Browse Results

Showing 2,026 through 2,050 of 2,173 results

Vigyan evam Prodyogiki

by Kiran Jha Avadhesh Jha Rajendra Prasad Sharma

This book gives practical knowledge of the scientific and industrial development of India. It will also help the students preparing for competitive exam. There is special emphasis on the developments happening in India. This makes the students aware of scientific forgone and vocabularies used by the scientific community. Development in the field of information technology is one of the prime focus of the writer. Civil service aspirants in India will find this book to be of great importance. Experts in the competitive exam sector Consider this book to be of highest orders in terms of the content and presentation

Vigyan ki Aur class 6 - JCERT: विज्ञान की ओर ६वीं कक्षा - जेसीईआरटी

by Jharkhand Shaikshik Anusandhan Evam Prashikshan Parishad Ranchi

पुस्तक "विज्ञान की ओर" में छठी कक्षा के छात्रों को विज्ञान की विभिन्न अवधारणाओं को सरल और रचनात्मक तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से भोजन, जल, वायु, पौधे, सजीव, वस्तुएं, पदार्थों का पृथक्करण, सजीवों में गति, परिवर्तनों, प्रकाश, गति और दूरियों का मापन, वस्त्र निर्माण, विद्युत और परिपथ, चुंबक और स्वच्छता से संबंधित विषय शामिल किए गए हैं। पुस्तक में छात्रों को प्रायोगिक गतिविधियों और दैनिक जीवन से जुड़ी परिस्थितियों के माध्यम से विज्ञान को समझने का मौका दिया गया है। इसके अलावा, छात्रों को नैतिक शिक्षा और प्राथमिक उपचार की जानकारी भी दी गई है। पुस्तक में झारखंड राज्य की विशेषताओं को भी सम्मिलित किया गया है, जिससे छात्रों को अपने पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जागरूक किया जा सके। यह पुस्तक बच्चों की जिज्ञासा को प्रोत्साहित करती है और उन्हें विज्ञान की नई तकनीकों से अवगत कराती है, जिससे उनकी बौद्धिक और व्यावहारिक कुशलता को निखारा जा सके। इस पुस्तक का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और उन्हें स्वच्छता के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाना है। शिक्षक इस पुस्तक का उपयोग करके छात्रों को विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को खेल-खेल में सिखाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह पुस्तक छात्रों को न केवल विज्ञान के सिद्धांतों से परिचित कराती है, बल्कि उन्हें सामाजिक और नैतिक मूल्यों को अपनाने की दिशा में भी मार्गदर्शन करती है।

Vikaas Rangabirangee Kahaaniyaan - Baiganee Rang: विकास रंगबिरंगी कहानियाँ - बैगनी रंग

by C. K. Sampath

“विकास रंगबिरंगी कहानियाँ” छोटे बच्चों के लिए लिखी गई सरल और मनोरंजक कहानियों का संग्रह है। यह पुस्तक बहुरंगी चित्रों से सजी हुई है और बच्चों के लिए शैक्षिक और नैतिक संदेश प्रदान करती है। कहानियाँ प्राचीन लोक कथाओं और नैतिक शिक्षाओं पर आधारित हैं, जिनमें एकता, ईमानदारी, चतुराई, और दृढ़ता जैसे गुणों को उजागर किया गया है। प्रत्येक कहानी में बच्चों को अच्छे और बुरे की पहचान सिखाने और जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है। साथ ही, पुस्तक यह संदेश देती है कि हिंसा और क्रूरता अस्वीकार्य हैं। यह माता-पिता को प्रोत्साहित करती है कि वे अपने बच्चों को इन कहानियों के पाठ पढ़ाएँ और उनका मार्गदर्शन करें।

