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Mandakini class 12 - RBSE Board: मंदाकिनी कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

मंदाकिनी कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के बारे में बताया गया है। इस पुस्तक में महापुरूषों के प्रेरक व्यक्तित्वों के पाठ सम्मिलित किए गये है।

Mangalsutra

by Premchand

An uncompleted work of Premchand, Mangalsutra. A progressive story indicating a clear picture of development in his age. Mangalsutra, a necklace for the bride, is worn in India and the story till the uncompleted end revolves around the lady protagonist.

Mangalsutra

by Vrindawan Lal Verma

Mangalsutra is based on the women's right to lead independent lives. This fact is depicted beautifully in this play by Vrindawan Lal Verma.

Manjeer

by Nandkishore Naval

Manjeer is a collection of small poems written by Nand Kishore Aggarwal. The poet has expressed his anger in the poems in a simple and effective language.

Mann ki Shakti: मन की शक्ति

by Maxwell Maltz

साइको साइबरनेटिक्स में 31 नुस्खे और मानसिक प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो डॉ. मॉल्ट्ज़ की सिखार्इ बातों पर अमल करने में आपकी मदद करेंगे। इससे आपको लगभग किसी भी लक्ष्य को जल्दी और आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।

Manohar Eesap Kathaen: मनोहर ईसप कथाएं

by Manoj Publications

"मनोहर ईसप कथाएं" मनोज पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित एक रोचक कहानियों का संग्रह है, जिसमें ईसप की प्रसिद्ध दंतकथाओं का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में ऐसे प्रेरणादायक किस्से हैं जो जानवरों और पात्रों के माध्यम से मानवीय आचरण और मूल्यों को दर्शाते हैं। डरपोक शिकारी और शेर और किसान जैसी कहानियां साहस और विनम्रता का महत्व सिखाती हैं, जबकि मूर्ख बकरा और ऊंट का बेहूदा नाच घमंड और ईर्ष्या के दुष्परिणामों को उजागर करती हैं। झूठा बंदर और डॉल्फिन और जंगली बकरियां जैसी कहानियां ईमानदारी और भरोसे के महत्व को रेखांकित करती हैं। बूढ़ी औरत और डॉक्टर जैसे किस्से चतुराई और न्याय की महत्ता को दर्शाते हैं। ये कहानियां सभी उम्र के पाठकों को नैतिक शिक्षाएं प्रदान करने के साथ-साथ मनोरंजन भी करती हैं, जिससे यह पुस्तक आनंददायक और शिक्षाप्रद बनती है।

Manovigyan (Psychology) - 328 - NIOS: मनोविज्ञान (३२८)

by National Institute of Open Schooling

"पाठ्यक्रम - मनोविज्ञान 328" एक उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए मनोविज्ञान का व्यापक पाठ्यक्रम है। यह विभिन्न जीवन क्षेत्रों में मनोविज्ञान के महत्व को रेखांकित करता है, जिसमें व्यक्तिगत, संगठनात्मक और सामाजिक गतिविधियाँ शामिल हैं। पाठ्यक्रम को इस प्रकार संरचित किया गया है कि विद्यार्थी मनोविज्ञान के संप्रत्ययों को समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें, व्यक्तिगत विकास कौशल को बढ़ा सकें, मनोविज्ञान शोध विधियों का अनुभव प्राप्त कर सकें, कैरियर के अवसरों को जान सकें, और व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में मनोविज्ञान को लागू कर सकें। इस पाठ्यक्रम में मूल मॉड्यूल शामिल हैं जो कि आधारभूत मनोविज्ञान, महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक प्रक्रम, वैकासिक प्रक्रम, आत्म और व्यक्तित्व, और सामाजिक और अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान को कवर करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कार्य मनोविज्ञान और प्रारंभिक बचपन शिक्षा पर दो वैकल्पिक मॉड्यूल्स प्रदान करता है, जिससे विद्यार्थी अपनी रुचियों के आधार पर विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।

Manovigyan class 11 - NCERT - 23: मनोविज्ञान कक्षा ११ - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 11 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा मनोविज्ञान विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस किताब में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: मनोविज्ञान कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में मनोविज्ञान के आनुभाविक स्वरूप तथा मानव व्यवहार के अध्ययन में वैज्ञानिक उपागम को अपनाने के विषय को अवगत किया है। कक्षा 11 में मनोविज्ञान इस पाठपुस्तक में विभिन्न विशेषज्ञाों, महाविद्यालयों एवं विद्यालय से निविष्टीयाँ प्राप्त की गई है। इस पाठपुस्तक में मानव व्यवहार के विश्लेषण को वैज्ञानिक ढंग से करने तथा सामन्य बोध से अलग व्याख्याओं का उपयोग करने का समावेश किया गया है।

