Browse Results

Showing 201 through 225 of 2,173 results

Arthashastra class 9 - RBSE Board: अर्थशास्त्र 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

'अर्थशास्त्र' माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। 'हिन्दी भाषा' अपने सामर्थ्य में वृद्धि करते हुए विश्व में सम्पर्क भाषा के रूप मे तीव्रता से प्रसारित हो रही है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि अपने प्रदेश के विद्यालयों के विद्यार्थी हिन्दी भाषा के व्यवहार में विशेष दक्षता अर्जित करें। इस पाठ्यपुस्तक में चार खंड और दिए गए है। पाठ्यपुस्तक में चार अध्याय दिए है - अध्याय एक पालमपूर गाँव की कहानी, अध्याय दो संसाधन के रुप में लोग, अध्याय तीन निर्धनताः एक चुनौती और अध्याय चार भारत मे खाद्य सुरक्षा आदी के विषय पर चर्चा की गई है।

Arthashastra mein Sankhiki (Chapter 1 to chapter 5) class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (अध्याय 1 ते अध्याय 5) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (अध्याय 1 ते अध्याय 5) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में 9 अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Arthashastra mein Sankhiki (Chapter 6 to Last chapter) class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (अध्याय 6 ते अंतिम अध्याय) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (अध्याय 6 ते अंतिम अध्याय) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में 9 अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Arthashastra mein Sankhiki class 11 - NCERT: अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

अर्थशास्त्र में सांख्य़िकी 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल नौ पाठ हैं, साथ ही साथ परिशिष्ट का भाग भी किताब के अंत में दिया है। अर्थशास्त्र में व्यक्ति और समाज अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तथा समाज के विभिन्न व्यक्तियों एवं समूहों में उपभोग हेतु वितरित करने के लिए इसका चुनाव कैसे करे कि वैकल्पिक प्रयोग वाले अल्प संसाधनों का प्रयोग विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में हो सके, यह अर्थशास्त्र में अध्ययन किया है।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - Himachal Pradesh Board: आर्थिक विकास की समझ कक्षा १० - हिमाचल प्रदेश बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 10 के लिए "आर्थिक विकास की समझ" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2005 और परीक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय फोकस समूह के स्थिति पत्र ने परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के तरीकों में बदलाव के लिए अपील की है। इस पुस्तक में पूछे गए प्रश्न रटने को बढ़ावा देने वाली मूल्यांकन प्रणाली से हटकर पाठकों की रचनात्मक सोच, कल्पनाशीलता, प्रत्युत्तर और विश्लेषण क्षमता को धारदार बनाने वाली प्रणाली अपनायी गई है। यहाँ दिए गए उदाहरणों के आधार पर शिक्षक अतिरिक्त प्रश्नों को भी तैयार कर सकते हैं। इस पुस्तक को तैयार करते समय हमने अनेक संदर्भ सामग्रियों का उपयोग किया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की अनेक कतरनों, सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की रिपोर्टों का भी उपयोग किया है। इनमें से कुछ का उल्लेख शिक्षक के लिए निर्देश में किया गया है और कुछ पुस्तक के अन्त में सुझावित पाठ्य-सामग्रियों में दिए गए हैं।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - JCERT: आर्थिक विकास की समझ १०वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

