- Table View
- List View
Majhi Janmathep FYBA First Semester - RTMNU: माझी जन्मठेप बी.ए. प्रथम सेमिस्टर - राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपूर विद्यापीठ
by Vinayak Damodar Savarkarमाझी जन्मठेप हे आत्मचरित्र स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर यांनी अंदमानात काळ्यापाण्याची शिक्षा भोगत असताना आलेल्या अनुभवांवर लिहिलेले आत्मचरित्रपर पुस्तक आहे. तसेच या आत्मचरित्र्याचे प्रकाशन लाखे प्रकाशन यांनी केले आहे. भारतीय स्वातंत्र्यलढ्यातील योद्धे वीर सावरकर यांना दोन जन्मठेपेची म्हणजे पन्नास वर्षांची शिक्षा झाल्यावर त्यांची रवानगी अंदमानला केली गेली. तेथले त्यांचे जीवन म्हणजे मृत्यूशी झुंज होती पण त्या झुंजीत मृत्यूचा पराभव झाला आणि सावकरांचा जय झाला. सावरकरांच्या वीर रसाने ओथंबलेल्या चरित्रामध्ये अनेक रोमहर्षक पर्वे आहेत. त्यापैकी अंदमान पर्व हे अत्यंत रौद्र आणि भयानक पर्व आहे. त्याची रोमांचकारी कथा 'माझी जन्मठेप' या आत्मकथेत सावरकरांनी सांगितली आहे.
Maine Gandhi Ko Kyon Mara?: मैंने गांधी को क्यों मारा?
by Nathuram Godseव्यक्तिगत स्तर पर मेरे और गांधीजी के बीच कोई शत्रुता नहीं थी। वे लोग, जो पाकिस्तान-निर्माण में गांधीजी का अच्छा मकसद होने की बात कहते हैं, मुझे उनसे केवल इतना कहना है कि मैंने गांधी के विरुद्ध, जो इतना बड़ा कदम उठाया, उसमें मेरे हृदय में राष्ट्रहित का शुद्ध हेतु था। वे ऐसे व्यक्ति थे, जो बहुत सी भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जिनकी परिणति पाकिस्तान निर्मिति में हुई। गांधीजी के विरुद्ध की गई अपनी काररवाई के बाद मैं भविष्य में आने वाले अपने परिणाम को देख सकता था, उन परिणामों की उम्मीद कर सकता था और मुझे एहसास था कि जिस क्षण लोगों को गांधी को मेरे द्वारा गोली मारने की घटना का पता चलेगा, उन सभी का मेरे प्रति दृष्टिकोण बदल जाएगा, फिर चाहे परिस्थितियाँ कोई भी हों। समाज में लोगों का मेरे प्रति जो सम्मान, रुतबा और सहानुभूति है, वह समाह्रश्वत हो जाएगी, नष्ट हो जाएगी और बचा हुआ मान भी कुचल दिया जाएगा। मुझे पूरा एहसास था कि समाज में मुझे सबसे नीच और घृणित व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा। अपने समय के सबसे बड़े नेता गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायालय में बहुत विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने क्रमवार वे कारण बताए, जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी घटना की परिणति करने के लिए बाध्य किया। ये कारण तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाते हैं कि कैसे एक अल्पसंख्यक वर्ग विशेष के दबाव में निर्णय लिये जा रहे थे, जो अंतत: बहुसंख्यकों के उत्पीडऩ और अस्तित्व का कारण बन जाते। इन्हीं से क्षुब्ध होकर नाथूराम गोडसे ने विश्व के सबसे चर्चित कांड को अंजाम दिया। प्रस्तुत पुस्तक गांधी-हत्याकांड में नाथूराम गोडसे का पक्ष प्रबलता से रखती है।
Main Samay Hoon: मैं समय हूँ
by Deep Trivedi‘मैं समय हूँ’ यह पुस्तक बेस्टसेलर्स ‘मैं मन हूँ’, ‘मैं कृष्ण हूँ’ और ‘101 सदाबहार कहानियां’ के लेखक तथा स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर दीप त्रिवेदी ने लिखी है। मनुष्यजीवन को गहराई से समझने और समझाने वाले दीप त्रिवेदी ने विश्व की अंतिम और निर्णायक सत्ता समय के रहस्यों का अपनी किताब ‘मैं समय हूँ’ में रहस्योद्घाटन किया है। इस किताब में दीप त्रिवेदी ने घड़ी की सूइयों से परे समय के कई स्वरूपों का खुलासा किया है। यही नहीं, उन्होंने न सिर्फ इन सभी स्वरूपों की विस्तार से चर्चा की है, बल्कि उनके प्रभावों को भी समझाया है। इस किताब की सबसे विशेष बात यह कि लेखक ने इसमें इतनी सरल भाषा का उपयोग किया है जिससे कि एक सामान्य मनुष्य भी समय जैसी महासत्ता की पूरी कार्यप्रणाली आसानी से समझ सके। इस किताब में यह स्पष्ट होता है कि एक समय ही है जिस कारण न सिर्फ मनुष्य बल्कि यह पूरा ब्रह्मांड भी चलायमान है तथा मनुष्य के जीवन में घटने वाली तमाम ऊंच-नीच भी समय के ही अधीन है। अतः चाहे मनुष्यजीवन सरल बनाना हो या फिर ब्रह्मांड के गहरे रहस्य समझने हों, समय के गहरे स्वरूपों को समझे बिना इनमें से कुछ भी शक्य नहीं है। इसीलिए इस बात पर विशेष ध्यान देते हुए लेखक ने मनुष्यों को उनका बिगड़ा समय संवारने के कई सरल उपाय भी दिये हैं। यह बात तय है कि जो भी समय की ताल-से-ताल मिला लेगा, एक सुखी और सफल जीवन गुजारना उसका भाग्य हो जाएगा।
