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Avatar - Maharakshkon Ka Agaman: अवतार - महारक्षकों का आगमन

by Abhilash Dutta

"अवतार: महारक्षकों का आगमन" उपन्यास एक काल्पनिक कथा है जो रहस्यमयता और आध्यात्मिकता से भरी है। कहानी 2050 के भविष्य को दर्शाती है, जब ब्रह्मांड में महादेव के चार आंशिक अवतारों का अवतरण होगा, जो संसार की रक्षा के लिए चार सिद्धांतों पर आधारित होंगे। ये चार रक्षक - मृदंग, निलोहित, विशालाक्षी, और रूद्र - अपनी अनूठी शक्तियों और विशेषताओं के साथ दुनिया को बचाने के लिए आगे आएंगे। इस उपन्यास में ब्रह्मांड के रहस्यों, 'भविष्य सूक्त' ग्रंथ की भविष्यवाणी, रावण की विद्वता, मानव अस्तित्व के रहस्य, जीवन और मृत्यु, सम्मोहन शक्ति, ब्रह्मांड की उत्पत्ति, नागलोक, और महामानवों के रहस्यों की गहन चर्चा है। इस यात्रा में चार रक्षकों के साथ सात महामानव भी शामिल होंगे, जो ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में मदद करेंगे। यह कहानी कल्पना, आध्यात्मिकता, और विज्ञान का अद्भुत मिश्रण है, जो पाठकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। उपन्यास रहस्यों से भरा हुआ है, जिसमें पात्रों के संघर्ष, उनकी यात्रा और उनका उद्देश्य धीरे-धीरे उजागर होते हैं।

Awara Masiha - Novel: आवारा मसीहा - उपन्यास

by Vishnu Prabhakar

‘आवारा मसीहा’ यह किताब लेखक विष्णु प्रभाकरजी ने मार्च 1974 में प्रकाशित की। इस पुस्तक में शरतचन्द्र चटर्जी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया है। ‘आवारा मसीहा’ यह किताब का अनुवाद अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस पुस्तक में उनके अपने चरित्र के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाली कुछ और कथाएँ बताई गई है। शरतचन्द्र भारत के सर्वप्रिय उपन्यासकार थे। उन्हें बंगाल में जितनी ख्याति और लोकप्रियता मिली, उतनी ही हिन्दी में तथा गुजराती, मलयालम तथा अन्य भाषाओं में भी मिली। उनकी रचनाओं की विशिष्टता के कारण उनको देशभर से बहुत प्यार मिला।

Azadi Ke Baad Ka Swarnim Bharat Bhag 2 class 12 - RBSE Board: आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

आझादी के बाद का स्वर्णिम भारत (भाग- 2) कक्षा 12वी का यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है। इस पाठ्यपुस्तक में आझादी मिलने के बाद भारत में हुए बदलाव के बारे में सहज और सुबोध भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास किया है। इस पुस्तक में देश की गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन से जूझ रहे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजीव गांधीजी ने दिए हुए अनमोल योगदान के बारे में बताया गया है। भारतीय राजनीति की प्रमुख प्रवृत्तियों एवं उपलब्धियों का ऐसा ज्ञान है जिस पर प्रत्येक भारतीय को नाज होना स्वाभाविक है।

BHDF -101 Hindi Me Aadhar Pathyakram - Khand 3 Sahitya Ka Aasvadan - IGNOU: BHDF -101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम - खंड 3 साहित्य का आस्वादन -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: साहित्य का आस्वादन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हम कुल छह इकाइयाँ दे रहे हैं। इकाई 13 में प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’ वाचन के लिए दी जा रही है। इकाई 14 में हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित एक व्यंग्य-निबंध : ‘वैष्णव की फिसलन’ दिया गया है। इकाई 15 में मोहन राकेश का ‘बहुत बड़ा सवाल’ शीर्षक एकांकी वाचन के लिए दिया गया है। इकाई 16 में ‘जीने की कला’ शीर्षक महादेवी का एक नारी समस्या से संबंधित निबंध दिया गया है। इकाई 17 में 'जूठन' शीर्षक ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा का एक अंश दिया गया है। अंतिम इकाई में सूरदास, तुलसीदास, मैथिलीशरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ एवं महादेवी वर्मा का काव्य, वाचन के लिए दिया गया है। इस प्रकार इन इकाइयों में कहानी, व्यंग्य, निबंध, आत्मकथा और कविता नामक विधाओं का अध्ययन करेंगे। वाचन के अतिरिक्त इनमें इन विधाओं की विशेषताएँ बतायी गयी हैं।

