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Mrityu ke baad ka din: मृत्यु के बाद का दिन

by Nikhil Kushwaha

यह पुस्तक, जैसा कि नाम से संकेत मिलता है, एक आत्मा के अनोखी यात्रा की कहानी है। एक कॉरपोरेट कंपनी के लिए काम करने वाला अर्पण अपने जीवन में बहुत व्यस्त है। अपनी नौकरी के अलावा उसे किसी की कोई परवाह नहीं, न ही उसकी पत्नी, भाई और न ही उसकी बेटी की। उसके लिए मूल्यवान है तो बस पैसा और उसके दोस्त व सहयोगी। और तो और वह एक नास्तिक भी है जिसे ना तो इस्वर में विश्वास है, ना तो कर्म या भाग्य मे। मृत्यु जीवन की ही तरह एक सच्चाई है, और एक दिन यह हमारे लिए अवश्य आएगा, लेकिन सवाल यह है कि कब। ये अब से दशकों बाद भी आ सकता है या कल भी। क्या होगा अगर हमारी मृत्यु कल हो गयी तो? हम सभी के पास कई योजनाएं हैं जैसे स्वस्थ योजना, सेवानिवृत्ति योजना, पर क्या हमारे पास मृत्यु की कोई योजना है? जीवन पश्चात हम कहां जाएंगे, किससे मिलें? मृत्यु के बाद का जीवन क्या है? इस कहानी में अर्पण हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नो के उत्तर की खोज करेंगे। वे उस दूसरी दुनिया के अनसुलझे रहस्यों का पर्दाफास करेंगे, हमें मौत के बाद की यात्रा कराएँग।

Mrutyu Samay Pahle Aur Pashchat: मृत्यु समय, पहले और पश्चात

by Dada Bhagwan

मृत्यु- हमारे जीवन का अविभाज्य अंग है| हर व्यक्ति को अपने जीवन में किसी ना किसी रूप में मृत्यु का सामना करना पड़ता है| किसी अपने परिवारजन या पड़ौसी की मृत्यु देखकर वह भयभीत हो जाता है और मृत्यु से संबंधीत तरह तरह की कल्पनाएँ करने लगता है| कई तरह के प्रश्न जैसे – मृत्यु के बाद इंसान कहा जाता है, क्या उसका पुनर्जनम संभव है, वह किस रूप में पुनः जन्म लेता है इत्यादि उसे भ्रमित कर देते है और मृत्यु का खौफ पैदा करते है| परम पूज्य दादा भगवान को हुए आत्मज्ञान द्वारा उन्होंने इस रहस्य से संबंधित अनेक प्रश्नों का जवाब दिया है| जन्म और मृत्यु का चक्र, पुनर्जनम, जन्म-मृत्यु से मुक्ति, मोक्ष की प्राप्ति आदि प्रश्नों के सटीक जवाब हमें उनकी पुस्तक ‘मृत्यु के रहस्य’ में मिलती है| दादाश्री हमें मृत्यु से संबंधित सारी गलत मान्यताओं की सही समझ देकर हमे यह बताते है कि आखिर हमारे जीवन का मुख्य उद्देश्य क्या है और हम किस प्रकार इस चक्कर से हमेशा के लिए मुक्त हो सकते है|

Muanjodaro: मुअनजोदड़ो

by Om Thavani

ओम थानवी की मुअनजोदड़ो एक गहरी यात्रा-वृत्तांत है जो केवल ऐतिहासिक तथ्यों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसे एक व्यक्तिगत और दार्शनिक दृष्टि से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक सिन्धु घाटी सभ्यता के प्राचीन नगर मुअनजोदड़ो की यात्रा के माध्यम से इतिहास, स्मृतियों और मानव सभ्यता के सतत प्रवाह की खोज करती है। थानवी केवल खंडहरों का वर्णन नहीं करते, बल्कि उस समय की सामाजिक संरचना, नगर नियोजन और सभ्यता के रहस्यमय अंत को भी टटोलते हैं। पुस्तक अतीत और वर्तमान के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करती है, विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के संदर्भ में। यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से संवाद, सिंध के परिदृश्य और इतिहास के प्रति लेखक की जिज्ञासा इसे एक जीवंत अनुभव बनाते हैं। यह केवल एक ऐतिहासिक यात्रा नहीं, बल्कि एक काव्यात्मक और आत्मविश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से रचित कृति है, जो इतिहास प्रेमियों, यात्रियों और सिन्धु घाटी की गूढ़ विरासत में रुचि रखने वालों के लिए एक अनमोल ग्रंथ है।

