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Krishi Rasayan Class 11 - RBSE Board: कृषि रसायन 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर की नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत कक्षा-11 हेतु कृषि रसायन विज्ञान विषय के निर्धारित नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार लिखी गई है । पुस्तक में विषय वस्तु को सरल हिंदी भाषा में लिखने का पूर्ण प्रयास किया गया है जिससे यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बन सकें । विषय को यथास्थान चित्रों एवं सारणियों के माध्यम से अधिक स्पष्ट एवं रूचिकर बनाया गया है । पुस्तक में कक्षा-11के कृषि रसायन के स्तर, विषय की आवश्यकताएँ एवं समानान्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विषय सामग्री समायोजित की गई है । पुस्तक में तकनीकी शब्दावली को सरल बनाने के लिए हिंदी के साथ-साथ उनको अंग्रेजी में भी कोष्ठक में लिख दिया गया है जिससे विद्यार्थियों को समझने में सुविधा रहें । प्रत्येक अध्याय के अर्न्तगत यथास्थान विषयानुकूल पर्याप्त आंकिक प्रश्नों को उदाहरण के रूप में देकर विषय वस्तु को स्पष्ट किया गया है । सभी अध्यायों के अंत में महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं, वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है ।
Krishi Rasayan class 12 - RBSE Board: कृषि रसायन 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर की नई शिक्षा नीति के अर्न्तगत कक्षा-12हेतु कृषि रसायन विज्ञान विषय के निर्धारित नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार लिखी गई है । पुस्तक में विषय वस्तु को सरल हिंदी भाषा में लिखने का पूर्ण प्रयास किया गया है जिससे यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बन सकें । विषय को यथास्थान चित्रों एवं सारणियों के माध्यम से अधिक स्पष्ट एवं रूचिकर बनाया गया है । पुस्तक में कक्षा-12के कृषि रसायन के स्तर, विषय की आवश्यकताएँ एवं समानान्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विषय सामग्री समायोजित की गई है । पुस्तक में तकनीकी शब्दावली को सरल बनाने के लिए हिंदी के साथ-साथ उनको अंग्रेजी में भी कोष्ठक में लिख दिया गया है जिससे विद्यार्थियों को समझने में सुविधा रहें । प्रत्येक अध्याय के अर्न्तगत यथास्थान विषयानुकूल पर्याप्त आंकिक प्रश्नों को उदाहरण के रूप में देकर विषय वस्तु को स्पष्ट किया गया है । सभी अध्यायों के अंत में महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं, वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है ।
Krishi Vigyan class 11 - RBSE Board: कृषि विज्ञान 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक कृषि विज्ञान कक्षा-11 कृषि वर्ग के विद्यार्थियों के लिये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कृषि विज्ञान की पाठ्यक्रम समिति के द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार की गई है। इस पुस्तक में अध्ययन सामग्री को विभिन्न इकाइयों, अध्यायों, एवं शीर्षकों में विभाजित किया गया है। इकाई प्रथम में भारतीय कृषि का इतिहास, मौसम एवं जलवायु, मृदा, पोषक तत्व एवं उर्वरक, सिंचाई एवं जल निकास, कृषि यंत्रों की जानकारी, इकाई-2 में फल, सब्जियों का मानव आहार में महत्व, सब्जियों का वर्गीकरण, पौधशाला, सब्जियों की खेती, अलंकृत बागवानी, फूलों की खेती, औषधीय पौधों की जानकारी एवं इकाई-3 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का महत्व, पशुओं की आयु एवं भार ज्ञात करना, सामान्य प्रबंध, पशुपोषण, पशुस्वास्थ्य, पशुओं के लिये सामान्य औषधियाँ, मुर्गी पालन के संबन्ध में प्रचलित एवं नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की गई है। इस पुस्तक में तकनीकी शब्दों को तकनीकी शब्दावली के अनुसार लिया गया है। इस पुस्तक में चित्रों एवं तालिकाओं का समावेश करके विषय अध्ययन को सरल एवं सुग्राह्य बना दिया गया है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु के रूप में विषय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सामग्री को दिया गया है, साथ ही पर्याप्त संख्या में बहुचयनात्मक, अतिलघूत्तरात्मक, लघूत्तरात्मक तथा निबंधात्मक प्रश्न दिये गये हैं।