BHDF 101 Hindi Me Aadhar Pathyakram (Khand 2 Vachan Aur Vividh Vishay) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: वाचन और विविध विषय) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 2: वाचन और विविध विषय) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। ज्ञान - विज्ञान के विषयों को पढ़ने के लिए इन विषयों की विशिष्ट पारिभाषिक शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है। पारिभाषिक शब्द बोलचाल की भाषा से भिन्न निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। ज्ञान -विज्ञान के विषयों का वाचन करने की प्रक्रिया में बहुत से पारिभाषिक शब्द उन विषयों के संदर्भ में आपके सामने आएँगे। इनके बारे में हमने इकाइयों में आपको विस्तार से जानकारी दी है।

BHDF 101 Hindi Me Aadhar Pathyakram Khand 4 Vyavaharik Hindi Aur Lekhan IGNOU: BHDF 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम खंड 4 व्यावहारिक हिंदी और लेखन इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF-101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम (खंड 4: व्यावहारिक हिंदी और लेखन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हम कुल छह इकाइयाँ दे रहे हैं। प्रस्तुत खंड में भाषा विषयक दो और पाठ दे रहे हैं, जिनमें क्रमशः हिंदी की शब्दावली और वाक्य रचना तथा सामान्य वार्तालाप में वाक्योच्चारण के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। इस तरह इन 4 इकाइयों में हिंदी भाषा की मूलभूत संरचना का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। इस पाठ्यक्रम-परिचय में हमने यह उल्लेख किया था कि लेखन भाषा का एक प्रमुख कौशल है। यह पाठ्यक्रम हमने बोधन के अर्थात् भाषा को समझने के कौशल से शुरू किया था। भाषा समझने की क्षमता का स्वतः परिणाम भाषा की अभिव्यक्ति में ही है। इस पाठ्यक्रम में मौखिक अभिव्यक्ति की अपेक्षा हम लिखित अभिव्यक्ति पर ही अधिक बल दे रहे हैं।

BHDF-101 Hindi Me Aadhar Pathyakram - Khand 1 Bhasha Tatva Aur Bodhan – IGNOU: BHDF - 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम - खंड 1 भाषा तत्व और बोधन – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDF 101 हिंदी में आधार पाठ्यक्रम खंड 1 भाषा तत्व और बोधन – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इस खंड में पढ़ने और समझने के कौशलों का विकास करना है। इसके लिए चार प्रकार के पाठ्यांश चुने हैं। इकाई तीन में विज्ञान से संबंधित एक पाठ है, जो पत्र की शैली में लिखा गया है। इकाई चार और पाँच में सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों पर दो पाठ हैं। ये दोनों पाठ निबंध की शैली में हैं। इकाई छह में स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के 1966 में लाल किले से दिये गये भाषण के अंश हैं। यह पाठ भाषण शैली का नमूना है। इन पाठों के साथ-साथ इन शैलियों की विशेषताओं पर भी चर्चा कर रहे हैं। पाठ में जो कठिन या पारिभाषिक शब्द आये हैं, उनके अर्थ भी दिये गये हैं।

BHDLA 135 Hindi Bhasha Vividh Prayog (Khand 1 Bhasha Tatva Aur Bodhan) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 1: भाषा तत्व और बोधन) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDLA - 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 1: भाषा तत्व और बोधन) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में सात परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। अगर आप इस खंड में सीखे हुए बिंदुओं को ध्यान में रखें तो अधिक आसानी से विविध विषयों का वाचन कर सकेंगे और वाचन के अभ्यास से अभिव्यक्ति में पर्याप्त दक्षता हासिल कर सकेंगे। प्रत्येक इकाई के अंत में हमने विषय से संबद्ध उपयोगी पुस्तकों की सूची भी दी है। पुस्तकालय जाकर आप इन पुस्तकों के माध्यम से विषय का गहन अध्ययन भी कर सकते हैं।

