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Yojana June 2023: योजना जून २०२३

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योजना जून 2023 पत्रिका का संस्करण भारत का विश्व को समग्र कल्याण का उपहार पर केंद्रित है। पत्रिका में आयुष: समग्र स्वाथ्य और आरोग्य जीवन का विज्ञान, वैश्विक कल्याण के लिए योग और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य में मेडिटेशन की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana June 2024: योजना जून २०२४

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"योजना" जून 2024 का विशेषांक भारत की किलेबंदी और वास्तुकला पर केंद्रित है। इस अंक में ऐतिहासिक किलों, उनके वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है। किलों की स्थापत्य विशेषताएं, सामरिक उपयोगिता, और भारतीय इतिहास में उनकी भूमिका को लेकर कई विद्वतापूर्ण लेख हैं। इसमें गोलकोंडा, वेल्लोर, और वरंगल जैसे प्रमुख किलों की विशिष्टता और सांस्कृतिक योगदान पर चर्चा की गई है।

Yojana March 2022: योजना मार्च 2022

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योजना हिंदी मार्च 2022 इस अंक में मुख्य बिन्दु बजट 2022 है इस अंक में हाल ही में जारी हुए बजक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से उपलब्ध कराई गयी है।

Yojana March 2023: योजना मार्च २०२३

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योजना मार्च 2023 पत्रिका का संस्करण केन्द्रीय बजट पर केंद्रित है। पत्रिका में भारत के अमृत काल की नींव, सहकारी राजकोषीय संघवाद की दिशा में, समावेशी और सशक्त भारत का मसौदा और सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटन: ठोस परिणाम के लिए प्रयास जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana March 2024: योजना मार्च २०२४

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योजना मार्च २०२४ पत्रिका का संस्करण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु “डिजिटल युग में कला और संस्कृति” हैं। रचनात्मक अभिव्यक्तियों के सृजन, उपयोग और आदान प्रदान को डिजिटल युग ने फिर से परिभाषित किया है, कला और संस्कृति अज्ञात क्षेत्रों की तरफ धकेले जा रहे हैं। डिजिटल युग में सोशल मीडिया, वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी सभी तरह के अवसरों और कठिनाइयां पर असर डालते हैं। यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम डिजिटल युग द्वारा उठाए गए नैतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को स्वीकार करें, साथ ही हम जिस गतिशील वातावरण से गुजर रहे हैं उसे देखते इसकी क्रांतिकारी क्षमता को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। योजना के इस अंक के माध्यम से, हम उन प्रेरणाओं और सफलताओं की खोज करने के लिए निकले हैं जिन्होंने हमारे आधुनिक रचनात्मक परिदृश्य को नया आकार दिया है. हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि डिजिटल युग में कला और संस्कृति कैसे बदल रही है।

Yojana March 2025: योजना मार्च २०२५

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"योजना मार्च 2025" अंक केंद्रीय बजट 2025-26 पर केंद्रित है, जिसमें ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में उठाए गए आर्थिक, वित्तीय, और सामाजिक कदमों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कर सुधार, अवसंरचना विकास, ऊर्जा सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, और राजकोषीय संघवाद जैसे विषयों को शामिल किया गया है। यह अंक बजट के माध्यम से भारत की विकास यात्रा, निवेश प्रोत्साहन, रोजगार सृजन और समावेशी नीति निर्माण के व्यापक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

Yojana May 2022: योजना मई 2022

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योजना मैगज़ीन मई 2022 एक मासिक पत्रिका है, जिसमे केंद्र सरकार की योजनाओ के बारे में बताया गया है यह मैगज़ीन हर महीने जारी की जाती है, यह पत्रिका सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत जरूरी है।

Yojana May 2023: योजना मई २०२३

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योजना मई 2023 पत्रिका का संस्करण टेकेड पर केंद्रित है। पत्रिका में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार, 5जी युग में साइबर सुरक्षा की चुनौतियाँ और स्वाथ्य सेवाओं में सुधार के लिए पौद्योगिकी का इस्तेमाल जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana May 2024: योजना मई २०२४

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"योजना" मई 2024 अंक का मुख्य विषय है "भारत की बुनाई और हथकरघा उद्योग"। यह अंक भारत की समृद्ध हथकरघा परंपरा, उसकी ऐतिहासिक जड़ों, क्षेत्रीय विविधताओं, और सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है। इसमें विभिन्न राज्यों की बुनाई शैलियों जैसे बनारसी रेशम, पैठणी, पटोला, और कांचीपुरम साड़ियों का वर्णन किया गया है। साथ ही, पारंपरिक बुनाई के आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं को भी उजागर किया गया है। यह अंक भारतीय बुनाई उद्योग को सशक्त बनाने, बुनकर समुदायों को समर्थन देने, और इस कला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी प्रकाश डालता है। इसके साथ ही, सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल और उद्योग में नई तकनीकों के उपयोग का भी उल्लेख किया गया है।

