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Kurukshetra April 2023: कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३

by Publications Division

कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु पंचायती राज और गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका, बाल हितैषी गाँव, पर्याप्त जल संसाधन युक्त गाँव, ढांचागत आत्मनिर्भर गाव, सुशासित गाँव, भेदभाव रहित विकास, स्वस्थ गाँव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गाँव और स्वच्छ एवं हरित गाँव हैं। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से आज देश में हर दूसरे गाँव में सफलता की नित नई कहानियाँ लिखी जा रही है। आज पंचायतों में महिलाओं सहित सभी कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलने से वे राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं जिसने गाँवों की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल दी है। निसंदेह निकट भविष्य में 'स्मार्ट' गाँवों की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ रहे हमारे गाँवों की विकास गाथा एक नया इतिहास रचेगी।

Yojana December 2023: योजना दिसम्बर २०२३

by Yojana

योजना दिसम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। वर्ष भर का लेखा-जोखा देने वाले योजना के इस अंक का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति के जीवंत सारतत्व को संजोना है और प्रमुख नीतिगत पहलों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों को उद्योग, परिवहन, संस्कृति, कृषि और खेल जैसे सॉफ्ट पावर क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास और उपलब्धियों का व्यावहारिक विश्लेषण और झलक प्रदान करना है। यह अंक अपने पाठकों को गुजरे वर्ष और भावी अवसरों की झलक प्रदान करता है।

Maine Gandhi Ko Kyon Mara?: मैंने गांधी को क्यों मारा?

by Nathuram Godse

व्यक्तिगत स्तर पर मेरे और गांधीजी के बीच कोई शत्रुता नहीं थी। वे लोग, जो पाकिस्तान-निर्माण में गांधीजी का अच्छा मकसद होने की बात कहते हैं, मुझे उनसे केवल इतना कहना है कि मैंने गांधी के विरुद्ध, जो इतना बड़ा कदम उठाया, उसमें मेरे हृदय में राष्ट्रहित का शुद्ध हेतु था। वे ऐसे व्यक्ति थे, जो बहुत सी भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जिनकी परिणति पाकिस्तान निर्मिति में हुई। गांधीजी के विरुद्ध की गई अपनी काररवाई के बाद मैं भविष्य में आने वाले अपने परिणाम को देख सकता था, उन परिणामों की उम्मीद कर सकता था और मुझे एहसास था कि जिस क्षण लोगों को गांधी को मेरे द्वारा गोली मारने की घटना का पता चलेगा, उन सभी का मेरे प्रति दृष्टिकोण बदल जाएगा, फिर चाहे परिस्थितियाँ कोई भी हों। समाज में लोगों का मेरे प्रति जो सम्मान, रुतबा और सहानुभूति है, वह समाह्रश्वत हो जाएगी, नष्ट हो जाएगी और बचा हुआ मान भी कुचल दिया जाएगा। मुझे पूरा एहसास था कि समाज में मुझे सबसे नीच और घृणित व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा। अपने समय के सबसे बड़े नेता गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायालय में बहुत विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने क्रमवार वे कारण बताए, जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी घटना की परिणति करने के लिए बाध्य किया। ये कारण तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाते हैं कि कैसे एक अल्पसंख्यक वर्ग विशेष के दबाव में निर्णय लिये जा रहे थे, जो अंतत: बहुसंख्यकों के उत्पीडऩ और अस्तित्व का कारण बन जाते। इन्हीं से क्षुब्ध होकर नाथूराम गोडसे ने विश्व के सबसे चर्चित कांड को अंजाम दिया। प्रस्तुत पुस्तक गांधी-हत्याकांड में नाथूराम गोडसे का पक्ष प्रबलता से रखती है।