Main Mrityu Sikhata Hun: मैं मृत्यु सिखाता हूं
by Oshoओशो कहते हैं – ‘मैं मृत्यु सिखाता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं जीवन का विरोधी हूं।’ उनके लिए जीवन और मृत्यु के भय से त्रस्त लोगों ने भाग-भागकर जीवन के पलड़े में घुसना और उसी में सवार हो जाना अपना लक्ष्य बना लिया। नतीजा यह हुआ कि जीवन का पल फिर निसर्ग को उस संतुलन को ठीक करने के लिए आगे आना होता है इससे आपको मृत्यु और अधिक भयकारी लगने लगती है। मृत्यु रहस्यमय हो जाती है। मृत्यु के इसी रहस्य को यदि मनुष्य समझ ले तो जीवन सफल हो जाए। जीवन के मोह से चिपटना कम हो जाए तो अपराध कम हों। मृत्यु से बचने के लिए मनुष्य ने क्या-क्या अपराध किए है। इसे अगर जान लिया जाए तो जीवन और मृत्यु का पलड़ा बराबर लगने लगे। इसलिए जब ओशो कहते हैं कि ‘मैं मृत्यु सिखाता हूं’ तो लगता है जीवन का सच्चा दर्शन तो इस व्यक्ति ने पकड़ रखा है, उसी के नजदीक, उसी के विचारों के करीब आपको यह पुस्तक ले जाती है। जीवन को सहज, आनंद, मुक्ति और स्वच्छंदता के साथ जीना है तो इसके लिए आपको मृत्यु को जानकर उसके रहस्य को समझकर ही चलना होगा। मृत्यु को जानना ही जीवन का मर्म पाना है। मृत्यु के घर से होकर ही आप सदैव जीवित रहते हैं। उसका आलिंगन जीवन का चरम लक्ष्य बना लेने पर मृत्यु हार जाती है। इसी दृष्टि हार जाती है। इसी दृष्टि से ओशो की यह पुस्तक अर्थवान है।
Main Maseeha Nahin: मैं मसीहा नहीं
by Sonu Sood Meena K. Iyerकभी-कभार ब्रह्मांड का कोई छोटा सा संकेत इंसान को उसके जीवन का उद्देश्य ढूँढ़ने में मदद कर देता है। अगर अभिनेता सोनू सूद एक मशहूर हस्ती के रूप में अपने शानो-शौकत से भरे जीवन को तवज्जो देते रहते और सिर्फ रिमोट कंट्रोल से अपनी उदारता दर्शाते, तो वह कभी भी भारत के प्रवासी मजदूरों के दर्द से रूबरू नहीं होते या कभी यह नहीं समझ पाते कि भोजन का महज़ एक पैकेट कभी भी किसी मजदूर को घर भेजे जाने के इंतज़ाम का विकल्प नहीं हो सकता। कोविड-19 महामारी के समय राष्ट्रव्यापी लॉकडॉन के दौरान जब गरीब मजदूरों के झुंड का झुंड अपने सुदूर गाँवों की तरफ रवाना हुआ, तो उनके माता-पिता का सिखाया हुआ सेवा का संस्कार सोनू सूद के अंदर जाग उठा और वे तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने सामने आकर मोर्चा संभाला और दुखी-पीड़ित लोगों के पास पहुँचे। उन्होंने समर्पित लोगों की टीम बनाई और देश और विदेश से भी लोगों को उनके घर लौटाने का इंतज़ाम किया। ऐसा करके उन्होंने हज़ारों असहाय और ज़रूरतमंद श्रमिकों की मदद की। इस तरह एक मानवतावादी मिशन के तौर पर उनका घर “भेजो अभियान” शुरू हुआ। इसके लिए उन्होंने चार्टर्ड फ्लाइट, बसों और ट्रेनों को सेनिटाइज़ करवाया और उसका ख़र्च वहन किया। दुनिया भर के लोगों से आ रही दुख भरी फोन कॉल्स को सुनने और जवाब देने का उन्होंने इंतज़ाम करवाया। जल्द ही वह अभियान नौकरी दिलवाने, चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने और श्रमिकों को शैक्षणिक सहायता मुहैया करवाने में तब्दील हो गया। फिल्मी पर्दे का वह खलनायक वास्तविक जीवन में लोगों के सामने एक कद्दावर नायक की तरह प्रकट हुआ। अपने संस्मरण मैं मसीहा नहीं (आई एम नो मसीहा का हिंदी अनुवाद) में सोनू सूद मोगा से मुंबई तक की अपनी असाधारण यात्रा अनुभवों को वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका मीना के. अय्यर के शानदार लेखकीय कौशल के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। यह ईमानदार, प्रेरक और दिल को छूने वाली कहानी सोनू सूद की है और उन लोगों की है जिनके जीवन को वह लगातार परिवर्तित करने के अभियान में जुटे हुए हैं।
Maila Aanchal: मैला आँचल
by Phanishwar Nath Renuयह है मैला आँचल, एक आंचलिक उपन्यास। कथानक है पूर्णिया। पूर्णिया बिहार राज्य का एक जिला है; इसके एक ओर है नेपाल, दूसरी ओर पाकिस्तान और पश्चिम बंगाल। विभिन्न सीमा-रेखाओं से इसकी बनावट मुकम्मल हो जाती है, जब हम दक्खिन में सन्थाल परगना और पच्छिम में मिथिला की सीमा रेखाएँ खींच देते हैं। मैंने इसके एक हिस्से के एक ही गाँव को- पिछड़े गाँवों का प्रतीक मानकर इस उपन्यास-कथा का क्षेत्रा बनाया है। इसमें फूल भी हैं शूल भी, धूल भी है, गुलाब भी, कीचड़ भी है, चन्दन भी, सुन्दरता भी है, कुरूपता भी - मैं किसी से दामन बचाकर निकल नहीं पाया। कथा की सारी अच्छाइयों और बुराइयों के साथ साहित्य की दहलीज पर आ खड़ा हुआ हूँ; पता नहीं अच्छा किया या बुरा। जो भी हो, अपनी निष्ठा में कमी महसूस नहीं करता।
Mai to Billi Hoon!
