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Samajopayogi Yojnayein Bhag 2 class 10 - RBSE Board: समाजोपयोगी योजनाएँ भाग 2 10वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा समाजोपयोगी योजनाएँ भाग 2 विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में किसी भी देश की उन्नति, किसी एक आधार भूमि पर खड़ी नहीं होती बल्कि उसके लिए विभिन्न आयामों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होती है, और इस सम्बन्ध में 'सरकारी योजनाएँ' महती भूमिका निभाती है । भारत विकासशीलता के पथ पर चलकर विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा हो सके, यह देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, और इस कर्त्तव्य की पूर्ति तभी संभव है, जब हमें देश और राज्य की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी हो । यह योजनाएँ आर्थिक सुदृढ़ीकरण, स्वास्थ्य, आर्थिक हितों एवं प्राकृतिक सम्पदा के संरक्षण को केन्द्र में रखकर निर्मित की गई है । यह पाठ्यपुस्तक बोर्ड के निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर ही तैयार कराई गई हैं।

Samajopayogi Yojnayein Bhag 3 class 11 - RBSE Board: समाजोपयोगी योजनाएँ भाग 3 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । विद्यार्थी के लिए पाठ्यपुस्तक क्रमबद्ध अध्ययन, पुष्टिकरण, समीक्षा और आगामी अध्ययन का आधार होती है। विषय-वस्तु और शिक्षण-विधि की दृष्टि से विद्यालयीय पाठ्यपुस्तक का स्तर अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है। पाठ्य पुस्तकों को कभी जड़ या महिमामण्डित करने वाली नहीं बनने दी जानी चाहिए। पाठ्यपुस्तक आज भी शिक्षण अधिगम-प्रक्रिया का एक अनिवार्य उपकरण बनी हुई है, जिसकी हम उपेक्षा नहीं कर सकते। आशा है कि ये पुस्तकें विद्यार्थियों में मौलिक सोच, चिंतन एवं अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करेंगी।

Samajshastra B.A. 2nd Year M.P. University

by Prof. M. L. Gupta Dr D. D. Sharma

Samajshastra text book for B.A. 2nd Year According to the Latest Syllabus based on syllabus from M.P. University in Hindi

Samajshastra F.Y.B.A. M.P. University

by G. K. Agarwal

Samajshastra text book for F.Y.B.A According to the Latest Syllabus based on syllabus from M.P. University in Hindi

Samajshastra Ka Parichay class 11 - RBSE Board: समाजशास्त्र का परिचय 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

समाजशास्त्र का परिचय कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, यह पाठ्यपुस्तक समाजशास्त्र के परिचय हेतु एक आमंत्रण है। यह समाजशास्त्र विषय का विस्तृत एवं बोझिल वर्णन नहीं है, अपितु यह हमें इसका बोध कराती है और साथ ही समाज को समझने एवं अपनी जिंदगी को बेहतर समझने में समाजशास्त्र किस तरह हमारी मदद करता है, उसका ज्ञान प्रदान करती है। यह पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों को समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण, उसकी संकल्पनाओं एवं अनुसंधान के साधनों से परिचित कराती है। यह पाठ्यपुस्तक दर्शाती है कि किस तरह समाजशास्त्र एक विषय की तरह इस तथ्य से संबंधित है कि हममें से प्रत्येक, समाज के सदस्य की तरह, समाज के बारे में सामान्य बौद्धिक विचार और समझ रखता है। समाजशास्त्र ज्ञान के एक निकाय के रुप में सामान्य बौद्धिक ज्ञान के निकाय से कैसे अलग है जोकि समाज में अवश्य पाया जाता है? क्या यह अपनी पद्धति और उपागम के कारण अलग है या यह इसलिए अलग है क्‍योंकि यह लगातार आलोचनात्मक प्रश्न पूछता है, क्योंकि यह किसी भी विचार को बिना विमर्श के स्वीकार नहीं करता? हम इस तरह के कई और प्रश्न जोड़ सकते हैं। समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जोकि हमें समाज, जिस तरह से कार्य करता है, वह क्यों और कैसे करता है, इसकी समझ देता है और इसके बारे में प्रश्न पूछने के लिए प्रशिक्षण देता है। इसीलिए समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्द एवं संकल्पनाएँ ज़रूरी हैं क्योंकि वही समाजशास्त्रीय समझ के हमारे साधन हैं।