आर्थिक विकास से जुड़ी कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक "आर्थिक विकास की समझ" का उद्देश्य छात्रों को भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की प्रक्रिया और उसके विभिन्न पहलुओं से परिचित कराना है। यह पाठ्यपुस्तक छात्रों को तीन प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों: कृषि, विनिर्माण और सेवा के आधार पर आर्थिक विकास की व्याख्या करती है। इसके साथ ही इसमें मानव विकास के पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, और जीवन की गुणवत्ता को भी महत्वपूर्ण माना गया है। पाठ्यपुस्तक में बताया गया है कि विकास केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन की बेहतरी के लिए आवश्यक अन्य मानकों जैसे शिशु मृत्यु दर, साक्षरता दर, और जीवन प्रत्याशा को भी शामिल करता है। इसमें विभिन्न राज्यों के उदाहरण के माध्यम से यह समझाया गया है कि उच्च आय वाले राज्य भी कभी-कभी अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पीछे रह सकते हैं, जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा। विकास को समझने के लिए इसमें मापदंडों की चर्चा की गई है जैसे औसत आय, प्रति व्यक्ति आय, और मानव विकास सूचकांक। इसके अलावा, पुस्तक में वैश्वीकरण, मुद्रा और साख की भूमिका, और उपभोक्ता अधिकारों के विषयों पर भी ध्यान दिया गया है।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - NCERT - 23: आर्थिक विकास की समझ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आर्थिक विकास की समझ कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – इस पुस्तक में सर्वप्रथम देश में विकास की शुरुआत को अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रकों-कृषि, विनिर्माण और सेवा के उदय के रूप में देखते हैं । आर्थिक विकास को पृथक रूप में नहीं, बल्कि मानव-विकास की सामान्य अवधारणा, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को व्यापक रूप से परिभाषित करनेवाले (आय सहित) अन्य संकेतकों को भी शामिल किया है, के अंग के रूप में देखने की कोशिश की है । पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Arthik Vikas Ki Samajh class 10 - NCERT: आर्थिक विकास की समझ 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

आर्थिक विकास की समझ कक्षा 10वीं का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच पाठ हैं – इस पुस्तक में सर्वप्रथम देश में विकास की शुरुआत को अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रकों-कृषि, विनिर्माण और सेवा के उदय के रूप में देखते हैं । आर्थिक विकास को पृथक रूप में नहीं, बल्कि मानव-विकास की सामान्य अवधारणा, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को व्यापक रूप से परिभाषित करनेवाले (आय सहित) अन्य संकेतकों को भी शामिल किया है, के अंग के रूप में देखने की कोशिश की है । पुस्तक में पाठ के साथ प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं, जो पाठ को रोचक बनाने, उसे स्पष्ट करने में मदद करेंगे। पुस्तक के अंत में लेखक परिचय का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है।

Arthik Vikas Ki Samjh

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

Arthshastra B.A (Hons.) Sixth Semester - Ranchi University, N.P.U: अर्थशास्त्र बी.ए. (ऑनर्स) सेमेस्टर VI - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dr J. P. Mishra

अर्थशास्त्र यह पुस्तक रांची विश्वविद्यालय, रांची के बी.ए.(ऑनर्स) सेमेस्टर VI हेतु नए पाठ्यक्रमानुसार प्रकाशित की गई है। पुस्तक की अद्वितीय विशेषता यह है कि इसमें पाठ्यक्रम के सभी शीर्षकों का समावेश किया गया है। 'भारत की वर्तमान मौद्रिक नीति' अध्याय में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा घोषित नवीनतम् मौद्रिक नीति को सम्मिलित किया गया है। इसी प्रकार बैंकिंग क्षेत्र सुधार अध्याय में 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी सरकारी बैंकों के महाविलय को सम्मिलित किया गया है, जो पुस्तक की अद्वितीय विशेषताएं हैं। विश्वास है कि विद्यार्थीगण व अध्यापक-बन्धु इस नवीन संस्करण को उपयोगी पाएंगे।

Arthuna Gram

by Ravindra D. Pandya

Pandya brings out the history of Arthuna gram in this book. The book tells about the archaeology of Bagar Region of Rajasthan. Although writer is not a historian, he has done a marvelous job in doing a deep research on the region.

