ होगा कि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता लेने में आपको आसानी होगी। अतएव अपने प्रियजनों की सुरक्षा के बारे में विचार करके योजना बनाने के लिए यह सही समय है। अध्याय 7 में कुछेक ऐसे उपायों के बारे में चर्चा की गई है जिनको ध्यान में रखकर ही कोई योजना बनाई जानी चाहिए।

Aapda Prabandhan Bhag-2 class 9 - Himachal Pradesh Board: आपदा प्रबंधन भाग-२ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए " पदा प्रबंधन भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। अब हम यह सीखेंगे कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम कैसे करें जिससे कि उनका प्रभाव समुदायों पर कम हो तथा संकट को आपदा बनने की संभावना से रोका जा सके। समुदाय एक दल के रूप में कैसे काम कर सकते हैं और सक्षम आपदा प्रबंधक बन सकते हैं (समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन)। यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आपदा की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने वालों में समुदाय सबसे आगे आता है। आगे हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हम विद्यालयों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं कैसे तैयार करें तथा जवाबी कार्रवाई के कौशल के लिए स्वयं को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि संकट के समय हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। अंततः विद्यार्थी तथा अध्यापक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने परिवार तथा पड़ोसियों को सजग एवं शिक्षित करें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकें।

Aaroh Bhag-2 Class 12 - NCERT - 23: आरोह भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आरोह भाग 2 12वीं कक्षा 12 के लिए हिंदी (आधार) की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।

Aas-Pass class 3 - NCERT - 23: आस-पास ३री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ३री कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।

Aas-Pass class 4 - NCERT - 23: आस-पास ४थीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ४थी कक्षा पुस्तक में विषय-वस्तु बाल-केंद्रित रखी गई है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने का अवसर मिले। पाठ्यपुस्तक में यह प्रयास किया गया है कि रटने की प्रवृत्ति कम हो। अतः परिभाषाएँ, वर्णन, अमूर्त्त प्रत्यय आदि को स्थान नहीं दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में जानकारी देना बहुत ही सरल कार्य है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौका दिया जाए, जिससे वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुकता को बढ़ा सकें, करके सीखें, प्रश्न करें तथा प्रयोग कर सकें। बच्चे पाठ्यपुस्तक से खुशी-खुशी जुड़े, इसके लिए पाठों का प्रस्तुतीकरण विविध तरीकों से किया गया है, जैसे- किस्से-कहानियाँ, संवाद, कविताएँ, पहेलियाँ, हास्य खंड, नाटक, क्रियाकलाप आदि। बच्चों में कुछ बातों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अकसर किस्से-कहानियों का इस्तेमाल महत्त्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि बच्चे कहानी के पात्रों से अपने को आसानी से जोड़ सकते हैं। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा भी ‘औपचारिक’ नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है।

Aas-Pass class 5 - NCERT - 23: आस-पास ५वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आस-पास ५वीं कक्षा का यह पाठ्यपुस्तक बाल-केंद्रित है, जिससे बच्चों को स्वयं खोजकर पता करने के अवसर मिलें, और वे रटने की मज़बूरी से बचें। अतः परिभाषाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया है और मात्र जानकारी देने की अपेक्षा नहीं है। वास्तविक चुनौती है कि बच्चों को मौके दिए जाएँ कि वे अपने विचार प्रकट करें, उत्सुक बनें, करके देखें और सीखें, प्रश्न पूछें तथा प्रयोग करें। पुस्तक की भाषा 'औपचारिक' नहीं है, बल्कि बच्चों की बोल-चाल की भाषा है। बच्चे किताब के पृष्ठ को समेकित रूप से 'पढ़ते हैं, उसमें दिए शब्दों, चित्रों आदि को अलग-अलग नहीं देखते हैं। इस पुस्तक पृष्ठों को भी उसी नज़र से बनाया गया है और बच्चे इनका इस्तेमाल भी उसी समेकित तरह से करें। पाठ्यपुस्तक को ज्ञान का एकमात्र स्रोत न माना जाए, बल्कि बच्चों को स्वयं ज्ञान रचने में वह एक सहायक भूमिका निभाए, ताकि वे अपने आसपास के लोगों से, परिवेश से और समाचारपत्रों से भी सीखें।