Seengawale Gadhe: सींगवाले गधे

by Prem Janmejay

प्रेम जनमेजय से मिलकर, बात कर, कभी नहीं लगता कि ये व्यंग्य विधा की राह के पहुँचे हुए मुसाफिर हैं। ऐसा ही श्रीलाल शुक्लजी के साथ था। वे कभी बातचीत में व्यंग्य नामक हथियार का इस्तेमाल नहीं करते थे। ये ऐसे व्यंग्य-गुरु हैं, जो अपनी तिरछी नजर पर मृदुता, मस्ती और मितभाषिता का चश्मा लगाए रहते हैं। कुछ लोगों का खयाल है कि व्यंग्य लेखक एक किस्म के कार्टूनकार होते हैं, जिन्हें सारी दुनिया आँकी-बाँकी दिखाई देती है। एकदम गलत धारणा है यह। जैसे कविता, कहानी, उपन्यास नाटक और निबंध, साहित्य की विधाएँ हैं, वैसे ही व्यंग्य तथा हास्य, व्यंग्य की विधाएँ हैं। कमजोर हाथों में पडक़र ये विद्रूप और फूहड़ हँसी-ठट्ठा का रूप लेती होंगी, लेकिन प्रेम जनमेजय उन इलाकों में जाते ही नहीं हैं। वे हरिशंकर परसाई, शरद जोशी और श्रीलाल शुक्ल की परंपरा में व्यंग्य विधा में संलग्न हैं। उनके लिए व्यंग्य एक गंभीर कार्य और चिंतन है, जिससे वे समाज की विसंगतियों और समय के अंतर्विरोधों पर रोशनी डाल सकें। परिवर्तन काल सुविधा के साथ-साथ सक्रांति काल भी लाता है। प्रेम जनमेजय ने बहुत समझदारी और गहन अध्ययन से अपनी साहित्य-विधा चुनी है। व्यंग्य विधा पर चाहे जितना हमला किया जाए, सब जानते हैं कि बिना व्यंग्य-विनोद के कोई भी रचना पठनीय नहीं हो सकती। प्रेमजी में एक कथातत्त्व समानांतर चलता है। इसी कथा-जाल में वे धीरे से अपना काम कर जाते हैं।

Hidden Hindu Secrets: द हिडन हिंदू सीक्रेट

by Akshat Gupta

द हिडन हिंदू एक रोमांचक और रहस्यमय उपन्यास है जो हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास को आधुनिक दुनिया के साथ जोड़ता है। कहानी एक अधेड़ अघोरी ओम्‌ शास्त्री के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दावा करता है कि वह अमर है और सभी चार युगों में जीवित रहा है। ओम्‌ अन्य अमर लोगों की तलाश में है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में पाए जाते हैं। द हिडन हिंदू एक रोमांचक और रहस्यमय कहानी है जो हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास के साथ एक अनूठी कहानी बुनती है। पहला खंड: ओम्‌ की पकड़ और पूछताछ के साथ शुरू होता है। विशेषज्ञों की एक टीम उसे नशे की दवा देकर और सम्मोहित करके उसके अतीत के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करती है। ओम्‌ के खुलासे चौंकाने वाले होते हैं, और वे प्राचीन धारणाओं को हिला देते हैं। दूसरा खंड: ओम्‌ के अतीत और अन्य अमर लोगों की तलाश के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करता है। ओम्‌ और उसके साथी एक प्राचीन ग्रंथ, मृत संजीवनी की तलाश में हैं, जो अमरता प्रदान करने का दावा करता है। ग्रंथ के श्लोकों को पूरा करने के लिए, उन्हें छिपे हुए शब्दों को खोजने की आवश्यकता है। तीसरा खंड: ओम्‌ और अन्य अमर लोगों के बीच एक अंतिम संघर्ष का चित्रण करता है। देवध्वज, एक शक्तिशाली राक्षस, मृत संजीवनी को हासिल करने और दुनिया पर शासन करने का प्रयास करता है। ओम्‌ और उसके साथी उसे रोकने के लिए एकजुट होते हैं, लेकिन उन्हें अपनी जान की बाजी लगानी पड़ सकती है। द हिडन हिंदू एक ऐसी कहानी है जो आपको एक बार शुरू करने के बाद छोड़ने नहीं देगी। यह एक ऐसी कहानी है जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी और आपको हिंदू धर्म की समृद्ध और जटिल संस्कृति के बारे में जानने के लिए प्रेरित करेगी।