Ashk se Ishq tak: अश्क से इश्क़ तक

by Aryan Suvada

"मुझसे दिल्लगी की बातें न कर, मुझसे इश्क की साजिशें न कर, मैं हूँ काफिर इश्क की, मुझसे वफ़ा की उम्मीद न कर।" कहते हैं, मोहब्बत अपने बन्दे खुद चुनती है। उन्हें भी मोहब्बत ने ही चुना था। प्यार की सच्चाई से बेरुख, 'रिया' और प्रेम-गुरु 'अजय', जब मिले तब क्या हुआ? अश्क या इश्क! आधुनिक रहन-सहन, सिर्फ हमारे जीवन को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि कभी-कभी हमारे मन तक में ऐसा कुठाराघात कर जाता है, जिसके घाव समय के साथ नहीं भरते। ऐसे ही घावों से घिरी थी, रिया खुराना और प्यार को धर्म और ईमान की तरह पूजने वाले अजय चौहान की प्रेम कहानी। अजय की जुबान में समझें तो, "कहते हैं लोग, प्यार का पहला अक्षर अधूरा होता है। प्यार करके देखो। क्या पता! वह खुद अधूरा रहकर, तुम को पूरा कर दे।" क्या प्यार का पहला आधा अक्षर, रिया और अजय को पूरा करेगा या? पढ़िए नए जमाने की ज़रा हटकर प्रेम कहानी... अश्क से इश्क तक।

Ashok Aur Mourya Samaj Ka Patan

by Romila Thapar

The book studies the history during the time of Mauryas. The book based on the Shilalekh of Ashoka describes about the finest period of ancient Indian history. The book gives the readers an entire new angle of looking at Mauryans. This book also describes about the various effect of Buddhism . A must for the students of Research in Indian History.

Ashwatthama: अश्वत्थामा

by Ashutosh Garg

अश्वत्थामा महाभारत का शापित योद्धा इसे नियति की विडंबना ही कहेंगे कि महाभारत की गाथा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अमर पात्र होने के बावजूद, अश्वत्थामा सदा उपेक्षित रहा है. पौराणिक साहित्य में अश्वत्थामा सहित और भी लोग हैं, जिन्हें अमर मन जाता है. परंतु जहाँ अन्य लोगों को अमर होने का ‘वरदान’ प्राप्त हुआ, वहीँ अश्वत्थामा को अमरता 'शाप' में मिली थी! युद्ध की कथा सदा निर्मम नरसंहार, निर्दोषों की हत्या और दुष्कर्मों की काली स्याही से ही लिखी जाती है. तो फिर महाभारत जैसे महायुद्ध में अश्वत्थामा से ऐसे कौन-से दो अक्षम्य अपराध हो गये थे, जिनके लिए श्रीकृष्ण ने उसे एकाकी व जर्जर अवस्था में हज़ारों वर्षों तक पृथ्वी पर भटकने का विकट शाप दे डाला? उसके मन में यह प्रश्न उठता है कि श्रीकृष्ण ने इतना कठोर शाप देकर उसके साथ अन्याय किया या फिर इसके पीछे भगवान का कोई दैवी प्रयोजन था? क्या अश्वत्थामा के माध्यम से भगवान कृष्ण आधुनिक समाज को कोई संदेश देना चाहते थे? अधिकांश जगत अश्वथामा को दुर्योधन कि भांति कुटिल और दुराचारी समझता है. लेखक ने इस उपन्यास में अश्वत्थामा के जीवन के अनछुए पहलुओं को उजागर करते हुए, उस महान योद्धा के दृष्टिकोण से महाभारत की कथा को नए रूप में प्रस्तुत किया है.

Asia Ka Adhunik Itihas - Ranchi University, N.P.U: एशिया का आधुनिक इतिहास - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Dinanath Verma

प्रस्तुत पुस्तक एशिया की पराधीनता, इसका विरोध और इसके संघर्ष की संक्षिप्त कहानी है । पश्चिम के साम्राज्यवादी देशों ने किस तरह एशिया को सोयी अवस्था में पकड़कर गुलामी की जंजीर में जकड़ा, इसका राजनीतिक और आर्थिक शोषण कर अपना घर भरा, फिर किस प्रकार एशिया ने अपनी स्थिति समझी और पश्चिम को चुनौती देकर उस बीभत्स साम्राज्यवाद से छुटकारा पाया आदि-आदि बातों को अपने ही ढंग से प्रस्तुत करने का यह लेखक का विनम्र प्रयास है । यों तो अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में इस युग के एशिया के इतिहास पर यूरोपीय और अमेरिकी लेखकों की अनेकानेक पुस्तकें हैं, लेकिन उनकी रचना मूल रूप से साम्राज्यवादी दृष्टिकोण से ही हुई है और उनमें एशिया के महत्त्व को कम करने का यथासम्भव प्रयास किया गया है । इस पुस्तक के संबंध में एशिया के इतिहास को एक एशियाई दृष्टिकोण से देखने का प्रयास किया है । यह पुस्तक चीन और जापान से शुरू होती है और फिर दक्षिणपूर्वी एशिया तथा पश्चिमी एशियाई देशों की ऐतिहासिक प्रगति का वर्णन करते हुए समाप्त होती है । यद्यपि मिस्र अफ्रीका का देश है, लेकिन पश्चिम एशिया के इतिहास से उसका इतना घनिष्ठ सम्बन्ध है कि उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती । अतएव पुस्तक में मिस्र के इतिहास को भी सम्मिलित कर लिया गया है । इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि इन देशों में घटी राजनीतिक घटनाओं के अतिरिक्त आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगतियों से भी पाठकों का परिचय कराया जाए ।