Vikas Rangbirangi Kahaniya - Gulabi Rang: विकास रंगबिरंगी कहानियाँ - गुलाबी रंग

by C. K. Sampath

विकास रंगबिरंगी कहानियाँ बच्चों के लिए समय-समय पर प्रेरित करने वाली कहानियों का एक खूबसूरत संग्रह है। सरल और रोचक भाषा में लिखी गई ये कहानियाँ रंग-बिरंगे चित्रों के साथ प्रस्तुत की गई हैं, जो बच्चों को पढ़ने में मज़ा और आनंद देती हैं। इस संग्रह में प्यासा कौआ और खरगोश और कछुआ जैसी प्रसिद्ध लोककथाएँ शामिल हैं, जो धैर्य, परिश्रम, ईमानदारी और दया जैसे गुणों को उजागर करती हैं। वहीं, ये कहानियाँ लालच और धोखेबाज़ी जैसे दुर्गुणों के प्रति सतर्क भी करती हैं। बच्चों की कल्पनाशक्ति को प्रेरित करते हुए, ये कहानियाँ नैतिकता और जीवन मूल्यों को सिखाने का एक अनोखा और मनोरंजक माध्यम बनती हैं। इस संग्रह को पढ़ते हुए बच्चे सीखते हैं कि मनोरंजन के साथ-साथ जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सीखे जा सकते हैं।

Vikram-Betaal Ki Prasiddh Kahaniyan

by Om Kidz

Stories of adventure, mystery and intrigue - all told by the vampire Betal to King Vikramaditya. Fascinating illustrations bring each story to life.

Vinamra Aman

by Reena Batra

मूल्य शिक्षा के आधार पर कहानियाँ

Vishv Ki Prachin Sabhyataon Ka Itihaas

by Sushil Madhav Pathak

बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी हिंदी प्रांतों में स्थापित हिंदी ग्रंथ अकादमियों के समकक्ष है और इसे भी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा विभाग से प्रकाशन अनुदान प्राप्त होता है। अकादमी ने अनेक उत्कृष्ट पुस्तकों का सृजन तथा प्रकाशन किया है। प्रस्तुत ग्रंथ "विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का इतिहास", डॉ. सुशील माधव पाठक की मौलिक कृति का नवम् संस्करण है। डॉ. सुशील माधव पाठक जी इतिहास एवं पुरातत्त्व-विषय के विद्वान और अनुभवी लेखक हैं। आशा की जाती है कि यह ग्रंथ विश्वविद्यालय-स्तर के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों तथा सामान्य पाठकों के लिए रूचिकर होगा। इस ग्रंथ में विश्व की प्राचीन सभ्यताओं के इतिहास का सर्वेक्षण प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। स्नातकोत्तर कक्षाओं में पिछले उन्नीस वर्षों से इस विषय को पढ़ाने के अनुभव के आधार पर यह ग्रंथ लिखा गया है। हिंदी भाषा के माध्यम से एम. ए. कक्षाओं में इतिहास को पढ़ने की अभिरुचि विद्यार्थियों में बढ़ती जा रही है। ग्रंथ के मुद्रण-प्रकाशन में प्राप्त सभी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष सहयोग के लिए अकादमी आभार स्वीकार करती है।

Vishva Ka Itihas Class 11 - RBSE Board: विश्व का इतिहास 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

प्रस्तुत पुस्तक 'विश्व का इतिहास' माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा निर्धारित कक्षा-11 के नवीन पाठ्याक्रमानुसार लिखी गई है। इसमें आदिमानव से लेकर सम्प्रति काल तक के विवरण का समावेश किया गया है। साथ ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि विद्यार्थी इस पुस्तक के अध्ययन से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक आदि प्रवृत्तियों से परिचित हो सकें। प्राचीन सभ्यताओं और विश्व के धर्म अध्यायों में भारतीय सभ्यता एवं भारतीय धर्मों का भी समावेश किया गया है ताकि विद्यार्थी को भारत के विश्व व्यापी प्रभाव का ज्ञान हो सके। इसी प्रकार अमेरिका के संघर्ष को नये दृष्टिकोण से देखने का प्रयास किया गया ताकि वहाँ की मूलभूत समस्या पर ध्यान केन्द्रित हो सके। आतंकवाद की हुई नवीनतम घटनाओं के समावेश से स्थिति की गम्भीरता का विद्यार्थी अनुमान लगा सकेंगे।

Vishwa Bhugol - Ranchi University, N.P.U: विश्व भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Majid Husain