Krishi Vigyan class 12 - RBSE Board: कृषि विज्ञान 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerप्रस्तुत पुस्तक कृषि विज्ञान कक्षा-12 कृषि वर्ग के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की कृषि विज्ञान की पाठ्यक्रम समिति के द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार की गई है । इस पुस्तक में अध्ययन सामग्री को विभिन्न इकाइयों, अध्यायों एवं शीर्षकों में विभाजित किया गया है । खण्ड-अ के इकाई प्रथम में शस्य विज्ञान की परिभाषा, महत्व एवं क्षेत्र, बीज, जैविक खेती, सिंचाई, खरपतवार, शुष्क कृषि एवं फसलोत्पादन की जानकारी, इकाई-2में फलोत्पादन का महत्व, स्थिति एवं भविष्य, फलोत्पादन प्रबन्धन, फलोत्पादन एवं फल परिरक्षण की जानकारी एवं इकाई-3में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन में पशु प्रबन्ध का महत्व, नस्लें, पशुरोग एवं दुग्ध उत्पादन के सम्बन्ध में प्रचलित एवं नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की गई है, साथ ही खण्ड – ब में शस्य फसलों, उद्यान की फसलों एवं पशुओं से सम्बन्धित प्रायोगिक अध्ययन की जानकारी भी प्रस्तुत की गई है, जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होंगे । इस पुस्तक में तकनीकी शब्दों को तकनीकी शब्दावली के अनुसार लिया गया है । इस पुस्तक के लेखन में कक्षा-12के विद्यार्थियों के स्तर का ध्यान रखा गया है । चित्रों एवं तालिकाओं का समावेश करके विषय अध्ययन को सरल एवं सुग्राह्य बना दिया गया है । प्रत्येक अध्याय के अन्त में महत्वपूर्ण बिन्दु के रूप में विषय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण सामग्री को दिया गया है साथ ही पर्याप्त संख्या में बहुचयनात्मक, अतिलघूत्तरात्मक, लघूत्तरात्मक तथा निबंधात्मक प्रश्न दिये गये हैं ।
Krishna Ek Rahasya: कृष्ण एक रहस्य
by Ishan Mahesh‘कृष्ण एक रहस्य’ आध्यात्मिक उपन्यास (प्रथम भाग) जब मुझसे लिखा जा रहा था; तब उस पूरे काल में मैंने यह अनुभव किया कि मैं बाँसुरी हो गया हूँ। बाँसुरी होने की आत्मा को मैंने दिव्य रूप में अनुभव किया। मैंने देखा कि उसमें से जो संगीत झर रहा है, वह आ तो मुझमें से होकर तो आ रहा है; किंतु मैं भली-भांति जानता हूँ कि उसमें बहती प्राणवायु मेरी नहीं हैं। जिन अधरों पर यह बाँसुरी रखी है, उसके छिद्रों पर जो अंगुलियाँ नृत्य कर रही हैं और शब्दों का जो महारास हो रहा है-यह सब कृष्ण की विराट ऊर्जा से अनुप्राणित है। इस उपन्यास का आधार कृष्ण और सुदामा की सुप्रसिद्ध पारंपरिक लोक-कथा है। इस कथा में मैंने ध्यान के अनुभवों को समोने का आनंद लिया है। सुदामा को यादव शिरोमणि श्रीकृष्ण के पास उनकी पत्नी ने भेजा तो आर्थिक सहायता प्राप्ति के उद्देश्य से था; किंतु द्वारका पहुँचकर सुदामा ने देखा कि जिस कृष्ण को वे अभी तक अपना बालसखा समझे बैठे थे- वह तो करुणा, प्रेम, भक्ति, न्याय, सत्य, ज्ञान,रस, योग और भोग की पराकाष्ठा हैं। सुदामा बाकि सबकुछ भूल कर कृष्ण की थाह लेने में जुट जाते हैं। अपने इस खोजी अभियान में वे कृष्ण का पार तो पा नहीं पाते; अपितु यह अनुभव करते हैं कि कृष्ण उनकी प्रत्येक श्वास में आ बसे हैं और वे पूर्णतः कृष्णमय हो चुके हैं। कृष्ण उनके मन के उठनेवाले अनेक जटिल प्रश्नों के मौलिक उत्तर देकर उनकी प्यास बुझा रहे हैं। अंततः सुदामा नतमस्तक हो यह स्वीकार कर लेते हैं कि वे कृष्ण के विराट् रूप को बुद्धि के द्वारा तो जान ही नहीं सकते ; किंतु उनके प्रेम की गंगा में नित् स्नान कर आनंदित तो हो ही सकते हैं।
Kriti Textbook For Arts class 7 - NCERT - 25: कृति कला की पाठ्यपुस्तक ७वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २५