Astitva ki Asmita: अस्तित्व की अस्मिता

by Dr Ghanshyam Asudani

अस्तित्व की अस्मिता विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आधारित 18 हिंदी लघु कथाओं का संग्रह है। लेखक ने महिलाओं के विशेष संदर्भ में समाज के कमजोर वर्गों के शोषण को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। कहानियाँ विभिन्न सामाजिक मुद्दों को सबसे संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत करती हैं।

Asylum - Sab Marenge: असायलम - सब मरेंगे

by Afzal Ahmed Mithilesh Gupta

1970 में डॉक्टर निर्मल बनर्जी ने प्रोफेसर भास्कर के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय ख़ुफ़िया प्रोग्राम पर काम किया था, जिसमें भारत के साथ-साथ रोमानिया और हॉलैंड जैसे देश भी शामिल थे। उन दोनों का यह खतरनाक प्रयोग बुरी तरह असफल रहा गया था जिसका नतीजा यह हुआ कि इस प्रयोग में शामिल तीनों ही देश के कुल 90 बहादुर लोग न सिर्फ पागल हो गए, बल्कि उनकी जिंदगी भी खतरे में पड़ गई। उन सबको मजबूरी वश आजीवन मेन्टल असाइलम में ठूंस दिया गया। वह प्रयोग क्या था? किस कारण वह प्रयोग असफल हो गया? मेन्टल असाइलम बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? इन पागल हुए लोगों की पीछे की क्या कहानी है? डॉक्टर सत्यजीत बनर्जी, जिसके पिता का इस प्रयोग में एक अहम किरदार था, वह किस तरह इन रहस्यों से पर्दा उठायेगा? भारत, हॉलैंड और रोमानिया के असाइलम का रहस्य सुलझाने में उसका साथ कौन लोग देने वाले थे? यह डॉक्टर्स के जोखिम भरे सफर की एक ऐसी कहानी है जिसे पढ़कर आपकी रूह कांप उठेगी।

Ateek Ka Vartmaan

by Amartya Sen

"The aim of this book is to inspect the explanation of Indian history given by Nationalists. The book's objective is an historical study and interpretation of scientific method in the study of Indian history and to awake the need of the utility to use its significant highlights.

Atharv aur Mayalok: अथर्व और मायालोक

by Manish Pandey 'Rudra'

अथर्व और मायालोक एक जादुई और रोमांचक उपन्यास है, जिसमें मुख्य पात्र अथर्व की यात्रा मायावी दुनिया में होती है। कहानी अथर्व के जीवन की कठिनाइयों से शुरू होती है, जिसमें वह अपने माता-पिता की खोज में लगा होता है। एक दिन उसे एक जादुई लॉकेट मिलता है, जिसके बाद उसकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल जाती है। वह मायावी शक्तियों, अद्भुत जीवों और अजीब घटनाओं से घिर जाता है। उसे पता चलता है कि उसकी नियति इस जादुई दुनिया से जुड़ी है। कहानी में मित्रता, साहस, और संघर्ष के तत्व प्रमुख हैं, जहां अथर्व को अपनी पहचान और उद्देश्य का पता लगाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अंततः, यह उपन्यास पाठकों को एक अनोखी और रहस्यमयी दुनिया में ले जाता है, जहां कल्पना की कोई सीमा नहीं होती।

