Browse Results

Showing 26 through 50 of 1,912 results

Yojana August 2023

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana August 2023: योजना अगस्त २०२३

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana August 2022: योजना अगस्त २०२२

by Yojana

योजना अगस्त 2022 पत्रिका का संस्करण साहित्य और आजादी पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख आलेख विभाजन साहित्य, विशेष आलेख प्रतिबंधित प्रकाशन, पूर्वोत्तर से आज़ादी के तराने और काज़ी नजरूल इस्लाम: एक युवा विप्लव जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana April 2023: योजना अप्रैल २०२३

by Yojana

योजना अप्रैल 2023 पत्रिका का संस्करण स्टार्टअप इंडिया पर केंद्रित है। पत्रिका में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में युवाओं के लिए अवसर, स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की नींव और भारत की जी20 अध्यक्षता में ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम का नया सवेरा जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana April 2022: योजना अप्रैल 2022

by Yojana

जना मैगज़ीन अप्रेल 2022 एक मासिक पत्रिका है, जिसमे केंद्र सरकार की योजनाओ के बारे में बताया गया है यह मैगज़ीन हर महीने जारी की जाती है, यह पत्रिका सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत जरूरी है।

Yogyata Sanvardhan Pathyacharya Ranchi University, N.P.U

by Niti Sonu Papnejaa

Yogyata Sanvardhan Pathyacharya text book for B.A., B.COM., B.SC. (Hons) Sem-I from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Yogyata Sanvardhan Pathyacharya B.A., B.COM., B.SC. (Hons) Sem-I Ranchi University, N.P.U

by Niti Sonu Papnejaa

Yogyata Sanvardhan Pathyacharya text book for B.A., B.COM., B.SC. (Hons) Sem-I from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Yogiraj Shri Krishna: योगिराज श्रीकृष्ण

by Lala Lajpat Rai

परवर्ती काल में कृष्ण के उदात्त तथा महनीय आर्योचित चरित्र को समझने में चाहे लोगों ने अनेक भूलें ही क्यों न की हो, उनके समकालीन तथा अत्यन्त आत्मीय जनों ने उस महाप्राण व्यक्तित्व का सहीं मूल्यांकन किया था । सम्राट युधिष्ठिर उनका सम्मान कस्ते थे तथा उनके परामर्श को सर्वोपरि महत्व देते थे । पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण तथा कृपाचार्य जैसे प्रतिपक्ष के लोग भी उन्हें भरपूर आदर देते थे । जिस प्रकार वे नवीन सामाज-निर्माता तथा स्वराज्यस्रष्ठा युगपुरुष के रूप में प्रतिष्ठित हुए, उसी प्रकार अध्यात्म तथा तत्त्व-चिन्तन के क्षेत्र में भी उनकी प्रवृतियाँ चरपोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थीं । सुख-दु:ख को समान समझने वाले, लाभ और ह हानि, जय और पराजय जैसे द्वंद्वो को एक-सा मानने वाले, अनुद्विग्न, वीतराग तथा जल में रहने वाले कमल पत्र के समान सर्वथा निर्लेप, स्थितप्रज्ञ व्यक्ति को यदि हम साकार रूप में देखना चाहें तो वह कृष्ण से भिन्न अन्य कौन-सा होगा ? प्रवृत्ति और निवृत्ति, श्रेय और प्रेय, ज्ञान और कर्म, ऐहिक और पारलौकिक जैसी आपातत: विरोधी दीखने वाली प्रवृत्तियों में अपूर्व सामंजस्य स्थापित का उन्हें स्वजीवन में चरितार्थ करना कृष्ण जैसे महामानव के लिए ही सम्भव था । उन्होंने धर्म के दोनों लक्ष्यों अभ्युदय और नि:श्रेयस के उपलब्धि की । अत: यह निरपवाद रूप से कहा जा सकता है कि कृष्ण का जीवन आर्य आदर्शों की चरम परिणति है ।

Yogayog

by Rabindranath Tagore

The novel was published in three parts in Vichitra magazine. In first two parts it was called Teen Peedhiyan (Three Generations) and in the third it was named as Yogayog. One more jewel from one of the greatest writer from India.