by RinchinThis book is about a girl Tinti who wants to be a cat and all times says that she is a cat. प्रस्तुत पुस्तक में एक लड़की टिंटी के बारे में बताया गया है जो बिल्ली बनना चाहती है और हर समय यही कहती है कि वह बिल्ली है।
Mai Kaun Hu: मैं कौन हूँ?
by Dada Bhagwanकेवल जीवन जी लेना ही जीवन नहीं है। जीवन जीने का कोई ध्येय, कोई लक्ष्य भी तो होगा। जीवन में कोई ऊँचा लक्ष्य प्राप्त करने का ध्येय होना चाहिए। जीवन का असली लक्ष्य ‘मैं कौन हूँ’, इस सवाल का जवाब प्राप्त करना है। पिछले अनंत जन्मों का यह अनुत्तरित प्रश्न है। ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादाश्री ने मूल प्रश्न “मैं कौन हूँ?” का सहजता से हल बता दिया है। मैं कौन हूँ? मैं कौन नहीं हूँ? खुद कौन है? मेरा क्या है? मेरा क्या नहीं है? बंधन क्या है? मोक्ष क्या है? क्या इस जगत् में भगवान हैं? इस जगत् का ‘कर्ता’ कौन है? भगवान ‘कर्ता’ हैं या नहीं? भगवन का सच्चा स्वरूप क्या है? ‘कर्ता’ का सच्चा स्वरूप क्या है? जगत् कौन चलाता है? माया का स्वरूप क्या है? जो हम देखते और जानते हैं, वह भ्रांति है या सत्य है? क्या व्यावहारिक ज्ञान आपको मुक्त कर सकता है? इस संकलन में दादाश्री ने इन सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए हैं।
Mai Dilli Hu
by Ramavtar TyagiThe history of Delhi is presented in the form of poetry. The book tries to put both the story and poem together. The history of Delhi has been put in the chronological way.
Mai Bhee...
by V. Suteyevइस पुस्तक में एक चित्रकथा है जिसमें एक चूजा और एक बत्तख के बच्चे की कहानी है। चूजा बत्तख की तरह बनने की कोशिश करता है। लेखक ने इस कथा को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। In this book is a comic story in which a chick and a child duck. chick tries to be like child Duck. The author presented this story through images.
Mai Aur Mera Vyaakaran Uttar Pustika - 8
by New Saraswati House India Pvt. Ltd.हिन्दी व्याकरण उत्तर-पुस्तिका
Mai Aur Mera Vyaakaran Uttar Pustika - 7
by New Saraswati House India Pvt. Ltd.हिन्दी व्याकरण उत्तर-पुस्तिका
Mahanta Ka Margdarshak: महानता का मार्गदर्शक
by Robin Sharmaमहानता का मार्गदर्शक एक बहुत शक्तिशाली और बहुत ही व्यावहारिक पुस्तक है, जो आपको अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में विश्व स्तर तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती है। यह ग्रह पर शीर्ष सफल गुरुओं में से एक रॉबिन शर्मा द्वारा लिखी गई द गाइड टू ग्रेटनेस की एक सिद्ध प्रति है और जिनके विचारों को सेलिब्रिटी सीईओ, प्रमुख उद्यमियों, रॉक स्टार और रॉयल्टी के साथ-साथ कई फॉर्च्यून 500 कंपनियों द्वारा सराहा गया है। इससे आपको अपनी उच्चतम क्षमता तक पहुँचने और असाधारण बनने में मदद मिलेगी।
Mahanayak: महानायक
by Vishwas Patilयह उपन्यास एक 'महान कलाकृति' है मात्र इतना कह देने से इसका उचित मूल्यांकन नहीं होता! मै निःसंदेह रूप से कहना चाहता हूँ कि इस शताब्दी की यह सर्वश्रेष्ठ है - वसंत कानेटकर सुभाषचंद्र बोस के जीवन और कर्म पर केन्द्रित 'महानायक' एक श्रेष्ठ भारतीय उपन्यास है! इसमें विश्वास पाटिल ने भारत के एक ऐसे श्रेष्ठ व्यक्तित्व को नायक के रूप में चुना है जो किसी भी महाकाव्य का महानायक बन सकता है सुभाषचन्द्र बाबु उन महामनवों में से एक थे जिन्हें तीव्र बुद्धि, भावनाओं ऊर्जा, प्रखर चिंतनक्षमता जन्म से प्राप्त थी और अपनी पराधीन भारतमाता को स्वतंत्र करने के भव्य स्वप्न से जिनके व्यक्तित्व का अणु-अणु उत्तेजित रहता था! उन्होंने पश्चिमी ज्ञान और विधा को आत्मसात किया था, साथ ही भारत की उर्जस्वनी अध्यात्मिक परम्परा जो रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद से छनकर आयी थी, उनके व्यक्तित्व एवं क्रतित्व का मूल स्त्रोत थी! सुभाष का ऐसा व्यक्तित्व था जिसकी जबरदस्त कशिश ने हिटलर से लेकर जापान के प्रधानमंत्री तोजो तक को प्रभावित किया था और जिसके भय ने चर्चिल जैसे नेताओं की नींद हराम कर दी थी!
