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Vishwa Bhugol - Ranchi University, N.P.U: विश्व भूगोल - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Majid Husain

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) द्वारा तैयार किये गये स्नातक (graduate) तथा स्नात्कोत्तर (post-graduate) पाठ्यक्रमों (syllabus) में भी संसार के महाद्वीपों तथा देशों के भूगोल को कोई स्थान नहीं दिया गया है। इसके विपरीत, संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की प्रारंभिक (prelims) परीक्षा के पाठ्यक्रम में संसार तथा प्रत्येक महाद्वीप के मुख्य देशों के भूगोल का विशेष स्थान है जिसके लिये लगभग 30 प्रतिशत अंक रखे गये हैं। भारत के विभिन्न राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में भी कुछ ऐसी ही स्थिति हैं। इन प्रारंभिक परीक्षाओं में उम्मीदवारों (candidates) की सामर्थ्यता की बारीकी के साथ परीक्षण के लिये प्रायोगिक (application), विश्लेषणात्मक (analytical), संलिष्ठ (synthetic) तथा तुलनात्मक (comparison) प्रकार के प्रश्न भूगोल के विद्वानों द्वारा तैयार किये जाते हैं। इस प्रकार के जटिल प्रश्नों का सविश्वास क्रमबद्ध सही उत्तर देने के लिये संसार के विभिन्न देशों के भूगोल का गहन अध्ययन अत्यावश्यक है। यह केवल एक संयोग है कि संसार के भूगोल पर अभी तक एक भी पुस्तक ऐसी नहीं लिखी गई जिसमें संसार के सभी महाद्वीपों, प्रदेशों तथा देशों की भौतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं पर क्रमबद्ध तथा सुव्यवस्थित चर्चा की गई हो, जिससे कि विद्यार्थियों तथा प्रशासनिक परीक्षा के उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान निकल सके। इस पृष्ठभूमि में प्रस्तुत पुस्तक की योजना 1999 में तैयार की गई थी ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का किसी सीमा तक निवारण हो सके।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - NCERT - 23: विश्व इतिहास के कुछ विषय ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में आपकी यात्रा आरंभिक मानव समाज (विषय 1) तथा आरंभिक नगरों (विषय 2) के विकास से शुरू होगी। फिर देखेंगे कि दुनिया के तीन अलग हिस्सों में कैसे बड़े राज्य-साम्राज्य विकसित हुए और इनको कैसे संगठित किया गया (अनुभाग दो)। अगले अनुभाग में आप देखेंगे कि कैसे नौवीं व पंद्रहवीं शताब्दियों के बीच यूरोपीय समाज व संस्कृति में बदलाव आया और, दक्षिणी अमरीका के लोगों के लिए यूरोपीय विस्तार का क्या अर्थ (अनुभाग तीन) था। अंततः आधुनिक विश्व के जटिल निर्माण का इतिहास पढ़ेंगे (अनुभाग चार)। आपको ये सभी अध्याय इन विषयों के विवादों से परिचित करवाएँगे ताकि आप समझ सकें कि इतिहासकार पुराने मुद्दों पर कैसे निरंतर पुनर्विचार करते रहते हैं। प्रत्येक अनुभाग एक परिचय व कालरेखा से शुरू होता है। परीक्षा के लिए इन तिथिक्रमों को याद रखना ज़रूरी नहीं है। इनके द्वारा यह बताया गया है कि एक खास समय पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा था। इनसे आपको विभिन्न जगहों के सापेक्षिक इतिहास को जानने में मदद मिलेगी।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - NCERT: विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में आपकी यात्रा आरंभिक मानव समाज (विषय 1) तथा आरंभिक नगरों (विषय 2) के विकास से शुरू होगी। फिर देखेंगे कि दुनिया के तीन अलग हिस्सों में कैसे बड़े राज्य-साम्राज्य विकसित हुए और इनको कैसे संगठित किया गया (अनुभाग दो)। अगले अनुभाग में आप देखेंगे कि कैसे नौवीं व पंद्रहवीं शताब्दियों के बीच यूरोपीय समाज व संस्कृति में बदलाव आया और, दक्षिणी अमरीका के लोगों के लिए यूरोपीय विस्तार का क्या अर्थ (अनुभाग तीन) था। अंततः आधुनिक विश्व के जटिल निर्माण का इतिहास पढ़ेंगे (अनुभाग चार)। आपको ये सभी अध्याय इन विषयों के विवादों से परिचित करवाएँगे ताकि आप समझ सकें कि इतिहासकार पुराने मुद्दों पर कैसे निरंतर पुनर्विचार करते रहते हैं। प्रत्येक अनुभाग एक परिचय व कालरेखा से शुरू होता है। परीक्षा के लिए इन तिथिक्रमों को याद रखना ज़रूरी नहीं है। इनके द्वारा यह बताया गया है कि एक खास समय पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा था। इनसे आपको विभिन्न जगहों के सापेक्षिक इतिहास को जानने में मदद मिलेगी।

