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Billi Ke Bachche
by V. Suteyev“बिल्ली के बच्चे” बिल्ली के तीन बच्चे जिनका रंग काला, भूरा और सफेद है की चित्रकथा है। चूहे के पीछे आटे के डिब्बे में कूदने पर तीनों सफेद रंग के हो जाते है। मेंढ़क के पीछे पाइप में घुसने के कारण तीनों काले रंग हो जाते है। मछली को देखकर तालाब में छलाँग लगाने पर उनका रंग धुल जाता है। तीनों अपने असली रंग में आ जाते है। अंत में अपने घर वापस चले जाते है। "Billi Ke Bachche" is the picture story of three kittens which are black, brown and white in colour.They become white when Jumped on Flour box behind the Rat. They become black when they entered the pipe behind the frogs.And when they jump into pond behind the fish then their color is washed away. All three have come in its true colors. Finally, they are go back to home.
Bilt To Last: बिल्ट टू लास्ट
by Jim Colinsबिल्ट टू लास्ट इस किताब मे अपेक्षित कंपनी की जानकारी और उनके बारे मे संशोधन लेखक ने किया है और बडी बडी कंपनीयो का 6 साल का अनुभव बताया गया है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस। उन्होंने अठारह कंपनियों को लिया जिन्हें उन्होंने 'दूरदर्शी' के रूप में चिह्नित किया, और यह पता लगाया कि उन्हें बाकी के अलावा क्या सेट करता है।
Binu Bhalu
by Childrens Book Trust New DelhiThis is a story of a Bear which has been caught alive from the forest and has been separated from its mother. It tells about the life in jungle, the moments with mother bear and pleasure of being free. The bear doesn’t lose hope even after being kept captive. Indeed a story which must be told to every child.
Birju Aur Udane Wala Ghoda
by Deepa Agarwalदीपा अग्रवाल दवारा रचित यह पुस्तक ‘बिरजू और उड़ने वाला घोड़ा’ एक लगड़े लड़के ‘बिरजू’ की कहानी पर आधारित है। जिसके दवारा बच्चों को यह सन्देश मिलता है कि अच्छे काम का फल सदा अच्छा होता है।The book ‘Birju Aur Udane wala Ghoda’ written by Deepa Agarwal is based on the story of a lame boy ‘Birju’. The childrens get message through this story, that the good work is always good.
Blackmail: ब्लैकमेल
by Santosh Pathakब्लैकमेलिंग का एक मामूली सा दिखने वाला केस अचानक ही बुरी तरह उलझकर रह गया। एक के बाद एक कत्ल होने लगे। किसी का कोई सिर पांव मेरी समझ में नहीं आ रहा था। ना ही मेरे मौजूदा केस से हत्या की उन वारदातों का कोई लेना देना दिखाई देता था। मगर इस बात में कोई शक नहीं था कि मैं हत्यारे के जाल में लगातार उलझता जा रहा था। वह लाशें बिछा रहा था और मैं बरामद कर रहा था। कातिल मुझसे बस एक कदम ही आगे आगे चल रहा था, बावजूद इसके मैं उसके किरदार से अंजान था, कोई हिंट तक नहीं था कि वह कौन था। फिर अचानक ही दिमाग की बत्ती जल उठी, मगर अफसोस इस बात का था कि तब तक मैं खुद भी हत्यारे की गोली का शिकार हो चुका था।
Bodh ke Vividh Rang: बोध के विविध रंग
by Kusumlata Malikकुसुमलता मलिकजी ने अपने जीवन के लंबे रंगानुभव को 'बोध के विविध रंग' के रूप में पाठकों के हाथों में सौंपा है। नाटक अपने समय और समाज का होता है। समय की तीव्र गति समाज के ठहराव में हलचल पैदा करती है। इस हलचल से जो संबंध बनते-बिगड़ते हैं, नाटक में ही नहीं वरन् साहित्य की प्रत्येक विधा में उन्हीं की छवि प्रतिभासित होती है। आभास और प्रत्याभास से संयुक्त अहसास को प्रस्तुत पुस्तक में रखने की कोशिश की है। जिस तरह नाटक में साहित्य की समस्त विधाएँ अपना रूपाकार खोकर नाटक से एकात्म अर्थात् एकाकार हो जाती हैं, ठीक वैसे ही पाठकों को कृति सौंपकर कृतिकार भी स्वयं को खो देता है। खोने के इस आनंद का अनुभव समय-समय पर आगत पाठकों की प्रतिक्रियाओं से होता है।
Bolti Dibiya
by Divik Ramesh Dipak Kumar Dasबोलती डिबिया वरिष्ठ बाल साहित्यकार की अनूठी शैली में लिखी एक अद्भुत पुस्तक है।The story book “Bolti Dibiya” is a wonderful child literature which is written in unique style..