Manovigyan class 12 - NCERT - 23: मनोविज्ञान १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में सात अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।

Manovigyan class 12 - NCERT: मनोविज्ञान 12वीं कक्षा

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मनोविज्ञान 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में नौ अध्याय हैं ये उन विषयों से संबंधित हैं जो मनोविज्ञान में प्रवेश-पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। अध्याय में सम्मिलित की जाने वाली विषयवस्तु की रूपरेखा अध्याय की एक समग्र दृष्टि प्रस्तुत करती है। प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में दिया गया परिचय विद्यार्थियों के पूर्ववर्ती ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक सूचनापरक एवं चुनौतीपूर्ण प्रारंभ प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय में मुख्य विषयवस्तु उदाहरणों, दृष्टांतों, सारणियों, क्रियाकलापों एवं बॉक्सों से भरा पड़ा है जो संप्रत्ययों को अच्छी तरह समझने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। प्रत्येक अध्याय के अंत में प्रस्तुत सारांश, जो कुछ पढ़ा अथवा पढ़ाया गया है, उसको पुनर्बलित एवं सुदृढ़ करता है। अध्याय के अंत में समीक्षात्मक प्रश्नों से समझ, अनुप्रयोग तथा कौशल को बढ़ावा मिलेगा और उच्च स्तरीय चिंतन में वृद्धि होगी। प्रत्येक अध्याय के अंत में दिए गए परियोजना विचार का उद्देश्य विद्यार्थियों को क्षेत्र-कार्यों तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए जागृत करना है।

Manovigyan class 12 - RBSE Board: मनोविज्ञान कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

मनोविज्ञान इस पाठ्यपुस्तक मे बुद्धि और अभिक्षमता मानव व्यवहार के ज्ञानात्मक पक्षों जो उनकी क्षमता एवं अनुकूलता को प्रेषित करने का प्रयास है। अतः व्यक्तित्व का सारगर्भित अध्ययन और इस प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली में तनाव, मानवीय क्षमताएँ और खुशहाली एक दूसरे के विरोधाभासी प्रत्यय है लेकिन पुस्तक में इन्हें विहंगात्मक रूप से समझाने का सारगर्भित प्रयास किया गया है।

Manpasand Lok Kathayein मनपसंद लोक कथाएं

by Swan

"मनपसंद लोक कथाएं" एक दिलचस्प संग्रह है जिसमें नैतिक और मनोरंजक लोक कथाएँ शामिल हैं। प्रत्येक कहानी हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती है। "सुनहरा हिरन" में विश्वासघात के परिणामों को दर्शाया गया है, जबकि "सपनों की दुनिया" हास्यपूर्ण तरीके से शिक्षक की आदतों पर व्यंग्य करता है। "शक्तिशाली जीव" कुत्ते की यात्रा को दिखाता है जो अंततः यह सीखता है कि मनुष्य सबसे शक्तिशाली प्राणी है। "कपास का भूत" एक मज़ेदार किस्सा है जिसमें एक व्यक्ति की चतुराई दिखती है। "शेर का कांटा" चतुराई और बुद्धिमानी से भरे निर्णयों को उजागर करता है। ये कहानियाँ सरल लेकिन गहरे अर्थ वाली हैं, जो हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए रोचक और प्रेरणादायक हैं।

Mansarovar Bhag 1: मानसरोवर भाग 1

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 3: मानसरोवर भाग ३

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर का तिसरे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 4: मानसरोवर भाग ४

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर के चौथे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 6: मानसरोवर भाग ६

by Premchand

प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 7: मानसरोवर भाग ७

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Mansarovar Bhag 8: मानसरोवर भाग ८