Mahadevi Rachna Sanchayan
by Vishwanath Prasad TiwariMahadevi Rachna Sanchayan is the collection of the stories and poems taken from Verma's personal and social life. It describes the pathetic condition of the neglected, depressed and humiliated society.
Mahabharat Ka Rahasya: महाभारत का रहस्य
by Christopher C. Doyle224 ईसापूर्व महान सम्राट अशोक को एक प्राचीन और भयावह रहस्य का पता चलता है - एक ऐसा रहस्य जो महाभारत की गहराईयों मैं समाया था; ऐसा रहस्य जो दुनिया को नष्ट कर सकता है; ऐसा जो 2300 वर्षों से छुपा हुआ था| वर्तमान काल - एक सेवानिवृत परमाणु वैज्ञानिक की हत्या हो जाती है| वः कुछ सुरागों से भरे ईमेल सन्देश अपने भतीजे के लिए छोड़ जाता है| वह और उसके दोस्त गूढ़ संकेतों के सहारे सुरागों का और 2000 साल पुराने खण्डरों का पीछा करते है| ज़बरदस्त विनाशकारी ताकतें उनके पीछे लगी हुई हैं और वे अतीत के रहस्यों तथा वर्त्तमान की कुटिल चालों के बीच फँसे हुए हैं| ऐसे में, इसके पहले कि दुनिया अवर्णनीय आतंक की शिकार हो, क्या वे उस रहस्य को सुलझा पाएंगे| व्यंग्य और गंभीर संवेदना के संतुलन को साधने की अपनी चिर-परिचित शैली में नीलोत्पल मृणाल ने इस उपन्यास को लिखते हुए हिंदी साहित्य की चलती आ रही सामाजिक सरोकार वाली लेखन को थोड़ा और आगे बढ़ाया है।.
Mahabharat
by Gunvant Shahमहाभारत एक विशाल ग्रंथ है तथा इसमें मानवजीवन का सर्वोत्तम इतिहास उपलब्ध है| व्यास ने इसमें मानवस्वभाव के वैविध्यपूर्ण प्रकारों के विषय में अपना दर्शन प्रस्तुत किया है| यह जीवन का इतिहास है, अमर इतिहास है| महाभारत के रूप में यह एक बहुत विशाल विश्वकोश है, जिसकी रचना का श्रेय हमारे देश को है तथा इसमें मुख्य कथा के आधार पर बीच-बीच में अनेक स्थलों पर भूगोल, इतिहास, राजनीति इत्यादि विषयक कई बातों को गूँथ लिया गया है| ज्ञान की विविधता के साथ-साथ व्यापकता में महाभारत बेजोड़ है| जीवन की ऐसी कोई शाखा नहीं बची होगी, जिस पर महाभारत में प्रकाश न डाला गया हो| यह हमारे समाज का `एन्साइक्लोपीडिया' है, विश्वकोश है| विनोबा भावे
Madhyakalin Bharat Rajniti, Samaj Aur Sanskriti - Ranchi University, N.P.U: मध्यकालीन भारत राजनीति, समाज और संस्कृति - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Satish Chandraमध्यकालीन भारत राजनीति, समाज और संस्कृति यह पुस्तक इतिहास के काल का वर्णन प्रस्तुत करती है, प्रस्तुत पुस्तक में विस्तार से इन अंतरों का पता लगाने की कोशिश किए बगैर आठवीं सदी से सत्रहवीं सदी की समाप्ति तक भारत के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के अभ्युदय के अध्ययन का प्रयास किया गया है । इन सभी पहलुओं को एक खंड में समायोजित करना कठिन काम था । इस कार्य के पीछे ध्येय यह रहा है कि पिछले चार दशकों में इतिहासकारों द्वारा मध्यकालीन भारतीय इतिहास को एक नई दिशा देने के प्रयासों को एक जगह लाने से इसके प्रति आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी । साथ ही, मध्यकालीन भारत में राज्य की प्रकृति, लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और उस अवधि में आर्थिक विकास की प्रवृत्ति को लेकर हाल में उठे विवादों को सही परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकेगा । इस पुस्तक में यह दर्शाया गया है कि बड़े साम्राज्यों के अभ्युदय और फिर छोटे खंडों में विभाजन और एकीकरण का मतलब हमेशा आर्थिक निष्क्रियता और सांस्कृतिक ह्रास ही नहीं रहा है, भारतीय इतिहास के मध्यकाल की तुलना अकसर तुर्क और मुगल शासनकाल से की जाती है जिसका अर्थ है सामाजिक कारकों की जगह राजनीतिक कारकों को प्राथमिकता देना । यह अवधारणा इस मान्यता पर भी आधारित है कि पिछली कई सदियों के दौरान भारतीय समाज में बहुत थोड़ा बदलाव आया है । इतिहासकारों ने भारत में जनजातीय समाज के क्षेत्रीय राज्यों में तब्दील होने का मूल्यांकन किया है ।
Madhyakalin Bharat me Itihas lekhan, Dharm aur rajya ka Swaroop
by Satish ChandraIn this book, essays on medieval Indian society, culture, including articles on the state have been selected. In places blocks where history writing and culture has been discussed, they display the changes which came in historical thinking in India after Independence.
