- Table View
- List View
Aaj Bhi Khare Hain Talab
by Anupam MishraThe pond is also a major public event to be filled to capacity. The larger context of society and which would have flowed on the placenta of the pond. Bhuj culminating in the biggest pond pier Hmirsr a statue of elephant walking placenta indicator. When water touches the statue then spread the news was all over town. The losses come on the town pond. The event turned into a festival area short of water takes.
Aaj Bhi Khare Hain Talab: आज भी खरे हैं तालाब
by Anupam Mishra"आज भी खरे हैं तालाब" अनुपम मिश्र द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो भारत की पारंपरिक जल संरक्षण प्रणाली की समृद्ध धरोहर को उजागर करती है। यह पुस्तक तालाबों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यावरणीय महत्ता पर प्रकाश डालती है, साथ ही इन जलस्रोतों को बनाए रखने में समुदायों की सहभागिता और जिम्मेदारी को रेखांकित करती है। पुस्तक में पारंपरिक जल प्रबंधन की इंजीनियरिंग कुशलता, पर्यावरणीय संतुलन और समाज के गहरे संबंधों को दर्शाया गया है। इसमें साधारण व्यक्तियों, दूरदर्शी लोगों और भुला दी गई जातियों की कहानियों के माध्यम से यह बताया गया है कि किस तरह सदियों से यह परंपरा टिकाऊ जल संरक्षण का आधार रही है। आधुनिक युग में इन तालाबों की उपेक्षा और गिरावट के बावजूद, यह पुस्तक हमें जल संकट के समाधान के लिए सामुदायिक भावना और पर्यावरण-हितैषी तरीकों को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा देती है। यह पारंपरिक ज्ञान को एक श्रद्धांजलि है और जल संरक्षण के लिए एक नई दृष्टि प्रस्तुत करती है।
Aakhari Shikar: आखरी शिकार
by Surender Mohan Pathakचीनी एजेंटों के चंगुल में फंसी दस स्पाई एजेंटों की एक भारतीय टीम जैसे-तैसे करके आजाद तो हो गयी लेकिन इसके लिये उनको भारी कीमत चुकानी पड़ी । टीम के सदस्यों का मानना था कि टॉर्चर से बचने हेतु उन्हीं की टीम का एक सदस्य चीनियों से जा मिला था और वही अब अपने राज को राज रखने के लिये एक-एक करके उनको खत्म करता जा रहा था । क्या सुनील गद्दार को अपने आखिरी शिकार तक पहुंचने से रोक पाया ?
Aakul Antar
by Harivansh Rai BachchanAakul Antar is a collection of poems written by the famous poet. The poems have shadowism as their characteristics. Signs of romanticism and decorative language can clearly be seen in the poems.
Aalok class 11 - RBSE Board: आलोक 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerआलोक कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिखी गई पाठ्यपुस्तक प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है । पुस्तक लेखन पाठ्यसामग्री संकलन में यह ध्यान रखा गया है कि हिंदी साहित्य की समृद्ध संपदा के राष्ट्रीय फलक से विद्यार्थियों को परिचित करवाते समय राजस्थान के आदर्श नायकों तथा रचनाकारों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भी विद्यार्थियों के समक्ष आए ताकि हमारे विद्यार्थी हिंदी की मुख्यधारा में राजस्थान के योगदान को रेखांकित करने में समर्थ बनें। छोटे कलेवर वाली इस पुस्तक में संकलित सामग्री एक संकेत मात्र है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी इस दिशा में सोचना तथा इस राह पर अग्रसर होना शुरु करेंगे। निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार पुस्तक के संपादन का गुरुत्तर दायित्व प्रदान करने हेतु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर का आभार । यद्यपि इस पुस्तक में मानक हिंदी का अनुसरण किया गया है तथापि कहीं-कहीं पाठ की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए पुरानी वर्णमाला का प्रयोग किया गया है। कृतज्ञता उन लेखकों एवं प्रकाशकों के प्रति, जिनके ग्रंथों से सामग्री साभार ली गई है। संपादक-मंडल ने अपनी पूर्ण चेतना से राष्ट्र के भावी कर्णधारों के व्यक्तित्व विकास हेतु अपेक्षित साहित्यिक सामग्री संकलित-संपादित करने का सद्प्रयास किया है।
