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Bharteeya Darshan -Competitive Exam

by Shobha Nigam

भारतीय दर्शन मानवीय ज्ञान में वृद्धि करता है। भारत में दार्शनिक चिन्‍तन की परम्परा, वैदिक एवं उपनिषद दर्शन, भगवद्गीता का दर्शन, चार्वाक दर्शन जैन तथा बौद्ध दर्शन, सांख्य दर्शन, योग दर्शन, न्याय दर्शन आदि विषय को शामिल किया गया है। वैसे तो भारतीय दर्शन की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई किन्तु प्रस्‍तुत पुस्‍तक भारतीय दर्शन विद्यार्थियों के लिए बहुत ही सरल भाषा में लिखी गयी है। यदि विद्यार्थी इसमें रूचि लेते है तो आसानी से समझ लेते है।

Bhartendu Harishchandra

by Madan Gopal

Bhartendu Harischandra tried to make the Desi language more popular in India. He had lots to give to Hindi journalism and literature. The writer has presented an invaluable study on this literary giant.

Bhartiy Itihaas Main Mahilayen M.A. SEM-II Ranchi University, N.P.U: भारतीय इतिहास में महिलाएँ एम.ए. सेमीस्टर-II राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by K. L. Khurana S. S. Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक भारतीय इतिहास में महिलाएँ, डॉ. के. एल. खुराना और डॉ. एस. एस. चौहान द्वारा लिखित है, जो लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठपुस्तक में बीस अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पुरुषों की तुलना में भारत में महिलाओं की संख्या कदाचित् कम नहीं है, इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी महिलाओंने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है । समाज व देश के आदर्शों और उच्चतम मूल्यों का संरक्षण भी उन्होंने अत्यन्त सफलतापूर्वक किया है । उनके ही उदार दृष्टिकोण के कारण सामाजिक परम्पराएँ एवं मान्यताएँ जीवित हैं । महिलाओं के त्याग, प्रयास और ज्ञान के कारण विद्वानों की यह मान्यता है, कि समाज की वस्तुस्थिति और उसके स्तर की जानकारी, समाज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति से जानी व समझी जा सकती है। इस किताब में उन्हीं भारतीय महिलाओं के इतिहास बारे में बताया गया है।

Bhartiya Arthavyavstha Ka Vikas class 11 - NCERT: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास 11 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में चार इकाई दी गई है। पहले इकाई के दो अध्यायों के द्वारा हम स्वतंत्रता पूर्व से लेकर नियोजित विकास के चार दशकों तक के भारत द्वारा चुने गये पथ का समग्र रूप से अवलोकन करेंगे। दूसरे इकाई में इस इकाई में सुधारों की प्रक्रिया तथा भारत के संदर्भ में उनके प्रयोग का मूल्यांकन किया गया है। तिसरे इकाई हम विकास के निहितार्थों को भी अपने पर्यावरण तथा धारणीय विकास की मांग के संदर्भ में देखेंगे। इन मुद्दों को सुलझाने के क्रम में सरकार की नीतियों का आलोचनात्मक आकलन किए जाने की ज़रूरत है, जिस पर इस इकाई में अलग से चर्चा की गई है। चौथे इकाई में इकाई में हम भारत के विकास अनुभवों की तुलना इसके दो महत्त्वपूर्ण और निर्णायक पड़ोसियों- पाकिस्तान और चीन से करेंगे।