Samajshastra Parichay Class 11 - NCERT: समाजशास्त्र परिचय 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समाजशास्त्र परिचय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह पाठ्यपुस्तक समाजशास्त्र के परिचय हेतु एक आमंत्रण है। यह समाजशास्त्र विषय का विस्तृत एवं बोझिल वर्णन नहीं है, अपितु यह हमें इसका बोध कराती है और साथ ही समाज को समझने एवं अपनी जिंदगी को बेहतर समझने में समाजशास्त्र किस तरह हमारी मदद करता है, उसका ज्ञान प्रदान करती है। यह पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों को समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण, उसकी संकल्पनाओं एवं अनुसंधान के साधनों से परिचित कराती है। यह पाठ्यपुस्तक दर्शाती है कि किस तरह समाजशास्त्र एक विषय की तरह इस तथ्य से संबंधित है कि हममें से प्रत्येक, समाज के सदस्य की तरह, समाज के बारे में सामान्य बौद्धिक विचार और समझ रखता है। समाजशास्त्र ज्ञान के एक निकाय के रुप में सामान्य बौद्धिक ज्ञान के निकाय से कैसे अलग है जोकि समाज में अवश्य पाया जाता है? क्या यह अपनी पद्धति और उपागम के कारण अलग है या यह इसलिए अलग है क्‍योंकि यह लगातार आलोचनात्मक प्रश्न पूछता है, क्योंकि यह किसी भी विचार को बिना विमर्श के स्वीकार नहीं करता? हम इस तरह के कई और प्रश्न जोड़ सकते हैं। समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जोकि हमें समाज, जिस तरह से कार्य करता है, वह क्यों और कैसे करता है, इसकी समझ देता है और इसके बारे में प्रश्न पूछने के लिए प्रशिक्षण देता है। इसीलिए समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्द एवं संकल्पनाएँ ज़रूरी हैं क्योंकि वही समाजशास्त्रीय समझ के हमारे साधन हैं।

Samajshastra Parichay class 11 - NCERT - 23: समाजशास्त्र परिचय ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समाजशास्त्र परिचय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह पाठ्यपुस्तक समाजशास्त्र के परिचय हेतु एक आमंत्रण है। यह समाजशास्त्र विषय का विस्तृत एवं बोझिल वर्णन नहीं है, अपितु यह हमें इसका बोध कराती है और साथ ही समाज को समझने एवं अपनी जिंदगी को बेहतर समझने में समाजशास्त्र किस तरह हमारी मदद करता है, उसका ज्ञान प्रदान करती है। यह पाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों को समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण, उसकी संकल्पनाओं एवं अनुसंधान के साधनों से परिचित कराती है। यह पाठ्यपुस्तक दर्शाती है कि किस तरह समाजशास्त्र एक विषय की तरह इस तथ्य से संबंधित है कि हममें से प्रत्येक, समाज के सदस्य की तरह, समाज के बारे में सामान्य बौद्धिक विचार और समझ रखता है। समाजशास्त्र ज्ञान के एक निकाय के रुप में सामान्य बौद्धिक ज्ञान के निकाय से कैसे अलग है जोकि समाज में अवश्य पाया जाता है? क्या यह अपनी पद्धति और उपागम के कारण अलग है या यह इसलिए अलग है क्‍योंकि यह लगातार आलोचनात्मक प्रश्न पूछता है, क्योंकि यह किसी भी विचार को बिना विमर्श के स्वीकार नहीं करता? हम इस तरह के कई और प्रश्न जोड़ सकते हैं। समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जोकि हमें समाज, जिस तरह से कार्य करता है, वह क्यों और कैसे करता है, इसकी समझ देता है और इसके बारे में प्रश्न पूछने के लिए प्रशिक्षण देता है। इसीलिए समाजशास्त्र में प्रयुक्त शब्द एवं संकल्पनाएँ ज़रूरी हैं क्योंकि वही समाजशास्त्रीय समझ के हमारे साधन हैं।

Samanya Arthshastra Evam Bharitya Arthavyavastha Railway Group D (Competitive Exam)

by Indic Trust

This book is on Indian economy and basics of economics for the preparation of Railway Group D examination. Short notes help the students to learn with speed and accuracy.