Atlantis Ek Rahasyamay Dwip: अटलांटिस एक रहस्यमयी द्वीप

by Shivendra Suryavanshi

हम जब भी अटलांटिस के बारे में सोचते हैं, हमारी आँखों के सामने सागर में डूबी एक भव्य सभ्यता नजर आने लगती है। अटलांटिस देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र सर्वप्रथम प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘टाइमियस’ और ‘क्रिटियास’ में किया था। कहते हैं अटलांटिस का विज्ञान आज के विज्ञान से हजारों गुना ज्यादा बेहतर था। पर एक दिन धरती के जोर से हिलने की वजह से पूरी अटलांटिस सभ्यता कहीं सागर में समा गई। तब से लेकर आज तक वैज्ञानिक, आर्कियोलॉजिस्ट उस सभ्यता को ढूंढने का प्रयत्न कर रहे हैं। ईश्वर को ब्रह्मांड के निर्माण के लिये 7 तत्वों की आवश्यकता थी- अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश, ध्वनि और प्रकाश। इन 7 तत्वों से ईश्वर ने ब्रह्मांड का निर्माण किया। पर अभी भी ईश्वर की सबसे अद्वितीय रचना बाकी थी और वह थी जीवन की उत्पत्ति। जीवन की उत्पत्ति के लिये ईश्वर ने ‘ब्रह्मकण’ का निर्माण किया, जिसे अंग्रेजी में ‘गॉड-पार्टिकल’ या 'हिग्स-बोसन' कहा जाता है। इस ब्रह्मकण ने ब्रह्मांड के हर जीव का निर्माण किया। क्या था यह ब्रह्मकण? जिसने अलग-अलग प्रकार के अरबों-खरबों जीवों की रचना की, जिसने इन्हें इतना अलग-अलग बनाया। इस कथानक में जहां एक ओर तिलिस्म, जादू, चमत्कार और रहस्य है, वहीं दूसरी ओर विज्ञान की एक अद्भुत दुनिया है, जो बिग-बैंग, ब्लैक होल, नेबुला और डार्क मैटर जैसे सिद्धांतों को खोलती है। पौराणिक कथाओं और विज्ञान के ताने बाने से बुना हुआ एक अद्भुत कथानक।

Atmabodh: आत्मबोध

by Dada Bhagwan

प्रस्तुत संकलन में प्रकट प्रत्यक्ष ज्ञानी के स्वमुख से प्रवाहित आत्मतत्व, और अन्य तत्वों सम्बन्धी वास्तविक दर्शन खुला होता है| आत्मा के अस्तित्व की आशंका से लेकर, आत्मा क्या होगा, कैसा होगा, क्या करता होगा, जन्म मरण क्या है, किसके जन्म मरण, कर्म क्या है, चार गतियाँ क्या है, उसकी प्राप्ति के रहस्य, मोक्ष क्या है, सिद्धगति क्या है, जैसे अनेकों प्रश्नों के समाधान यहाँ पर हैं| जीव क्या है? शिव क्या है? द्वैत, अद्वैत, ब्रह्म, परब्रह्म, आत्मा की सर्वव्यापकता, कण कण में भगवान्, वेद और विज्ञानं वगैरह अनेक वेदान्त के रहस्य यहाँ पर अनावृत हुए हैं| तमाम शास्त्रों का, साधकों का, साधनाओ का सार एक ही है कि खुद के आत्मा का भान करना, ज्ञान प्राप्त कर लेना है| ‘मूल आत्मा’, तो शुद्ध ही है मात्र ‘खुद’ को रोंग बिलीफ बैठ गई है, प्रकट ‘ज्ञानीपुरुष’ के पास यह मान्यता छूट जाती है| जो कोटि जन्मों तक नहीं हो पाता, वह ‘ज्ञानी’ के पास से प्राप्त हो सकता है| विश्व में कभी कभार आत्मज्ञानी पुरूष अवतरित होते हैं, तभी यह आध्यात्मिक रहस्य खुल्ला हो पाता है| संसार में जो भी ज्ञान है, वह भौतिक ज्ञान है| उससे आत्म साक्षात्कार कभी नहीं हो सकता| ज्ञानीपुरुष को आत्मा का अनुभव होने से आत्म साक्षात्कार की प्राप्ति हो सकती है| प्रस्तुत संकलन में संपूज्य श्री दादाश्री ने खुद के ज्ञान में ‘जैसा है वैसा’ आत्मा का स्वरुप और जगत का स्वरुप देखा है, जाना है, अनुभव किया है, उस सम्बन्ध में उनके ही श्रीमुख से निकली हुई वाणी का यहाँ पर संकलन किया गया है, जो अध्यात्म मार्ग में पदापर्ण करनेवालों को आत्मसमुख होने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी|