by Premchand

प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।

Manto Pandrah Kahaniya: मंटो पन्द्रह कहानियाँ

by Saadat Hasan Manto

‘अगर आप मेरी कहानियाँ बरदाश्त नहीं कर सकते, तो दरअसल ज़माना ही नाक़ाबिले-बरदाश्त है।’ यह कहना था मंटो का जो अपनी कहानियों में वह लिखते थे जो सब आवरणों को हटाने के बाद ज़माने के चेहरे पर नज़र आता है। उन्होंने मज़लूमों, ग़रीब-गुरबा और उन औरतों की कहानियाँ लिखीं जिन्हें समाज ने हाशिए पर धकेलकर छोड़ दिया था। उन्होंने उन भावनाओं को लेकर भी कहानियाँ लिखीं जिन्हें सफ़ेदपोश समाज खुली रोशनी में स्वीकार नहीं कर पाता। उन्होंने ऐसे-ऐसे अहसासात को ज़बान बख़्शी जिन्हें हम कभी अपनी चालाकी और कभी अल्फ़ाज़ की कमी की वजह से यूँ ही ग़ायब हो जाने देते हैं। इसलिए आज भी उनकी कहानियाँ हमें अपनी कहानियाँ लगती हैं; वे अपने वक़्त से इतना आगे चल रहे थे कि आज भी हमें अपने आगे ही चलते दिखाई देते हैं। यह संकलन उनकी कुछ बहुत चर्चित और कुछ ऐसी कहानियों को लेकर बनाया गया है जिनका ज़िक्र बहुत ज़्यादा नहीं होता। संकलन किया है जानी-पहचानी सिने-अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने। उनकी चर्चित फ़िल्म ‘मंटो’ के साथ-साथ प्रकाशित यह किताब क़िस्सागो मंटो की पूरी शख़्स‌ियत को सामने ले आती है। बकौल नंदिता: ‘उनकी कहानियों के पात्र अक्सर वे लोग होते हैं जो समाज के कोनों में रहते हैं और औरतों के लिए सहानुभूति भरी नज़र रखते हैं। यही बात उन्हें और लेखकों से अलग करती है।’

Marta Kya Na Karta

by K. Shivkumar

इस पुस्तक में केरल के पुजारी की कहानी है।This is story of a prist in Keral.

Martin Luther King

by Dinkar Kumar

Against the backdrop of beatings, killings, bombings, threats and imprisoning, emerged Martin Luther King, driven to uplift all Americans, even if it meant martyrdom. This biography is a stellar introduction to the foremost leader of the civil rights movement. We gain critical insight into the Kennedy and Johnson Administrations, as King negotiated with the presidents for equal rights for blacks.

Mata Pita Aur Bachcho Ka Vyavhar (Sanxipt): माता-पिता और बच्चो का व्यवहार (संक्षिप्त)

by Dada Bhagwan

बच्चों की सही परवरिश में माँ-बाप का बहुत बड़ा हाथ होता है| बच्चों के साथ हमेशा प्रेमपूर्वक व्यवहार ही करना चाहिए ताकि उन्हें अच्छे संस्कार प्राप्त हो| माँ-बाप बच्चों का व्यवहार सदैव मित्राचारी का होना चाहिए| यदि माँ-बाप बच्चों के साथ डाट कर या मार कर व्यवहार करेंगे तो बच्चे निश्चित ही उनका कहा नहीं मानेंगे और गलत रास्ते पर चढ जाएँगे| माँ-बाप के उच्च संस्कार ही घर में आनंद और शान्ति का माहौल खड़ा कर सकते है| माता पिता का कर्तव्य है कि वह बच्चों की मनोस्थिति को जानकार उसके अनुसार उनके साथ वर्तन करे| आज के ज़माने में टीनएजर्स को संभालना अत्यंत मुश्किल हो गया है| किस तरह से माँ-बाप उनके साथ व्यवहार करे ताकि उन्हें अच्छे संस्कार मिले और वह किसी गलत रास्ते पर ना चले, इस बात कि पूरी समझ हमें इस पुस्तक में मिलती है जिसमें दादाजी ने हमें माँ-बाप बच्चों के सम्बन्ध सुधारने के लिए बहुत सारी चाबियाँ दी है|

Mata Pita Se: माता-पिता से

by Gijubhai

माता-पिता से गिजुभाई द्वारा लिखित एक अमूल्य कृति है, जिसका हिन्दी अनुवाद सूरज प्रकाश ने किया है। यह पुस्तक माता-पिता को यह समझाने का प्रयास करती है कि बच्चे केवल छोटे इंसान नहीं, बल्कि अनंत संभावनाओं से भरे हुए व्यक्तित्व होते हैं। इसमें बच्चों के पालन-पोषण के दौरान अपनाई जाने वाली सही दृष्टि, प्रेम, धैर्य और स्वतंत्रता पर बल दिया गया है। गिजुभाई बताते हैं कि कठोर अनुशासन या पुरानी रूढ़ियों की बजाय, बच्चों की स्वाभाविक जिज्ञासा और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना ही सही मार्ग है। यह कृति न केवल माता-पिता के लिए, बल्कि शिक्षकों और समाज के लिए भी एक मार्गदर्शक है, जो बच्चों को समझने और उनके विकास में सहायक बनने की प्रेरणा देती है।

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