BSHF 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram (Khand 1 Manav Samaj Evan Isaka Vikas) IGNOU: BSHF 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हमको समाज की संकल्पना से अवगत कराएंगे। समाज विज्ञानों में समाज तथा उसके अतीत, वर्तमान और भविष्य का अध्ययन किया गया है। मानव तथा आधुनिक समाज के उदय से संबंधित इकाइयाँ हैं। अंतिम इकाई में समकालीन समाज की धारणा विशेषतः उत्तर औधोगिक समाज की अवधारणा का परिचय दिया गया है। ये इकाइयाँ इस बात की जाँच करती हैं कि कैसे समाज में परिवर्तन घटित होता है और समय-समय पर उसमें परिवर्तन होता है समाज की इस परिवर्तन की प्रकृति के बारे में भी कुछ विचार व्यक्त किए गए हैं।
BSHF 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram (Khand 3 Samajik Vyavastha) IGNOU: BSHF 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: सामाजिक व्यवस्था) इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 3: सामाजिक व्यवस्था) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इन इकाइयों में विषय क्षेत्र का व्यापक आधार सम्मिलित किया गया है और बहुत सी आधारभूत अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है। इस प्रकार सामाजिक संरचना संबंधी इकाई में एक ओर भूमिका और प्रस्थिति की महत्वपूर्ण अवधारणाओं का तो दूसरी ओर श्रम के स्तरीकरण का तथा विभाजन का विवेचन किया है। यह खंड अध्ययन के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसमें अध्ययन की बुनियादी अवधारणाओं और क्षेत्रों का विवेचन सामान्य रूप में स्नातक उपाधि कार्यक्रम (Bachelor's Degree Programme; BDP) और विशेष रूप से समाज विज्ञान (Sociology) में स्नातक कार्यक्रम के लिए किया गया है।
BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 4 Rajanitik Aur Prashasanik Pranali - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली -इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में भारतीय राजनीति और सार्वजनिक प्रशासन व कार्यनीतियों की प्रकृति और संरचना के बारे में चर्चा की गई है। इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं, भारत में लोकतंत्र की प्रकृति, प्रशासनिक संरचना और प्रक्रियाओं तथा शासन के मुद्दों व कार्यनीतियों का वर्णन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और प्रशासनिक संस्थाओं की मूल कार्यप्रणाली की जाँच करना है।
BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 6 Kalaen Aur Saundaryashastra - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 6: आर्थिक विकास - इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 6: कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र किसी भी समाज की सभ्यता सम्बन्धी प्रक्रिया के आधार हैं। उनमें हमें मानवीय कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता की उच्चतम अभिव्यक्ति मिलती है। इस खंड में चार आधारभूत पहलुओं पर चर्चा की गई है अर्थात् (i) साहित्य, (ii) ललित कलाएँ, (iii) नृत्य व संगीत, और (iv) चलचित्र व रंगमंच। हमने इन इकाइयों में कला के उन विभिन्न रूपों की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो इन अभिव्यक्तियों में विकसित हुए हैं।
BSHF - 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 7 Samsamayik Mudde Aur Chunautiyaan - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ - इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की पाँच इकाइयाँ हैं, इन खण्ड में कुछ "समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ" पर विचार किया गया है। खण्ड में मानव सुरक्षा, शिक्षा और जागरूकता, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, शान्ति और संघर्ष तथा पर्यावरण से सम्बद्ध समाज विज्ञान में उभरते हुए कुछ मुद्दों से परिचित किया है। इन इकाइयों में कुछ मुख्य प्रश्नों, चिन्ताओं, और वाद-विवादों पर चर्चा करने का प्रयास किया है।
BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 2 Manav Samaj Aur Isaka Vikas - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 2: मानव समाज और इसका विकास - इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 2: मानव समाज और इसका विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें हम औनिवेशिक भारत के स्वरूप का अध्ययन करेंगे। विश्व के अन्य क्षेत्रों में होने वाले विकास की चर्चा करने के उपरान्त हम विशेष रूप से भारत पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे और हमको उन क्षेत्रों में औपनिवेशिक विस्तार के प्रभाव का अध्ययन कराएंगे जो औपनिवेशिक थी।
BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 5 Aarthik Vikas - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 5 आर्थिक विकास - इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 5: आर्थिक विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की चार इकाइयाँ हैं, इकाई 17 में भारत की अर्थव्यवस्था की आधारभूत संरचना का विवेचन किया गया है। यह आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर से प्रारंभ होता है। इकाई 18 आर्थिक योजना के भारतीय परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है जोकि आर्थिक विकास की प्राप्ति में सहायक भूमिका निभाई है। इसमें विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के मुख्य उद्देश्यों और दबाब क्षेत्रों को स्पष्ट किया गया है। इकाई 19 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकलन किया गया है। योजना उद्देश्यों को पृष्ठभूमि में रखते हुए इस इकाई में स्वतंत्रयोत्तर अवधि के दौरान आर्थिक संवृद्धि के संदर्भ में अंतर्वैयक्तिक और अतः क्षेत्रीय असमानता में न्यूनीकरण और गरीबी उन्मूलन के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था के निष्पादन का विश्लेषण किया गया है। इकाई 20 में भारतीय अर्थव्यवस्था के भूमंडलीकरण के आधारभूत सिद्धांतों और 1990 के दशक के दौरान देखे गए आमूलचूल नीति परिवर्तनों के पीछे तर्कों का विवेचन किया गया है।
BSOC 131 Samajshastra Ka Parichay IGNOU: BSOC 131 समाजशास्त्र का परिचय इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSOC-131 समाजशास्त्र का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस पाठ्यक्रम में तीन खंड और तेरह इकाइयाँ (अध्याय) हैं। सबसे पहला "समाजशास्त्रः अनुशासन और परिप्रेक्ष्य” शीर्षक खंड समाजशास्त्र और सामाजिक मानव विज्ञान के रूप में अन्तः संबंधित अनुशासन के उद्भव को भी अवस्थित करता है लेकिन उन्हें विशिष्ट अनुशासन के रूप में भी स्थापित करता है। खंड 2 जिसका शीर्षक है "समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञान समाजशास्त्र के अन्य संबंधित विषयों के साथ समाजशास्त्र के संबंधों पर चर्चा करता है, विशेष रूप से, मानव विज्ञान, मनोविज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र औरराजनीति विज्ञान के साथ। इसकी पाँच इकाइयाँ हैं। “बुनियादी अवधारणाओं" शीर्षक के तहत खंड 3 समाजशास्त्र में प्रयुक्त कुछ मूल अवधारणाओं की व्याख्या करता है। उनमें शामिल है "संस्कृति और समाज", "सामाजिक समूह और समुदाय", "संघ और संस्थाएँ", "प्रस्थिति और भूमिका", "समाजीकरण", "संरचना और कार्य", और "सामाजिक नियंत्रण और परिवर्तन"।
BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 1 Vyavasayik Samaj Karya Ka Aavirbhav IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 1 व्यावसायिक समाज कार्य का आविर्भाव इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 1: व्यावसायिक समाज कार्य का आविर्भाव) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार इकाइयाँ हैं, यह खण्ड व्यावसायिक समाज कार्य के विषयों से अवगत कराएगा। इस खण्ड में समाज और समाज कल्याण क्षेत्रों में प्रयोग की जाने वाली अवधारणाओं की पहचान और उनका स्पष्टीकरण किया जाएगा। इसकी प्रथम दो इकाइयाँ समाज कार्य अवधारणाओं का परिचय-I और समाज कार्य अवधाणाओं का परिचय-II, सामाजिक क्षेत्र और समाज कार्य में प्रयोग होने वाली मूल अवधारणाओं को समझने में सहायक होंगी। इसकी तीसरी इकाई 'विदेशों में समाज कार्य का अविर्भाव' में आपका परिचय पश्चिम में समाज कार्य के इतिहास से कराया जाएगा। चौथी इकाई भारत में समाज कार्य परम्परा और शिक्षा के विकास से संबंधित है जिसमें भारत में समाज कार्य व्यवसाय और समाज कार्य शिक्षा के विकास को जानने का प्रयास किया गया है।
BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 2 Samaj Karya Ke Mul tatva IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 2 समाज कार्य के मूल तत्व इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 2: समाज कार्य के मूल तत्व) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस खंड में परिचय समाज कार्य व्यवसाय की दार्शनिकता, सिद्धांतों, प्रणालियों और नीतियों से कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्यःप्रकृति, क्षेत्र, उद्देश्य और कार्य में समाज में सामाजिक कार्य कर्ता का स्थान या स्थिति के संबंध में वर्णन है। दूसरी इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्य: सामान्य सिद्धांत मूल्य और उनका अनुप्रयोग' के क्षेत्रों को और अधिक विस्तार से बताया है। तीसरी इकाई 'पंचवर्षीय योजनाओं में समाज सेवा और समाज कल्याण कार्यक्रम' का वर्णन किया है। चौथी इकाई 'भारत में स्वैच्छिक क्रिया और समाज कार्य में लोगों के जीवन स्तर के सुधार कार्यों में गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों का वर्णन किया गया है। पाँचवी इकाई 'भारतीय संदर्भ में समाज कार्य नैतिक संहिता के बारे में बताया है।
BSWE 001 Samaj Karya Parichay Khand 2 Samaj Karya Ke Mul tatva IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय खंड 2 मानव वृद्धि और विकास इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 2: समाज कार्य के मूल तत्व) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस खंड में परिचय समाज कार्य व्यवसाय की दार्शनिकता, सिद्धांतों, प्रणालियों और नीतियों से कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्यःप्रकृति, क्षेत्र, उद्देश्य और कार्य में समाज में सामाजिक कार्य कर्ता का स्थान या स्थिति के संबंध में वर्णन है। दूसरी इकाई 'व्यावसायिक समाज कार्य: सामान्य सिद्धांत मूल्य और उनका अनुप्रयोग' के क्षेत्रों को और अधिक विस्तार से बताया है। तीसरी इकाई 'पंचवर्षीय योजनाओं में समाज सेवा और समाज कल्याण कार्यक्रम' का वर्णन किया है। चौथी इकाई 'भारत में स्वैच्छिक क्रिया और समाज कार्य में लोगों के जीवन स्तर के सुधार कार्यों में गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों का वर्णन किया गया है। पाँचवी इकाई 'भारतीय संदर्भ में समाज कार्य नैतिक संहिता के बारे में बताया है।
BSWE 001 Samaj Karya Parichay - Khand 3 Samaj ka Parichay - IGNOU: BSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE 001 समाज कार्य परिचय - खंड 3 समाज का परिचय – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इस पाठ्यक्रम में समाज का परिचय दिया गया है। इस खंड में समाज शास्त्र की मूल अवधारणाओं के संबंध में बताया गया है। इस ज्ञान का अनुप्रयोग समाज कार्य प्रणालियों के माध्यम से किया गया है। समाज कार्य के द्वारा इन विषयों से उधार लिया गया ज्ञान रचनात्मक कार्यों में उपयोग किया गया है। पहली इकाई में मूल सामाजिक अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें समाज कार्य व्यवहार में लगातार प्रयोग होने वाली सामाजिक शब्दावली की जानकारी के साथ विषय के संबंध में विस्तार से बताया गया है। दूसरी इकाई में समाज का मूल्यांकनः प्रकृति और विशेषताओं की चर्चा है। तीसरी इकाई में सामाजिक प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। चौथी इकाई में 'सामाजिक परिवर्तन' सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक परिवर्तन में शामिल कारकों का उल्लेख किया गया पाँचवी इकाई सामाजिक नियंत्रण पर है, जो कि सामाजिक नियन्त्रण की अवधारणा से संबद्ध है।
BSWE-001 Samaj Karya Parichay - Khand 4 - Samajik Vyavastha Aur Samajik Upavyavsthaen – IGNOU: BSWE-001 समाज कार्य परिचय - खंड 4 - सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ – इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 4: सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में चार परस्पर संबद्ध इकाइयाँ हैं, इस खंड में “सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक उपव्यवस्थाएँ में आप समाज के कुछ महत्वपूर्ण घटकों परिवार, वर्ग, जाति, संस्कृति एवं राज्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। ये व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करने में विशेष महत्वपूर्ण हैं। ये व्यक्ति के सामाजिक नियत कर्तव्य तथा उस ढाँचे की, जिसके अन्तर्गत स्त्री या पुरुष अपने निर्णय लेते हैं, और सामाजिक स्थिति से संबंधित अपने विशेषाधिकार तथा कर्तव्यों का मूल्यांकन भी करते हैं। व्यक्तिगत और सामूहिक समस्याओं की जड़ें इन्हीं संस्थाओं की कार्य प्रणाली में निहित हैं।
BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 5 Manav Vruddhi Aur Vikas - IGNOU: BSWE - 001 समाज कार्य परिचय - खंड 5 मानव वृद्धि और विकास -इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE-001 समाज कार्य परिचय (खंड 5: मानव वृद्धि और विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में पाँच इकाइयाँ हैं, इसमें व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है। पहली इकाई का विषय व्यक्तित्व विकास है, इसमें आपको व्यक्तित्व विकास की अवधारणाओं और सिद्धान्तों का परिचय दिया है। दूसरी इकाई "व्यक्तित्व निर्धारण : आनुवंशिकता और पर्यावरण की भूमिका" से संबंधित है। तीसरी इकाई "मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएँ" में मृत्यु की सकल्पना से लेकर व्यक्ति की भौतिकीय मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों की चर्चा की है। चौथी इकाई 'व्यक्तित्व के सिद्धांत" पर आधारित है। इसमें व्यक्तित्व के सिद्धांतों को स्पष्ट किया गया है जिसमें प्रख्यात मनोवैज्ञानिकों और अन्य विद्वानों के सिद्धांतों का अध्ययन किया है। पाँचवीं और अंतिम इकाई "मनोलैंगिक विकासः फ्रायड की अवधारणा" में व्यक्तित्व विकास की आपसी समझ के साथ फ्रायड के सहयोग का विश्लेषण किया है।
BSWE- 001 Samaj Karya Parichay - Khand 6 Samaj Karyakarta Ke liye Manovigyan Ke Multatva – IGNOU: BSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू
by Indira VishvavidyalayaBSWE- 001 समाज कार्य परिचय - खंड 6 समाज कार्यकर्ता के लिए मनोविज्ञान के मूलतत्व – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खण्ड में मनोविज्ञान की अवधारणा और समाज कार्य व्यवहार में उनका प्रयोग के संबंध में परिचय कराया जाएगा। इसकी पहली इकाई 'समाज कार्य व्यवहार में मनोनिज्ञान की प्रासंगिकता' है, जिसमें समाज कार्य व्यवहार में मनोविज्ञान का महत्व और मनोविज्ञान की विभिन्न शाखाओं का वर्णन किया है। दूसरी इकाई ‘मानव व्यवहार की मूल मनोवैज्ञानिक अवधारणाएँ हमको महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर सूचना उपलब्ध कराती है। तीसरी इकाई 'प्रतिरक्षा तन्त्र' नाम से है जो मानव व्यवहार में इसके प्रयोग को स्पष्ट करती है और प्रतिरक्षा तन्त्र के परिणामों से अवगत कराती है। चौथी इकाई ‘सामान्यता और असामान्यता' से संबंधित है जो मानव जीवन में असामान्य व्यवहार इसके लक्षण और निदान को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसकी पाँचवी और अंतिम इकाई 'सामाजिक मनोविज्ञान की मूलभूत अवधारणाएँ' है, जिसमें सामाजिक समूहों में व्यक्तिगत व्यवहार के संबंध में चर्चा की है।
Buland Awaaz: बुलंद आवाज
by Nand Kishore Yadavबुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"
Canvaas Par Bikhre Yadon Ke Rang: कैनवास पर बिखरे यादों के रंग
by Abhidha Sharmaउपन्यास में नयी पीढ़ी के प्रेम की परिभाषा है और परिवार का यथार्थ है। नयी पीढ़ी ने जीविका के पारंपरिक अर्थगर्भ से असंतोष व्यत्तफ़ किया, तो उसमें भी सभ्यता के अधैर्य का व्यापक आधार है। संस्कृति की पूंजी और परंपरामोह ने नई पीढ़ी के आत्मप्रवाह के अर्थ में विकास दंभ की रूपरेखा भी खींची, तो अपनी संपूर्ण विज्ञान सहमति के साथ अभिधा के उपन्यास में बड़े घरों की नई पीढ़ी की जीविका की तलाश है और प्रेम यहाँ धैर्य का प्रतीक बनकर उपस्थित हुआ है।
CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 1 Sthapana Ke Liye Takneek – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 1 स्थापना के लिए तकनीक - इग्नू
by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalayaसामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेशियों में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह पहला खंड "स्थापना के लिए टेक्नोलॉजी" शीर्षक वाला खंड है। सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचे तथा तकनीकी जरूरतों को के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।