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Bhugol class 6 - Maharashtra Board: भूगोल ६वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक छठी कक्षा के छात्रों के लिए भूगोल विषय का मूलभूत परिचय प्रदान करती है। इसमें पृथ्वी की संरचना, उसके विभिन्न पहलू, अक्षांश-देशांतर रेखाएँ, जलवायु, महासागर, चट्टानें, प्राकृतिक संसाधन, ऊर्जा स्रोत और मानवीय व्यवसायों का अध्ययन किया गया है। पुस्तक छात्रों को पृथ्वी के भौगोलिक स्वरूप, उसके मानचित्र, मौसम परिवर्तन, तापमान वितरण, महासागरों के महत्त्व और उनके प्रदूषण से संबंधित जानकारी प्रदान करती है। इसके अलावा, यह संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और सतत विकास पर जोर देती है। विद्यार्थियों को क्षेत्रीय अध्ययन, मानचित्र पढ़ने की तकनीक, स्थानों की पहचान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सामाजिक समरसता, और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर बल दिया गया है। भूगोल को सरल और रोचक बनाने के लिए पुस्तक में चित्र, मानचित्र और गतिविधियाँ शामिल की गई हैं, जिससे छात्र व्यावहारिक ज्ञान अर्जित कर सकें और इसे दैनिक जीवन में लागू कर सकें।

Bhugol class 7 - Maharashtra Board: भूगोल ७वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भूगोल विषय की मूलभूत और महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करती है। इसमें पृथ्वी की भौगोलिक संरचना, जलवायु परिवर्तन, ऋतुचक्र, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के पारस्परिक संबंध, ज्वार-भाटा, वायुदाब, हवाओं की दिशा, प्राकृतिक प्रदेश, मिट्टी, कृषि और मानवीय बस्तियों से संबंधित विषयों को शामिल किया गया है। पुस्तक में भारत के संविधान के अनुच्छेद 51(A) के तहत नागरिकों के मूलभूत कर्तव्यों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की बात कही गई है। मानचित्र, चित्र, तालिकाएँ और गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को अवधारणाएँ समझने में सहायता मिलती है। इसके अलावा, छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और सतत विकास की ओर प्रेरित करने के लिए व्यावहारिक उदाहरण दिए गए हैं। यह पुस्तक भूगोल के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने और छात्रों को विषय का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने में सहायक सिद्ध होती है।

Bhugol class 8 - Maharashtra Board: भूगोल ८वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक विद्यार्थियों को भूगोल की गहन समझ प्रदान करती है, जिसमें पृथ्वी की आंतरिक संरचना, स्थानीय एवं मानक समय, महासागरों की धाराएँ, जलवायु परिवर्तन, भूमि उपयोग, जनसंख्या वितरण और औद्योगिक विकास जैसे विषय शामिल हैं। इसमें भारत के मानक समय (IST), विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और पर्यावरणीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, भारत के संविधान के अनुच्छेद 51(A) के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों, जैसे पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और राष्ट्र की एकता बनाए रखने पर भी प्रकाश डाला गया है। पुस्तक में मानचित्र, चित्र, गतिविधियाँ और अध्ययन-अध्यापन के डिजिटल संसाधनों को भी जोड़ा गया है। यह छात्रों को भूगोल विषय की व्यावहारिक समझ विकसित करने में मदद करती है और उन्हें सतत विकास की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करती है।

Bhugol class 9 - Maharashtra Board: भूगोल ९वीं कक्षा - महाराष्ट्र बोर्ड

by Maharashtra Rajya Pathyapustak Nirmiti Va Abhysakram Sanshodhan Mandal Pune

यह पुस्तक भूगोल के विविध पहलुओं को समाहित करती है, जिसमें भारत के संविधान का संक्षिप्त परिचय, भूगोल की मूल अवधारणाएँ, मानचित्र अध्ययन, आंतरिक एवं बाह्य प्रक्रियाएँ, जलवायु, समुद्री जल के गुणधर्म, अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा, अर्थशास्त्र, व्यापार, नगरीयकरण, यातायात, संचार एवं पर्यटन शामिल हैं। यह प्राकृतिक और मानव भूगोल के अंतर्संबंधों को समझने में सहायक होती है और विद्यार्थियों को भौगोलिक परिघटनाओं का विश्लेषण करने के लिए प्रेरित करती है।

Bhulakkad Vaigyanik

by Rabindranath Tagore

The story is about the absent minded Scientist Nilmoni, And how people around him suffered because of his absent minded nature.