Madhuban Sabda Sampada: Hindi Dictionary
by Vikas Publishing House Pvt. Ltd.सभी शब्दों के विभिन्न अर्थ, वर्ण-विच्छेद, व्याकरणिक-कोटि, अनेकार्थक शब्द, ऊनार्थक शब्द, एकार्थक शब्द, पुनरुक्त शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, विपरीतार्थक शब्द, श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द, समानार्थक शब्द, समूहार्थक शब्द और अर्थ सहित मुहावरे व लोकोक्तियाँ
Machhuarey
by Takashi Shivshankar PillaiStory of a simple romance woven around the blind faith of the fishermen in coastal area of Kerala. Awarded by Sahitya Akademi in 1957, it presents the real picture of fishermens' lives.
Maan: माँ
by Maxim Gorkyएक बार जब हम इस विचार को स्वीकार कर लेते हैं कि कला जनता को एकजुट करने का एक साधन है, तो फिर हम गोर्की के सम्पूर्ण कृतित्व की, और ख़ास तौर पर उनके 'माँ' उपन्यास की महत्ता स्वीकार किये बिना नहीं रह सकते। 'माँ' मज़दूर वर्ग के बारे में है, मानव-सम्बन्धों को सुधारने में मज़दूर वर्ग की भूमिका के बारे में है। इसका मतलब यह है कि यह पुस्तक सिर्फ मज़दूर वर्ग के लिए ही नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की समूची जनता के लिए है।
Maalgudi ki Kahaniyan
by R. K. NarayanIndian short stories offer readers an authentic peek into the various aspects of Indian life. The ones that have been written by R.K. Narayan stand out in the large collections of Indian short tales available for reading. Malgudi Ki Kahaniyan (Hindi) is a set of stories that are based in the fictional town of Malgudi. The town of Malgudi is a South Indian village created by the author and offers a valuable peek into the quality of rural life during the pre-independence era. The characters in these stories come from different walks of life and each has a unique tale to tell.
Maa Jaya Bhai
by Gijjubhai Badhekaगिजुभाई बधेका दवारा रचित कहानी “माँ-जाया भाई” में छोटी-छोटी बाल-कथाएँ है जो समाज-सेवा के ऊँचे आदर्शो की झाँकी प्रस्तुत करती है तथा पाप-और पुण्य का भेद मिटा कर प्रेम की भावना उत्पन्न करती है। The book “Maa-Jaya Bhai” is written by “Gijubhai Badheka” . There are small stories in this book which presents a tableau of social service of high ideals and erase the sin and virtue distinctions and generates a sense of love.
Maa
by Maxim GorkiInitially published in English, this book displays the power of the common man. The book is based on some of the real incidents with Powel Blasov and his mother Nilovena. Written during the years 1905-07 this book is still popular with the readers all over the world
Louis Braille Ki Kahani
by Manimala DasThe book, gives the history of Braille. Louis Braille the inventor of braille has been featured around the globe as hope to the visually impaired and has given dignity and purpose of living. प्रस्तुत पुस्तक में ब्रेल के इतिहास के साथ-साथ उस असाधरण आविष्कारक के जीवन को भी चित्रित किया गया है जिसने विश्व भर में नेत्रहीनों को एक उम्मीद, सम्मान और जीने का मकसद दिया गया है।
Lomdi Aur Jameen
by ChakmakThe book is describe about many interesting stories . Children will be happy to reading these stories. प्रस्तुत पुस्तक में कई रोचक कहानियों का वर्णन किया गया है। इन कहानियों को पढ़कर बच्चे खुश होंगे।
Loktantrik Rajniti Class 9 - RBSE Board: लोकतांत्रिक राजनीति 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerलोकतांत्रिक राजनीति 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इस पुस्तक में कुल पाँच अध्याय है। इस किताब में अध्याय की सामग्री को सहलियत से पढाने में खंड और उप-खंड आपके लिए मददगार साबित होंगे। इससे आप अध्याय की बातों को एक-एक करके उठा सकेंगे। अमूमन हर अध्याय को चार खंडों में बाँटा गया है। एक खंड को आप तीन 'पीरियड' में पूरा कर सकते हैं। खंड के शीर्षक के साथ संख्या दी गई है। शीर्षक इस बात का इशारा है कि अध्याय के भीतर अब नई बात शुरू होने जा रही है। उप-खंडों के शीर्षक के सहारे किसी बात को बिंदुवार बताने में आपको सहूलियत होगी। मुख्य बात को ज़्यादा स्पष्ट करने वाली अतिरिक्त सूचनाओं अथवा विश्लेषण को बॉक्स में डाला गया है। 'बॉक्स' मुख्य पाठ का ज़रूरी हिस्सा है और इसे भी पढ़ना है।
Loktantrik Rajniti Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: लोकतांत्रिक राजनीति भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by NcertThis book is prescribed for the student of class 10. This book is about the Indian Constitution and Polity.