Mujhse Bura Koi Nahi: मुझसे बरा कोई नहीं

by Surender Mohan Pathak

A notorious underworld don-turned-politician is critically injured in a blast that almost destroys his empire. His family and aides will now leave no stone unturned in finding and killing the men behind the gruesome attack. Jeet Singh was the last person to be seen in the room where the bomb was planted even though he had no inkling of the danger zone he was entering. Caught in the vicious circle of assault and revenge, will Jeet Singh be able to prove his innocence?

Mukhauta: मुखौटा

by Anil Mohan

अनिल मोहन द्वारा लिखित "मुखौटा" एक रहस्यमयी और रोमांचक उपन्यास है, जिसमें पुनर्जन्म, प्रेम, विश्वासघात और प्रतिशोध की अद्भुत कहानी बुनी गई है। कहानी की नायिका, अपने पूर्वजन्म के प्रेमी को पाने के लिए इस जन्म के पति की हत्या करने का संकल्प लेती है, जिससे एक जटिल और रहस्यपूर्ण घटनाक्रम की शुरुआत होती है। उपन्यास में रोमांचकारी ट्विस्ट, साजिश, अतीत के रहस्यों और नाटकीय संघर्षों का सम्मिश्रण है, जो पाठकों को अंत तक बांधे रखता है। कहानी के पात्र गहरी भावनाओं और जटिल मनोवैज्ञानिक परतों से सजे हुए हैं, जो उपन्यास को और अधिक रोचक बनाते हैं। "मुखौटा" सिर्फ एक थ्रिलर नहीं, बल्कि मानवीय भावनाओं और अदृश्य शक्तियों के टकराव का अनूठा चित्रण है, जो पाठकों को रहस्य और रोमांच की दुनिया में डुबो देता है।

Mukti Maarg

by Premchand

प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ

Muktibodh

by Nandkishore Nawal

This books deals with the life, thoughts and creations of Muktibodh. He was a composer as well as a thinker. He has given his thoughts on the poetry and the society. This book explains briefly the works of Muktibodh.

Mukut

by Pandit Janardan Jha

Mukut is the Hindi translation of the Bangla version. It shows the result of enmity between brothers. This book can be read by people of all ages.

Musafir Cafe: मुसाफ़िर कॅफे

by Divya Prakash Dubey

हम सभी के जीवन में एक या दूसरी सूचियाँ होती हैं। मुसाफिर कैफे जीवन और इन सभी सूचियों के बारे में है। यह जीवन में एक ठहराव की तरह है, जब हम कोशिश करते हैं और अपने आप को धीमा करते हैं कि हम कहाँ हैं, और हम यहाँ से कहाँ जाना चाहते हैं? मुसाफिर कैफे दो युवा और आधुनिक व्यक्तियों, सुधा और चंदर की कहानी है। सुधा जो पेशे से वकील है और व्यक्ति में एक मजबूत मुक्त उत्साही लड़की है। वह देश की शीर्ष वकील बनना चाहती है जबकि चंदर एक भ्रमित सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। हालाँकि उन दोनों को यकीन है कि वे शादी नहीं करना चाहते हैं और किसी के साथ घर बसाना चाहते हैं, लेकिन वे माता-पिता की खातिर हर सप्ताहांत इस मीटिंग गेम को खेलते हैं। घटनाएँ उन्हें एक सप्ताह के लिए एक साथ रहने के लिए प्रेरित करती हैं, लेकिन वे एक-दूसरे की उपस्थिति और जीवन में हस्तक्षेप करने के लिए अभ्यस्त हो जाते हैं, यह एक अनियोजित लिव-इन संबंध बन जाता है। मुसाफिर कैफे केवल सुधा और चंदर की कहानी नहीं है, यह हम सभी की कहानी है, जो बकेट लिस्ट पर टिकने की कोशिश कर रहे हैं और एक आदर्श जीवन की तलाश कर रहे हैं।