Vishwa Itihas Ke Kuch Vishay class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

विश्व इतिहास के कुछ विषय कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से इस अनुभाग मे समाजो से सम्बन्धीत दो विषयो के बरे मे पढेगे । पहला विषय सुदूर अतीत मे लाखो साल पहले मानव अस्तित्व की शुरुवात बारे मे मानव प्राणीयो का प्रादुर्भाव कैसा हुआ और पुरातत्व विज्ञानीओ ने इतिहास के इन प्रारंभिक चरनो के बारे मे हड्डीयो और पत्थर के औजारो के अवशेषो की सहायता से कैसे मानव की प्रगती हुई इसका शोध किया ।

Vishwas Ki Jeet

by Mitra Phukan

यह कहानी सात वर्ष की लड़की ममानी और उसके परिवार की कहानी है। इस कहानी में ममानी अपने विश्वास पर यकीन कर हाथी गणेश के सामने गाना गाती है। जिसको सुनकर हाथी वापिस जंगल चला जाता है। इस तरह वह हाथी से अपने गन्ने के खेत को बचाती है। और अन्त में उसके विश्वास की जीत होती है। This is a story of Seven years old Mamani and her family. Mamani believes in singing a song in front of the elephant Ganesha. After listening to the song elephant goes back to the Jungle. In this way she protects the sugar plantation. from the elephant .And finally faith wins.

Vitan Bhag 1 Class 11 - NCERT: वितान भाग 1 11वीं कक्षा एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 1 class 11 - NCERT - 23: वितान भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: वितान भाग-1 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 1 कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । ग्यारहवी कक्षा में हिंदी (आधार) पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए वितान भाग 1 की परिकल्पना की गई तो भाषा, देश, विधा, आकार पर गहनता से विचार किया गया। इस किताब में कुल चार रचनाएँ संग्रहीत हैं। चारों रचनाएँ मिलकर एक नया संसार रचती हैं। इस नयी रचावट को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर देखा जा सकता है। चयन में इसका खयाल रहा है कि विद्यार्थी छोटी रचनाओं के साथ-साथ एक लंबी रचना (आलो-आँधारि) का आनंद लें और उन्हें लंबी रचनाओं को पढ़ने का चस्का लगे।

Vitan Bhag 2 Class 12 - NCERT: वितान भाग 2 12वीं कक्षा

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी और पाठपुस्तक में हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।

Vitan Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: वितान भाग 2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । बारहवीं कक्षा में हिंदी (आधार) पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए वितान भाग 2 की परिकल्पना की गई तो भाषा, देश, विधा, आकार पर गहनता से विचार किया गया। किसी भी प्रकार की सीमा आड़े नहीं आई और रचनाएँ ऐसी चुनी गईं जो रुचिकर होने के साथ-साथ विशाल दुनिया के अतीत, वर्तमान और भविष्य से बच्चों को साक्षात्कार करा सकें। इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी।