Bhutu

by Ratul Sharma

रातुल शर्मा द्वारा रचित यह पुस्‍तक गगन तथा छोटे बंदर की कहानी पर आधारित है। जिसमें उनकी दोस्‍ती का दर्शाया गया है। This book is written by Ratul Sharma and is based on the story of Gagan and the little monkey. In which their friendship is depicted.

Bhuvigyan class 11 - RBSE Board: भूविज्ञान 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भूविज्ञान कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, भूविज्ञान विषय के परिचय के साथ पृथ्वी की उत्पत्ति, प्राकृतिक शक्तियों के कार्य, क्रिस्टलों, खनिजों, शैलों, जीवाश्मों, भूजल, अभियांत्रिक भूविज्ञान आदि की जानकारियों का विवरण नौ अध्यायों में दिया गया है । विषय जानकारी की दृष्टि से वस्तुनिष्ठात्मक, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश अध्यायों के अन्त में किया गया है ।

Bhuvigyan class 12 - RBSE Board: भूविज्ञान 12वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भूविज्ञान कक्षा 12वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर द्वारा स्वीकृत नए पाठ्यक्रम अनुसार कक्षा 12 के लिए भूविज्ञान विषय को समझने एवं सृजनात्मक ज्ञानार्जन हेतु लिखी गई है। विषय पर हिन्दी में पाठ्यपुस्तकें अत्यन्त कम उपलब्ध होने से विद्यार्थियों को पाठ्य-सामग्री हेतु कोई असुविधा न हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पुस्तक लेखन किया गया है। कक्षा 11 की पुस्तक की निरन्तरता में विषय का विस्तार प्रारम्भिक जानकारी के साथ सरल तरीके से करने का प्रयास किया गया है । भूविज्ञान विषय के परिचय के साथ पृथ्वी की उत्पत्ति, प्राकृतिक शक्तियों के कार्य, क्रिस्टलों, खनिजों, शैलों, जीवाश्मों, स्तरिकी, आर्थिक भूविज्ञान, व्यवहारिक भूविज्ञान आदि की जानकारियों का विवरण सात अध्यायों में दिया गया है। विषय जानकारी की दृष्टि से वस्तुनिष्ठात्मक, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का समावेश प्रत्येक अध्याय में तथा प्रायोगिक भूविज्ञान को पुस्तक के अन्त में समाहित किया गया है ।

Bihar Me Swatantrata Sangram Ke Prerak Prasang

by Dinesh Kumar Narayan

Book on unsung freedom fighter of the state of Bihar, India.

Bihari Ratnakar Competetive Exam

by Sri Jagannath Das Ratnakar

"Bihari-Ratnakar" - It was a few days that it was produced and is going to be published soon. The commentary is very short, but the meaning of about twenty-five couplets is very unique and the lessons of the couplets have been very pure as far as possible. Its author is a famous poet of Kashi at this time. His real name is Babu Jagannathdas.

Billi Houseboat Par

by Anita Desai

Billi Houseboat Par is a fascinating story of a cat eating papaya, who goes to Kashmir with her masters. She makes a lot of friends there and enjoys a lot. A beautiful story of children who love traveling.

Billi Ke Bachche

by V. Suteyev

“बिल्ली के बच्‍चे” बिल्ली के तीन बच्‍चे जिनका रंग काला, भूरा और सफेद है की चित्रकथा है। चूहे के पीछे आटे के डिब्‍बे में कूदने पर तीनों सफेद रंग के हो जाते है। मेंढ़क के पीछे पाइप में घुसने के कारण तीनों काले रंग हो जाते है। मछली को देखकर तालाब में छलाँग लगाने पर उनका रंग धुल जाता है। तीनों अपने असली रंग में आ जाते है। अंत में अपने घर वापस चले जाते है। "Billi Ke Bachche" is the picture story of three kittens which are black, brown and white in colour.They become white when Jumped on Flour box behind the Rat. They become black when they entered the pipe behind the frogs.And when they jump into pond behind the fish then their color is washed away. All three have come in its true colors. Finally, they are go back to home.

