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Aanchal Paravarish Margadarshika - Magazine: आँचल परवरिश मार्गदर्शिका - पत्रिका
by Rahul Mehtaआँचल परवरिश मार्गदर्शिका इस किताब का लेखन राहुल मेहता इन्होने किया है और सृजन फाउंडेशन ने इस किताब का प्रकाशन किया है. इस किताब मे लेखक ने छोटी-छोटी घटनाओं का उपयोग परिचर्चा प्रारंभ करने के लिए किया है. यह न सिर्फ पाठकों को चिंतन के लिए प्रेरित करती है बल्कि अनेक जटिल मुद्दों को सरलता से स्पष्ट करती है. इस मार्गदर्शिका में बच्चों के विभिन्न व्यवहारों को सुधारने के विधियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में उल्लेख है. इसमें बच्चों के परवरिश से संबंधित अनेक विषयों को समाहित किया गया है और इसे एक बहुत ही रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
Aalok class 11 - RBSE Board: आलोक 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerआलोक कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिखी गई पाठ्यपुस्तक प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है । पुस्तक लेखन पाठ्यसामग्री संकलन में यह ध्यान रखा गया है कि हिंदी साहित्य की समृद्ध संपदा के राष्ट्रीय फलक से विद्यार्थियों को परिचित करवाते समय राजस्थान के आदर्श नायकों तथा रचनाकारों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भी विद्यार्थियों के समक्ष आए ताकि हमारे विद्यार्थी हिंदी की मुख्यधारा में राजस्थान के योगदान को रेखांकित करने में समर्थ बनें। छोटे कलेवर वाली इस पुस्तक में संकलित सामग्री एक संकेत मात्र है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी इस दिशा में सोचना तथा इस राह पर अग्रसर होना शुरु करेंगे। निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार पुस्तक के संपादन का गुरुत्तर दायित्व प्रदान करने हेतु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर का आभार । यद्यपि इस पुस्तक में मानक हिंदी का अनुसरण किया गया है तथापि कहीं-कहीं पाठ की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए पुरानी वर्णमाला का प्रयोग किया गया है। कृतज्ञता उन लेखकों एवं प्रकाशकों के प्रति, जिनके ग्रंथों से सामग्री साभार ली गई है। संपादक-मंडल ने अपनी पूर्ण चेतना से राष्ट्र के भावी कर्णधारों के व्यक्तित्व विकास हेतु अपेक्षित साहित्यिक सामग्री संकलित-संपादित करने का सद्प्रयास किया है।
Aakul Antar
by Harivansh Rai BachchanAakul Antar is a collection of poems written by the famous poet. The poems have shadowism as their characteristics. Signs of romanticism and decorative language can clearly be seen in the poems.
Aakhari Shikar: आखरी शिकार
by Surender Mohan Pathakचीनी एजेंटों के चंगुल में फंसी दस स्पाई एजेंटों की एक भारतीय टीम जैसे-तैसे करके आजाद तो हो गयी लेकिन इसके लिये उनको भारी कीमत चुकानी पड़ी । टीम के सदस्यों का मानना था कि टॉर्चर से बचने हेतु उन्हीं की टीम का एक सदस्य चीनियों से जा मिला था और वही अब अपने राज को राज रखने के लिये एक-एक करके उनको खत्म करता जा रहा था । क्या सुनील गद्दार को अपने आखिरी शिकार तक पहुंचने से रोक पाया ?
Aaj Bhi Khare Hain Talab
by Anupam MishraThe pond is also a major public event to be filled to capacity. The larger context of society and which would have flowed on the placenta of the pond. Bhuj culminating in the biggest pond pier Hmirsr a statue of elephant walking placenta indicator. When water touches the statue then spread the news was all over town. The losses come on the town pond. The event turned into a festival area short of water takes.
Aai Mere Man
by Chandra DattThe collection of poems written by Narendra Bhanawat have been composed when he was little. Whenever he got up in the night and found time, he would write whatever came into his mind. The poems have been dedicated to his family members and are related to his illness.