BHDLA 135 Hindi Bhasha Vividh Prayog (Khand 2 Vachan Aur Vividh Vishay) IGNOU: BHDLA 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: भाषा तत्व और बोधन) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BHDLA - 135 हिंदी भाषा : विविध प्रयोग (खंड 2: वाचन और विविध विषय) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में छः परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इन सब इकाइयों में पाठों से संबंधित व्याकरणिक बिंदुओं को विशेष रूप से समझाया गया है। ज्ञान - विज्ञान के विषयों को पढ़ने के लिए इन विषयों की विशिष्ट पारिभाषिक शब्दावली का ज्ञान आवश्यक है। पारिभाषिक शब्द बोलचाल की भाषा से भिन्न निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। ज्ञान -विज्ञान के विषयों का वाचन करने की प्रक्रिया में बहुत से पारिभाषिक शब्द उन विषयों के संदर्भ में आपके सामने आएँगे। इनके बारे में हमने इकाइयों में आपको विस्तार से जानकारी दी है।

BSHF - 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 7 Samsamayik Mudde Aur Chunautiyaan - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की पाँच इकाइयाँ हैं, इन खण्ड में कुछ "समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ" पर विचार किया गया है। खण्ड में मानव सुरक्षा, शिक्षा और जागरूकता, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, शान्ति और संघर्ष तथा पर्यावरण से सम्बद्ध समाज विज्ञान में उभरते हुए कुछ मुद्दों से परिचित किया है। इन इकाइयों में कुछ मुख्य प्रश्नों, चिन्ताओं, और वाद-विवादों पर चर्चा करने का प्रयास किया है।

BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 6 Kalaen Aur Saundaryashastra - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 6: आर्थिक विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 6: कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र किसी भी समाज की सभ्यता सम्बन्धी प्रक्रिया के आधार हैं। उनमें हमें मानवीय कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता की उच्चतम अभिव्यक्ति मिलती है। इस खंड में चार आधारभूत पहलुओं पर चर्चा की गई है अर्थात् (i) साहित्य, (ii) ललित कलाएँ, (iii) नृत्य व संगीत, और (iv) चलचित्र व रंगमंच। हमने इन इकाइयों में कला के उन विभिन्न रूपों की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो इन अभिव्यक्तियों में विकसित हुए हैं।

BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 2 Manav Samaj Aur Isaka Vikas - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 2: मानव समाज और इसका विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 2: मानव समाज और इसका विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें हम औनिवेशिक भारत के स्वरूप का अध्ययन करेंगे। विश्व के अन्य क्षेत्रों में होने वाले विकास की चर्चा करने के उपरान्त हम विशेष रूप से भारत पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे और हमको उन क्षेत्रों में औपनिवेशिक विस्तार के प्रभाव का अध्ययन कराएंगे जो औपनिवेशिक थी।

BSHF 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram (Khand 1 Manav Samaj Evan Isaka Vikas) IGNOU: BSHF 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हमको समाज की संकल्पना से अवगत कराएंगे। समाज विज्ञानों में समाज तथा उसके अतीत, वर्तमान और भविष्य का अध्ययन किया गया है। मानव तथा आधुनिक समाज के उदय से संबंधित इकाइयाँ हैं। अंतिम इकाई में समकालीन समाज की धारणा विशेषतः उत्तर औधोगिक समाज की अवधारणा का परिचय दिया गया है। ये इकाइयाँ इस बात की जाँच करती हैं कि कैसे समाज में परिवर्तन घटित होता है और समय-समय पर उसमें परिवर्तन होता है समाज की इस परिवर्तन की प्रकृति के बारे में भी कुछ विचार व्यक्त किए गए हैं।

BSHF 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram (Khand 3 Samajik Vyavastha) IGNOU: BSHF 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: सामाजिक व्यवस्था) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: सामाजिक व्यवस्था) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इस प्रकार सामाजिक संरचना संबंधी इकाई में एक ओर भूमिका और प्रस्थिति की महत्वपूर्ण अवधारणाओं का तो दूसरी ओर श्रम के स्तरीकरण का तथा विभाजन का विवेचन किया है। यह खंड अध्ययन के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसमें अध्ययन की बुनियादी अवधारणाओं और क्षेत्रों का विवेचन सामान्य रूप में स्नातक उपाधि कार्यक्रम (Bachelor's Degree Programme; BDP) और विशेष रूप से समाज विज्ञान (Sociology) में स्नातक कार्यक्रम के लिए किया गया है।

BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 4 Rajanitik Aur Prashasanik Pranali - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में भारतीय राजनीति और सार्वजनिक प्रशासन व कार्यनीतियों की प्रकृति और संरचना के बारे में चर्चा की गई है। इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं, भारत में लोकतंत्र की प्रकृति, प्रशासनिक संरचना और प्रक्रियाओं तथा शासन के मुद्दों व कार्यनीतियों का वर्णन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और प्रशासनिक संस्थाओं की मूल कार्यप्रणाली की जाँच करना है।

BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 5 Aarthik Vikas - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 5 आर्थिक विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 5: आर्थिक विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की चार इकाइयाँ हैं, इकाई 17 में भारत की अर्थव्यवस्था की आधारभूत संरचना का विवेचन किया गया है। यह आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर से प्रारंभ होता है। इकाई 18 आर्थिक योजना के भारतीय परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है जोकि आर्थिक विकास की प्राप्ति में सहायक भूमिका निभाई है। इसमें विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के मुख्य उद्देश्यों और दबाब क्षेत्रों को स्पष्ट किया गया है। इकाई 19 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकलन किया गया है। योजना उद्देश्यों को पृष्ठभूमि में रखते हुए इस इकाई में स्वतंत्रयोत्तर अवधि के दौरान आर्थिक संवृद्धि के संदर्भ में अंतर्वैयक्तिक और अतः क्षेत्रीय असमानता में न्यूनीकरण और गरीबी उन्मूलन के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था के निष्पादन का विश्लेषण किया गया है। इकाई 20 में भारतीय अर्थव्यवस्था के भूमंडलीकरण के आधारभूत सिद्धांतों और 1990 के दशक के दौरान देखे गए आमूलचूल नीति परिवर्तनों के पीछे तर्कों का विवेचन किया गया है।