Loktantrik Rajniti Bhag-1 class 9 - NCERT - 23: लोकतांत्रिक राजनीति भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलोकतांत्रिक राजनीति-1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच अध्याय है। इस किताब में अध्याय की सामग्री को सहलियत से पढाने में खंड और उप-खंड आपके लिए मददगार साबित होंगे। इससे आप अध्याय की बातों को एक-एक करके उठा सकेंगे। अमूमन हर अध्याय को चार खंडों में बाँटा गया है। एक खंड को आप तीन 'पीरियड' में पूरा कर सकते हैं। खंड के शीर्षक के साथ संख्या दी गई है। शीर्षक इस बात का इशारा है कि अध्याय के भीतर अब नई बात शुरू होने जा रही है। उप-खंडों के शीर्षक के सहारे किसी बात को बिंदुवार बताने में आपको सहूलियत होगी। मुख्य बात को ज़्यादा स्पष्ट करने वाली अतिरिक्त सूचनाओं अथवा विश्लेषण को बॉक्स में डाला गया है। 'बॉक्स' मुख्य पाठ का ज़रूरी हिस्सा है और इसे भी पढ़ना है।
Loktantrik Rajniti 2 Class 10 - NCERT: लोकतांत्रिक राजनीति 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलोकतांत्रिक राजनीति भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल आठ अध्याय है। इस किताब के आरंभिक छह अध्यायों की विषयवस्तु इसी पर केंद्रित है। अध्याय-1 और अध्याय-2 आपस में जुड़े हुए हैं। इनमें सत्ता की साझेदारी की धारणा का परिचय दिया गया है और इस बात का विस्तार करते हुए उसे सरकार के विभिन्न स्तरों पर होने वाली सत्ता की साझेदारी के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। इसी तरह अध्याय-3 और अध्याय-4 आपस में संबद्ध हैं। इनमें विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच सत्ता की साझेदारी और एक-दूसरे की समाई के बारे में लिखा गया है। अगले दो अध्याय भी एक इकाई की तरह हैं। ये अध्याय बताते हैं कि विभिन्न राजनीतिक संगठन और आंदोलन किस तरह लोकतंत्र के लिए जरूरी हैं। सातवें अध्याय में लोकतंत्र के परिणामों का जिक्र है। इस अध्याय में चर्चा इस बात की चलाई गई है कि लोकतंत्र ने क्या-क्या हासिल किया है और क्या कुछ हासिल करना अभी बाकी है। सातवें अध्याय की चर्चा हमें आठवें अध्याय की ओर ले जाती है। इसमें आज के दौर में लोकतंत्र के सामने मौजूद चुनौतियों और इन चुनौतियों से निपटने के तरीकों का जिक्र किया गया एक-एक करके जैसे-जैसे हम विभिन्न अध्यायों के पड़ाव से गुजरते जाते हैं- लोकतंत्र का अर्थ विस्तृत होता जाता है।
Loktantrik Rajniti 1 class 9 - NCERT: लोकतांत्रिक राजनीति 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलोकतांत्रिक राजनीति 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल पाँच अध्याय है। इस किताब में अध्याय की सामग्री को सहलियत से पढाने में खंड और उप-खंड आपके लिए मददगार साबित होंगे। इससे आप अध्याय की बातों को एक-एक करके उठा सकेंगे। अमूमन हर अध्याय को चार खंडों में बाँटा गया है। एक खंड को आप तीन 'पीरियड' में पूरा कर सकते हैं। खंड के शीर्षक के साथ संख्या दी गई है। शीर्षक इस बात का इशारा है कि अध्याय के भीतर अब नई बात शुरू होने जा रही है। उप-खंडों के शीर्षक के सहारे किसी बात को बिंदुवार बताने में आपको सहूलियत होगी। मुख्य बात को ज़्यादा स्पष्ट करने वाली अतिरिक्त सूचनाओं अथवा विश्लेषण को बॉक्स में डाला गया है। 'बॉक्स' मुख्य पाठ का ज़रूरी हिस्सा है और इसे भी पढ़ना है।
Loktantrik Rajneeti -2
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 10th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Loktantrik Rajneeti
by National Council Of Educational Research TrainingThis book prescribed by central board of secondary education, India for the students of class 9th subject Social Science, studying through hindi medium. This accessible version of the book doesn’t leave any part of the book. The book is handy companion of the school and university students desiring to read facts in interesting way. NCERT books are must read for aspirants of competitive and job related examinations in India.
Lokmanya
by Rambalak ShastriAs per the name of it, the book describes the life of Lokmany bal Gangadhar Tilak. The play describes some interesting stories of Lokmanya's life. Readers are bound to get lots of motivation after reading it.
Lok Prashasan class 12 - RBSE Board: लोक प्रशासन कक्षा 12 - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerलोक प्रशासन कक्षा 12 वीं का पुस्तक हिंदी भाषा में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर ने प्रकाशित किया गया है । इस पाठ्यपुस्तक मे उन्तीस अध्याय और उनके अभ्यास प्रश्न दिये गये है । लोक प्रशासन प्रशासन की एक अधिक व्यापक अवधारणा का ही एक पहल है। इसलिए लोक प्रशासन का अर्थ समझने से पहले यह आवश्यक है कि हम 'प्रशासन' शब्द का अर्थ समझें। अंग्रेजी शब्द 'administer' (प्रशासन करना) दो लातिन शब्दों ad और minister के मेल से निकलता है जिनका अर्थ है 'सेवा करना' या 'प्रबंधित करना' । 'प्रशासन' का शाब्दिक अर्थ है सार्वजानिक मामलों का प्रबंधन ।
Lok Prashasan class 11 - RBSE Board: लोक प्रशासन 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerलोक प्रशासन, कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिखी गई पाठ्यपुस्तक प्रस्तुत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है । पुस्तक लेखन के समय केन्द्र में प्रमुख रूप से वे विद्यार्थी थे जो प्रशासनिक दृष्टि से प्रशासनिक संरचना के बारे में अवधारणात्मक समझ को विकसित करने हेतु अध्ययन कर रहे हैं । यह सत्य है कि नीति क्रियान्वयन तथा एक सीमा तक नीति निर्माण में प्रशासनिक संरचना तथा विशेषतः प्रशासकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । प्रशासनिक संरचना, प्रशासनिक संस्थाओं को समझना आवश्यक है उनके लिए प्रशासनिक संरचनाऐं एवं संस्थाऐं जिन प्रशासनिक (सांगठनिक) सिद्धान्तों पर कार्य करती है, उसकी समझ भी अपरिहार्य है । भारत में प्रशासनिक संस्थाओं और उनके कार्यकरण का स्वरूप पारिस्थितिकीय दृष्टि से अपनी अलग पहचान भी रखता है । वर्तमान के इस परिवर्तनशील, तकनीकि युग में, जहाँ भूमण्डलीकरण, निजीकरण एवं उदारीकरण के प्रभाव ने अनेक आमूलचूल परिवर्तनों की समझ को अनिवार्य बना दिया है वहीं इन प्रभावों से लोक प्रशासन भी अधिक परिवर्तनशील एवं गत्यात्मक बना है । इसी को दृष्टिगत रखकर पुस्तक लेखन किया गया है ।
Lok Prashasan B.A. Evam M.A. - Ranchi University, N.P.U: लोक प्रशासन बी.ए. एवं एम.ए. - राँची यूनिवर्सिटी, एन.पी.यू.