Bilt To Last: बिल्ट टू लास्ट

by Jim Colins

बिल्ट टू लास्ट इस किताब मे अपेक्षित कंपनी की जानकारी और उनके बारे मे संशोधन लेखक ने किया है और बडी बडी कंपनीयो का 6 साल का अनुभव बताया गया है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस। उन्होंने अठारह कंपनियों को लिया जिन्हें उन्होंने 'दूरदर्शी' के रूप में चिह्नित किया, और यह पता लगाया कि उन्हें बाकी के अलावा क्या सेट करता है।

Binu Bhalu

by Childrens Book Trust New Delhi

This is a story of a Bear which has been caught alive from the forest and has been separated from its mother. It tells about the life in jungle, the moments with mother bear and pleasure of being free. The bear doesn’t lose hope even after being kept captive. Indeed a story which must be told to every child.

Birju Aur Udane Wala Ghoda

by Deepa Agarwal

दीपा अग्रवाल दवारा रचित यह पुस्तक ‘बिरजू और उड़ने वाला घोड़ा’ एक लगड़े लड़के ‘बिरजू’ की कहानी पर आधारित है। जिसके दवारा बच्चों को यह सन्देश मिलता है कि अच्छे काम का फल सदा अच्छा होता है।The book ‘Birju Aur Udane wala Ghoda’ written by Deepa Agarwal is based on the story of a lame boy ‘Birju’. The childrens get message through this story, that the good work is always good.

Blackmail: ब्लैकमेल

by Santosh Pathak

ब्लैकमेलिंग का एक मामूली सा दिखने वाला केस अचानक ही बुरी तरह उलझकर रह गया। एक के बाद एक कत्ल होने लगे। किसी का कोई सिर पांव मेरी समझ में नहीं आ रहा था। ना ही मेरे मौजूदा केस से हत्या की उन वारदातों का कोई लेना देना दिखाई देता था। मगर इस बात में कोई शक नहीं था कि मैं हत्यारे के जाल में लगातार उलझता जा रहा था। वह लाशें बिछा रहा था और मैं बरामद कर रहा था। कातिल मुझसे बस एक कदम ही आगे आगे चल रहा था, बावजूद इसके मैं उसके किरदार से अंजान था, कोई हिंट तक नहीं था कि वह कौन था। फिर अचानक ही दिमाग की बत्ती जल उठी, मगर अफसोस इस बात का था कि तब तक मैं खुद भी हत्यारे की गोली का शिकार हो चुका था।

Bodh ke Vividh Rang: बोध के विविध रंग

by Kusumlata Malik

कुसुमलता मलिकजी ने अपने जीवन के लंबे रंगानुभव को 'बोध के विविध रंग' के रूप में पाठकों के हाथों में सौंपा है। नाटक अपने समय और समाज का होता है। समय की तीव्र गति समाज के ठहराव में हलचल पैदा करती है। इस हलचल से जो संबंध बनते-बिगड़ते हैं, नाटक में ही नहीं वरन् साहित्य की प्रत्येक विधा में उन्हीं की छवि प्रतिभासित होती है। आभास और प्रत्याभास से संयुक्त अहसास को प्रस्तुत पुस्तक में रखने की कोशिश की है। जिस तरह नाटक में साहित्य की समस्त विधाएँ अपना रूपाकार खोकर नाटक से एकात्म अर्थात् एकाकार हो जाती हैं, ठीक वैसे ही पाठकों को कृति सौंपकर कृतिकार भी स्वयं को खो देता है। खोने के इस आनंद का अनुभव समय-समय पर आगत पाठकों की प्रतिक्रियाओं से होता है।

Bolti Dibiya

by Divik Ramesh Dipak Kumar Das

बोलती डिबिया वरिष्‍ठ बाल साहित्‍यकार की अनूठी शैली में लिखी एक अद्भुत पुस्‍तक है।The story book “Bolti Dibiya” is a wonderful child literature which is written in unique style..