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad"कृति" कक्षा 7 की कला की पाठ्यपुस्तक का विस्तृत विवरण है, जिसे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के आधार पर तैयार किया गया है । इस पुस्तक में कला के चार प्रमुख क्षेत्रों—रंगमंच, संगीत, नृत्य और अंग संचालन, तथा दृश्य कला—को शामिल किया गया है, जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति और भारतीय कलात्मक विरासत के प्रति गहरी समझ विकसित करना है । इसमें विभिन्न गतिविधियों, ऐतिहासिक संदर्भों, और व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से कला को विज्ञान, गणित, और सामाजिक विज्ञान जैसे अन्य विषयों के साथ एकीकृत किया गया है, ताकि विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके ।
Kriti-1 class 6 - NCERT-25: कृति-१ ६वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २५
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृति-1 कक्षा 6 के विद्यार्थियों के लिए एक कला-पाठ्यपुस्तक है, जो दृश्य कला, संगीत, नृत्य और रंगमंच जैसे विविध कलारूपों के माध्यम से उनकी रचनात्मकता और संवेदनशीलता को विकसित करती है। यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 पर आधारित है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सौंदर्यबोध, सृजनात्मकता, विश्लेषण और सांस्कृतिक समझ के साथ सशक्त बनाना है। इसमें कलाओं को सरल, प्रायोगिक और आनंददायक तरीके से प्रस्तुत किया गया है ताकि छात्र न केवल कला का अभ्यास करें बल्कि उसकी विविधता और सामाजिक-सांस्कृतिक भूमिका को भी समझें। प्रत्येक इकाई गतिविधियों, परियोजनाओं और स्थानीय परिवेश से जुड़ी सामग्री के माध्यम से विद्यार्थियों की सोच और अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करती है। यह पुस्तक विद्यार्थियों को एक सहज, समावेशी और खोजपरक कला-अनुभव प्रदान करती है, जो उन्हें कला की दुनिया में आत्मविश्वास से कदम रखने के लिए प्रेरित करती है।
Kritika Bhag 1 Class 9 - NCERT - 23: कृतिका भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल तीन पाठ हैं- इस जल प्रलय में, मेरे संग की औरतें, रीढ़ की हड्डी, माटी वाला और अंत में लेखक परिचय दिय़ा है। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।
Kritika Bhag 1 class 9 - NCERT: कृतिका भाग 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग 1 कक्षा 9वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – इस जल प्रलय में, मेरे संग की औरतें, रीढ़ की हड्डी, माटी वाला और किस तरह आखिरकार में हिंदी में आया और अंत में लेखक परिचय दिय़ा है। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।
Kritika Bhag 1 class 9 - RBSE Board: कृतिका भाग 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerकृतिका भाग 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – इस जल प्रलय में, मेरे संग की औरतें, रीढ़ की हड्डी, माटी वाला और किस तरह आखिरकार में हिंदी में आया और अंत में लेखक परिचय दिय़ा है। पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।
Kritika Bhag 2 class 10 - NCERT: कृतिका भाग 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग 2 कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – माता का अँचल, जॉर्ज पंचम की नाक, साना साना हाथ जोडि, एही ठैयाँ झूलनी हेरानी हो रामा! मैं क्यों लिखता हूँ? पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।