Vitan Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: वितान भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

वितान भाग 2 कक्षा 12वीं 'आधार' पाठ्यक्रम के लिए हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल चार रचनाएँ हैं। ये आकार में लंबी हैं। आत्मकथात्मक उपन्यास अंश और एक लंबी डायरी के कुछ पन्ने भी दिए गए हैं। ये वे रचनाएँ हैं जिन्हें स्वतंत्र रूप में पढ़ने के साथ-साथ पूरी रचना को पढ़ने की चाह पैदा होगी और पाठपुस्तक में हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है।

Vitana Hindi Pathamala class 6: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 6

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vitana Hindi Pathamala class 7: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 7

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vitana Hindi Pathamala class 8: वितान हिंदी पथमाला कक्षा 8

by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.

यह शृंखला पाठ्य पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका (Text-cum-Workbook) का मिला-जुला रूप है।

Vivekananda

by Romain Rolland S. H Vatsyayam Raghuvir Sahay

Romain Rolland was strongly influenced by the Vedanta philosophy of India, primarily through the works of Swami Vivekananda. He gives a brief sketch of the lives of Ramkrishna and Vivekananda and introduces the vedanta philosophy to the readers. Readers also know the life and journeys of Swami Vivekananda.

Vrindavan Ka Bhikshuk: वृंदावन का भिक्षुक

by Sunil Khanduri

हिमालय की बर्फीली चोटियों के मध्य स्थित एक शांत और मनोरम गांव, जिसकी सुन्दर छटा के बीच एक साधक – देवदास, अपने उज्जवल भविष्य के स्वप्न संजोए है। वह स्वयं को भविष्य के एक श्रद्धेय, सम्मानित और गणमान्य साधु के रूप मे देखता है। एक प्रतिभाशाली विद्वान और आश्रम के सभी कार्यों में निपुण इस साधक की यात्रा के साथ कई ज़िन्दगियों का ताना बाना बुना हुआ है। देवदास के देखते-देखते, उससे भी अल्पज्ञानी और कनिष्ठ साधक अपने सपनों का भविष्य संजोने आश्रम छोड़कर जा चुके हैं जबकि ज्ञान से परिपूर्ण, और सक्षम होने के बाद भी आश्रम के संचालक उसकी भविष्य की योजनाओं की ओर घ्यान नहीं दे रहे हैं। यह देवदास को कुछ संदेहास्पद लग रहा है। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि उसे अपना भविष्य चुनने की स्वतंत्रता क्यों नहीं दी जा रही है? वह स्वयं को अलग-थलग एवं अकेला महसूस करता है। आश्रम छोड़ने के वर्षों बाद भी उसका जीवन केवल अव्यवस्थाओं से परिपूर्ण है और दिन-प्रतिदिन परिस्थितियां चुनौतिपूर्ण होती जा रही हैं। देवदास घोर आश्चर्य में है कि उसे बाहरी रूप से तो अपना जीवन सामान्य और सम्पन्न लग रहा है परन्तु अवचेतना में वह एक भयानक नरक से गुजर रहा है। जब कभी वह दुविधा में होता है तो उसके मस्तिष्क की अवचेतना की ध्वनि जीवन्त हो उठती है। वह ध्वनि उसके लिए परिस्थितियों को पहले से दुष्कर बना देती है। फलस्वरूप देवदास भी पहले से अधिक भ्रमित और भयाक्रांत हो जाता है। गुरूदेव उसे अपने निर्णयानुसार, अपने सपनों को मूर्त रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने से क्यों रोक रहे थे? क्या देवदास अपनी नित्य-प्रति की परेशानियों का कारण जान पाएगा? भिक्षुक रचना त्रयी की पहली पुस्तक “वृंदावन का भिक्षुक” जीवन की यात्राओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक, मूलभूत बातों पर प्रकाश ड़ालती है।