NES-101- Praathamik Vidyaalay Ka Baalak - Ek Adhyayan- 3 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 101 प्राथमिक विद्यालय का बालक – एक अध्ययन खंड 3 इनमें शारीरिक एवं गामक विकास, संज्ञानात्मक एवं भाषा विकास तथा सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर चर्चा की गई है। इकाई 6 शारीरिक एवं गामक विकास पर है, इसमें शारीरक विकास की विशेषताओं के बारे में अध्ययन किया गया है। संज्ञानात्मक और भाषा विकास से संबंधित इकाई 7 में विकास की अवस्थाओं के बारे में पियाजे ने जिन आधारभूत मान्यताओं की स्थापना की थी, उन पर विचार करने का प्रयास किया गया है। इकाई 8 में बच्चों के सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास पर विचार किया गया है। यह दृष्टान्तों के प्रस्तुतीकरण द्वारा उनमें अन्तर्सम्बन्धों पर प्रकाश डालता है। प्रस्तुत किए गए दृष्टान्त के विश्लेषण से बच्चों में सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकास के लक्षणों को समझने के लिए रोचक सहायता मिलती है। इन क्षेत्रों में विकास के प्रतिमान पर विस्तृत विचार किया गया है।

NES-103 - Adhigam Ke Lie Maargadarshan-2 -IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

NES- 103 अधिगम के लिए मार्गदर्शन खंड 2 में चार इकाई दि गई है, अधिगम प्रक्रिया सुगम बनाना अभिभावकों एवं शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण कार्य है। अधिगम की क्षमता मूलतः तीन महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है: खुद सीखने वाला, अधिगम-सामग्री तथा अधिगम विधियाँ। यह आवश्यक है कि हम सीखने वालों की अभिवृत्तियों तथा योग्यताओं, क्षमताओं तथा अक्षमताओं की पहचान करें। इस खंड में छात्रों की अधिगम संबंधी कुछ समस्याओं जैसे, अवधान, अभिप्रेरणा और अभिरुचि आदि की चर्चा करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें बच्चों की योग्यताओं तथा आवश्यकताओं को पहचानने एवं उनका मूल्यांकन करने तथा अधिगम की स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-1 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 1 इस पाठ्यक्रम में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे बच्चों को प्यार, दुलार, स्नेह, मान्यता की आवश्यकता होती है। इन आवश्कताओं की पूर्ति बच्चों में सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना विकसित करती है। जब इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो बच्चों में असुरक्षा की भावना जागृत होती हैं एवं बच्चा परिवेश से समायोजन करने के कौशल नहीं सीख पाता है। इस खंड में हम बच्चों की सामान्य आवश्यकताओं एवं विभिन्न संवेगात्मक एवं आचरण संबंधी समस्याओं के बारे में अध्ययन करेंगे।

NES-104 Bachchon Ke Samajik-Sanvegatmak Vikas me Margadarshan-2 - IGNOU

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

एन ई एस – 104 संवृद्धी एवं विकास को सुगम बनाना खंड 2 इस पाठ्यक्रम में ‘बच्चो के सामाजिक-संवेगात्मक विकास में मार्गदर्शन’ में बच्चों की विशेष समस्याओं, जैसे वाक् दोष, अनुसूचित जनजाति के बच्चे एवं लड़कियों की सामाजिक और संवेगात्मक समस्याएँ आदी के बारे में जानकारी दि गई है। बच्चों के सामाजिक एवं संवेगात्मक समस्याओं का विश्लेषण, उनकी आत्मधारणा, अभिभावकों की प्रवृत्ति और सामाजिक पूर्वाग्रह का अध्ययन भी किया गया है।

Na Bairi Na Koi Begana: न बैरी न कोई बैगाना

by Surender Mohan Pathak

अब हाज़िर है जिसका आप सबको रहा है इंतज़ार!मेरी कहानी, मेरी अपनी ज़ुबानी। मेरी आत्मकथा के इस पहले भाग को पढ़ते हुए कभी आपको हंसी आएगी, कभी आंख नम हो जाएगी... और कई बार मेरा हाथ थामे मेरे बचपन से गुज़रते हुए ऐसा लगेगा जैसे दिल में कुछ नम पिघल रहा है। तो चलिए रू-ब-रू होते हैं उनकी 298वीं रचना, न बैरी न कोई बेगाना से...