Agnirathi Niyam aur Dand: अग्निरथी: नियम और दण्ड

by Akash Pathak

अग्निरथी: नियम और दण्ड लेखक – आकाश पाठक नियमों के विरुद्ध मंत्र विद्या का प्रयोग करने के कारण कौस्तुभ को मिला है दंड। क्या एक अंतहीन मार्ग पर खड़ा कौस्तुभ अपने जीवन को एक नई दिशा दे पायेगा? वर्षाणों के आक्रमण से एक बार पुनः रक्तरंजित हो चुकी है उत्तराँचल की भूमि। अपने अतीत से जूझता अरिदमन क्या इन दुर्दांत हत्यारों को रोक पायेगा? विशाल मरुस्थल के गर्भ से निकला एक प्राचीन रहस्य जो एकद्वीप के वर्तमान और भविष्य पर है संकट। मरुभूमि में शिक्षा प्राप्त कर रहा शिखी किस प्रकार जुड़ा है इस रहस्य से? छल, क्रोध, माया, प्रेम और साहस से भरी अविस्मरणीय गाथा ‘सव्यसाची: छल और युद्ध’ का दूसरा भाग!

Anant aur Rakshkatha: अनंत और रक्षकथा

by Hitesh Gangrade

शैतानी बादल... मंगल के देव... शक्तिशाली दैवीय धनुष... और बीस फीट ऊँचे दानवों से, उन्नीस वर्षों तक अनजान रहने वाला सीधा-साधा, सामान्य-सा युवक 'लक्ष्य', जो समस्त मानवजाति के लिये तब उम्मीद बन जाता है, जब उसका सामना होता है एक ऐसे युद्ध से, जिसका वह कभी हिस्सा न बनता, यदि रामायण काल के शक्तिशाली राक्षस का रहस्य उसके सामने न आता। उन्नीसवें जन्मदिन पर अपनी दोस्त मेघा को खोने के बाद अकस्मात घटने वाली घटनाओं की श्रृंखला से उसका जीवन बदल जाता है। अपने पिता और दोस्तों के सहयोग और महाशक्तिशाली अनंत के मार्गदर्शन से लक्ष्य को तय करना है समस्त मानवजाति का भविष्य।

Andheron Ka Aadhar: अंधेरों का आधार

by Dr Ghanshyam Asudani

"अंधेरों का आधार" 15 हिंदी लघु कथाओं का संग्रह है। पुस्तक "विकलांगता प्रवचन" की उभरती हुई साहित्यिक शैली की आकाशगंगा में नवीनतम सितारा है। कहानियां पारिवारिक जीवन, प्रेम संबंध, रोजगार, समाज द्वारा उपेक्षा, आर्थिक समस्याओं आदि सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं पर दृष्टिबाधित जीवन का गहराई से विश्लेषण करती हैं। लेखक ने वर्तमान परिदृश्य में दृष्टिबाधित व्यक्ति के जीवन का एक व्यापक चित्र प्रस्तुत किया है। उच्च साहित्यिक मूल्य होने के साथ-साथ यह पुस्तक "विकलांगता प्रवचन" शोध के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी संसाधन है।

Antra Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: अंतरा भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतरा भाग 1 कक्षा 11 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने प्रकाशित किया गया है। यह पाठ्यपुस्तक 11वीं कक्षा में ऐच्छिक हिंदी पढ़नेवाले विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है। इसमें साहित्य की विविध विधाओं संबंधी नौ गद्य रचनाएँ तथा दस कवियों की कविताएँ संकलित हैं। पाठों का चयन इस प्रकार किया गया है कि रचनाओं के माध्यम से हिंदी गद्य और कविता का विकास-क्रम रेखांकित किया जा सके। साथ ही बदलते हुए सामाजिक भावबोध को भी इन रचनाओं के माध्यम से देखा जा सकता है।