Atmaram

by Premchand

प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ

Aughad: औघड़

by Nilotpal Mrinal

‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में युवाओं की ओर से कम ही लिखा गया। ‘औघड़’ नई सदी के गाँव को नई पीढ़ी के नजरिये से देखने का गहरा प्रयास है। महानगरों में निवासते हुए ग्रामीण जीवन की ऊपरी सतह को उभारने और भदेस का छौंका मारकर लिखने की चालू शैली से अलग, ‘औघड़’ गाँव पर गाँव में रहकर, गाँव का होकर लिखा गया उपन्यास है। ग्रामीण जीवन की कई परतों की तह उघाड़ता यह उपन्यास पाठकों के समक्ष कई विमर्श भी प्रस्तुत करता है। इस उपन्यास में भारतीय ग्राम्य व्यवस्था के सामाजिक-राजनितिक ढाँचे की विसंगतियों को बेहद ह तरीके से उजागर किया गया है। ‘औघड़’ धार्मिक पाखंड, जात-पात, छुआछूत, महिला की दशा, राजनीति, अपराध और प्रसाशन के त्रियक गठजोड़, सामाजिक व्यवस्था की सड़न, संस्कृति की टूटन, ग्रामीण मध्य वर्ग की चेतना के उलझन इत्यादि विषयों से गुरेज करने के बजाय, इनपर बहुत ठहरकर विचारता और प्रचार करता चलता है। व्यंग्य और गंभीर संवेदना के संतुलन को साधने की अपनी चिर-परिचित शैली में नीलोत्पल मृणाल ने इस उपन्यास को लिखते हुए हिंदी साहित्य की चलती आ रही सामाजिक सरोकार वाली लेखन को थोड़ा और आगे बढ़ाया है।.

Aupnivaisik Bharat Me Sanskrtik Aur Vichardharamatmak Sangharsh

by K. N. Panikkar

The book is an honest endeavour to find how the Indians under colonial rule established an equation with their past and present. A time in Indian history which is famously called creative self inspection. Definitely a book which should be read extensively by readers of Indian history.

Autism & Multiple Disability: स्वालीनता एवं बहु - विकलांगता (बहु - दिव्यांगता)

by Susheel Kumar

यह संक्षेपण विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित दिव्यांगता और समावेश के अवधारणा का अवलोकन प्रदान करता है, जैसा कि भारतीय कानूनों में व्यक्त होता है। यह सभी व्यक्तियों के लिए समान अवसर और अधिकारों की आवश्यकता को जोर देता है, चाहे वे किसी भी क्षमता या दिव्यांगता के साथ हों। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता, जैसे ऑटिज़्म, बहु-दिव्यांगता और बहरेपन, को मान्यता दी है। पूर्ववर्ती दिव्यांग जन अधिनियम 1995 इन मुद्दों पर समारोह नहीं करता था। नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 और अपंगता व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 भी समावेशितता और बहु-दिव्यांगता की महत्वपूर्णता पर बल देते हैं। यह संक्षेपण इन अवधारणाओं की हिंदी में सरलीकृत व्याख्या प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, जिससे साधारण जनता व छात्र इस विषय को समझ सकें। लेखक सुझाव और सुधारों की प्रतीक्षा करता है, ताकि यह प्रयास पाठकों और छात्रों को ज्ञान की प्राप्ति में सशक्त कर सके।

Refine Search

Showing 201 through 225 of 2,173 results