Yojana November 2023: योजना नवम्बर २०२३

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योजना नवम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में जी20: पृथ्वी, लोग, शांति और समृद्धि के लिए और भारत का बढ़ता प्रभाव: जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत को विश्व मंच पर स्थापित किया आदि प्रमुख बिंदु हैं।

Yojana November 2024: योजना नवम्बर २०२४

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नवंबर 2024 के "योजना" अंक का मुख्य विषय भारतीय संविधान और कानूनी सुधार है। इसमें संविधान के 75 वर्षों की यात्रा, इसके विकास, संशोधन, और सामाजिक न्याय में इसकी भूमिका पर गहन चर्चा की गई है। संविधान ने भारत को लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों पर स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया। यह अंक भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसे प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डालता है। डिजिटल डेटा संरक्षण और एआई के भविष्य पर विचार करते हुए, यह अंक सामाजिक न्याय और संविधान के बीच के गहरे संबंध को उजागर करता है।

Yojana October 2022: योजना अक्टूबर २०२२

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योजना अक्टूबर 2022 पत्रिका का संस्करण हमारा पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित है। पत्रिका में प्राणी विविधता, भूवैज्ञानिक अन्वेषण और महासागर के जीवों और संसाधनों को सहेजना आवश्यक जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana October 2023: योजना अक्टूबर 2023

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योजना अक्टूबर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आधारभूत संरचना हैं।

Yojana October 2024: योजना अक्टूबर २०२४

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अक्टूबर 2024 के "योजना" अंक का मुख्य विषय स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष है, जिसमें इस ऐतिहासिक पहल की उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर चर्चा की गई है। स्वच्छता अभियान ने देश में व्यापक स्तर पर जागरूकता पैदा की और व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा दिया। इस अंक में स्वच्छता से जुड़े ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, अभियान के विभिन्न चरणों, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, महिलाओं के सशक्तिकरण, और सतत विकास लक्ष्यों के योगदान पर चर्चा की गई है। मिशन ने न केवल भारत को खुले में शौच से मुक्त किया बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सुधार किए। यह अंक "स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता" के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करता है।

Yojana September 2022: योजना सितम्बर २०२२

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योजना सितम्बर 2022 पत्रिका का संस्करण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख आलेख जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बनता माहौल, विशेष आलेख फ़िल्मांकन की पसंदीदा जगह और निवेश को प्रोत्साहन जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana September 2024: योजना सितम्बर २०२४

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सितंबर 2024 के "योजना" अंक में केंद्रीय बजट 2024-25 का उद्देश्य समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना है, जिसमें गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट की नौ प्राथमिकताओं में कृषि सुधार, रोजगार और कौशल विकास, मानव संसाधन सशक्तिकरण, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का विस्तार, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे में निवेश, नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन, और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल हैं। सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं, आदिवासियों और वंचित वर्गों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, रोजगार सृजन, हरित ऊर्जा, और डिजिटल प्रौद्योगिकी में निवेश के माध्यम से भारत के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को बदलने का प्रयास किया गया है।

Yun Hi Nahin Ban Jata Koi Elon Musk: यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क

by Parag Mahajan

एलन मस्क के नाम से आज कौन परिचित नहीं है! दुनिया के सफल व सबसे धनी उद्यमियों की सूची, जिसमें बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जैसे लोगों के नाम शामिल हैं, बिना एलन मस्क के पूर्ण नहीं हो सकती। व्यवसाय की दुनिया में सफलता की चाह रखनेवाली आज की युवा पीढ़ी के लिए एलन मस्क आदर्श हैं। क्या आप भी एलन मस्क के जैसे सफल व धनी उद्यमियों की सूची में शामिल होना चाहते हैं? उनकी सफलता के गूढ़ रहस्यों को जानना, उन्हें जीवन में अपनाना चाहते हैं? उनकी कार्यशैली/ नीतियों व विचारों का उपयोग करके किस तरह आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं, यह पुस्तक यही बताती है। ‘यूँ ही नहीं बन जाता कोई एलन मस्क’ पुस्तक में आप सफल उद्यमियों व लीडरों के उन गुप्त भेदों को जानेंगे, जिन्हें अपनाकर आपका नाम भी सबकी जुबान पर सफलता का पर्याय बन जाएगा। उनके चरित्र की विशेषताएँ व आदतें और भी बहुत से ऐसे अध्याय पढ़ने को मिलेंगे जो सफलता की आवश्यक शर्त हैं। उभरते उद्यमियों, व्यवसायियों व विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त प्रस्तुत पुस्तक में पेशे से इंजीनियर मस्क की सफलता को उनकी पृष्ठभूमि, शुरुआती कॅरियर, असफलताओं व नौकरी से निकाले जाने के साथ-साथ उनके उन विचारों, जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुँचाया, के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है, जो हर पाठक-वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है।