Naadaan Dost

by Premchand

प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ

Naagland: नागलैंड

by Vikas Bhanti

"नागलैंड" एक रोमांचक और रहस्यमयी उपन्यास है, जिसमें एक युवा रिपोर्टर मानव दुआ की खोजी यात्रा को दर्शाया गया है। मानव एक नागमणि के रहस्य का पर्दाफाश करने के लिए नागालैंड के गहरे जंगलों में जाता है, जहाँ उसे पिञाली नामक जनजाति के अद्भुत और भयावह रहस्यों का सामना करना पड़ता है। इस यात्रा में उसका दोस्त एस.डी. भी शामिल होता है, लेकिन धीरे-धीरे घटनाएँ खतरनाक मोड़ लेने लगती हैं। जंगल के अज्ञात खतरे, पुरानी मान्यताएँ, रहस्यमयी शक्ति और अस्तित्व की लड़ाई इस कहानी को अत्यधिक रोमांचक बना देते हैं। लेखक विकास भान्ती ने इस उपन्यास में रहस्य, थ्रिलर, एडवेंचर और साइंस फिक्शन का शानदार समावेश किया है, जो पाठकों को आखिरी पन्ने तक बाँधे रखता है। क्या मानव और एस.डी. इस नागमणि के रहस्य से पर्दा उठा पाएँगे, या वे इस घातक यात्रा में हमेशा के लिए खो जाएँगे? यही जानने के लिए यह उपन्यास पढ़ना जरूरी है।

Nach Ke Bahar: नाच के बाहर

by Gouri Nath

"नाच के बाहर" गौरीनाथ द्वारा रचित एक उपन्यास है जो भारतीय समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश को गहराई से छूता है। इस कहानी का केंद्रबिंदु नृत्य कला है, जो न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि समाज की विविधता और परंपराओं का प्रतीक भी है। उपन्यास में मुख्य पात्र एक नर्तक है, जो अपनी कला के माध्यम से जीवन के विभिन्न रंगों को प्रस्तुत करता है। कहानी नृत्य के माध्यम से समाज की कुरीतियों, संघर्षों, और बदलावों को दर्शाती है। यह न केवल एक नर्तक की व्यक्तिगत यात्रा को दिखाती है, बल्कि उसके माध्यम से समाज की सोच, उसके बदलाव और उसके प्रभावों को भी उजागर करती है। इस उपन्यास में नृत्य एक माध्यम है जिससे लेखक ने समाज की परतों को उकेरा है, जहां परंपराओं और आधुनिकता के बीच की खींचातानी को बड़े ही सुंदर और संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया गया है। "नाच के बाहर" एक ऐसी कहानी है जो पाठकों को भारतीय संस्कृति और समाज के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराती है, और उन्हें सोचने पर मजबूर करती है कि कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है।

Nagarjun Rachna Sanchayan

by Rajesh Joshi

After Nirala, Nagarjun is the only poet who has used so many verses, forms and poetic styles. His expression is very proper and direct. His poems and stories mostly tell us about the part of the country where he stayed. In his style, one would find both the independence of wanderlust and speed.

Naina: नैना

by Sanjeev Paliwal

भारत की सबसे पसंदीदा समाचार एंकर, नैना वशिष्ठ की घर से 500 मीटर से भी कम दूरी पर उस समय हत्या कर दी जाती है जब वह अपने पड़ोस के पार्क में टहलने जाती थी। वह जितनी ग्लैमरस हैं उतनी ही महत्वाकांक्षी भी, मीडिया और राजनीतिक हलकों में उनका एक जाना-पहचाना नाम है और उनके चैनल की टीआरपी के लिए वह महत्वपूर्ण हैं।

Naitik Shiksha class 7 - JCERT: नैतिक शिक्षा ७वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