Aanchal Paravarish Margadarshika - Magazine: आँचल परवरिश मार्गदर्शिका - पत्रिका
by Rahul Mehtaआँचल परवरिश मार्गदर्शिका इस किताब का लेखन राहुल मेहता इन्होने किया है और सृजन फाउंडेशन ने इस किताब का प्रकाशन किया है. इस किताब मे लेखक ने छोटी-छोटी घटनाओं का उपयोग परिचर्चा प्रारंभ करने के लिए किया है. यह न सिर्फ पाठकों को चिंतन के लिए प्रेरित करती है बल्कि अनेक जटिल मुद्दों को सरलता से स्पष्ट करती है. इस मार्गदर्शिका में बच्चों के विभिन्न व्यवहारों को सुधारने के विधियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में उल्लेख है. इसमें बच्चों के परवरिश से संबंधित अनेक विषयों को समाहित किया गया है और इसे एक बहुत ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
Aankh ki kirkiri
by Rabindranath TagoreAlso known as Chokher Bali or Binodini this is a timeless tale of complex emotional relationships from an acknowledged master. It presents an extraordinary case of extramarital affair. What unfolds and spreads is beautiful. Definitely worth a read.
Aansu: आँसू
by Jaishankar Prasadआँसू जयशंकर प्रसाद की एक विशिष्ट रचना है। इसका प्रथम संस्करण में साहित्य-सदन, चिरगाँव, झाँसी से प्रकाशित हुआ था। द्वितीय संस्करण 1933 ई. में भारती भण्डार, प्रयाग से प्रकाशित हुआ। रचनाकाल 'आँसू' का रचनाकाल लगभग 1923 - 24 ई. है। कहा जाता है पहले कवि का विचार इसे 'कामायनी' के अंतर्गत ही प्रस्तुत करने का था, किंतु अधिक गीतिमयता के कारण तथा प्रबन्ध काव्य के अधिक अनुरूप न होने के कारण उसने यह विचार त्याग दिया। संस्करणों में अंतर 'आँसू' के दोनों संस्करणों में पर्याप्त अंतर है। प्रथम संस्करण में केवल 126 छन्द थे। उसका स्वर अतिशय निराशापूर्ण था। उसे एक दु:खान्त रचना कहा जायगा। नवीन संस्करण में कवि ने कई संशोधन किये। छन्दों की संख्या 190 हो गयी और उसमें एक आशा-विश्वास का स्वर प्रतिपादित किया गया। कतिपय छन्दों की रूप रेखा में भी कवि ने परिवर्तन किया और छन्दों को इस क्रम से रखा गया कि उससे एक कथा का आभास मिल सके। कथा तत्व 'आँसू' एक श्रेष्ठ गीतसृष्टि है, जिसमें प्रसाद की व्यक्तिगत जीवनानुभूति का प्रकाशन हुआ है। अनेक प्रयत्नों के बावजूद इस काव्य की प्रेरणा के विषय में निश्चित रूप से कहना कठिन है, किंतु इतना निर्विवाद है कि इसके मूल में कोई प्रेम-कथा अवश्य है। 'आँसू' में प्रत्यक्ष रीति से कवि ने अपने प्रिय के समक्ष निवेदन किया है। कवि के व्यक्तित्व का जितना मार्मिक प्रकाशन इस काव्य में हुआ है उतना अन्यन्न नहीं दिखाई देता। अनेक स्थलों पर वेदना में डूबा हुआ कवि अपनी अनुभूति को उसके चरम ताप में अंकित करता है। काव्य के अंत में वेदना को एक चिंतन की भूमिका प्रदान की गयी है। इसे वियोग और पीड़ा का प्रसार कह सकते हैं। कवि के व्यक्तित्व की असाधारण विजय और क्षमता इसी अवसर पर प्रकट होती है।
Aantrashtriya Kanoon [INTERNATIONAL LAW] M.A. - Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: अन्तर्राष्ट्रीय कानून [इंटरनॅशनल लॉ] एम. ए. - कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड
by Suresh Sinhalअन्तर्राष्ट्रीय कानून कक्षा एम. ए. यह पुस्तक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा मे प्रकाशित किया है, इस पाठपुस्तक में दीर्घ, लघु, अति लघु एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नों सहित नवीन परीक्षा प्रणाली को दृष्टि में रखकर प्रश्नों को स्थान दिया गया है और पुस्तक को लिखते समय यह प्रयास किया गया है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए सरल और पूर्णरूपेण उपयोगी बन सके । यह पुस्तक समस्त भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C.) द्वारा निर्धारित नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है ।
Aantrashtriya Sangathan M.A. – Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: अन्तर्राष्ट्रीय संगठन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड
by Surendra Sinhalअन्तर्राष्ट्रीय संगठन कक्षा एम. ए. यह पुस्तक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा मे प्रकाशित किया है, इस पाठपुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली को दृष्टि में रखकर प्रश्नों को स्थान दिया गया है और पुस्तक को लिखते समय यह प्रयास किया गया है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए सरल और पूर्णरूपेण उपयोगी बन सके । यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों के राजनीतिशास्त्र के नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है ।
Aantrashtriya Sangathan M.A. – Kolhan University Chaibasa, Jharkhand: अन्तर्राष्ट्रीय संगठन एम. ए. – कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, झारखंड
by Surendra Sinhalअन्तर्राष्ट्रीय संगठन कक्षा एम. ए. यह पुस्तक लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा मे प्रकाशित किया है, इस पाठपुस्तक में नवीन परीक्षा प्रणाली को दृष्टि में रखकर प्रश्नों को स्थान दिया गया है और पुस्तक को लिखते समय यह प्रयास किया गया है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए सरल और पूर्णरूपेण उपयोगी बन सके । यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों के राजनीतिशास्त्र के नवीन पाठ्यक्रमानुसार तैयार की गई है ।
Aao Milkar Chale Ek Surakshit Bharat Ki Ore
by Central Board of Secondary EducationThis book prescribed by central board of secondary education, India for the stduents of class 9th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Aapda Prabandhan Bhag-2 class 9 - Himachal Pradesh Board: आपदा प्रबंधन भाग-२ कक्षा ९ - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshalaहिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए " पदा प्रबंधन भाग-२" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। अब हम यह सीखेंगे कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम कैसे करें जिससे कि उनका प्रभाव समुदायों पर कम हो तथा संकट को आपदा बनने की संभावना से रोका जा सके। समुदाय एक दल के रूप में कैसे काम कर सकते हैं और सक्षम आपदा प्रबंधक बन सकते हैं (समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन)। यह इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आपदा की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने वालों में समुदाय सबसे आगे आता है। आगे हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि हम विद्यालयों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं कैसे तैयार करें तथा जवाबी कार्रवाई के कौशल के लिए स्वयं को कैसे प्रशिक्षित करें ताकि संकट के समय हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। अंततः विद्यार्थी तथा अध्यापक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम अपने परिवार तथा पड़ोसियों को सजग एवं शिक्षित करें ताकि हम सब मिलकर एक सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकें।