Bhartiya Arthvyastha: भारतीय अर्थव्यवस्था

by संजीव वर्मा

यूपीएससी पाठ्यक्रम के नए पैटर्न के आधार पर पूरी तरह से संशोधित और अद्यतन संस्करण - अब 4 व्यापक खंडों में संरचित- ए। घरेलू अर्थव्यवस्था, बी। बाहरी क्षेत्र- बाहर की ओर, सी। ग्लोबल इकोनॉमी और आउटलुक और डी। इंडियन इकोनॉमी रिविजिटेड, आउटलुक और चुनौतियां। पुस्तक आर्थिक मुद्दे को महान वैचारिक स्पष्टता के साथ रेखांकित करने और आवेदन के हिस्से में लाने और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता का प्रयास है। नई पीढ़ी के छात्रों को अर्थव्यवस्था को सही परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास। निम्नलिखित अध्यायों में अर्थव्यवस्था में भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही नई अवधारणाओं, नीतियों और कार्यान्वयन को अद्यतन करने और जोड़ने के दौरान सीखने की आसानी को ध्यान में रखा गया है: 1. मुख्य विशेषताएं: नया भारत 2. गरीबी और सामाजिक क्षेत्र 3. सरकार फाइनेंसिंग और बैंकिंग 4. विदेश व्यापार नीति ... कुछ का नाम दिया जाना है निम्नलिखित वर्गों को नए संस्करण में डाला गया है: 1. भारतीय अर्थव्यवस्था तारकीय प्रदर्शन 2. भारत की अर्थव्यवस्था भर में फैले JAM 3. माल और सेवा कर: एक प्रगतिशील कर व्यवस्था 4 निति आयोग: द प्रीमियर पॉलिसी थिंक टैंक 5. स्टार्टअप इंडिया: विंग्स टू द स्काई ऊपर 6. डिमॉनेटाइजेशन पॉलिसी: काले धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ही समय में अवधारणा (ओं) को सीखने और समझने की सुविधा के लिए आरेखों के साथ समृद्ध किया गया है।

Bhartiya Arthvyavastha - Civil Seva, Vishwavidyalaya Evam Anya Pratiyogi Pariksha Hetu: भारतीय अर्थव्यवस्था - सिविल सेवा, विश्वविद्यालय एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षा हेतु

by Ramesh Singh

भारतीय अर्थव्यवस्था के 12 वें संशोधित संस्करण को प्रस्तुत करते समय मैक्ग्रॉ–हिल गर्व का अनुभव करता है।यह अधिकाधिक वर्षों से विषय परआधारित विश्लेषणात्मक पुस्तकों के रूप में सर्वाधिक रूप से अनुमोदित की जाती है ,जो एक विषय विशेषज्ञ एवं प्रसिद्ध शिक्षक द्वारा लिखी गयी है। प्रस्तुत पुस्तक को संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिविल सेवा एवं राज्य लोक सेवा आयोगों के द्वारा आयोजित राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के नवीनतम पाठ्यक्रम के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। इसके अंतर्गत नवीन तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ मूलभूत अवधारणाओं को अच्छी तरह समाविष्ट किया गया है जिसका जुड़ाव भारत के सन्दर्भ में अद्यतन विकास से है । प्रस्तुत पुस्तक में पूर्णतया नवीनता एवं संशोधन और परिवर्द्धन के समय जिन अन्य रचित ग्रंथों का सहारा लिया गया है, वे हैं : भारत 2020, आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20; संघीय बजट 2020-21, भारत विकास रिपोर्ट 2017 (अद्यतन ) तथा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के द्वारा प्रकाशित डाक्यूमेंट्स एवं रिपोर्ट्स इत्यादि ताकि अभ्यर्थियों को एक हीं पुस्तक में उन सभी पहलुओं का समाधान मिल जाये । आर्थिक क्षेत्र में हो रहे निरंतर बदलाव को इस 12 वें संशोधित संस्करण में लेखक के द्वारा अतिरिक्त संसाधन के रूप में लिंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जानी है , जो इस संस्करण की नवीन प्रस्तुति है। प्रमुख विशेषताऐं: 1. नए मुद्दों को शामिल करते हुए मुद्रास्फीति, कृषि ,उद्योग, अवसंरचना और सेवा वाले अध्याय में काफी हद तक संशोधन 2. अद्यतन मानव विकास रिपोर्ट 2019 को शामिल करते हुए भारत में विकसन अर्थशास्त्र ,आर्थिक सुधार , मानव विकास वाले अध्याय में संशोधन एवं नवीनीकरण 3. हाल ही में हुए सरकारी परिवर्तनों के साथ वित्तीय क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव किया गया है 4. कुछ नए तथ्यों को समाहित करते हुए कर और बजट वाले खंड में पूर्णतया संशोधन और नयापन लाने का प्रयास किया गया है 5. ज्वलंत सामाजिक - आर्थिक मुद्दे नामक अध्याय में कोविड -19 का आर्थिक प्रभाव पर विशेष विवेचन कर इसे अद्यतन एवं पूर्ण संशोधन करने का प्रयास किया गया है।

Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part One)

by Harikrishna Devsaray

A marvelous collection of stories for children with variety of content and topics. The author has tried to make realistic stories, so readers will be find these closer to themselves.

Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part Three)

by Harikrishna Devsaray

Part three of the collection of children's stories. The present collection also contains stories from different Indian languages.

Bhartiya Bal Kahaniyaan (Part Two)

by Harikrishna Devsaray

Children's fiction as been very rich since ancient times. The original children's stories that were written in Indian languages in the second half of the twentieth century are selected in this part.

Bhartiya Darshan- Competitive Exam

by Vimal Aggarwal

प्रस्‍तुत पुस्‍तक भारतीय दर्शन की प्रकृति एवं उद्देश्य उनकी मूलभूत विशेषताएँ, महत्‍व एवं उपयोगिता, धर्म एवं लोक से संबंधित मानव कल्याण की ओर संकेत करता है।, जैन एवं बौ्द्ध दर्शन उनकी शिक्षाएँ, जीव एवं ब्रह्मा में संबंध, ब्रह्म जगत का स्‍वरूप, आत्‍मा का स्‍वरूप, जगत में जीव बन्धन एवं मोक्ष, आदि विषय को केन्द्रित किया है। लेखक ने भारतीय दर्शन में जो विषय चुने है उसकी भाषा सरल एवं विद्यार्थी गण के लिए अर्थपूर्ण है। भारतीय दर्शन की विषय सामग्री और उस पर आधारित प्रश्नों का विभाजन विद्यार्थियों के लिए सही और सरल ढंग से समझने योग्य है इस ढंग से यह पुस्तक और भी उपयोगी सिद्ध होती है।

Bhartiya Darshan Ki Roop - Rekha- Competitive Exam

by Harendra Prasad Sinha

प्रस्तुत पुस्‍तक में आध्यात्मिक और दार्शनिक विकास के सभी विषयों को शामिल किया गया है। दर्शन क्‍या है? भारतीय दर्शन और पश्चिमी दर्शन के स्‍वरूप की विशेषताएं और तुलनात्‍मक व्‍याख्‍या, उनका विकास, ईश्वर वि‍चार वेदों का दर्शन उनके सिद्धान्त, उपनिषदों का दर्शन उनकी विचारधारा गीता का दर्शन गीता का महत्‍व ज्ञान, भक्ति, और कर्म योग के विचार को प्रस्‍तुत किया गया है। योग दर्शन, मीमांसा दर्शन, शंकर का अद्वैतवाद के अन्‍तर्गत जगत विचार, माया, ब्रह्म विचार, आत्‍म विचार, भ्रम विचार, शंकर के दर्शन में नैतिकता और धर्म का स्‍थान रामानुज का विशिष्टाद्वैत दर्शन, जैन और बौद्ध दर्शन के सिद्धान्तों को शामिल किया गया है।इस प्रकार यह पुस्‍तक सरल भाषा में दर्शन विषयक की समस्‍त जानकारी प्राप्‍त कराने में उपयोगी सिद्ध हुर्ह है। जिससे छात्रों में आध्‍यात्मिक और मानवीय गुणों का विकास हो सके।

Bhartiya Itihas Ka Aarambhik Madhyakaal

by Mohammad Habeeb

Habeeb looks at the attack on Indian state by the Gaznis and the establishment of the families. The reader can find the hate factor for those responsible for rift between Hindu and Muslim unity. The important factor of Habeebs thought process is deep sympathy to the people at the grass root level.