Kritika Bhag-1 class 9 - JCERT: कृतिका भाग-१ ९वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchiकृतिका भाग-1 की हिंदी पूरक पाठ्यपुस्तक, कक्षा 9 की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तीन विविध गद्य रचनाएँ शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक रचना में साहित्यिक विधाओं का उत्तम उदाहरण मिलता है। पाठ्यपुस्तक का उद्देश्य छात्रों में न केवल पाठ्यक्रम की समझ विकसित करना है, बल्कि उनके साहित्यिक और भाषाई कौशल को भी समृद्ध करना है। पहली रचना "इस जल प्रलय में" फणीश्वरनाथ रेणु की है, जो 1975 की पटना की प्रलयंकारी बाढ़ का वर्णन करती है। इसमें बाढ़ की विभीषिका, मानवीय संकट, और सामूहिक विवशताओं को बड़े मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। दूसरी रचना "मेरे संग की औरतें" मृदुला गर्ग द्वारा लिखित है, जिसमें परंपरागत स्त्रियों के अद्वितीय अनुभवों को साझा किया गया है। इसमें नारी जीवन की जटिलताओं और उनके साहसिक पक्ष को उकेरा गया है। तीसरी रचना "रीढ़ की हड्डी" जगदीश चंद्र माथुर की एकांकी है, जो स्त्रियों के प्रति समाज की रूढ़िवादी मानसिकता और उनके आत्मसम्मान की लड़ाई को दर्शाती है। यह पाठ स्त्री सशक्तिकरण और शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालता है। इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न साहित्यिक विधाओं से परिचित कराना और उन्हें स्वअध्ययन के लिए प्रेरित करना है। इसके अंत में दिए गए प्रश्न-अभ्यास छात्रों की समझ को परखते हैं और उन्हें गहरे विश्लेषण के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
Kritika Bhag-2 class 10 - JCERT: कृतिका भाग-२ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchiकृतिका भाग-2 में पाँच रचनाएँ संकलित हैं, जो विविधतापूर्ण और रोचक साहित्यिक रचनाएँ हैं। इनमें से प्रमुख रचना "माता का अंचल" शिवपूजन सहाय द्वारा लिखित है, जिसे "देहाती दुनिया" उपन्यास से लिया गया है। इस अंश में गाँव के बालक भोलानाथ की कहानी है, जिसमें माँ-बाप का स्नेह, ग्रामीण जीवन की सहजता और बालकों की मासूमियत को बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है। गाँव की संस्कृति, खेल, और पारिवारिक संबंधों का सुंदर वर्णन किया गया है। एक अन्य रचना "जॉर्ज पंचम की नाक" है, जिसे कमलेश्वर ने लिखा है। यह कहानी व्यंग्य के रूप में अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी मिलने के बाद भी सत्ता से जुड़े लोगों की मानसिकता और विदेशी आकर्षण पर गहरी चोट करती है। तीसरी रचना "साना-साना हाथ जोड़ि..." मधु कांकरिया का यात्रा-वृत्तांत है, जिसमें हिमालय के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन है। इस वृत्तांत में सिक्किम की घाटियों और लोगों की जीवनशैली को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है। "एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!" शिवप्रसाद मिश्र 'रुद्र' की रचना है, जिसमें काशी के सांस्कृतिक परिवेश का चित्रण है। पाँचवीं रचना "मैं क्यों लिखता हूँ?" अज्ञेय का आत्मकथात्मक निबंध है, जिसमें लेखक के रचनात्मक उद्देश्यों का विवेचन किया गया है।
Kritika Bhag-2 class 10 - NCERT - 23
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग-2 कक्षा 10 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में तीन रचनाएँ संकलित की गई हैं। तीनो रचनाएँ अपने कथ्य, शिल्प और प्रस्तुति में विशिष्ट हैं। देहाती दुनिया और बहती गंगा जैसी कृतियाँ एक अलग तरह की विषयवस्तु और कथा-शिल्प की प्रयोगधर्मिता के कारण साहित्य जगत में चर्चित रही हैं। इनके बारे में कहा गया है कि जिस तरह शिवप्रसाद मिश्र 'रुद्र' की बहती गंगा का कोई दूसरा मॉडल नहीं है उसी तरह देहाती दुनिया भी अपने ढंग की अकेली औपन्यासिक कृति है।
Kritika Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: कृतिका भाग-२ कक्षा १० - एन सी ई आर टी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadकृतिका भाग-2 कक्षा 10 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में तीन रचनाएँ संकलित की गई हैं। तीनो रचनाएँ अपने कथ्य, शिल्प और प्रस्तुति में विशिष्ट हैं। देहाती दुनिया और बहती गंगा जैसी कृतियाँ एक अलग तरह की विषयवस्तु और कथा-शिल्प की प्रयोगधर्मिता के कारण साहित्य जगत में चर्चित रही हैं। इनके बारे में कहा गया है कि जिस तरह शिवप्रसाद मिश्र 'रुद्र' की बहती गंगा का कोई दूसरा मॉडल नहीं है उसी तरह देहाती दुनिया भी अपने ढंग की अकेली औपन्यासिक कृति है।