Aaphudri Ek Jiddi Ladki Ki Atmakatha: आपहुदरी एक जिद्दी लड़की की आत्मकथा
by Ramnika Guptaविविधता भरे अनुभवों की धनी रमणिका गुप्ता की आत्मकथा की यह दूसरी कड़ी 'आपहुदरी' एक बेहद पठनीय आत्मकथा है। उनकी आत्मकथा की पहली कड़ी ‘हादसे' से यह कई अर्थों में अलग है। सच कहें, तो यही है उनकी असल आत्मकथा…। यहां लेखिका का निजी जीवन, उनके संघर्ष का सच एक स्त्री की कसौटी पर उद्घाटित हुआ है। यहां एक सुदीर्घ जीवन की कहानी है जहां एक रचनाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता के रूप में रमणिका जी का धनबाद तक का जीवन बड़े रोचक ढंग से सामने आता है। हिन्दी में यह एक निर्भीक स्त्री के जीवन पर आधारित ऐसी आत्मकथा है जिसे पाठक एक रोचक उपन्यास की तरह पढ़ेंगे। उम्र के जिस दौर में लोग हांफ कर घर बैठ जाते हैं, रमणिका जी 86 साल की उम्र में भी युवा रचनाकारों से ज्यादा सक्रिय हैं। रमणिका जी की इस बेहद बोल्ड आत्मकथा को पढकर कुछ और रचनाकार आत्मकथा लिखने की हिम्मत दिखाएं तो हमारा यह प्रयास सफल होगा। यह आत्मकथा बताती है कि जीवट किसे कहते हैं।
Aapka Banti: आपका बंटी
by Mannu Bhandari'आपका बंटी' एक कालजयी उपन्यास है। इसे हिंदी साहित्य की एक मूल्यवान उपलब्धि के रूप में देखा जाता है। इस उपन्यास की खासियत यह है कि यह एक बच्चे की निगाहों से घायल होती संवेदना का बेहद मार्मिक चित्रण करता है, जिसमें मध्यमवर्गीय परिवार में संबंध विच्छेद की स्थिति एक बच्चे की दुनिया का भयावह दुःस्वप्न बन जाती है। सभी एक-दूसरे में ऐसे उलझे हैं कि पारिवारिक त्रासदी से उपजी स्थितियां सभी के लिए यातना बन जाती हैं। कहना मुश्किल है कि यह कहानी बालक बंटी की है या माँ शकुन की। शकुन के जीवन का सत्य है कि स्त्री की जायज महत्वाकांक्षा और आत्मनिर्भरता पुरुष के लिए चुनौती है- नतीजे में दाम्पत्य तनाव से उसे अलगाव तक ला छोड़ता है। यह शकुन का नहीं, समाज में निरन्तर अपनी जगह बनाती, फैलाती और अपना कद बढ़ाती 'नई स्त्री' का सत्य है। पति-पत्नी के इस द्वन्द में यहाँ भी वही सबसे अधिक पीसा जाता है, जो नितान्त निर्दोष, निरीह और असुरक्षित है- और वह है बंटी। बच्चे की चेतना में बड़ों के इस संसार को कथाकार मन्नू भंडारी ने पहली बार पहचाना था। बाल मनोविज्ञान की गहरी समझ-बूझ के लिए चर्चित, प्रशंसित इस उपन्यास का हर पृष्ठ ही मर्मस्पर्शी और विचारोत्तेजक है।
Aapka Bhavishya Aapke Haath Mein: आपका भविष्य आपके हाथ में
by A. P. J. Abdul Kalam"अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मै इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई और भी ऐसा कर सकता है - यही संदेश है इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मानूंगा कि इसे लिखने का मेरा प्रयास सफल हुआ। यह पुस्तक देश-भर से प्राप्त युवाओं के ई-मेल और उनके प्रश्नो पर आधारित है और मेरे जवाब अपने अनुभव और जो कुछ मैंने सीखा है - उसी का सार है। ये इस तरह पेश किये गए है कि मिलती-जुलती समस्याओं का सामना कर रहे किसी भी पाठक के लिए जवाबों में छुपे संदेष कारगर हो सकें।
Aapke Avchetan Man Ki Shakti: आपके अवचेतन मन की शक्ति