Bhartiya Itihas ke Kuch Vishay Bhag 1 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 1) कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 1) 12 वीं कक्षा का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।

Bhartiya Itihas ke Kuch Vishay Bhag 2 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 2) कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 2) 12 वीं कक्षा का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।

Bhartiya Itihas ke Kuch Vishay Bhag 3 class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 3) कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भारतीय इतिहास के कुछ विषय (भाग 3) 12 वीं कक्षा का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। यह किताब हड़प्पा से शुरू होती है और भारतीय संविधान के बनने पर खत्म होती है। इसमें पाँच हजार वर्षों का सामान्य सर्वेक्षण नहीं बल्कि कुछ विशेष विषयों का गहन अध्ययन किया गया है। इस किताब में आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक विषयों को चुनकर बदलाव के अलग-अलग आयामों को समझने की कोशिश की है वहीं इनके बीच की दीवारों को भी तोड़ने का प्रयास किया है। इस किताब के कुछ विषय आपको उस युग की राजनीति तथा सत्ता और शक्ति की प्रकृति से परिचित करवाएँगे, वहीं कुछ में यह समझने का प्रयास है कि समाज कैसे संगठित होता है, कैसे काम करता है और कैसे बदलता है। कुछ और अध्याय बताते हैं धार्मिक जीवन और रीति-रिवाज़ों के बारे में, अर्थव्यवस्थाओं के विषय में और ग्रामीण एवं शहरी समाजों में बदलाव के बारे में।

Bhartiya Kala Bhag 2 class 12 - RBSE Board: भारतीय कला भाग 2 कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भारतीय कला भाग 2 कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक में तीन इकाइयों में विभक्त कर अध्ययन सुलभ बनाते हुए विभिन्न कला खण्डों में भारतीय कला इतिहास के क्रमिक विकास को प्रस्तुत कर खण्ड – 'अ' में मध्यकालीन लघु चित्र शैलियों के उद्भव विकास और कलागत विषयवस्तु को अध्ययन की दृष्टि से शामिल किया गया है, वहीं खण्ड- 'ब' में स्वतन्त्रता आन्दोलन और स्वतन्त्रता पश्चात के कला रूपों को आधुनिक भारतीय चित्रकला की अध्ययन वस्तु बनाया है । चूंकि पुस्तक का प्रस्तुतीकरण काल क्रमानुसार है, अतः खण्ड - 'स' में मध्यकालीन मूर्तन एवं मंदिर स्थापत्य के विषय संदर्भ में भारतीय एवं राजस्थानी मूर्तिशिल्पों के साथ - साथ आधुनिक मूर्तिकला का विश्लेषणात्मक अध्ययन भी प्रस्तुत किया गया है । पुस्तक में यथास्थान चित्र, मानचित्र व रेखाचित्र आदि का समावेश अध्ययन के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगा ।

Bhartiya Kavya Shastra Avam Pashchatya Sahitya Chintan B.A. SEM-V Ranchi University, N.P.U: भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन बी.ए. सेमीस्टर-V राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.

by Sabhapati Mishra

प्रस्तुत पुस्तक ‘भारतीय काव्यशास्त्र एवं पाश्चात्य साहित्य चिन्तन’ डॉ. सभापति मिश्र द्वारा लिखित है, जो जयभारती प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा चतुर्थ संस्करण के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पाठ्यपुस्तक में काव्यशास्त्र प्राचीन ज्ञाशशाखा है जो अद्यतन प्रवाहित है। इस शास्त्र की एक सुंदीर्घ परम्परा रही है जिसका प्रवर्तन आचार्य भरतमुनि के 'नाट्यशास्त्र' में दृष्टिगोचर होता है। इसी प्रकार अरस्तू ने 'पोइटिक्स' में काव्यशास्त्र के सिद्धान्तों का निरूपण किया है। काव्यशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य काव्य के तत्त्वों का विवेचन करना एवं काव्य के स्वरूप का निरूपण करना है। काव्यशास्त्र में अमिधा, लक्षणा और व्यंजना तीन शब्दशक्तियाँ मानी गयी हैं। काव्य सर्जन महाकाव्य, खण्डकाव्य, गीतिकाव्य आदि रूपों में होता है। काव्यशास्त्र के अन्तर्गत विविध काव्यभेदों के सिद्धान्त निरूपित किये गये हैं। काव्यभेदों के स्नान गद्य के भी भेद हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय काव्यशास्त्र के साथ-साथ पाश्चात्य साहित्य-चिन्तन का विवेचन किया गया है।

Bhartiya Nari aur Muktee

by Brinda Karat

The book a compilation of articles from various newspapers and magazines, describes the pathetic condition of women in India in 21st century.