BSOC 131 Samajshastra Ka Parichay IGNOU: BSOC 131 समाजशास्त्र का परिचय इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSOC-131 समाजशास्त्र का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस पाठ्यक्रम में तीन खंड और तेरह इकाइयाँ (अध्याय) हैं। सबसे पहला "समाजशास्त्रः अनुशासन और परिप्रेक्ष्य” शीर्षक खंड समाजशास्त्र और सामाजिक मानव विज्ञान के रूप में अन्तः संबंधित अनुशासन के उद्भव को भी अवस्थित करता है लेकिन उन्हें विशिष्ट अनुशासन के रूप में भी स्थापित करता है। खंड 2 जिसका शीर्षक है "समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञान समाजशास्त्र के अन्य संबंधित विषयों के साथ समाजशास्त्र के संबंधों पर चर्चा करता है, विशेष रूप से, मानव विज्ञान, मनोविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र औरराजनीति विज्ञान के साथ। इसकी पाँच इकाइयाँ हैं। “बुनियादी अवधारणाओं" शीर्षक के तहत खंड 3 समाजशास्त्र में प्रयुक्त कुछ मूल अवधारणाओं की व्याख्या करता है। उनमें शामिल है "संस्कृति और समाज", "सामाजिक समूह और समुदाय", "संघ और संस्थाएँ", "प्रस्थिति और भूमिका", "समाजीकरण", "संरचना और कार्य", और "सामाजिक नियंत्रण और परिवर्तन"।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay - Khand 3 Samaj ka Parichay - IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस पाठ्यक्रम में समाज का परिचय दिया गया है। इस खंड में समाज शास्त्र की मूल अवधारणाओं के संबंध में बताया गया है। इस ज्ञान का अनुप्रयोग समाज कार्य प्रणालियों के माध्यम से किया गया है। समाज कार्य के द्वारा इन विषयों से उधार लिया गया ज्ञान रचनात्मक कार्यों में उपयोग किया गया है। पहली इकाई में मूल सामाजिक अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें समाज कार्य व्यवहार में लगातार प्रयोग होने वाली सामाजिक शब्दावली की जानकारी के साथ विषय के संबंध में विस्तार से बताया गया है। दूसरी इकाई में समाज का मूल्यांकनः प्रकृति और विशेषताओं की चर्चा है। तीसरी इकाई में सामाजिक प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। चौथी इकाई में 'सामाजिक परिवर्तन' सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक परिवर्तन में शामिल कारकों का उल्लेख किया गया पाँचवी इकाई सामाजिक नियंत्रण पर है, जो कि सामाजिक नियन्त्रण की अवधारणा से संबद्ध है।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 1 Vyavasayik Samaj Karya Ka Aavirbhav IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 1 व्यावसायिक समाज कार्य का आविर्भाव इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 1: व्यावसायिक समाज कार्य का आविर्भाव) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार इकाइयाँ हैं, यह खण्ड व्यावसायिक समाज कार्य के विषयों से अवगत कराएगा। इस खण्ड में समाज और समाज कल्याण क्षेत्रों में प्रयोग की जाने वाली अवधारणाओं की पहचान और उनका स्पष्टीकरण किया जाएगा। इसकी प्रथम दो इकाइयाँ समाज कार्य अवधारणाओं का परिचय-I और समाज कार्य अवधाणाओं का परिचय-II, सामाजिक क्षेत्र और समाज कार्य में प्रयोग होने वाली मूल अवधारणाओं को समझने में सहायक होंगी। इसकी तीसरी इकाई 'विदेशों में समाज कार्य का अविर्भाव' में आपका परिचय पश्चिम में समाज कार्य के इतिहास से कराया जाएगा। चौथी इकाई भारत में समाज कार्य परम्परा और शिक्षा के विकास से संबंधित है जिसमें भारत में समाज कार्य व्यवसाय और समाज कार्य शिक्षा के विकास को जानने का प्रयास किया गया है।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 2 Samaj Karya Ke Mul tatva IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 2 मानव वृद्धि और विकास इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 2: समाज कार्य के मूल तत्व) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस खंड में परिचय समाज कार्य व्यवसाय की दार्शनिकता, सिद्धांतों, प्रणालियों और नीतियों से कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्यःप्रकृति, क्षेत्र, उद्देश्य और कार्य में समाज में सामाजिक कार्य कर्ता का स्थान या स्थिति के संबंध में वर्णन है। दूसरी इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्य: सामान्य सिद्धांत मूल्य और उनका अनुप्रयोग' के क्षेत्रों को और अधिक विस्तार से बताया है। तीसरी इकाई 'पंचवर्षीय योजनाओं में समाज सेवा और समाज कल्याण कार्यक्रम' का वर्णन किया है। चौथी इकाई 'भारत में स्वैच्छिक क्रिया और समाज कार्य में लोगों के जीवन स्तर के सुधार कार्यों में गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों का वर्णन किया गया है। पाँचवी इकाई 'भारतीय संदर्भ में समाज कार्य नैतिक संहिता के बारे में बताया है।

BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 2 Samaj Karya Ke Mul tatva IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 2 समाज कार्य के मूल तत्व इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 2: समाज कार्य के मूल तत्व) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस खंड में परिचय समाज कार्य व्यवसाय की दार्शनिकता, सिद्धांतों, प्रणालियों और नीतियों से कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्यःप्रकृति, क्षेत्र, उद्देश्य और कार्य में समाज में सामाजिक कार्य कर्ता का स्थान या स्थिति के संबंध में वर्णन है। दूसरी इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्य: सामान्य सिद्धांत मूल्य और उनका अनुप्रयोग' के क्षेत्रों को और अधिक विस्तार से बताया है। तीसरी इकाई 'पंचवर्षीय योजनाओं में समाज सेवा और समाज कल्याण कार्यक्रम' का वर्णन किया है। चौथी इकाई 'भारत में स्वैच्छिक क्रिया और समाज कार्य में लोगों के जीवन स्तर के सुधार कार्यों में गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों का वर्णन किया गया है। पाँचवी इकाई 'भारतीय संदर्भ में समाज कार्य नैतिक संहिता के बारे में बताया है।

BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 5 Manav Vruddhi Aur Vikas - IGNOU: BSWE - 001 समाज कार्य परिचय - खंड 5 मानव वृद्धि और विकास -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 5: मानव वृद्धि और विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इसमें व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है। पहली इकाई का विषय व्यक्तित्व विकास है, इसमें आपको व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का परिचय दिया है। दूसरी इकाई "व्यक्तित्व निर्धारण : आनुवंशिकता और पर्यावरण की भूमिका" से संबंधित है। तीसरी इकाई "मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएँ" में मृत्यु की सकल्पना से लेकर व्यक्ति की भौतिकीय मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों की चर्चा की है। चौथी इकाई 'व्यक्तित्व के सिद्धांत" पर आधारित है। इसमें व्यक्तित्व के सिद्धांतों को स्पष्ट किया गया है जिसमें प्रख्यात मनोवैज्ञानिकों और अन्य विद्वानों के सिद्धांतों का अध्ययन किया है। पाँचवीं और अंतिम इकाई "मनोलैंगिक विकासः फ्रायड की अवधारणा" में व्यक्तित्व विकास की आपसी समझ के साथ फ्रायड के सहयोग का विश्लेषण किया है।

BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 6 Samaj Karyakarta Ke liye Manovigyan Ke Multatva – IGNOU: BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खण्ड में मनोविज्ञान की अवधारणा और समाज कार्य व्यवहार में उनका प्रयोग के संबंध में परिचय कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'समाज कार्य व्यवहार में मनोनिज्ञान की प्रासंगिकता' है, जिसमें समाज कार्य व्यवहार में मनोविज्ञान का महत्व और मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाओं का वर्णन किया है। दूसरी इकाई ‘मानव व्यवहार की मूल मनोवैज्ञानिक अवधारणाएँ हमको महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर सूचना उपलब्ध कराती है। तीसरी इकाई 'प्रतिरक्षा तन्त्र' नाम से है जो मानव व्यवहार में इसके प्रयोग को स्पष्ट करती है और प्रतिरक्षा तन्त्र के परिणामों से अवगत कराती है। चौथी इकाई ‘सामान्यता और असामान्यता' से संबंधित है जो मानव जीवन में असामान्य व्यवहार इसके लक्षण और निदान को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसकी पाँचवी और अंतिम इकाई 'सामाजिक मनोविज्ञान की मूलभूत अवधारणाएँ' है, जिसमें सामाजिक समूहों में व्यक्तिगत व्यवहार के संबंध में चर्चा की है।

BSWE-001 Samaj Karya Parichay - Khand 4 - Samajik Vyavastha Aur Samajik Upavyavsthaen – IGNOU: BSWE-001 समाज कार्य परिचय - खंड 4 - सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ – इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 4: सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इस खंड में “सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ में आप समाज के कुछ महत्वपूर्ण घटकों परिवार, वर्ग, जाति, संस्कृति एवं राज्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। ये व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करने में विशेष महत्वपूर्ण हैं। ये व्यक्ति के सामाजिक नियत कर्तव्य तथा उस ढाँचे की, जिसके अन्तर्गत स्त्री या पुरुष अपने निर्णय लेते हैं, और सामाजिक स्थिति से संबंधित अपने विशेषाधिकार तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन भी करते हैं। व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याओं की जड़ें इन्हीं संस्थाओं की कार्य प्रणाली में निहित हैं।

Baal Mahabharat

by Pandit Shyamsundar Shastri Rustagi P. R.

The Mahabharata is a story of brotherhood, deceit, love and sacrifice. It is also the setting for The Gita, Lord Krishna's discourse on dharma. This is a comprehensive retelling of the greatest epic ever. This book is about the early days in Hastinapur and the birth of Duryodhana's hate for his cousins the Pandavas. The story continues to the Pandavas' escape from the burning palace of shellac to their eventual marriage to Draupadi. It's describes the events of the fateful game of dice which ends in the Pandavas losing their entire kingdom to the victorious Kauravas. The Pandavas are sent into exile for 13 years.The bitter war is fought for eighteen days ending, with Krishna's help, in victory for the Pandavas.

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