Vyaktitva Ka Vighatan: व्यक्तित्व का विघटन

by Shivdan Singh Chauhan Mrs Vijay Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक "व्यक्तित्व का विघटन" मैक्सिम गोर्की द्वारा लिखा हुआ साहत्यिक निबन्ध शिवदानसिंह चौहान और श्रीमती विजय चौहानजीने हिंदी में अनुवाद किया है। गोर्की के जिन पाँच महत्वपूर्ण साहित्य-सम्बन्धी निबन्धों का अनुवाद हम यहाँ हिन्दी पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं, उनके बारे में कुछ भी कहकर हम व्यर्थ ही गोर्की की बात को संक्षिप्त रूप में दोहराना आवश्यक नहीं समझते। निबन्ध भारत में ही नहीं, बल्कि सारे संसार के साहित्यों में भी प्रगतिशील आन्दोलन के लिए पिछले तीस-पैंतीस साल से प्रेरणा और मार्ग-दर्शन का काम करते आये हैं। आजकल जब शीत-युद्ध के परिणामस्वरूप सभी साहित्यिक मूल्यों का जैसे अवमूल्यन हो गया दीखता है, और कुछ उत्साही प्रगतिशील आलोचक भी इस रौ में बहकर और साहित्य में 'अहम्-केन्द्रित व्यक्तिवाद' का दर्शन अपनाकर मात्र रूसवादी प्रतिमानों को आज के 'सन्दर्भो' का तकाजा बताते हुए उन्हें 'नये प्रतिमानों के नाम से प्रतिष्ठित करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे पाठकों के लिए गोर्की के इन निबन्धों की रेलिवेन्स और भी अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि सोवियत क्रान्ति और प्रथम महायुद्ध के पहले के रूस में भी ऐसे ही मात्र रूपवादी प्रतिमानों को 'उस युग के सन्दर्भो' का तकाज़ा बताया गया था। गोर्की ने अपने निबन्धों में उन सन्दर्भो और मनःस्थितियों का जो गहरा विश्लेषण किया है, वह हमारे लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

Vyasan Mukti ka Marg: व्यसन मुक्ति का मार्ग

by Dada Bhagwan

व्यसन वह वास्तव में क्या है, कैसे घूसता है, उसका आधार क्या है, आधार किस तरह हटाए, वगैरह की विस्तृत समझ परम पूज्य दादा भगवान ने यहाँ खुली की हैं। व्यसन वह किस तरह ज़ोखिमी है, उसकी विस्तृत समझ फीट करा देते हैं, सही समझ ही व्यसन के प्रति उसका अभिप्राय बदलकर एक दिन उसे इसमें से मुक्त करके रहेंगी। इस पुस्तक में दादाश्री ने व्यसन में से मुक्त होने के विविध उपाय बताए हैं। जिसमें से एक उपाय, चार स्टेप का अनोखा तरीका, जिसमें (1) व्यसन वह गलत है उसका दृढ़ निश्चय करे (२) किस तरह गलत है उसकी समझ इकटठा करके जागृति में रखें, (३) तय करने के बाद जितनी बार फिर से व्यसन होता है उतनी बार प्रतिक्रमण-प्रत्याख्यान करना है और (4) कोई इसके लिए भूल निकाले, अपमान करे, फिर भी उसका रक्षण नहीं करना है। जिसे खुद व्यसन है उस व्यक्ति के लिए तो इस पुस्तक में से कईं सारी चाबियाँ मिलेगी ही लेकिन साथ ही साथ खुद के नज़दीक की व्यक्तियों में किसी को भी व्यसन है, तो उसके साथ खुद को कौन सी समझ से व्यवहार करना है, उस बारे में दादाश्री द्वारा दी गई समझ भी नया ही दृष्टिकोण देगी। जिससे खुद को राग-द्वेष न हो और सामने वाले व्यक्ति को भी व्यसन में से बाहर निकलने के लिए पोजिटीव साइन हो जाएगी।