Krodh: क्रोध
by Dada Bhagwanहमें क्रोध क्यों आता है? क्रोध आने के कुछ कारण यह है - जब कोई भी कार्य हमारी इच्छानुसार नहीं होता या हमें यह लगे कि सामनेवाला व्यक्ति हमारी बात नहीं समझ रहा या फिर किसी बात पर किसी के साथ मनमुटाव हो तब| लेकिन क्रोध आने का कोई भी निश्चित कारण नहीं होता| कई बार हमारी समझ से हमें यह लगता है कि, हम जो भी सोच रहे है या जो कुछ भी कर रहे है वह सब सही ही है| पर, उस वक्त यदि कोई दूसरा व्यक्ति आकार हमें गलत साबित करे तो हम अपना आपा खो बैठते है और उसपर अत्यंत क्रोधित हो जाते है| क्रोध करने से ना सिर्फ सामनेवाला व्यक्ति दुखी होता है पर हमें भी उतना ही दुःख होता है| कई किस्सों में यह देखा गया है कि जिससे हम सबसे अधिक प्यार करते है, उसपर ही सबसे ज्यादा गुस्सा भी करते हैं| इस तरह बिना सोचा समझे गुस्सा करने से कई बार हमारे संबंधो में भी काफी तनाव पैदा हो जाता है जिसका फल अच्छा नहीं होता| किस प्रकार हम अपने क्रोध पर काबू पा सकते है या किसी और क्रोधित व्यक्ति के साथ कैसा बर्ताव करे ताकि हमारे औरों से प्रेमपूर्वक सम्बन्ध बने रहे, इन प्रश्नों का हल पाने के लिए आगे पढ़े|
Krusnayan: कृष्णायन
by Kajal Oza Vaidya‘महाभारत’में कृष्ण एक राजनीतिज्ञ के रूप में प्रकट होते हैं तो’भागवत’में उनका दैवी स्वरूप दिखाई देता है।’गीता’में वे गुरु हैं,ज्ञान के भंडार हैं|स्वयं चेतना बन प्रकट होते हैं तो कभी सहज,सरल मानवीय संवेदनाओं के साथ|हम क्यों उन्हें नहीं देख सकते?द्रौपदी के साथ उनका संबंध आज से हजारों वर्ष पहले स्त्री - पुरुष की मित्रता का एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करता है|रुक्मिणी के साथ का दांपत्य - जीवन विद्वत्तापूर्ण,समझदारी पर आधारित,स्नेह और एक - दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान से भरा गृहस्थ - जीवन है|राधा के साथ उनका प्रेम इतना सत्य है कि सिर्फ विवाह को मान्यता देनेवाले इस समाज ने राधा - कृष्ण की पूजा की है|
Kshitij Bhag 1 Class 9 - NCERT - 23: क्षितिज भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग-1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Kshitij Bhag 1 class 9 - NCERT: क्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की कुल आठ गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Kshitij Bhag 1 class 9 - RBSE Board: क्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerक्षितिज भाग 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की कुल आठ गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Kshitij Bhag 2 class 10 - NCERT: क्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । दसवीं कक्षा के लिए हिंदी के ‘अ’ पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग 2 आपके सामने है। इस संकलन में सत्रह रचनाकारों की रचनाएँ शामिल हैं जिनमें आठ गद्य रचनाएँ और नौ कवियों की कविताएँ हैं। कविताओं को ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार रखा गया है। उद्देश्य यह रहा है कि भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल की विभिन्न प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कवियों की कविताओं के माध्यम से विद्यार्थी हिंदी कविता की विकास-यात्र से परिचित हो सकें।
Kshitij Bhag-1 class 9 - JCERT: क्षितिज भाग-१ ९वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi"क्षितिज भाग 1" कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक है जो झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रकाशित की गई है। यह पुस्तक एन. सी. ई. आर. टी. द्वारा विकसित पाठ्यचर्या के आधार पर तैयार की गई है और राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस पुस्तक में विद्यार्थियों को रोचक और सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर प्रदान किया गया है। इसमें कक्षा 9 