by Dr Shriram Maheshwari Amareshwar Awasthiलोक प्रशासन का नवीन संस्करण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष है । यह पुस्तक अपने विषय का प्रामाणिक ग्रन्थ बन सकी है, इसने हमारे उत्तरदायित्व को और भी गम्भीर बना दिया है। नया संस्करण पूर्ण रूप से संशोधित किया गया है तथा इसमें कई नवीन अध्यायों का समावेश किया गया है। पुस्तक में अद्यतन घटनाओं व कार्यकलापों का भी वर्णन है। पुस्तक की भाषा आद्योपान्त पुनः पढ़ी गयी है तथा इसे सरल व बोधगम्य बनाने का पूर्ण प्रयत्न किया गया है। इस पुस्तक के प्रत्येक विषय को मैंने पूर्णतया संशोधित करने का प्रयास किया है तथा इसमें अद्यतन घटनाओं एवं क्रियाकलापों; यथा-लोकपाल तथा लोकायुक्त तथा सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा-2013 को समावेशित किया है। सिविल सेवाओं और यू.जी.सी.-NET जैसी उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागियों तथा परास्नातक (एम. ए) कक्षा के विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मैंने 'प्रशासन के सिद्धान्त, 'संगठन के सिद्धान्त', 'लोकपाल एवं लोकायुक्त' तथा सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा की नयी परीक्षा पद्धति-2013 पर अधिक विस्तृत, नूतन एवं सारगर्भित सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।
Logon Ko 90 Seconds Mein Kaise Prabhavit Karen: लोगों को 90 सेकेंड में प्रभावित करें
by Nicholas Boothmanचाहे आप बिक्री कर रहे हों, मोल-भाव कर रहे हों, इंटरव्यू ले रहे हों, नेटवर्क बना रहे हों या किसी टीम का नेतृत्व कर रहे हों - सफलता दूसरे लोगों को विश्वास दिलाने पर निर्भर करती है। और दूसरे लोगों को विश्वास दिलाना अर्थपूर्ण संबंध बनाने पर निर्भर करता है। तुरंत संबंध बनाने के विशेषज्ञ निकोलस बूथमैन बताते हैं कि उन साधनों का इस्तेमाल कैसे किया जाए, जो हम सभी के पास होते हैं - चेहरा, शरीर, नज़रिया और आवाज़ - ताकि आप ज़बरदस्त पहला प्रभाव छोड़ सकें, तुरंत तालमेल और विश्वास स्थापित कर सकें और लोक-व्यवहार की कला में महारत हासिल कर सकें, जिससे आप दूसरों के विचार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
Literary Vistas and Hard Times (Optional English) For B.A. Sem-III - Bangalore University
by Vasantha SeriesAs per the New CBCS Syllabus of III Sem. B.A. - Bangalore University. Also Useful for Semester Schemes of All Other Universities.