Zahir: ज़ाहिर

by Paulo Coelho

ज़ाहिर का कथाकार एक बेस्टसेलिंग उपन्यासकार है, जो पेरिस में रहता है और संपन्नता तथा सेलिब्रिटी जैसे रुतबे का आनंद ले रहा है। एस्तर दस वर्षों से उसकी पत्नी है और एक युद्ध संवाददाता है, जो अपने मित्र मिखाइल के साथ ग़ायब हो जाती है। यह व्यक्ति उसका प्रेमी हो सकता है या नहीं भी। क्या एस्तर का अपहरण हुआ था, हत्या हुई थी या वह केवल उस विवाह से बचना चाहती थी जिससे वह असंतुष्ट थी? कथाकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन उसके पास कई सवाल हैं। एक दिन मिखाइल कथाकार को ढूंढ़ लेता है और उसे उसकी पत्नी से पुन मिलाने का वादा करता है। अपने खोए हुए प्रेम को पाने की कोशिशों में कथाकार को स्वयं के बारे में अनपेक्षित बात पता चलती है। जुनून पर आधारित एक रहस्य से घिरी कहानी, ज़ाहिर हमारे सपनों को पूरा करने और साथ ही उन्हें मिटा देने की संभावनाओं को तलाशती है।

Zindagi Benakaab: ज़िंदगी बेनकाब

by S. P. Bharill

ज़िंदगी की उलझन का मतलब विचारों की उलझन है और हमारे विचार तभी सुलझ सकते हैं जब हम जीवन को समझ लें। इसके लिए प्रकृति के नियम, विश्व के संचालन की व्यवस्था और अध्यात्म के सिद्धांतों के साथ-साथ उनके रहस्यों को स़िर्फ समझना ही नहीं होगा बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारना भी होगा। यह किताब इसमें आपकी मदद ही नहीं करेगी बल्कि उस दिशा में आपको ले कर भी जायेगी। अगर आप उलझनों से मुक्त खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, आप जानना चाहते हैं कि मैं कौन हूँ, आप अपने आपको आइने में देखना चाहते हैं, आप अपने मुखौटे उतार फेंकना चाहते हैं, आप संबंधों में मधुरता चाहते हैं तथा ऊर्जा और उत्साह से भरपूर जीवन का आनंद लेना चाहते हैं, तो इस किताब को पढ़ना होगा। समय तीव्र गति से बह रहा है, तो समय रहते ही हम इन तथ्यों को समझकर, प्रतिदिन की दिनचर्या में उतार कर अपने जीवन में परिवर्तन ले आएँ, और आज ही इस किताब को पढ़ना शुरू करें। विश्वास मानिये, आप इस प्रयास में सफल होंगे।

Zindagi Reloaded: ज़िंदगी रीलोडिड

by Tushar Rishi

जिंदगी रीलोडेड तुषार ऋषि द्वारा लिखी गई एक मार्मिक कहानी है जो किशोरावस्था में कैंसर से संघर्ष के अनुभवों को दर्शाती है। इसका नायक समीर, 16 साल का एक सामान्य किशोर है जो पढ़ाई, खेल, और दोस्तों में व्यस्त है। एक दिन अचानक उसे कैंसर का पता चलता है, जिससे उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। इसके बाद कहानी में अस्पतालों के चक्कर, कीमोथेरेपी की कठिनाइयां, और अपने परिवार व दोस्तों से मिले सहयोग का चित्रण है। समीर के सामने एक कठिन यात्रा है, जहाँ उसे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संघर्ष का सामना करना पड़ता है। किताब में उसकी जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियाँ, उसके डर, और हौसले की अनोखी झलक मिलती है। उसकी कहानी न केवल एक बीमारी से लड़ाई बल्कि खुद को समझने और जिंदगी की कीमत को पहचानने की भी है। जिंदगी रीलोडेड पाठकों को यह याद दिलाती है कि संघर्ष जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन इनसे लड़ने का हौसला और अपनों का साथ सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह किताब किसी भी उम्र के पाठक को प्रेरित कर सकती है, खासकर उन लोगों को जो किसी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं।