Bhartiya Rajvyasththa Evam Samvidhan Railway Group D (Competitive Exam)

by Indic Trust

The candidates who are preparing for the Railway Group D examination can refer this book for learning about the Indian polity and our constitution.

Bhartiya Samajshastra ke Pathpradarshak- Competitive Exam

by M. L. Gupta D. D. Sharma

इस पुस्‍तक में भारतीय समाजशास्त्रियों के सामाजिक चिन्‍तन, उनके विचारों की व्‍याख्‍या प्रस्‍तुत की गयी है। भारतीय समाजशास्त्रियों में राधाकमल मुकर्जी, डी.पी. मुकर्जी, आन्‍द्रे बिताई, जी. एस. घुरिये, इरावती कर्वे, एम. एम. श्रीनिवास, एस सी दुबे और योगेन्‍द्र सिंह प्रमुख है। समाज संरचना तथा सा‍माजिक पारिस्‍थि‍तिकी, सांस्कृतिक विविधाएं, सामाजिक स्‍तरीकरण, कृषक समाज की समस्‍या समाज की लोक संस्‍कृति, जाति भेद उनके सम्‍बन्‍ध, भारत में सामाजिक तनाव, भारतीय ग्राम की सामाजिक संरचना, आनुनिकीकरण आदि के बारे में सरल भाषा में लिखा गया है। जिससे छात्रों को भारत में होने वाले विभिन्‍न परिवर्तन, समस्‍याओं उन्‍नति, संस्‍कृति का ज्ञान होता है और वह इन विचारों को अपने भावी जीवन में उपयोग कर सके।

Bhartiya Shasan avom Rajneeti - M.A.,P.S.C.- Ranchi University, N.P.U

by S. C. Sinhal

Bhartiya Shasan avom Rajneeti text book for M.A.,P.S.C. According to the Latest Syllabus based on University Grants Commission (U.G.C.) from Ranchi University, Nilambar Pitambar University in hindi.

Bhauteek Bhugol Ke Mul Sinddhant class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11 वीं कक्षा का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस किताब में कुल छः ईकाई दि गयी है, और उसमें पंधरह अध्याय दिए है । यह पुस्तक, ज्ञानवर्धक, ज्ञानोपयोगी एवं उपलब्धि स्तर की वृद्धि में सहायक सिद्ध होगी, यद्यपि संवर्धन एवं परिष्करण की सम्भावनाएँ सदैव भविष्य के लिए संचित रहती हैं, यह किताब में स्पष्टिकरण किया है।

Bhautik Bhugol Ke Mul Siddhant class 11 - NCERT - 23: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में छह इकाईयाँ दी गई है। इकाई 1 में भूगोल एक विषय के रूप में भूगोल एक समाकलित विषय के रूप में, स्थानिक गुण विज्ञान के रूप में; भूगोल की शाखाएँ; भौतिक भूगोल की विशेषता। इकाई 2 में पृथ्वी-पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास, पृथ्वी का आंतरिक भाग; वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी, भूकंप एवं ज्वालामुखी। इकाई 3 में भू-आकृतियाँ खनिज एवं शैल-शैलों के प्रमुख प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ; भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ-अपक्षय, बृहत्क्षरण, अपरदन एवं निक्षेपण, मृदा-निर्माण, भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास। इकाई 4 में जलवायु वायुमंडल-संघटन एवं संरचना; मौसम एवं जलवायु के तत्व, वर्षण: वाष्पीकरण, संघनन-ओस, पाला, धुंध, कोहरा एवं मेघ; वर्षा-प्रकार एवं विश्व वितरण, विश्व जलवायु-वर्गीकरण (कोपेन), ग्रीनहाउस प्रभाव, भूमंडलीय ऊष्मन एंव जलवायु परिवर्तन और इकाई 5 में जल (महासागर) जलीय चक्र; महासागर-अंतः समुद्री उच्चावच, लवणता एवं तापमान का वितरण; महासागरीय-तरंगें, ज्वार भाटा एवं धाराएँ आदी के बारे में पाठपुस्तक बताया गया है। इकाई 6 में पृथ्‍वी पर जीवन इस इकाई के विवरण: जैवमंडल - पाद्प एवं अन्य जीवों की विशेषताएँ, पारितंत्र; जैव-भू रासायनिक चक्र, पारिस्थितिक संतुलन तथा जैवविविधता एवं संरक्षण।