Vyashti Arthashastra Ek Parichay class 12 - NCERT - 23: व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पाँच अध्याय दिये गये है। जिसमे व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय, उपभोक्ता के व्यवहार का सिद्धांत, उत्पादन तथा लागत, पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म का सिद्धांत और बाज़ार संतुलन आदि अध्यायों पर चर्चा की गई है। इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया जिससे विद्यार्थीयो को समझने मे आसानी होगी।

Vyashti Arthashastra class 12 - NCERT: व्यष्टि अर्थशास्त्र 12वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यष्टि अर्थशास्त्र 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पाठपुस्तक में रेखाचित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया जिससे विद्यार्थीयो को समझने मे आसानी होगी ।

Vyashti Arthashastra class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: व्यष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छः अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है और इस पाठपुस्तक में चित्र कि सहायता से हर भाग का विस्तुर्त रूप मे विवरण किया गया जिससे विद्यार्थीयो को समझने मे आसानी होगी ।

Vyashti Evam Samishti Arthashastra class 12 - RBSE Board: व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र कक्षा 12वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक में कुल पच्चीस अध्याय का समावेश किया है। व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ, वास्तविक अर्थशास्त्र एवं आदर्शात्मक अर्थशास्त्र का अर्थ, अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याये: क्या, कैसे और किसके लिए उत्पादन? उत्पादन संभावना वक्र, अवसर लागत एवं सीमान्त अवसर लागत की अवधाराणा । इस प्रकार व्यष्टि अर्थव्यवस्था और समष्टि अर्थशास्त्र का समग्र रूप से अर्थशास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया गया है।

Vyavaharik Samanya Hindi: व्यावहारिक सामान्य हिंदी

by Dr Savita Paiwal Raghav Prakash

“व्यावहारिक सामान्य हिंदी” यह पुस्तक अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षाओं, सभी हिंदी प्रदेशों के लोक सेवा आयोगों की विभिन्न परीक्षाओं तथा विश्वविद्यालयों के लिए, विशेष रूप से IAS, RAS, PSI, HM, Lecturer, Teacher, LDC, Patwar आदि परीक्षाओं के लिए एक मानक पुस्तक । व्यावहारिक सामान्य हिंदी यह पुस्तक पिछले 26 वर्षों से सभी हिंदी प्रदेशों में हिंदी व्याकरण की अब तक की सबसे अधिक पढ़ी जानेवाली व्याकरण की प्रतियोगी-प्रिय पुस्तक रही है। अब इस नए संस्करण के बाद तो यह हिंदी की प्रत्येक परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय तैयारी करवानेवाली, अशुद्धियों से रहित और परीक्षा में संभावित प्रश्नों का उत्तर देनेवाली पुस्तक बनेगी इसलिए हिंदी व्याकरण का हर जागरूक पाठक इस नए संस्करण को अधिक गंभीरता से पढ़ने का प्रयास करेगा। सन् 2002 के बाद विभिन्न राज्यों के बोडों, केंद्र के CBSE बोर्ड, महाविद्यालय स्तर के पाठ्यक्रमों एवं प्रादेशिक स्तर की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के पाठ्यक्रमों में हुए परिवर्तन के आधार पर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय, लिंग, वचन, कारक, काल, वृत्ति, पक्ष, पद-परिचय, शब्द-शक्ति, शब्दकोश-पठन, अलंकार, अनुच्छेद-लेखन, अपठित गद्यांश आदि नए विषयों पर सामग्री जोड़कर इसे एक परिपूर्ण मानक व्याकरण के रूप में समृद्ध करने का प्रयास किया गया है।

Vyavsay Adhyan TBC class 11 - MP Board: व्यापाय अधयन टीबीसी कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Vyavsay Adhyan TBC text book for 11 th standard from Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Vyavsay Adhyan class 11 - MP Board: व्यवासाय अधयन कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya pradesh Bhopal

Vyavsay Adhyan text book for 11th standard from Madyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi

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