Santaptbhumi Berunda Rachna - Arnayam Ka Rakshak: संतप्तभूमि बेरुंडा रचना: एर्यनम का रक्षक

by Bhanupratap Yadav 'Shubharambh'

रामायण काल की एक घटना जो इतिहास के पन्नों से मिट चुकी है, जिसने क्रूरता और षड्यंत्र की सारी सीमाएँ लांघकर रच दिया था एक रक्त रंजित इतिहास। यह कहानी है इतिहास के अंधकार में खो चुके एक विशाल साम्राज्य की। एक घटना और जिसके पीछे छिपा हुआ है भयावह रहस्य जो आने वाले समय में शापित भूमि एर्यनम को फिर से पुनर्जीवित कर देने वाला था। इस सन्तप्तभूमि के उद्धार हेतु अवतरित हुआ वह योद्धा, जो कहलाया एर्यनम का रक्षक। जागृत हो चुके हैं ग्यारह हज़ार वर्षों तक मृत पड़े दानवीय योद्धा। तो क्या प्रारंभ हो चुका है एक और विध्वंस? लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न क्या एर्यनम का रक्षक कर पायेगा इन सभी दुष्टों का संहार और बचा पायेगा अपनी मातृभूमि को? एक महागाथा, संतप्तभूमि बेरुंडा रचना (चतुर्थांश) की पहली कड़ी- एर्यनम का रक्षक (विलुप्त एर्यनम साम्राज्य की महागाथा)

Namaste Bharat: नमस्ते भारत

by Manu Manoj

भारत का इतिहास कई सुनहरी गाथाओं को संजो कर रखे हुए है जो आज भी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। उपनिषदों और दर्शन में भारतीयों का चिंतन उत्कृष्ट कोटी का है। कई महान व्यक्ति इस धरती पर पैदा हुए हैं जिन्होने सम्पूर्ण मानवता के लिए ज्ञान के नए द्वार खोले हैं। वैश्विक स्तर के कई महाविद्यालय इस धरती पर हुआ करते थे और नमस्ते भारत नाम का यह उपन्यास इस सुनहरे इतिहास को देखने का मात्र एक प्रयास है।

Mrityu ke baad ka din: मृत्यु के बाद का दिन

by Nikhil Kushwaha

यह पुस्तक, जैसा कि नाम से संकेत मिलता है, एक आत्मा के अनोखी यात्रा की कहानी है। एक कॉरपोरेट कंपनी के लिए काम करने वाला अर्पण अपने जीवन में बहुत व्यस्त है। अपनी नौकरी के अलावा उसे किसी की कोई परवाह नहीं, न ही उसकी पत्नी, भाई और न ही उसकी बेटी की। उसके लिए मूल्यवान है तो बस पैसा और उसके दोस्त व सहयोगी। और तो और वह एक नास्तिक भी है जिसे ना तो इस्वर में विश्वास है, ना तो कर्म या भाग्य मे। मृत्यु जीवन की ही तरह एक सच्चाई है, और एक दिन यह हमारे लिए अवश्य आएगा, लेकिन सवाल यह है कि कब। ये अब से दशकों बाद भी आ सकता है या कल भी। क्या होगा अगर हमारी मृत्यु कल हो गयी तो? हम सभी के पास कई योजनाएं हैं जैसे स्वस्थ योजना, सेवानिवृत्ति योजना, पर क्या हमारे पास मृत्यु की कोई योजना है? जीवन पश्चात हम कहां जाएंगे, किससे मिलें? मृत्यु के बाद का जीवन क्या है? इस कहानी में अर्पण हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नो के उत्तर की खोज करेंगे। वे उस दूसरी दुनिया के अनसुलझे रहस्यों का पर्दाफास करेंगे, हमें मौत के बाद की यात्रा कराएँग।