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा तैयार किये गये स्नातक (graduate) तथा स्नात्कोत्तर (post-graduate) पाठ्यक्रमों (syllabus) में भी संसार के महाद्वीपों तथा देशों के भूगोल को कोई स्थान नहीं दिया गया है। इसके विपरीत, संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की प्रारंभिक (prelims) परीक्षा के पाठ्यक्रम में संसार तथा प्रत्येक महाद्वीप के मुख्य देशों के भूगोल का विशेष स्थान है जिसके लिये लगभग 30 प्रतिशत अंक रखे गये हैं। भारत के विभिन्न राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में भी कुछ ऐसी ही स्थिति हैं। इन प्रारंभिक परीक्षाओं में उम्मीदवारों (candidates) की सामर्थ्यता की बारीकी के साथ परीक्षण के लिये प्रायोगिक (application), विश्लेषणात्मक (analytical), संलिष्ठ (synthetic) तथा तुलनात्मक (comparison) प्रकार के प्रश्न भूगोल के विद्वानों द्वारा तैयार किये जाते हैं। इस प्रकार के जटिल प्रश्नों का सविश्वास क्रमबद्ध सही उत्तर देने के लिये संसार के विभिन्न देशों के भूगोल का गहन अध्ययन अत्यावश्यक है। यह केवल एक संयोग है कि संसार के भूगोल पर अभी तक एक भी पुस्तक ऐसी नहीं लिखी गई जिसमें संसार के सभी महाद्वीपों, प्रदेशों तथा देशों की भौतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं पर क्रमबद्ध तथा सुव्यवस्थित चर्चा की गई हो, जिससे कि विद्यार्थियों तथा प्रशासनिक परीक्षा के उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान निकल सके। इस पृष्ठभूमि में प्रस्तुत पुस्तक की योजना 1999 में तैयार की गई थी ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का किसी सीमा तक निवारण हो सके।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - NCERT - 23: विश्व इतिहास के कुछ विषय ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में आपकी यात्रा आरंभिक मानव समाज (विषय 1) तथा आरंभिक नगरों (विषय 2) के विकास से शुरू होगी। फिर देखेंगे कि दुनिया के तीन अलग हिस्सों में कैसे बड़े राज्य-साम्राज्य विकसित हुए और इनको कैसे संगठित किया गया (अनुभाग दो)। अगले अनुभाग में आप देखेंगे कि कैसे नौवीं व पंद्रहवीं शताब्दियों के बीच यूरोपीय समाज व संस्कृति में बदलाव आया और, दक्षिणी अमरीका के लोगों के लिए यूरोपीय विस्तार का क्या अर्थ (अनुभाग तीन) था। अंततः आधुनिक विश्व के जटिल निर्माण का इतिहास पढ़ेंगे (अनुभाग चार)। आपको ये सभी अध्याय इन विषयों के विवादों से परिचित करवाएँगे ताकि आप समझ सकें कि इतिहासकार पुराने मुद्दों पर कैसे निरंतर पुनर्विचार करते रहते हैं। प्रत्येक अनुभाग एक परिचय व कालरेखा से शुरू होता है। परीक्षा के लिए इन तिथिक्रमों को याद रखना ज़रूरी नहीं है। इनके द्वारा यह बताया गया है कि एक खास समय पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा था। इनसे आपको विभिन्न जगहों के सापेक्षिक इतिहास को जानने में मदद मिलेगी।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - NCERT: विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में आपकी यात्रा आरंभिक मानव समाज (विषय 1) तथा आरंभिक नगरों (विषय 2) के विकास से शुरू होगी। फिर देखेंगे कि दुनिया के तीन अलग हिस्सों में कैसे बड़े राज्य-साम्राज्य विकसित हुए और इनको कैसे संगठित किया गया (अनुभाग दो)। अगले अनुभाग में आप देखेंगे कि कैसे नौवीं व पंद्रहवीं शताब्दियों के बीच यूरोपीय समाज व संस्कृति में बदलाव आया और, दक्षिणी अमरीका के लोगों के लिए यूरोपीय विस्तार का क्या अर्थ (अनुभाग तीन) था। अंततः आधुनिक विश्व के जटिल निर्माण का इतिहास पढ़ेंगे (अनुभाग चार)। आपको ये सभी अध्याय इन विषयों के विवादों से परिचित करवाएँगे ताकि आप समझ सकें कि इतिहासकार पुराने मुद्दों पर कैसे निरंतर पुनर्विचार करते रहते हैं। प्रत्येक अनुभाग एक परिचय व कालरेखा से शुरू होता है। परीक्षा के लिए इन तिथिक्रमों को याद रखना ज़रूरी नहीं है। इनके द्वारा यह बताया गया है कि एक खास समय पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा था। इनसे आपको विभिन्न जगहों के सापेक्षिक इतिहास को जानने में मदद मिलेगी।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से इस अनुभाग मे समाजो से सम्बन्धीत दो विषयो के बरे मे पढेगे । पहला विषय सुदूर अतीत मे लाखो साल पहले मानव अस्तित्व की शुरुवात बारे मे मानव प्राणीयो का प्रादुर्भाव कैसा हुआ और पुरातत्व विज्ञानीओ ने इतिहास के इन प्रारंभिक चरनो के बारे मे हड्डीयो और पत्थर के औजारो के अवशेषो की सहायता से कैसे मानव की प्रगती हुई इसका शोध किया ।