Samanya Gyan

by Sunil Kumar Singh

This book has been prepared taking into consideration different types of questions being asked in the competitive exams. boon for students preparing for ssc, banking, railways etc. It covers topics from science, social science, current affairs, polity and economics. This is a must read book for all aspirants.

Samanya Vigyan Railway Group D (Competitive Exam)

by Indic Trust

This book is prepared to improve the knowledge of General Science for the examination of the Railway Group D. Notes are in such a way that the students can learn and revise fast during examination.

Samanya Vigyan class 6 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ६वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

"सामान्य विज्ञान" छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक है, जिसमें विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया गया है। यह पुस्तक प्राकृतिक संसाधनों, सजीव और निर्जीव वस्तुओं, ऊर्जा, बल, गति, प्रकाश, ध्वनि, पर्यावरण, जैव विविधता, तथा ब्रह्मांड से संबंधित विषयों को कवर करती है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रायोगिक गतिविधियाँ, अवलोकन और विश्लेषण को प्रमुखता दी गई है। पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना और उन्हें दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने तथा लागू करने के लिए प्रेरित करना है।

Samanya Vigyan class 7 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ७वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

‘सामान्य विज्ञान’ सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई एक पाठ्यपुस्तक है, जो विज्ञान की मौलिक अवधारणाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। इसमें सजीव और निर्जीव वस्तुओं का अध्ययन, वनस्पतियों और प्राणियों में अनुकूलन, कोशिका संरचना, पाचन तंत्र, ऊष्मा, ध्वनि, प्रकाश, चुंबकीय क्षेत्र, ऊर्जा के स्रोत, भौतिक और रासायनिक परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन जैसे विषयों को शामिल किया गया है। पुस्तक का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना, प्रायोगिक एवं अवलोकन कौशल को बढ़ावा देना और छात्रों को उनके दैनिक जीवन में विज्ञान के अनुप्रयोगों से परिचित कराना है। विभिन्न प्रयोगों, गतिविधियों और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बच्चों को विज्ञान को समझने और आत्मसात करने का अवसर मिलता है। यह पुस्तक विद्यार्थियों को तार्किक सोच, समस्या समाधान और खोजपरक दृष्टि विकसित करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे अपने आसपास की दुनिया को वैज्ञानिक दृष्टि से समझ सकें और जागरूक नागरिक बन सकें।

Samanya Vigyan class 8 - Maharashtra Board: सामान्य विज्ञान ८वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

‘सामान्य विज्ञान’ आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई पाठ्यपुस्तक है, जो विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करती है। इसमें जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की मूलभूत अवधारणाओं को रोचक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में सजीवों के वर्गीकरण, कोशिका संरचना, स्वास्थ्य और रोग, बल और दाब, ऊष्मा, प्रकाश, ध्वनि, विद्युत और चुंबकत्व, प्रदूषण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संतुलन और तारों की जीवनयात्रा जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, तार्किक सोच को प्रोत्साहित करने और प्रयोगों व गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान को समझने की प्रेरणा देती है। पुस्तक में दिए गए प्रयोग, प्रश्नोत्तरी और गतिविधियाँ छात्रों को आत्मनिर्भर बनाते हैं और उनके अवलोकन कौशल को निखारते हैं, जिससे वे अपने दैनिक जीवन में विज्ञान के अनुप्रयोग को समझ सकें।