Aahuti
by Harikrishna PremiAahuti is a historical play. Cultural and national unity comes naturally to this play and it is very simple to be staged. The king of Ranthamborgarh, Hammirsingh Chauhan, gives shelter to one enemy of Allauddin Khilji and loses everything by this.
Aadikaleen Bharat Ki Vyakhya
by Romila ThaparThe book is a compilation of the lectures given by Romila Thapar. The book contains viewpoints of the writers like Durkhim and Weber and has elements taken from mythology as well. There is a growing interest in the philosophy of history and it informs about the idea of interpreting the role of historical consciousness.
Aadhunik Bharat ka Itihas
by B.L. Grover, Alka Mehta, YashpalThis is an essential book for students of universities studying History and aspirants preparing for various civil services examinations. This edition includes contemporary development of general studies paper compulsory in civil services. The analysis of historical incidents is one of the best in current times.
Aadan Pradan Ki Kala: आदान प्रदान की कला
by Adam Grantहर व्यक्ति जानता है कि कड़ी मेहनत, तक़दीर और प्रतिभा जमरे कामकाजी जीवन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस बेहतरीन पुस्तक में ऐडम ग्रांट ने एक चौथे महत्वपूर्ण तत्त्व की उपयोगिता बताई है कि शीर्ष पर पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है अन्य लोगों को अपने साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना। यह पुस्तक कामयाबी के बारे में हमारी मूलभूत समझ में बदलाव लाती है तथा सहयोगियों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के साथ हमारे रिश्तों के लिए नए मॉडल को प्रस्तुत करती है। ग्रांट ने वॉर्टन बिज़नेस स्कूल में प्रोफ़ेसर क रूप में अपने गहन शोध का इस्तेमाल करने के साथ ही हॉलीवुड से लेकर इतिहास तक कि सफलता की कहानियों के माध्यम से दिखाया है कि अन्य लोगों की मदद करने से हमें अधिक व्यक्तिगत सफलता मिलती है।
809 Samajik Avam Rajnitik Jivan class 8 - Himachal Pradesh Board: 809 समाजिक अवनाम रजनीकांत जीव वर्ग 8 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject social science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 8th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
80-20 Siddhant - Kam Se Jyada Hasil Karne Ka Rahasya: ८०-२० सिद्धांत: कम से ज़्यादा हासिल करने का रहस्य
by Richard Kochकम से ज़्यादा हासिल करें: अपने पहले प्रकाशन के बीस वर्षों बाद, 80/20 सिद्धांत दुनिया की सर्वाधिक बिकनेवाली पुस्तकों में शामिल है, जिसे पूरे विश्व में फैले लाखों प्रभावी लोग प़ढते हैं। अब यह पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली और अनिवार्य हो गई है। पहले इसे जिसने भी प़ढा और इस्तेमाल किया, उसे इसका फायदा मिला। भविष्य में, यह उन सभी के लिए एक अनिवार्य साधन बन जाएगी जो सफल होना चाहते हैं। और यह प्रभावशाली है। सहज ज्ञान के विपरीत लेकिन इस व्यापक सच्चाई पर आधारित होने के कारण कि 80% परिणाम 