Antra Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: अंतरा भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतरा भाग 2 12वीं कक्षा के लिए हिंदी (ऐच्छिक) की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में दो खंडों में विभक्त है (काव्य और गद्य)। कविता खंड में ग्यारह कवियों की रचनाओं को शामिल किया गया है। पाठ्यपुस्तक में कविता खंड विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिरुचि, सौंदर्य बोध और सराहना का भाव विकसित हो। पाठ्यपुस्तक में पाठों का क्रम भाषा, शिल्प और शैली के आधार पर सरल से कठिन की ओर निर्धारित किया गया है। गद्यखंड में हिंदी की विभिन्न गद्य विधाओं का प्रतिनिधित्व है, जिनमें निबंध, कहानी तथा आलोचनात्मक निबंध है और प्रमुख गद्य विधाओं के अंतर्गत आत्मकथा, संस्मरण और यात्रावृत्तांत हैं गद्यखंड में कुल दस पाठ रखे गए हैं, जिन्हें हिंदी के मूर्धन्य गद्यकारों ने रचा है। गद्य पाठों का क्रम भी सरल से कठिन की ओर ही रखा गया है।

Antral Bhag 1 class 11 - NCERT - 23: अंतराल भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतराल भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो पाठ हैं - सुविख्यात चित्रकार मकबूल फ़ि‌दा हुसैन की आत्मकथा ‘हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी’ के दो छोटे अंश तथा विष्णु प्रभाकर द्वारा रचित शरतचंद्र के जीवन पर आधारित जीवनी ‘आवारा मसीहा’ का प्रथम पर्व ‘दिशाहारा’। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Antral Bhag 2 class 12 - NCERT - 23: अंतराल भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अंतराल भाग 2 कक्षा 12 के लिए हिंदी (ऐच्छिक) की पूरक पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में चार पाठ संकलित हैं उन चारों के चयन के पीछे उनकी साहित्यिकता का स्तर तो निर्णायक है ही, यह बात भी महत्त्वपूर्ण है कि इन सब से भारत के अलग-अलग अंचलों की जीवन पद्धति और संबंधित भौगोलिक क्षेत्र की समस्याओं तथा जनजीवन की विशिष्टताओं पर प्रचुर प्रकाश पड़ता है। पाठों के अंत में शब्दार्थ और टिप्पणी के साथ-साथ प्रश्न-अभ्यास एवं योग्यता-विस्तार दिए गए हैं। पुस्तक के अंत में रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Arthashastra Mein Sankhyiki class 11 - NCERT - 23: अर्थशास्त्र में सांख्यिकी ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल आठ पाठ हैं, साथ ही साथ परिशिष्ट का भाग भी किताब के अंत में दिया है। अर्थशास्त्र में व्यक्ति और समाज अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तथा समाज के विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपभोग हेतु वितरित करने के लिए इसका चुनाव कैसे करे कि वैकल्पिक प्रयोग वाले अल्प संसाधनों का प्रयोग विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में हो सके, यह अर्थशास्त्र में अध्ययन किया है।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - Himachal Pradesh Board: आर्थिक विकास की समझ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "आर्थिक विकास की समझ" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में पूछे गए प्रश्न रटने को बढ़ावा देने वाली मूल्यांकन प्रणाली से हटकर पाठकों की रचनात्मक सोच, कल्पनाशीलता, प्रत्युत्तर और विश्लेषण क्षमता को धारदार बनाने वाली प्रणाली अपनायी गई है। यहाँ दिए गए उदाहरणों के आधार पर शिक्षक अतिरिक्त प्रश्नों को भी तैयार कर सकते हैं। इस पुस्तक को तैयार करते समय हमने अनेक संदर्भ सामग्रियों का उपयोग किया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की अनेक कतरनों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की रिपोर्टों का भी उपयोग किया है। इनमें से कुछ का उल्लेख शिक्षक के लिए निर्देश में किया गया है और कुछ पुस्तक के अन्त में सुझावित पाठ्य-सामग्रियों में दिए गए हैं।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - NCERT - 23: आर्थिक विकास की समझ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आर्थिक विकास की समझ कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – इस पुस्तक में सर्वप्रथम देश में विकास की शुरुआत को अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रकों-कृषि, विनिर्माण और सेवा के उदय के रूप में देखते हैं । आर्थिक विकास को पृथक रूप में नहीं, बल्कि मानव-विकास की सामान्य अवधारणा, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को व्यापक रूप से परिभाषित करनेवाले (आय सहित) अन्य संकेतकों को भी शामिल किया है, के अंग के रूप में देखने की कोशिश की है । पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Bal Mahabharat Katha class 7 - NCERT - 23: बाल महाभारत कथा ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल महाभारत कथा चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की महाभारत कथा का संक्षिप्त रूप कक्षा 7 के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक - महाभारत की कथा महर्षि पराशर के कीर्तिमान पुत्र वेद व्यास की देन है। व्यास जी ने महाभारत की यह कथा सबसे पहले अपने पुत्र शुकदेव को कंठस्थ कराई थी और बाद में अपने दूसरे शिष्यों को । मानव-जाति में महाभारत की कथा का प्रसार महर्षि वैशंपायन के द्वारा हुआ। वैशंपायन व्यास जी के प्रमुख शिष्य थे। ऐसा माना जाता है कि महाराजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया। इस महायज्ञ में सुप्रसिद्ध पौराणिक सूत जी भी मौजूद थे। सूत जी ने समस्त ऋषियों की एक सभा बुलाई। महर्षि शौनक इस सभा के अध्यक्ष हुए। एन. सी. ई. आर. टी. इस पुस्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृतज्ञता व्यक्त करती है।