Samarshankh: समरशंख

by Namrata Singh

महाभारत युद्ध समाप्‍त हुए पाँच सौ वर्ष बीत चुके थे। धरती पर अन्‍याय, अशांति और अधर्म का वातावरण व्‍याप्‍त हो चुका था। सम्‍पूर्ण आर्यावर्त मनुष्‍यों के अधिकार में था। तक्षक नाग के वंशज आश्रयहीन हो चुके थे। पक्षीराज जटायु के वंशज गरुड़, कलियुग के प्रारम्‍भ में अत्‍यधिक शक्‍तिशाली हो गए और उन्‍होंने धरती पर बचे-खुचे नागों का संहार करना प्रारम्‍भ किर दिया। मनुष्‍यों और गरुड़ों के पास एक अपराजेय महायोद्धा था, जिसके नाम से असुर और नाग थर-थर कांपते थे। नागों को भी एक महावीर योद्धा की तलाश थी और एक दिन अचानक ऐसा एक योद्धा प्रकट हो जाता है। सम्‍पूर्ण भारतवर्ष उसे ‘नागपुत्र’ कहकर बुलाने लगता है। उस नागपुत्र के परिचय से समस्‍त गरुड़ जाति कांप उठती है। समरशंख फूँक दिया जाता है और एक भयानक और भीषण महायुद्ध का प्रारम्‍भ हो जाता है।

Samashti Arthashastra Ek Parichay class 12 - NCERT - 23: समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है जिन्हें करने के लिए व्यावहारिक अनुभवों की आवश्यकता होती है।

Samashti Arthashastra class 12 - NCERT: समष्टि अर्थशास्त्र 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देती है जिन्हें करने के लिए व्यावहारिक अनुभवों की आवश्यकता होती है।

Samashti Arthashastra class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन में अर्थशास्त्रियों द्वारा उपयोग किए गए अधिक जटिल विश्लेषणों से अवगत होंगे ।

Samay Ka Paaband Aman

by Reena Batra

मूल्य शिक्षा के आधार पर कहानियाँ

Samay ka Sankshipt Itihas: समय का संक्षिप्त इतिहास

by Stephen Hawking

स्टीफेन हॉकिंग की यह पुस्तक विज्ञान-लेखन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता के कारण अतिविशिष्ट स्थान रखती है। वर्ष 1988 में अपने प्रकाशन के मात्र दस वर्षों की अवधि में इस पुस्तक की 10 लाख से ज़्यादा प्रतियाँ बिकीं और आज भी जिज्ञासा की दुनिया में यह पुस्तक बदस्तूर अपनी जगह बनाए हुए है।

Samkaleen Bharat Mein Vikas Ki Prakriya Aur Saamaajik Aandolan - Delhi Vishvavidyalaya: समकालीन भारत में विकास प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन - दिल्ली विश्वविद्यालय

by Abhay Prasad Singh

समकालीन भारत में विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलन इस विषय पर लिखित अपनी तरह की एकमात्र और अनूठी पस्तक है। राजनीति विज्ञान पर वैसे तो कई पुस्तक उपलब्ध हैं, परंतु । स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया को विहंगम दृष्टि से लेखनीबद्ध करने का यह ऐसा प्रयास है। जिसमें विकास की प्रक्रिया और सामाजिक आंदोलनों के उतार-चढ़ाव के विस्तारित आयाम पर समग्रता से विचार करने की पहल की गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में ऐसे विषय को स्थान देकर उल्लेखनीय कदम उठाया है। यह पुस्तक न केवल राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों के लिए बल्कि आम पाठकों के लिए भी एक संग्रहणीय पुस्तक है। इस पुस्तक में पांच इकाइयां हैं। आरंभ की तीन इकाइयां - समकालीन विकास प्रक्रिया से संबंधी। रणनीतियों और सामाजिक संरचनाओं पर उसके प्रभावों से संबंधित हैं। इसमें स्वतंत्र भारत में विकास की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे: योजनागत विकास, भूमंडलीकरण और श्रम विशेष आर्थिक क्षेत्र, भारत में नव-मध्यम वर्ग, भूमि सुधार, हरित क्रांति, नक्सलवाद, कृषि संकट तथा भारतीय किसानों पर इसके प्रभाव का विवेचन किया गया है। पुस्तक की चौथी इकाई सामाजिक और नव सामाजिक आंदोलनों के संदर्भ में है। इसके अंतर्गत किसान-महिला- आदिवासी-दलित तथा पर्यावरण आंदोलन, नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन एवं मानव अधिकार आंदोलन तथा जनवादी अधिकार आंदोलन पर चर्चा की गई है। पांचवीं इकाई में भोजन का अधिकार, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार जैसे नवीनतम अधिकार विषयक सरोकारों से संबंधित विषयों पर जानकारी दी गई है।