20% कारणों से मिलते हैं, 80/20 सिद्धांत यह दिखाता है कि महज 20% सबसे ज़रूरी बातों पर ध्यान देकर आप बहुत कम समय और प्रयास के साथ बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। इस विस्तृत नए संस्करण में चार ताज़ातरीन अध्याय हैं जो आपको बताते हैं कि कैसे: १. ब़ढते नेटवर्क का इस्तेमाल आप अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। २. इस सिद्धांत के अत्यधिक फायदेमंद 90/10 और 99/1 रूपों का लाभ उठा सकते हैं। ३. अपने अवचेतन मन की मदद से अपने जीवन पर एक परम-प्रभावी और चमत्कारिक रूप से अनुकूल प्रभाव डाल सकते हैं। ४. पाँच परम नियमों को अपनाकर और अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
5B - Padhattishastra Ane Vishayvastu - Hindi and Sanskrit (Dhoran 5 thi 8) - GCERT: ૫(બ) - પદ્વતિશાસ્ત્ર અને વિષયવસ્તુ: હિન્દી અને સંસ્કૃત (ધોરણ - ૬ થી ૮)
by Gujarat Council of Educational Research and Trainingદ્વિતીય વર્ષ ડી. એલ. એડ્. અભ્યાસક્રમ મૉડ્યૂલ કોર્સ - ૫(બ) પદ્વતિશાસ્ત્ર અને વિષયવસ્તુ: હિન્દી (ધોરણ - ૫ થી ૮) પદ્વતિશાસ્ત્ર અને વિષયવસ્તુ: સંસ્કૃત (ધોરણ - ૬ થી ૮)
365 प्रेरणादायक विचार: अधिक खुशी, सफलता और संतुष्टि के लिए दैनिक प्रेरक वचन। (Dinner For Two 365 Ser. #Vol. 1)
by ज़ेबियर के. फर्नाओक्या यह सच नहीं है कि हमें पूरी तरह से प्रेरित होने और कुछ सार्थक करने के लिए पूरी किताब की आवश्यकता नहीं होती, आवश्यकता होती है शायद सिर्फ कुछ विचारों की, जो हमें कुछ बड़े कार्यों को करने के लिए प्रतिबद्धता देते हैं। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि जब हमारे बुरे दिन चल रहे होते हैं, तो विचार हमें सकारात्मकता पर पुन: केंद्रित करने में मददगार हो सकते हैं। एक अच्छा विचार जो हम अपनी कॉफी के लिए लाइन में खड़े-खड़े देखते हैं या जिसे हम शॉपिंग मॉल के आसपास घूमते हुए पढ़ते हैं वो हमारी भावना को आंदोलित कर सकता है और हमारे अंदर सकारात्मक विचारों और भावनाओं को ट्रिगर कर सकता है। प्रेरणादायक विचार इतने गहन और अर्थपूर्ण होते हैं क्योंकि उनके न केवल गहरे अर्थ हैं, उनके पास हर अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग अर्थ हैं। इन विचारों का कोई संदर्भ नहीं है, सिवाय आपके अपने जीवन के
21vi Sadi ke Liye 21 Sabak: २१वीं सदी के लिए २१ सबक़
by Yuval Noah Harari21वीं सदी के लिए 21 सबक़ का हिंदी अनुवाद सेपियन्स ने अतीत का विश्लेषण किया है होमो डेयस ने भविष्य का विश्लेषण किया है 21 सबक़ ने वर्तमान का विश्लेषण किया है हम स्वयं को परमाणु युद्ध, परिस्थितिकीय विनाश और प्रौद्योगिकीय विध्वंस से कैसे बचा सकते हैं? झूठी ख़बरों की महामारी या आतंकवाद के खतरे के बारे में हम क्या कर सकते हैं? हमें अपने बच्चों को क्या शिक्षा देनी चाहिए? युवाल नोआ हरारी हमें वर्तमान के अति महत्वपूर्ण मुद्दों की रोमांचक यात्रा पर ले जाते हैं। निरन्तर भ्रम उत्पन्न करने वाले परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सामूहिक और वैक्तिक एकाग्रता को कैसे बरकरार रखें, यह चुनौती ही रोमांच और उमंग पैदा करने वाली इस नई पुस्तक का मूल बिंदु है। क्या हम अभी भी इस दुनिया को समझने में सक्षम हैं जो हमने रची हैं?