Vishwas Ki Jeet

by Mitra Phukan

यह कहानी सात वर्ष की लड़की ममानी और उसके परिवार की कहानी है। इस कहानी में ममानी अपने विश्वास पर यकीन कर हाथी गणेश के सामने गाना गाती है। जिसको सुनकर हाथी वापिस जंगल चला जाता है। इस तरह वह हाथी से अपने गन्ने के खेत को बचाती है। और अन्त में उसके विश्वास की जीत होती है। This is a story of Seven years old Mamani and her family. Mamani believes in singing a song in front of the elephant Ganesha. After listening to the song elephant goes back to the Jungle. In this way she protects the sugar plantation. from the elephant .And finally faith wins.

Vitan Bhag 1 Class 11 - NCERT: वितान भाग 1 11वीं कक्षा एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 1 class 11 - NCERT - 23: वितान भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: वितान भाग-1 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । ग्यारहवी कक्षा में हिंदी (आधार) पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए वितान भाग 1 की परिकल्पना की गई तो भाषा, देश, विधा, आकार पर गहनता से विचार किया गया। इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 2 Class 12 - NCERT: वितान भाग 2 12वीं कक्षा

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी और पाठपुस्तक में हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Vitan Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: वितान भाग 2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । बारहवीं कक्षा में हिंदी (आधार) पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए वितान भाग 2 की परिकल्पना की गई तो भाषा, देश, विधा, आकार पर गहनता से विचार किया गया। किसी भी प्रकार की सीमा आड़े नहीं आई और रचनाएँ ऐसी चुनी गईं जो रुचिकर होने के साथ-साथ विशाल दुनिया के अतीत, वर्तमान और भविष्य से बच्चों को साक्षात्कार करा सकें। इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी।

Vitan Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: वितान भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 कक्षा 12वीं 'आधार' पाठ्यक्रम के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी और पाठपुस्तक में हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है।

Vitana Hindi Pathamala class 6: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 6

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vitana Hindi Pathamala class 7: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 7

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vitana Hindi Pathamala class 8: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 8

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vivekananda

by Romain Rolland S. H Vatsyayam Raghuvir Sahay

Romain Rolland was strongly influenced by the Vedanta philosophy of India, primarily through the works of Swami Vivekananda. He gives a brief sketch of the lives of Ramkrishna and Vivekananda and introduces the vedanta philosophy to the readers. Readers also know the life and journeys of Swami Vivekananda.