Bal Ram Katha class 6 - NCERT - 23: बाल राम कथा ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

बाल राम कथा के अध्यायों में भगवान राम के जीवन में घटित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिसमें उनके वन निष्कासन से लेकर रावण के साथ युद्ध और अयोध्या में उनके राज्याभिषेक तक शामिल हैं। छात्र इन महत्वपूर्ण प्रश्नों से भगवान राम के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न और उत्तर उन्हें अध्यायों की गहरी और अधिक विस्तृत समझ प्रदान करते हैं। वे प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं और अपनी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा दे सकते हैं। चूंकि बाल राम कथा पुस्तक में 12 अध्याय हैं, इसलिए छात्रों के लिए सभी अध्यायों पर समान ध्यान देना महत्वपूर्ण है। वेदांतु के महत्वपूर्ण प्रश्न छात्रों को पूरी किताब को बार-बार पढ़े बिना अभ्यास करने की अनुमति देकर मदद करते हैं। वे अपनी अंतिम परीक्षाओं में आमतौर पर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों का पता लगाने के लिए प्रश्नों का अध्ययन भी कर सकते हैं। जब परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने की बात आती है तो यह कुछ ऐसा है जो उन्हें बहुत मदद करेगा।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत और समकालीन विश्व भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में दो खंड है, खंड 1 में कुछ ऐसी घटनाओं और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है जो आधुनिक विश्व को समझने की दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। खंड 2 में नाटकीय घटनाओं पर दृष्टिपात करते हुए हम लोगों के जीवन की सामान्य बातों - उनकी आर्थिक गतिविधियों और आजीविका के स्वरूप - तक जाएंगे। इस हिस्से में आप देखेंगे कि जनजातीय समुदायों और चरवाहों के लिए समकालीन विश्व का क्या मतलब रहा है; उन्होंने इन बदलावों का सामना किस तरह किया और उन्हें किस तरह प्रभावित किया। अगले साल आप औद्योगीकरण और शहरीकरण, पूँजीवाद और उपनिवेशाद के बारे में और विस्तार से जानेंगे।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - Himachal Pradesh Board: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "सामाजिक विज्ञान भारत और समकालीन विश्व-2" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। इस पुस्तक के पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। यहाँ किस तरह यूरोप में राष्ट्रवाद का विचार उपजा, किस तरह भूभागों को एकजुट किया गया और राष्ट्रीय सरकारें बनाई गईं। यह दशकों तक चलने वाली प्रक्रिया थी जिसमें बहुत सारे युद्ध और क्रांतियाँ हुई, बहुत सारे वैचारिक संघर्ष और राजनीतिक टकराव हुए। यूरोप की चर्चा (अध्याय 1) से हम अपना ध्यान भारत (अध्याय 2) में राष्ट्रवाद के विकास पर केंद्रित करेंगे, जहाँ राष्ट्रवाद का स्वरूप उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों से तय हुआ था। खंड 2 में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं जिसमें हम रहते हैं। इस साल हम उन घटनाओं पर विचार करेंगे जिन्हें आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है- वैश्वीकरण और औद्योगीकरण। इस भाग में हम इन बदलावों के इतिहास के विविध आयामों की पड़ताल करेंगे। अध्याय 4 में आप देखेंगे कि किस तरह भूमंडलीकृत विश्व एक लंबे और जटिल इतिहास से उपजा है। प्राचीन काल से ही तीर्थयात्री, व्यापारी, मुसाफिर अपने साथ सामानों, जानकारियों और दक्षताओं को लिए दूर-दूर तक जाते रहे हैं। खंड 3 में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी। अध्याय 5 में इस बात पर विचार किया गया है कि किस तरह समकालीन दुनिया का इतिहास छपाई तकनीक के विकास के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा रहा है। वहाँ आप देखेंगे कि छपाई ने सूचनाओं और विचारों, बहसों और चर्चाओं, विज्ञापन और प्रचार तथा नाना प्रकार के नए साहित्य के प्रसार को किस तरह संभव बनाया है।