1984: १९८४
by George Orwell1984 सर्वसत्तावादी शासन के खतरों से आगाह करने वाला विश्वविख्यात उपन्यास है। यह अनिवार्यतः विचार और भाषा के सम्बन्धों पर केन्द्रित एक कृति है। जाहिर है, जब विचार और भाषा एक-दूसरे को प्रभावित करते हों तो यह परिघटना किसी कालखंड में बँधी नहीं रह सकती। जब-जब कोई विचार विशेष सत्ता में होगा, उससे जुड़ी शब्दावली भी वापस प्रचलन में आएगी। यही बात इस उपन्यास को सार्वकालिक नहीं बनाती है और, उसको सर्वोपरि बनाए रखने के लिए अगर व्यवस्था को नागरिकों से भी महत्त्वपूर्ण मान लिया जाएगा तब किसी राज्य और समाज के लोगों को करना एक ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा, जहाँ कोई प्रत्यक्ष जंजीर भले न हो, लेकिन आज़ादी नहीं होगी; जीवन भले हो पर कोई गरिमा न होगी।
1857 ka Swatantry Samar: 1857 का स्वातंत्र्य समर
by Vinayak Damodar Savarkarवीर सावरकर रचित ‘१८५७ का स्वातंत्र्य समर’ विश्व की पहली इतिहास पुस्तक है, जिसे प्रकाशन के पूर्व ही प्रतिबंधित होने का गौरव प्राप्त हुआ। इस पुस्तक को ही यह गौरव प्राप्त है कि सन् १९०९ में इसके प्रथम गुप्त संस्करण के प्रकाशन से १९४७ में इसके प्रथम खुले प्रकाशन तक के अड़तीस वर्ष लंबे कालखंड में इसके कितने ही गुप्त संस्करण अनेक भाषाओं में छपकर देश-विदेश में वितरित होते रहे। इस पुस्तक को छिपाकर भारत में लाना एक साहसपूर्ण क्रांति-कर्म बन गया। यह देशभक्त क्रांतिकारियों की ‘गीता’ बन गई। इसकी अलभ्य प्रति को कहीं से खोज पाना सौभाग्य माना जाता था। इसकी एक-एक प्रति गुप्त रूप से एक हाथ से दूसरे हाथ होती हुई अनेक अंतःकरणों में क्रांति की ज्वाला सुलगा जाती थी। पुस्तक के लेखन से पूर्व सावरकर के मन में अनेक प्रश्न थे—सन् १८५७ का यथार्थ क्या है?क्या वह मात्र एक आकस्मिक सिपाही विद्रोह था? क्या उसके नेता अपने तुच्छ स्वार्थों की रक्षा के लिए अलग-अलग इस विद्रोह में कूद पड़े थे, या वे किसी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक सुनियोजित प्रयास था? यदि हाँ, तो उस योजना में किस-किसका मस्तिष्क कार्य कर रहा था?योजना का स्वरूप क्या था?क्या सन् १८५७ एक बीता हुआ बंद अध्याय है या भविष्य के लिए प्रेरणादायी जीवंत यात्रा?भारत की भावी पीढि़यों के लिए १८५७ का संदेश क्या है? आदि-आदि। और उन्हीं ज्वलंत प्रश्नों की परिणति है प्रस्तुत ग्रंथ—‘१८५७ का स्वातंत्र्य समर’! इसमें तत्कालीन संपूर्ण भारत की सामाजिक व राजनीतिक स्थिति के वर्णन के साथ ही हाहाकार मचा देनेवाले रण-तांडव का भी सिलसिलेवार, हृदय-द्रावक व सप्रमाण वर्णन है। प्रत्येक देशभक्त भारतीय हेतु पठनीय व संग्रहणीय, अलभ्य कृति!
1009 Aarthik Vikas Ki Samajh class 10 - Himachal Pradesh Board: 1009 आर्यिका विकास की समाज कक्षा 10 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject social science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 10th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
1008 Samkalin Bharat - 2 class 10 - Himachal Pradesh Board: 1008 समकालिन भारत - 2 वर्ग 10 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject social science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 10th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
1007 Bharat Aur Samkalin Vishwa - 2 class 10 - Himachal Pradesh Board: 1007 भरत और समकलीन विश्व - 2 कक्षा 10 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject social science prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 10th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
1002 Kritika class 10 - Himachal Pradesh Board: 1002 कृतिका कक्षा 10 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject hindi prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 10th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.
1001 Khsitij class 10 - Himachal Pradesh Board: 1001 क्षितिज कक्षा 10 - हिमाचल प्रदेश बोर्ड
by Himachal Pradesh School Siksha BoardThis book is the basic text book of subject Hindi prescribed by the himachal pradesh board for the students of class 10th. The accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. Students and aspiring civil servants must read this to get success in the state and national level examinations.