Sapanon Ka Sarathi: सपनों का सारथी

by Dr Anand Choubey Aniruddha Rawat

रविंद्र कुमार बिहार के जिला बेगूसराय के एक छोटे से गाँव बसही में जनमे। उच्च शिक्षा के लिए राँची चले गए और आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा में चयनित हुए। उन्होंने मर्चेंट नेवी में प्रशिक्षण प्राप्त किया और शिपिंग क्षेत्र में सेवाएँ दीं। नौकरी छोडक़र कड़ी मेहनत से आई.ए.एस. अधिकारी बने। रविंद्र कुमार भारत के प्रथम व एकमात्र आई.ए.एस. अधिकारी हैं, जिन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट पर सफ लतम चढ़ाई की। रविंद्र कुमार ने सिक्किम, उत्तर प्रदेश तथा केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर सेवाएँ दीं। वर्तमान में जिलाधिकारी झाँसी के पद पर कार्यरत हैं। वे एक आशुकवि व लेखक हैं। अब तक उनकी सात कृतियाँ प्रकाशित हैं। अपनी कृति ‘एवरेस्ट : सपनों की उड़ान, सिफर से शिखर तक’ के लिए वर्ष 2020 में ‘अमृतलाल नागर पुरस्कार’ से सम्मानित। यह पुस्तक रविंद्र कुमार के जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं का लेखा-जोखा है। यह एक व्यक्ति के संघर्ष, दृढ़ संकल्प व सकारात्मक सोच से उपलब्धियों की ओर बढऩे की ऐसी कहानी है, जो युवा पीढ़ी को कुछ कर-गुजरने की प्रेरणा देती है।

Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 7 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ७ - एच पी बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, कक्षा 7 के लिए पाठ्यपुस्तक "हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" एक महत्वपूर्ण साधन है जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत और योग प्रथाओं को समझाने का उद्देश्य रखता है। कई संस्करणों के माध्यम से और जनवरी 2016 में नवीन प्रिंटिंग के साथ, कुल 74,000 प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। यह व्यापक पाठ्यक्रम हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति, योग परंपराओं की गहराई से जानने का मौका प्रदान करती है और राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करती है। शिक्षकों और छात्रों के बीच एक संबंध बनाते हुए, यह सत्यपूर्ण और प्रासंगिक सामग्री के साथ एक आकर्षक अध्ययन अनुभव की सुनिश्चित करती है। विशेष रूप से, हिमाचल प्रदेश सरकार का पहल काफी गरीब छात्रों के शिक्षा उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति समर्पण को दर्शाता है जब यह पाठ्यपुस्तकों को मुफ्त में लाखों गरीब छात्रों को वितरित किया जाता है।

Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 8 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ८ - एच पी बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

पाठ्यपुस्तक "हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" (Himachal’s Folk Culture and Yoga) कक्षा 8 के छात्रों के लिए, हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, कक्षा के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सांस्कृतिक और योगिक विरासत की व्यापक जानकारी प्रदान करती है। अपनी नवीनतम पुनर्मुद्रण अक्टूबर 2022 में किया गया है, जो इसे वर्तमान और प्रासंगिक बनाता है। प्रस्तावना में एक उत्कृष्ट पाठ्यपुस्तक के महत्व को बताया गया है जो शिक्षक और छात्र के बीच एक संबंध का काम करता है और उन्हें शिक्षा प्रक्रिया में मार्गदर्शन करता है। इसकी विषय-सूची में हिमाचल के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धारा, पर्यावरण संरक्षण और योग शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। यह पाठ्यपुस्तक केवल ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश की परंपराओं, मूल्यों, और योग की प्रायोगिक अभ्यास के प्रति गहरी समर्पणा भी बढ़ाती है, इसलिए यह छात्रों और शिक्षकों के लिए एक अनिवार्य संसाधन है।