Zindagi: ज़िंदगी

by Sanjay Sinha

जिस पहली महिला ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया था, वो मेरी माँ ही थी। मैं माँ को कभी खुद से दूर नहीं होने देना चाहता था, इसलिए मैंने चारपाँच साल की उम्र में माँ से कहा था कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ। माँ हँस पड़ी थी, कहने लगी कि मैं तुम्हारे लिए परीलोक की राजकुमारी लाऊँगी। मैं कह रहा था कि माँ, तुमसे सुंदर कोई और हो ही नहीं सकती। मृत्यु से एक रात पहले माँ ने मुझे बताया था कि वो कल चली जाएगी। मैंने माँ से पूछा था, तुम चली जाओगी, फिर मैं अकेला कैसे रहूँगा। माँ ने कहा था, मैं तुम्हारे आसपास रहूँगी। हर पल। कहते हैं रामकृष्ण परमहंस को पत्नी में माँ दिखने लगी थी। एक औरत में माँ का दिखना ही चेतना का सबसे बड़ा सागर होता है। संसार की हर औरत को इस बात के लिए गौरवान्वित होने का हक है कि वो माँ बन सकती है। उसके पास अपने भीतर से एक मनुष्य को जन्म देने का माद्दा है। उसे बहुधा इस काम के लिए किसी पुरुष की भी दरकार नहीं। शादी के बाद जो भी मेरी पत्नी से मिला, सबने कहा ये तुम्हारी माँ का पुनर्जन्म है। विरोधाभासों और कल्पनाओं के अथाह समंदर का नाम जिंदगी है।

Zindaginama: ज़िन्दगीनामा

by Krishna Sobti

लेखन को जीवन का पर्याय माननेवाली कृष्णा सोबती की कलम से उतरा एक ऐसा उपन्यास जो सचमुच ज़िन्दगी का पर्याय है—ज़िन्दगीनामा। ज़िन्दगीनामा—जिसमें न कोई नायक। न कोई खलनायक। सिर्फ लोग और लोग और लोग। ज़िन्दादिल। जाँबाज़। लोग जो हिन्दुस्तान की ड्योढ़ी पंचनद पर जमे, सदियों गाज़ी मरदों के लश्करों से भिड़ते रहे। फिर भी फसलें उगाते रहे। जी लेने की सोंधी ललक पर ज़िन्दगियाँ लुटाते रहे। ज़िन्दगीनामा का कालखंड इस शताब्दी के पहले मोड़ पर खुलता है। पीछे इतिहास की बेहिसाब तहें। बेशुमार ताकतें। ज़मीन जो खेतिहर की है और नहीं है, वही ज़मीन शाहों की नहीं है मगर उनके हाथों में है। ज़मीन की मालिकी किसकी है ? ज़मीन में खेती कौन करता है ? ज़मीन का मामला कौन भरता है ? मुजारे आसामियाँ। इन्हें जकडऩों में जकड़े हुए शोषण के वे कानून जो लोगों को लोगों से अलग करते हैं। लोगों को लोगों में विभाजित करते हैं। ज़िन्दगीनामा का कथानक खेतों की तरह फैला, सीधा-सादा और धरती से जुड़ा हुआ। ज़िन्दगीनामा की मजलिसें भारतीय गाँव की उस जीवन्त परम्परा में हैं जहाँ भारतीय मानस का जीवन-दर्शन अपनी समग्रता में जीता चला जाता है। ज़िन्दगीनामा—कथ्य और शिल्प का नया प्रतिमान, जिसमें कथ्य और शिल्प हथियार डालकर ज़िन्दगी को आँकने की कोशिश करते हैं। ज़िन्दगीनामा के पन्नों में आपको बादशाह और फकीर, शहंशाह, दरवेश और किसान एक साथ खेतों की मुँडेरों पर खड़े मिलेंगे। सर्वसाधारण की वह भीड़ भी जो हर काल में, हर गाँव में, हर पीढ़ी को सजाए रखती है।

eps-08 Austreliya parichaye-(1) - IGNOU

by Ignou

Poltical Science Text Book for students of IGNOU

gajmukta ki talaash

by Ira Suxena Surendra Suman

Gajmukta pearl handed over to his granddaughter Ambika Dewan live in the freedom struggle have gone to jail. Ambika and her friends Jeelni such problems arose because the British Government at all costs wanted to Gajmukta. Ultimately who win? To know this read the story of ‘Gajmukta Ki talaash’.

hamare ateet -2

by National Council Of Educational Research Training

This book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 7th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.

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