Bonu: बोनू

by Anuja Chauhan

‘मैं अपनी बहनों को केंचुओं की तरह तड़पाऊंगी... यह घर तो किसी कीमत पर नहीं बिकेगा। अरे मेरी जुत्ती भी इसे न बेचे। और अगर मैं न रही तो मेरी आत्मा किसी को इसे छूने तक नहीं देगी!’ स्वर्गवासी बिनोदिनी ठाकुर तय कर चुकी थी कि वह नई दिल्ली के पॉश इलाके हेली रोड में बनी अपने बाऊजी की आलीशान कोठी में से ख़ुद को मिला हिस्सा कभी बिकने नहीं देगी। और उसकी बेटी बोनू के लिए अपनी मां की कही बात पत्थर की लकीर थी। लेकिन अपनी चार रौबदार मौसियों से कैसे निबटे जो किसी भी तरह इस घर को बेचने पर अमादा थीं? एक बेरोज़गार और सिंगल; एक सिर-मुंडाई, जलनखोर; एक को ‘देश बचाने के लिए’ पैसे चाहिए; तो एक बोनू के बचपन के क्रश की सौतेली मां। बचपन का प्यार जो अब मशहूर बॉलीवुड डायरेक्टर समर वीर सिंह था, जिसने बीजे से वादा कर दिया था कि वह उनका घर बेचकर पैसा सबमें बराबर बांटेगा... छोटी बोनू के पहले शब्द थे ‘बॉल्ज’, और वास्तव में वह बहादुर, नकचढ़ी, किसी की न सुनने वाली ख़ूबसूरत लड़की थी। लेकिन उसकी हिम्मत क्या उसे इस इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचा पाएगी? और परेशान करने वाले किरायदारों, लालची बिल्डरों, झूठों और समर की गहरी आंखो से भी तो बचना था।

Bujurgo Ka Care: बुजुर्गों का केयर: कुछ आपबीती - कुछ जगबीती

by Dr Omkar Mittal

"बुजुर्गों की केयर: कुछ आपबीती - कुछ जगबीती" डॉ. ओंकार मित्तल द्वारा लिखित पुस्तक है, जो वृद्ध देखभाल की जटिल चुनौतियों और जिम्मेदारियों को उजागर करती है। यह पुस्तक व्यक्तिगत किस्सों और व्यापक सामाजिक दृष्टिकोणों को मिलाकर भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक पहलुओं पर प्रकाश डालती है। यह सहानुभूति, समझ और संरचित समर्थन प्रणालियों के महत्व पर जोर देती है। मुख्य विषयों में बढ़ती वृद्ध जनसंख्या और उनकी बढ़ती देखभाल की आवश्यकताएं, परिवार द्वारा की जा रही देखभाल की व्यक्तिगत कहानियाँ, और पेशेवर देखभालकर्ताओं की भूमिका शामिल हैं। "काखी मेरी माँ" जैसे अध्यायों के माध्यम से, पुस्तक देखभालकर्ताओं द्वारा सामना की जाने वाली व्यक्तिगत और तार्किक कठिनाइयों को मार्मिक तरीके से प्रस्तुत करती है। यह परिवारों और समाज से मिलकर वृद्धजनों की भलाई और गरिमा सुनिश्चित करने का आह्वान करती है।

Buland Awaaz: बुलंद आवाज

by Nand Kishore Yadav

बुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"

Buniyadi Shiksha: बुनियादी शिक्षा

by Mahatma Gandhi

"बुनियादी शिक्षा" महात्मा गांधी के स्वावलंबी और समग्र शिक्षा दर्शन पर आधारित है, जिसे 1937 की वर्धा शिक्षा योजना के तहत विकसित किया गया। गांधीजी ने शिक्षा को सरल, व्यावहारिक और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर जोर दिया। उन्होंने पाठ्यक्रम में कताई, खेती जैसे शारीरिक श्रम को शामिल करते हुए शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास को एक साथ बढ़ावा देने की बात कही। गांधीजी ने पारंपरिक रटने वाली शिक्षा प्रणाली की आलोचना की और अनुभवात्मक शिक्षा को अपनाने की वकालत की। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के बच्चों के लिए शिक्षा को सुलभ, किफायती और उपयोगी बनाना था। गांधीजी इसे राष्ट्रीय विकास और आत्मनिर्भरता का मार्ग मानते थे, जो विद्यार्थियों को न केवल स्वावलंबी बनाता है, बल्कि समाज की प्रगति में भी योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 1 Sthapana Ke Liye Takneek – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 1 स्थापना के लिए तकनीक - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेशियों में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह पहला खंड "स्थापना के लिए टेक्नोलॉजी" शीर्षक वाला खंड है। सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचे तथा तकनीकी जरूरतों को के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 2 Karyakram Nirman – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 2 कार्यक्रम निर्माण - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह दूसरा खंड "कार्यक्रम निर्माण" शीर्षक वाला खंड है। इस पाठ्यक्रम में कार्यक्रमों की योजाना और विशेषज्ञों की भूमिका और बाहरी स्रोत जैसे अहम पक्षों पर प्रकाश डाला गया है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 3 Nirman ki Takniki – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो का संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे।

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