by Dr Joseph Murphyयह पुस्तक मस्तिष्क की आधारभूत सच्चाइयों को आसान भाषा में समझाने की कोशिश है। जीवन और मस्तिष्क के आधारभूत नियमों को रोजमर्रा की सरल भाषा में समझाना पूरी तरह संभव है। मनुष्य दुखी क्यों होता है? दूसरा खुश क्यों होता है? एक मनुष्य सुखी और समृद्ध क्यों होता है? दूसरा गरीब और दुखी क्यों होता है? एक मनुष्य भयभीत और तनावग्रस्त क्यों होता है? दूसरा आस्थावान तथा आत्मविश्वासी क्यों होता है? एक मनुष्य के पास सुंदर, आलीशान बंगला क्यों होता है? दूसरा झोपड़ी में क्यों रहता है? एक मनुष्य बहुत सफल और दूसरा बुरी तरह असफल क्यों होता है? क्या आपके चेतन और अवचेतन मन में इन प्रश्नों का कोई उत्तर मिल सकता है? निश्चित रूप से मिल सकता है। इस पुस्तक का अध्ययन करने और इसमें बताई तकनीक को अमल में लाने से आप उस चमत्कारिक शक्ति को जान लेंगे, जो आपको दुविधा, दुख, उदासी और असफ्रफ़लता के कुचक्र से बाहर निकलने में मदद करेगी। यह चमत्कारिक शक्ति आपको मंजिल तक पहुँचने में मदद देगी, आपकी समस्याएँ सुलझाएगी, आपको मानसिक और शारीरिक बेड़ियों से स्वतंत्र करेगी। यह आपको पुनः स्वस्थ, उत्साही और शक्तिशाली बना सकती है। जब आप अपनी आंतरिक शक्तियों का प्रयोग करना सीख लेंगे, तो आप भय की कैद से स्वतंत्र हो जाएँगे और सुखमय जीवन का आनंद लेंगे।
Aapko Apne Jeevan Mein Kya Karna Hai?: आपको अपने जीवन में क्या करना है?
by J. Krishnamurtiजीवन से जुडे़ जीवंत प्रश्नों का गहन अन्वेषण जे. कृष्णमूर्ति का बीसवीं सदी के मनोवैज्ञानिक व शैक्षिक विचार में मौलिक तथा प्रामाणिक योगदान है। ‘आपको अपने जीवन में क्या करना है?’ यह पुस्तक उनकी विभिन्न पुस्तकों से संकलित अपने प्रकार का पहला संग्रह है, जिसमें विशेषकर युवा वर्ग को शिक्षा तथा जीवन के विषय में कृष्णमूर्ति की विशद दृष्टि का व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध परिचय प्राप्त होता है।
Aaroh Bhag 1 Class 11 - NCERT: आरोह भाग 1 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक के दो खंड है- गद्य खंड और काव्य खंड, जिसमें गद्य और काव्य की विभिन्न छवियों को समाहित किया गया है। गद्य खंड में भारतेंदु युगीन (आधुनिक चेतना और नवजागरण की ऊर्जा संपन्न) हिंदी से लेकर वर्तमान हिंदी गद्य रचनाओं को चुना गया है। काव्य खंड में मुख्य रूप से खड़ी बोली की कविताओं को ही चुना गया है। चयन में तीन बातें ध्यान देने योग्य हैं, एक हिंदी कविता की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए कबीर और मीरा के पदों का चयन। दो- आधुनिक हिंदी कविता की शैलियों और मुहावरों से परिचय के लिए रामनरेश त्रिपाठी से लेकर दुष्यंत तक की कविताओं की प्रस्तुति। तीन अक्क महादेवी, पाश और निर्मला पुतुल की कविताओं के माध्यम से हिंदी कविता के समानांतर भारतीय भाषाओं की कविता की समझ पैदा करना। अभ्यासों में पाठ के साथ और पाठ के आस-पास की दुनिया और शब्दों के संदर्भगत अर्थ-छवियों के लिए शब्द-छवि को समाहित किया गया है, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का एक प्रमुख उद्देश्य है।
Aaroh Bhag 2 class 12 - NCERT: आरोह भाग 2 12वीं कक्षा
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 2 12वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।
Aaroh Bhag-1 Vitan Bhag-1 class 11 - Goa Board: आरोह भाग-१ वितान भाग-१ कक्षा ग्यारहवीं - गोवा बोर्ड