Bhautik Bhugol Ke Mul Sidhant class 11 - NCERT: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में पाँच इकाईयाँ दी गई है। इकाई 1 में भूगोल एक विषय के रूप में भूगोल एक समाकलित विषय के रूप में, स्थानिक गुण विज्ञान के रूप में; भूगोल की शाखाएँ; भौतिक भूगोल की विशेषता। इकाई 2 में पृथ्वी - पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास, पृथ्वी का आंतरिक भाग; वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी, भूकंप एवं ज्वालामुखी। इकाई 3 में भू-आकृतियाँ खनिज एवं शैल-शैलों के प्रमुख प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ; भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ - अपक्षय, बृहत्क्षरण, अपरदन एवं निक्षेपण, मृदा-निर्माण, भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास। इकाई 4 में जलवायु वायुमंडल - संघटन एवं संरचना; मौसम एवं जलवायु के तत्व, वर्षण: वाष्पीकरण, संघनन-ओस, पाला, धुंध, कोहरा एवं मेघ; वर्षा-प्रकार एवं विश्व वितरण, विश्व जलवायु - वर्गीकरण (कोपेन), ग्रीनहाउस प्रभाव, भूमंडलीय ऊष्मन एंव जलवायु परिवर्तन और इकाई 5 में जल (महासागर) जलीय चक्र; महासागर - अंतः समुद्री उच्चावच, लवणता एवं तापमान का वितरण; महासागरीय-तरंगें, ज्वार भाटा एवं धाराएँ आदी के बारे में पाठपुस्तक बताया गया है।

Bhautik Bhugol Ke Mul Sidhant class 11 - RBSE Board: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड

by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmer

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत कक्षा 11वीं यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, प्रस्तुत पुस्तक राजस्थान शिक्षा मण्डल, अजमेर के प्राकृत भाषा एवं साहित्य के 11 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए तैयार की गई है, इस पाठ्यपुस्तक में छहः इकाईयाँ दी गई है। इकाई 1 में भूगोल एक विषय के रूप में भूगोल एक समाकलित विषय के रूप में, स्थानिक गुण विज्ञान के रूप में; भूगोल की शाखाएँ; भौतिक भूगोल की विशेषता। इकाई 2 में पृथ्वी - पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास, पृथ्वी का आंतरिक भाग; वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी, भूकंप एवं ज्वालामुखी। इकाई 3 में भू-आकृतियाँ खनिज एवं शैल-शैलों के प्रमुख प्रकार एवं उनकी विशेषताएँ; भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ - अपक्षय, बृहत्क्षरण, अपरदन एवं निक्षेपण, मृदा-निर्माण, भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास। इकाई 4 में जलवायु वायुमंडल - संघटन एवं संरचना; मौसम एवं जलवायु के तत्व, वर्षण: वाष्पीकरण, संघनन-ओस, पाला, धुंध, कोहरा एवं मेघ; वर्षा-प्रकार एवं विश्व वितरण, विश्व जलवायु - वर्गीकरण (कोपेन), ग्रीनहाउस प्रभाव, भूमंडलीय ऊष्मन एंव जलवायु परिवर्तन और इकाई 5 में जल (महासागर) जलीय चक्र; महासागर - अंतः समुद्री उच्चावच, लवणता एवं तापमान का वितरण; महासागरीय-तरंगें, ज्वार भाटा एवं धाराएँ आदी के बारे में पाठपुस्तक बताया गया है।

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