Bharat Aur Samkalin Vishwa Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: भारत और समकालीन विश्व भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत और समकालीन विश्व 2 कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में पहले दो अध्यायों (खंड 1) में इसी इतिहास को समझने की कोशिश की गई है। खंड 2 में हम अर्थव्यवस्थाओं और आजीविकाओं पर विचार करेंगे। पिछले साल आपने चरवाहों और वनवासियों के बारे में पढ़ा था, जिन्हें बीते ज़माने के अवशेषों की तरह देखा जाता है जबकि वास्तव में वे इसी आधुनिक दुनिया का हिस्सा हैं। खंड 3 में आप मुद्रण संस्कृति के इतिहास को पढ़ेंगे। छपी हुई चीजों से घिरे हुए हम लोगों को यह कल्पना करना भी मुश्किल दिखाई पड़ सकता है कि एक जमाने में प्रिंटिंग जैसी चीज होती ही नहीं थी।

Bharat Bhautik Paryavaran class 11 - NCERT - 23: भारत भौतिक पर्यावरण ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारत भौतिक पर्यावरण 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में चार खंड और दिए गए है। पाठ्यपुस्तक में खंड 1 प्रस्तावना में स्थिति-विश्व में भारत का स्थान एवं आंतरिक संबंध, खंड 2 - भूआकृति विज्ञान में संरचना एवं उच्चावच; भूआकृतिक विभाजन; अपवाह तंत्र; जल विभाजक संकल्पना; हिमालय और प्रायद्वीपीय, खंड 3 - जलवायु, वनस्पति एवं मृदा में मौसम एवं जलवायु - तापमान, वायुदाब, पवन और वर्षा का स्थानिक एवं कालिक वितरण; भारतीय मानसूनः क्रियाविधि, आरंभ एवं परिवर्तिता - स्थानिक एवं कालिक; जलवायु प्रकार; प्राकृतिक वनस्पति-वनों के प्रकार एवं वितरण, वन्य जीवन संरक्षरण, जीव मंडल निचय, मृदा-प्रमुख प्रकार एवं विभाजन, मृदा अवकर्षण एवं संरक्षण और खंड 4 - प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ: कारण, परिणाम तथा प्रबंध में बाढ़ तथा सूखा; भूकंप तथा सुनामी; चक्रवात; भू-स्खलन आदी के विषय पर चर्चा की गई है।

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