Vrindavan Ka Bhikshuk: वृंदावन का भिक्षुक

by Sunil Khanduri

हिमालय की बर्फीली चोटियों के मध्य स्थित एक शांत और मनोरम गांव, जिसकी सुन्दर छटा के बीच एक साधक – देवदास, अपने उज्जवल भविष्य के स्वप्न संजोए है। वह स्वयं को भविष्य के एक श्रद्धेय, सम्मानित और गणमान्य साधु के रूप मे देखता है। एक प्रतिभाशाली विद्वान और आश्रम के सभी कार्यों में निपुण इस साधक की यात्रा के साथ कई ज़िन्दगियों का ताना बाना बुना हुआ है। देवदास के देखते-देखते, उससे भी अल्पज्ञानी और कनिष्ठ साधक अपने सपनों का भविष्य संजोने आश्रम छोड़कर जा चुके हैं जबकि ज्ञान से परिपूर्ण, और सक्षम होने के बाद भी आश्रम के संचालक उसकी भविष्य की योजनाओं की ओर घ्यान नहीं दे रहे हैं। यह देवदास को कुछ संदेहास्पद लग रहा है। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि उसे अपना भविष्य चुनने की स्वतंत्रता क्यों नहीं दी जा रही है? वह स्वयं को अलग-थलग एवं अकेला महसूस करता है। आश्रम छोड़ने के वर्षों बाद भी उसका जीवन केवल अव्यवस्थाओं से परिपूर्ण है और दिन-प्रतिदिन परिस्थितियां चुनौतिपूर्ण होती जा रही हैं। देवदास घोर आश्चर्य में है कि उसे बाहरी रूप से तो अपना जीवन सामान्य और सम्पन्न लग रहा है परन्तु अवचेतना में वह एक भयानक नरक से गुजर रहा है। जब कभी वह दुविधा में होता है तो उसके मस्तिष्क की अवचेतना की ध्वनि जीवन्त हो उठती है। वह ध्वनि उसके लिए परिस्थितियों को पहले से दुष्कर बना देती है। फलस्वरूप देवदास भी पहले से अधिक भ्रमित और भयाक्रांत हो जाता है। गुरूदेव उसे अपने निर्णयानुसार, अपने सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने से क्यों रोक रहे थे? क्या देवदास अपनी नित्य-प्रति की परेशानियों का कारण जान पाएगा? भिक्षुक रचना त्रयी की पहली पुस्तक “वृंदावन का भिक्षुक” जीवन की यात्राओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक, मूलभूत बातों पर प्रकाश ड़ालती है।

Vyaktitva Ka Vighatan: व्यक्तित्व का विघटन

by Shivdan Singh Chauhan Mrs Vijay Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक "व्यक्तित्व का विघटन" मैक्सिम गोर्की द्वारा लिखा हुआ साहत्यिक निबन्ध शिवदानसिंह चौहान और श्रीमती विजय चौहानजीने हिंदी में अनुवाद किया है। गोर्की के जिन पाँच महत्वपूर्ण साहित्य-सम्बन्धी निबन्धों का अनुवाद हम यहाँ हिन्दी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं, उनके बारे में कुछ भी कहकर हम व्यर्थ ही गोर्की की बात को संक्षिप्त रूप में दोहराना आवश्यक नहीं समझते। निबन्ध भारत में ही नहीं, बल्कि सारे संसार के साहित्यों में भी प्रगतिशील आन्दोलन के लिए पिछले तीस-पैंतीस साल से प्रेरणा और मार्ग-दर्शन का काम करते आये हैं। आजकल जब शीत-युद्ध के परिणामस्वरूप सभी साहित्यिक मूल्यों का जैसे अवमूल्यन हो गया दीखता है, और कुछ उत्साही प्रगतिशील आलोचक भी इस रौ में बहकर और साहित्य में 'अहम्-केन्द्रित व्यक्तिवाद' का दर्शन अपनाकर मात्र रूसवादी प्रतिमानों को आज के 'सन्दर्भो' का तकाजा बताते हुए उन्हें 'नये प्रतिमानों के नाम से प्रतिष्ठित करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे पाठकों के लिए गोर्की के इन निबन्धों की रेलिवेन्स और भी अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि सोवियत क्रान्ति और प्रथम महायुद्ध के पहले के रूस में भी ऐसे ही मात्र रूपवादी प्रतिमानों को 'उस युग के सन्दर्भो' का तकाज़ा बताया गया था। गोर्की ने अपने निबन्धों में उन सन्दर्भो और मनःस्थितियों का जो गहरा विश्लेषण किया है, वह हमारे लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

Refine Search

Showing 2,026 through 2,050 of 2,173 results