by Goa Board of Secondary and Higher Secondary Education Alto Betim Goaयह पुस्तक ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है और भाषा के साथ साहित्यिक समझ विकसित करने पर केंद्रित है। "आरोह" मुख्य पाठ्यपुस्तक है जिसमें आधुनिक और पारंपरिक लेखकों की रचनाएँ शामिल हैं, जैसे प्रेमचंद, मन्नू भंडारी, और कबीर, जो भाषा, संस्कृति, और नैतिक मूल्यों की समझ विकसित करती हैं। इसमें गद्य और काव्य के अलग-अलग खंड हैं, जिनसे साहित्यिक विधाओं का गहरा परिचय मिलता है। "वितान" पूरक पाठ्यपुस्तक के रूप में है, जिसमें समाज, कला, और संस्कृति से संबंधित विविध विषयों पर लेखन प्रस्तुत किया गया है। दोनों खंड मिलकर विद्यार्थियों को सृजनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और भाषा कौशल में निपुण बनाने का प्रयास करते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल पाठ रटना नहीं बल्कि प्रश्न पूछने, विमर्श करने और स्वयं सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। साहित्य को जीवन से जोड़कर प्रस्तुत करना, और हिंदी साहित्य के ऐतिहासिक विकास को समझना इस पुस्तक का मुख्य ध्येय है।
Aaroh Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: आरोह भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक के दो खंड है- गद्य खंड और काव्य खंड, जिसमें गद्य और काव्य की विभिन्न छवियों को समाहित किया गया है। गद्य खंड में भारतेंदु युगीन (आधुनिक चेतना और नवजागरण की ऊर्जा संपन्न) हिंदी से लेकर वर्तमान हिंदी गद्य रचनाओं को चुना गया है। काव्य खंड में मुख्य रूप से खड़ी बोली की कविताओं को ही चुना गया है। चयन में तीन बातें ध्यान देने योग्य हैं, एक हिंदी कविता की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए कबीर और मीरा के पदों का चयन। दो- आधुनिक हिंदी कविता की शैलियों और मुहावरों से परिचय के लिए रामनरेश त्रिपाठी से लेकर दुष्यंत तक की कविताओं की प्रस्तुति। तीन अक्क महादेवी, पाश और निर्मला पुतुल की कविताओं के माध्यम से हिंदी कविता के समानांतर भारतीय भाषाओं की कविता की समझ पैदा करना। अभ्यासों में पाठ के साथ और पाठ के आस-पास की दुनिया और शब्दों के संदर्भगत अर्थ-छवियों के लिए शब्द-छवि को समाहित किया गया है, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का एक प्रमुख उद्देश्य है।
Aaroh Bhag-1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: आरोह भाग-1 कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग-1 कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में सम्मिलित करने के लिए रचनाकारों / परिजनों / संस्थाओं / प्रकाशनों / पत्रिकाओं से अनुमति मिली है, उनमें कृष्णा सोबती, शेखर जोशी, मन्नू भंडारी, कृष्ण नाथ, त्रिलोचन, निर्मला पुतुल; सत्यजित राय और कृश्नचंदर के लिए राजकमल प्रकाशन; रज़ा के लिए अशोक वाजपेयी; पंत के लिए सुमिता पंत, रामनरेश त्रिपाठी के लिए जयंत कुमार त्रिपाठी; दुष्यंत कुमार के लिए राजेश्वरी त्यागी और पाश के लिए चमनलाल के कृतज्ञ हैं।
Aaroh Bhag-2 Class 12 - NCERT - 23: आरोह भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग 2 12वीं कक्षा 12 के लिए हिंदी (आधार) की पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।
Aaroh Bhag-2 Class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: आरोह भाग-2 कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Raipur C. G. Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadआरोह भाग-2 कक्षा 12 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में सोच-विचार और विस्मय, छोटे समूहों में बातचीत एवं बहस, और हाथ से की जाने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दि गई है। इस पाठ्यक्रम कि गद्य खंड में आर्थिक चिंतन, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, संस्कृति और विज्ञान, पर्यावरण और प्रकृति, लुप्त प्राय प्राचीन कला, विभाजन की दरार से झाँकते मनुष्य, फ़िल्मी चरित्र में आम आदमी पर केंद्रित रचनाओं को सम्मिलित किया गया है।