Yog Vashishtha: योग वासिष्ठ

by Badrinath Kapoor

भारतीय मनीषा के प्रतीक ग्रंथों में एक ‘योग वासिष्ठ’ की तुलना विद्वत्जन ‘भगवद् गीता’ से करते हैं। गीता में स्वयं भगवान मनुष्य को उपदेश देते हैं जबकि ‘योग वासिष्ठ’ में नर (गुरु वशिष्ठ) नारायण (श्रीराम) को उपदेश देते हैं। विद्वत्जनों के अनुसार सुख और दुख, जरा और मृत्यु, जीवन और जगत, जड़ और चेतन, लोक और परलोक, बंधन और मोक्ष, ब्रह्म और जीव, आत्मा और परमात्मा, आत्मज्ञान और अज्ञान, सत् और असत्, मन और इंद्रियाँ, धारणा और वासना आदि विषयों पर कदाचित् ही कोई ग्रंथ हो जिसमें ‘योग वासिष्ठ’ की अपेक्षा अधिक गंभीर चिंतन तथा सूक्ष्म विश्लेषण हुआ हो। अनेक ऋषि-मुनियों के अनुभवों के साथ-साथ अनगिनत मनोहारी कथाओं के संयोजन से इस ग्रंथ का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। स्वामी वेंकटेसानन्द जी का मत है कि इस ग्रंथ का थोड़ा-थोड़ा नियमित रूप से पाठ करना चाहिए। उन्होंने पाठकों के लिए 365 पाठों की माला बनाई है। प्रतिदिन एक पाठ पढ़ा जाए। पाँच मिनट से अधिक समय नहीं लगेगा। व्यस्तता तथा आपाधापी में उलझा व्यक्ति भी प्रतिदिन पाँच मिनट का समय इसके लिए निकाल सकता है। स्वामी जी का तो यहाँ तक कहना है कि बिना इस ग्रंथ के अभी या कभी कोई आत्मज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। स्वामी जी ने इस ग्रंथ का सार प्रस्तुत करते हुए कहा है कि बिना अपने को जाने मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता। मोक्ष प्राप्त करने का एक ही मार्ग है आत्मानुसंधान। आत्मानुसंधान में लगे अनेक संतों तथा महापुरुषों के क्रियाकलापों का विलक्षण वर्णन आपको इस ग्रंथ में मिलेगा। प्रस्तुत अनुवाद स्वामी वेंकटेसानन्द द्वारा किए गए ‘योग वासिष्ठ’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘सुप्रीम योग’ का हिन्दी रूपांतरण है जिसे विख्यात भाषाविद् और विद्वान बदरीनाथ कपूर ने किया है। स्वामी जी का अंग्रेजी अनुवाद 1972 में पहली बार छपा था जो निश्चय ही चिंतन, अभिव्यक्ति और प्रस्तुति की दृष्टि से अनुपम है। लेकिन विदेश में छपने के कारण यह भारतीय पाठकों के समीप कम ही पहुँच पाया। आशा है, यह अनुवाद उस दूरी को कम करेगा, और हिन्दी पाठक इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक का लाभ उठा पाएँगे।

Yoddha Sannyasi Vivekanand: योद्धा संन्यासी विवेकानन्द

by Hansraj Rahbar

विवेकानंद कहते है : "मेरे मत में बाह्य जगत की एक सत्ता -हमारे मन के विचार के बाहर भी उसका एक अस्तित्व है । चैतन्य के क्रम विकास रूपी महान विधान का अनुवर्ती होकर यह समग्र विश्व उन्नति के पथ क्रम विकास रूपी महान विधान का अनुवर्ती होकर यह समग्र विश्व उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहा है । चैतन्य का यह क्रम विकास जड़ के क्रमविकास से पृथक है । विवेकानंद ने पहली बार क्रमविकास का सिद्धान्त भारतीय दर्शन पर लागू किया और अद्वैत की धर्म शास्त्र की चरम सीमा बताया । हमारे देश के उभरते हुए पूंजीपति वर्ग को इस विदेशी आक्रमण से अपनी सांस्कृतिक परम्पराओ की रक्षा करनी थी , क्योकि राष्ट्रीयता का विकास उन्हीं के आधार पर संभव था और राजनितिक लड़ाई भी उन्हीं के आधार पड़ लड़ी जा सकती थी । विवेकानंद ने धर्म- सभा में आक्रामक रुख अपनाकर मिशनरियों के इस दावे को झुठलाया कि ईसाई धर्म चूँकि विजेताओं का और समृद्धि का धर्म है, इसलिए यह सच्चा धर्म है और इसी को विश्व धर्म बनना है । विवेकानंद जी ने 1905 में स्वदेशी आंदोलन का राजनितिक रूप धारण किया । इसमें जो राष्ट्रीय एकता का जो प्रदर्शन हुआ उसके कारण ब्रिटिश सरकार को बंग- भंग की योजना रद्द करनी पड़ी । और इसी आंदोलन से स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा तथा स्वराज्य का चारसूत्री कार्यक्रम निर्धारित हुआ । इसके अलावा 1908 से क्रांति के जो गुप्त संगठन बने उनकी मुख्य प्रेणना भी विवेकानंद जी की शिक्षाए थी ।

Yo Bhi To Dekhiye

by Viyogihari

Sri Viyogihar writes in a particular fashion and forces the reader and different sections of the society to act in the way they are expected to.

The Winning Manager: Corporate Safalta Ke Liye Samay Ki Kasauti Par Khare Siddhant

by Walter Vieira

This is not a standard book on management. It does not attempt to take the reader through the process of planning, forecasting, organising, delegating, motivating, monitoring, controlling and communicating in a sequential order, as in Fayol′s wheel of managerial functions. Instead, it goes ′beneath the skin′ of management as it were, to discuss issues that are not normally dealt with either in speech or in writing.