"नैतिक शिक्षा" पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों और जीवन कौशलों का विकास करना है। यह पुस्तक बच्चों को नैतिकता, सत्यनिष्ठा, अनुशासन, साहस, सहिष्णुता, और मिल-जुलकर रहने के महत्व को समझाने में सहायक है। पुस्तक में विभिन्न कहानियाँ और कविताएँ शामिल हैं जो नैतिक मूल्यों को सरल और सजीव तरीके से प्रस्तुत करती हैं, ताकि बच्चे इन्हें अपने जीवन में आसानी से अपना सकें। उदाहरण के लिए, समय की पाबंदी, साहसिकता और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा जैसे विषयों पर आधारित कहानियाँ न केवल बच्चों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उनके नैतिक विकास में भी सहायक होती हैं। पुस्तक के हर अध्याय के बाद अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं, जो बच्चों को आत्मविश्लेषण और व्यक्तिगत अनुभवों को समझने का अवसर प्रदान करते हैं। अभ्यासों के माध्यम से बच्चों से यह जानने का प्रयास किया जाता है कि उन्होंने नैतिक मूल्यों को कितना आत्मसात किया है और वे उन्हें अपने जीवन में कैसे लागू कर सकते हैं। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक संपत्ति की देखभाल, और विभिन्न धर्मों के प्रति सहिष्णुता जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को भी पाठ्यपुस्तक में जगह दी गई है, ताकि बच्चों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो। पुस्तक का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि बच्चों को एक जिम्मेदार, नैतिक और संवेदनशील नागरिक बनाना भी है, जो समाज और राष्ट्र के विकास में सकारात्मक योगदान दे सकें।

Najanu ke rang

by Nicolai Nosov

इस कहानी में एक बच्‍चा है उसका नाम नजानू है। वह खेल के मैदान में सब बच्‍चों के साथ अलग-अलग तरीके के खेल खेलता है। There is a child in this story, his name is Najunu. He plays different games with all the children in the playground.

Nakli Waris: नकली वारिस

by Surender Mohan Pathak

"नकली वारिस" सुरेंद्र मोहन पाठक द्वारा लिखा गया एक रोमांचक रहस्य उपन्यास है, जिसमें धोखाधड़ी, पहचान की गुत्थी और षड्यंत्र की जटिल कहानी बुनी गई है। कहानी काठमांडू के एक होटल से शुरू होती है, जहां एक अमीर उद्योगपति राजा शिवप्रताप सिंह की कथित बेटी काजल रहस्यमय परिस्थितियों में पाई जाती है। लेकिन जल्द ही, घटनाओं का ऐसा चक्र शुरू होता है, जिससे उसकी असली पहचान पर सवाल उठने लगते हैं। जब डॉक्टर सूर्यदेव थापा को इस मामले की सच्चाई का अहसास होता है, तो उसे जान से मारने की कोशिश की जाती है। पत्रकार सुनील, जो हमेशा सच्चाई की खोज में रहता है, इस गुत्थी को सुलझाने में जुट जाता है। क्या काजल वास्तव में राजा शिवप्रताप सिंह की बेटी है, या उसके नाम पर कोई और वारिस बनने की साजिश कर रहा है? यह उपन्यास पाठकों को रहस्य और सस्पेंस के जाल में बांधकर अंत तक रोमांचित रखता है।

Namaste Bharat: नमस्ते भारत

by Manu Manoj

भारत का इतिहास कई सुनहरी गाथाओं को संजो कर रखे हुए है जो आज भी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। उपनिषदों और दर्शन में भारतीयों का चिंतन उत्कृष्ट कोटी का है। कई महान व्यक्ति इस धरती पर पैदा हुए हैं जिन्होने सम्पूर्ण मानवता के लिए ज्ञान के नए द्वार खोले हैं। वैश्विक स्तर के कई महाविद्यालय इस धरती पर हुआ करते थे और नमस्ते भारत नाम का यह उपन्यास इस सुनहरे इतिहास को देखने का मात्र एक प्रयास है।

Nana-Nani

by Ghanshyam Tiwari

नाना-नानी दो बच्चो की कहानी है। मध्य प्रदेश में गुजराती और मालवी भाषा का प्रभाव है वहाँ नाना-नानी का अर्थ लड़का-लड़की है। इस कहानी में दोनो बच्चे एक दुसरे से ऊँचा बनने की होड़ करते हुये तरह-तरह की कल्पना करते है।Nana-Nani is the story of two children. Due to effect of Gujrati and Malvi languages in Madhya Pradesh, Nana-Nani means a girl and a boy. In this story, two children are competing with each other to be elevated as elders.

Nani Ki Rochak Kahaniyan

by Yamini Prashant

Yamini Prashant is the author of the interesting story of the 'Nani Ki Rochak Kahaniyan'. The book about Lewis and Emily's grandmother stories. She tells them interesting stories when they went her home in vacation.

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