Himachal Ki Lok Sanskruti Or Yog class 6 - Himachal Pradesh Board: हिमाचल की लोक संस्कृति और योग कक्षा ६ - एच पी बोर्ड

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

"हिमाचल की लोक संस्कृति और योग" शीर्षक से प्रकाशित पाठ्यपुस्तक, हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित, क्षितिज की समृद्ध भूमि और परंपरागत योग अभ्यासों का एक व्यापक अन्वेषण प्रस्तुत करती है। 2011 के फरवरी में प्रकाशित पहले संस्करण से लेकर अक्टूबर 2019 में नवीन प्रिंटिंग तक कई संस्करणों में परिपूर्ण, इसकी टिकाऊ महत्वपूर्णता को पुनः प्रमाणित किया गया है। छठी कक्षा के छात्रों के लिए तैयार किया गया, यह पुस्तक एक शिक्षात्मक प्रकाश बनती है, जो हिमाचल की विरासत का मूल सार और योग के महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकाशित करती है। रोमांचक सामग्री के माध्यम से, यह स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ एक गहरा संबंध बढ़ाती है, छात्रों को उनकी जड़ों को गले लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जबकि योग को उनके शैक्षिक यात्रा में बिना किसी अंतररूप से एकीकृत करती है। सांस्कृतिक संरक्षण और योग की परिवर्तनात्मक शक्ति पर एक स्थायी जोर रखते हुए, यह पाठ्यपुस्तक छात्रों के बीच शैक्षिक वृद्धि और सांस्कृतिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में प्रकट होती है।

Loktantrik Rajniti class 9 - HP Board

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 के लिए "सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति" का डिजिटल संस्करण, 2013 से 2022 तक की विभिन्न संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों को शामिल करता है। इसका सारांश पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सेतु के रूप में काम करता है। यह मूल्यांकन, संबोधन, और अच्छी तरह से प्रस्तुत सामग्री की महत्वता पर जोर देता है। यह "राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निर्देशिका 2005" के प्रेरणा से लिखा गया है और लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को छात्रों को परिचित कराने का उद्देश्य रखता है। यह शिक्षकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने को प्रोत्साहित करता है, और छात्रों के बीच गहन विचार और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देता है। सरकारी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों का मुफ्त वितरण और शिक्षा और सामाजिक उन्नति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए, इसका समापन एक पत्र सहित होता है जिसमें शिक्षकों और माता-पिता को संवाद किया गया है, जिसमें नागरिक शास्त्र पाठ्यक्रम में परिवर्तनों का वर्णन किया गया है और पाठ्यपुस्तक निर्माण के सहयोगी प्रयास का जिक्र किया गया है।

Samkalin Bharat-1 class 9 - HP Board

by Himachal Pradesh Board of School Education - Dharamshala

"समकालीन भारत- 1" एक भूगोल पाठ्यपुस्तक है जो कक्षा 9 के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला द्वारा प्रकाशित की गई है। अगस्त 2013 से अक्टूबर 2020 तक कई संस्करणों और पुनर्मुद्रितियों के साथ, यह पुस्तक भारत के भौतिक विशेषताओं, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्यजीव, और जनसंख्या के बारे में विस्तृत भूगोलिक जानकारी प्रदान करती है। ₹50.00 कीमत पर, यह छात्रों के लिए एक सस्ता स्रोत प्रस्तुत करती है। मानचित्रों पर आंतरिक विवरण को सही रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुए, प्रकाशक सुनिश्चित करता है कि भारत के मानचित्रों पर आंतरिक विवरण सही तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह पाठ्यपुस्तक छात्रों को उनके देश के विभिन्न भूगोलिक पहलुओं को समझने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।

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