के विद्यार्थियों के मानसिक और भाषायी विकास को ध्यान में रखते हुए रचनाओं का चयन किया गया है। पुस्तक में विभिन्न विधाओं की आठ गद्य रचनाएँ और नौ कविताएँ शामिल हैं, जो साहित्यिक संवेदना और जीवन के विविध संदर्भों से विद्यार्थियों को परिचित कराती हैं। इस पाठ्यपुस्तक में "दो बैलों की कथा", "मेरे बचपन के दिन", "ल्हासा की ओर" जैसी प्रमुख कहानियाँ और "कबीर", "रसखान", "माखनलाल चतुर्वेदी" जैसे कवियों की कविताएँ सम्मिलित की गई हैं। इन रचनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को साहित्य की समृद्ध परंपरा और आधुनिक संदर्भों से अवगत कराया गया है। पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों में भाषा की समझ को बढ़ाना और उन्हें साहित्य के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों से परिचित कराना है। यह पुस्तक भाषा की कक्षाओं को रोचक और चुनौतीपूर्ण बनाने का प्रयास करती है, ताकि विद्यार्थी हिंदी भाषा और साहित्य में गहरी रुचि विकसित कर सकें।
Kshitij Bhag-2 class 10 - JCERT: क्षितिज भाग-२ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी
by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi"क्षितिज भाग 2" दसवीं कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तक है जिसमें 17 लेखकों की रचनाएँ सम्मिलित हैं। इसमें आठ गद्य रचनाएँ और नौ कविताएँ हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को हिंदी साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों से परिचित कराना है। गद्य खंड में विभिन्न साहित्यिक शैलियों का उपयोग करते हुए लेखकों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक मुद्दों पर विचार व्यक्त किए हैं। कविता खंड में सूरदास, तुलसीदास, देव, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जैसे प्रमुख कवियों की रचनाएँ दी गई हैं। इन कविताओं के माध्यम से विभिन्न कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियों को दर्शाया गया है, जैसे भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल। कविताओं में भाषा और छंद के माध्यम से काव्य-सौंदर्य को उकेरा गया है। गद्य खंड में विभिन्न विधाओं की कहानियाँ, आत्मकथाएँ और संस्मरण हैं। इनमें लेखक अपनी जीवन की घटनाओं और समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। मन्नू भंडारी, यशपाल, रामवृक्ष बेनीपुरी जैसे लेखकों की रचनाएँ इसमें शामिल हैं। इन गद्य रचनाओं का उद्देश्य छात्रों को विचारशीलता, व्यंग्य और सामाजिक मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित करना है। इस पुस्तक का उद्देश्य छात्रों को हिंदी साहित्य के गहन अध्ययन के लिए प्रेरित करना और उनकी भाषा कौशल को निखारना है।
Kshitij Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: क्षितिज भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। दसवीं कक्षा के लिए हिंदी के ‘अ’ पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग 2 पाठ्यपुस्तक मे बारह रचनाकारों की रचनाएँ शामिल हैं जिनमें छह गद्य रचनाएँ और छह कवियों की कविताएँ हैं। कविताओं को ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार रखा गया है। हिंदी की प्रमुख गद्य विधाओं और शैलियों का परिचय कराने के लिए विचारात्मक और व्यंग्यात्मक निबंधों के साथ कहानी, संस्मरण, रेखाचित्र, आत्मकथा आदि विधाओं को शामिल किया गया है। प्रसिध्द लेखकों के साथ कुछ नए लेखकों और शैलियों का समावेश किया गया है।
Kshitiz class 10 - RBSE Board: क्षितिज 10वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस पुस्तक की रूपरेखा उन्नीस पाठों में समाहित है । दस पद्य पाठ और नौ गद्य पाठ । कवियों को कालक्रमानुसार सजाया गया है । गद्य में इस टेक का निर्वहन संभव नहीं हो पाया है । गद्य खण्ड में यह प्रयास रहा है कि नवलेखन की विविध बहुरंगी विधाओं से आपका रचनात्मक परिचय एवं लगाव स्थापित हो जाए । शब्द और स्मृति के इस आयोजन की आप सैर करें ।