Western Political Thinkers: पाश्चात्य राजनीति विचारक

by O. P. Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है।

Wah Lambi Khamoshi

by Shashi Deshpandey

Wah Lambi Khamoshi is the Hindi translation of 1990 Sahitya Akademi Award-winning novel That Long Silence. This is in effect, a slow, cruel self-revelation. The novel traces the life of narrator Jaya Kulkarni who is married to Mohan and is mother of two children. The novel exposes threadbare, the tense realities of the average Indian family’s architecture. Wah Lambi Khamoshi crawls in a very slow present while shuttling to span a long, complex past of multiple family ties, giving it an annoying sense of unmoving station – the narrative flow frozen. It is a personal redemption to a battle already lost.

Vyavshay Adhyan class 12 - MP Board: वयवसय अदयन कक्षा 12 - एमपी बोर्ड

by Madhymik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Vyavshay Adhyan MPTBC text book for 12th standard from Madhymik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Vyavsayik Arthashastra class 12 - MP Board: व्यवासायिक अर्थशास्त्र कक्षा 12 - एमपी बोर्ड

by Madhya Pradesh Rajya Shiksha Mandal

Vyavsayik Arthashastra text book for 12th standard from Madhya pradesh rajya shikha mandal in Hindi.

Vyavsayik Arthashastra class 11 - MP Board: व्यवासायिक अर्थशास्त्र कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Vyavshik Arthshastra text book for 11th standard from Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Vyavsayik Arthashastra class 11 - MP Board: व्यवासायिक अर्थशास्त्र कक्षा 11 - एमपी बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal

Business Economics (MPTBC) text book for 11 th standard from Madhyamik Shiksha Mandal Madhya Pradesh Bhopal in Hindi.

Vyavsay Adhyayan class 12 - RBSE Board: व्यवसाय अध्ययन कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

व्यवसाय अध्ययन कक्षा-12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गयी पाठ्य पुस्तक प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है। पुस्तक लेखन के समय हमारे केन्द्र में मुख्य रूप से वे विद्यार्थी रहे हैं जो वाणिज्यिक दृष्टिकोण से व्यावसायिक घटनाओं के संबंध में अवधारणात्मक समझ विकसित करने हेतु अध्ययन कर रहे हैं।

Vyavsay Adhyayan class 11 - S.C.E.R.T Raipur Chhattisgarh Board: व्यवसाय अध्ययन कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

व्यवसाय अध्ययन 11 वीं कक्षा का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उद्धरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वें व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास करें कि व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान वे पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, व्यवसायोन्मुख दूरदर्शन कार्यक्रमों और इन्टरनेट के द्वारा आधुनिक जानकारी प्राप्त करेंगे। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Vyavsay Adhyayan class 11 - RBSE Board: व्यवसाय अध्ययन 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

व्यवसाय अध्ययन 11वीं कक्षा का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उद्धरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वें व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास करें कि व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान वे पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, व्यवसायोन्मुख दूरदर्शन कार्यक्रमों और इन्टरनेट के द्वारा आधुनिक जानकारी प्राप्त करेंगे। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Vyavsay Adhyayan class 11 - NCERT - 23: व्यवसाय अध्ययन ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यवसाय अध्ययन 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उद्धरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वें व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास करें कि व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान वे पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, व्यवसायोन्मुख दूरदर्शन कार्यक्रमों और इन्टरनेट के द्वारा आधुनिक जानकारी प्राप्त करेंगे। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Vyavsay Adhyayan class 11 - NCERT: व्यवसाय अध्ययन कक्षा 11 - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यवसाय अध्ययन 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उद्धरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। इससे विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वें व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास करें कि व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान वे पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, व्यवसायोन्मुख दूरदर्शन कार्यक्रमों और इन्टरनेट के द्वारा आधुनिक जानकारी प्राप्त करेंगे। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Vyavsay Adhyayan Bhag-2 class 12 - NCERT - 23: व्यवसाय अध्ययन भाग-२ १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

व्यवसाय अध्ययन भाग 2 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह पाठ्यपुस्तक व्यावसायिक वातावरण की एक अच्छी जानकारी देने की अपेक्षा करती है। एक प्रबन्धक को व्यवसाय की जटिल, गतिशील स्थितियों का विश्लेषण करना पड़ता है। विषय-वस्तु को अधिक समृद्धी बनाने के लिए व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं और लेखों के उध्दरणों को अतिरिक्त रूप से कोष्ठकों में जोड़ा गया है। व्यवसाय की प्रतिक्रियाओं का अवलोकन करें एवं स्वयं खोज करने का प्रयास किया गया की व्यावसायिक संगठनों में क्या हो रहा है। विभिन्न प्रकार के प्रश्न एवं केस समस्याएँ प्रस्तावित की गई हैं जिससे वे विषय के ज्ञान प्रयोग द्वारा वास्तविक व्यावसायिक स्थितियों को जान सकें।

Refine Search

Showing 26 through 50 of 1,912 results