Samkaleen Pashchatya Darshan - Competitive Exam

by Basant Kumar Lal

प्रस्‍तुत पुस्‍तक में सामान्यतः बीसवीं शताब्‍दी के कुछ प्रमुख दार्शनिक विचारों का परिचय मिलता है। पाश्चात्य विचाराकों में एफ. एच. ब्रैडले ने आभास और सत् की समस्‍या पर विचार किया है इसके भेद को स्‍पष्‍ट रूप से समझाने का प्रयास किया है। चार्ल्‍स सैन्‍डर्स ने संशय, विश्‍वास एवं अन्‍वेषण पर टिप्‍पणी की। अमरीकी वास्‍तवाद, के भेद एवं उसके अर्थ को स्‍पष्‍ट किया है। हेनरी बर्गसां ने सत् का स्‍वरूप सर्जनात्‍मक विकसासवाद प्रज्ञा एवं अन्‍तर्दृष्टि के बारे में बताया है। मूर तथा रसेल ने ज्ञानमीमांसीय विचार को महत्‍व दिया है। जिससे जगत के बारे में क्‍या जाना जा सकता है। अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड ने दार्शनिक चिन्‍तन का स्‍वरूप, वैचारिक कोट की व्‍यवस्‍था की पहचान, वास्‍तविक तत्व शाश्‍वत वस्‍तु के सहयोग से जगत प्रक्रिया ईश्‍वर विचार आदि विषयों पर विचार किया है।लुडविग विटगेन्‍स्‍टीन ने विकसित दर्शन, विकसित विचार और गिलबर्ट राइल ने विश्‍लेषणात्‍मक दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत किये है।इस प्रकार पाश्‍चात्‍य दार्शनिक विचारकों ने अलग अलग विषय पर जो अपने विचार व्‍यक्‍त किये है उससे इस पुस्‍तक की अपनी एक अलग पहचान है और पढ़ने वालों को सही जानकारी मिलती है।

Samkalin Bharat -2

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through Hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

Samkalin Bharat 1 class 9 - NCERT: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।

Samkalin Bharat 1 class 9 - RBSE Board: समकालीन भारत 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

समकालीन भारत 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। 'हिन्दी भाषा' अपने सामर्थ्य में वृद्धि करते हुए विश्व में सम्पर्क भाषा के रूप मे तीव्रता से प्रसारित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि अपने प्रदेश के विद्यालयों के विद्यार्थी हिन्दी भाषा के व्यवहार में विशेष दक्षता अर्जित करें। इस पुस्तक में कुल छह अध्याय है। भारत-आकार और स्थिती, भारत का भौतिक स्वरुप, अपवाह, जलवायू, प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी, जनसंख्या आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।

Samkalin Bharat 2 class 10 - NCERT: समकालीन भारत 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

समकालीन भारत भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल सात अध्याय है। संसाधन एवं विकास, वन एवं वन्य जीव संसाधन, जल संसाधन, कृषि, खनिज तथा ऊर्जा संसाधन, विनिर्माण उद्योग, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ आदी के बारे जानकारी दी गई है। छात्रें में भू-स्थानिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी तथा इसरो ने मिलकर ऑनलाइन वेब आधारित भू-स्थानिक पोर्टल स्कूल-भुवन-एनसीईआरटी बनाया है। इस भू-स्थानिक पोर्टल पर भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में दिए गए मानचित्र उपलब्ध हैं। यह पोर्टल छात्रें में भू-स्थानिक तकनीक के उपयोग द्वारा भूगोल की विभिन्न संकल्पनाओं को समझने में मदद करता है।

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