Life Ke Kadawe Sach: लाइफ के कड़वे सच
by Shwetabh Gangwar“लाइफ के कड़वे सच” यह किताब नज़रियों का संकलन है। यह किसी एक बकैती के बारे में कत्तई नहीं है। यह किताब आपको उपदेश देने के लिए नहीं है। यह आपको सोचने के लिए, उत्साहित करने के लिए लिखी गई है, और इसीलिए मेरी फक्कड़ वाली भाषा, किताब का शीर्षक और यह लंठई भरा नज़रिया अपनाया गया है। हालांकि किताब में उपदेश बहुत हैं, पर मैं चाहता हूं आप एक बार इस पर सोचें ज़रूर। ज़रूरी बात यह है कि यह किताब आपको हर उस फालतू की चीज़ से मुक्त करना चाहती है जिसे आप ख़ुद से अनजाने ही चिपकाए घूम रहे हैं और घुट भी रहे हैं- चाहे वह ख़ुशी पाने के तरीक़े हों या फिर आपकी ज़िंदगी से जुड़े लोग। ऐसी चीज़ें हर मामले में टांग अड़ाकर खड़ी होती हैं। चूंकि यह किताब आपको आज़ाद कराने को लेकर है, तो यह आपकी ज़िंदगी से जुड़े कई मसलों पर बात करेगी। जब भी आप किसी बात से असहमत हों, तब उस मुद्दे को विस्तार से लिख डालें कि ऐसा क्यों है, आपके तर्क के पीछे वजहें क्या हैं और ऊपरवाले से प्रार्थना करें कि अपने तर्क को पढ़ते वक़्त ऐसा न लगे कि आप इसलिए असहमत हैं क्योंकि आपके जज़्बातों को ठेस पहुंच रही है।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 2 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग 2) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग – 2) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 2 class 11 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग-२ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में इस पाठपुस्तक में पाँच अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पुस्तक में वित्तीय विवरण 1, वित्तीय विवरण 2, अपूर्ण अभिलेखों से खाते, लेखांकन में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग और कम्प्यूटर लेखांकन प्रणाली आदि के बारे में जानकारी दि गई है।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 2 class 11 - NCERT: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 2 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 2 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में इस पाठपुस्तक में पाँच अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । इस पुस्तक में वित्तीय विवरण 1, वित्तीय विवरण 2, अपूर्ण अभिलेखों से खाते, लेखांकन में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग और कम्प्यूटर लेखांकन प्रणाली आदि के बारे में जानकारी दि गई है।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 1 class 11 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग 1) कक्षा 11 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन (भाग - 1) कक्षा 11 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में आठ अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि कि गई है ।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 1 class 11 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में इस पाठपुस्तक में सात अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पुस्तक में लेखांकन-एक परिचय, लेखांकन के सैद्धांतिक आधार, लेन-देनों का अभिलेखन–1, लेन-देनों का अभिलेखन–2, बैंक समाधान विवरण, तलपट एवं अशुद्धियों का शोधन और ह्रास, प्रावधान और संचय आदि के बारे में जानकारी दि गई है।
Lekhashastra Vittiya Lekhankan Bhag 1 class 11 - NCERT: लेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 1 11वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में आठ अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Lekhashastra Company Khate Evam Vittiya Vivaranon Ka Vishleshan class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Lekhashastra Company Khate Evam Vittiya Vivaranon Ka Vishleshan class 12 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। पाठपुस्तक में वर्ष 2011 में लागू की गयी कंपनी अधिनियम 1956 की संशोधित अनुसूची VI (वर्तमान में कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची III) के अनुसार भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किए गए वित्तीय विवरणों के प्रारूप और प्रदर्शन में बदलाव किया गया है जिसमें तुलन-पत्र और लाभ व हानि विवरण के विशेष संदर्भ में दर्शायी जाने वाली परिसंपत्तियों और देयताओं के सुनिश्चित वर्गीकरण एवं नामावली में परिवर्तन प्रमुख हैं।
Lekhashastra Company Khate Evam Vittiya Vivaranon Ka Vishleshan class 12 - NCERT: लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पाठपुस्तक में वर्ष 2011 में लागू की गयी कंपनी अधिनियम 1956 की संशोधित अनुसूची VI (वर्तमान में कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची III) के अनुसार भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किए गए वित्तीय विवरणों के प्रारूप और प्रदर्शन में बदलाव किया गया है जिसमें तुलन-पत्र और लाभ व हानि विवरण के विशेष संदर्भ में दर्शायी जाने वाली परिसंपत्तियों और देयताओं के सुनिश्चित वर्गीकरण एवं नामावली में परिवर्तन प्रमुख हैं ।
Lekhashastra Bhag 2 class 11 - RBSE Board: लेखाशास्त्र भाग 2 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerलेखाशास्त्र वित्तीय लेखांकन भाग 2 11वीं कक्षा का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में इस पाठपुस्तक में सात अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है । पुस्तक में वित्तीय विवरण 1, वित्तीय विवरण 2, अपूर्ण अभिलेखों से खाते, लेखांकन में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग और कम्प्यूटर लेखांकन प्रणाली आदि के बारे में जानकारी दि गई है।
Lekhashastra Bhag 1 class 11 - RBSE Board: लेखाशास्त्र भाग 1 11वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerलेखाशास्त्र भाग 1 11वीं कक्षा का माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में आठ अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Lekhashastra Alabhakari Sansthayen Evam Sajhedaree Khate class 12 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में चार अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। इस पाठपुस्तक में साझेदारी लेखांकन-आधारभूत अवधारणाएँ, साझेदारी फर्म का पुनर्गठनः साझेदार का प्रवेश, साझेदारी फर्म का पुनर्गठन–साझेदार की सेवानिवृत्ति/मृत्यु और साझेदारी फर्म का विघटन आदी जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
Lekhashastra Alabhakari Sansthayen Evam Sajhedaree Khate class 12 - NCERT: लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते कक्षा 12 - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadलेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पाँच अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Lekhashastra Alaabhkari Sansthayen Evam Sajhedaree Khate class 12 - S.C.E.R.T Raipur - Chhattisgarh Board: लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते कक्षा 12 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड
by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.लेखाशास्त्र अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते कक्षा 12 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में पांच अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है ।
Laxmi Bahu
by Srimati GopaldeviLaxmi Bahu is the Hindi translation work of the Bengali novel Lakhi Bau. It has been written for the womenfolk to follow the steps of Laxmi in the novel. There has been a little bit of change from the Bengali version to make its appeal universal in nature.
The Last Girl: द लास्ट गर्ल
by Nadia Muradनादिया मुराद एक साहसी यज़ीदी युवती हैं जिन्होंने आईएसआईएस की कैद में रहते हुए यौन उत्पीड़न और अकल्पनीय दुख सहन किया है। नादिया के छह भाइयों की हत्या के बाद उनकी माँ को मार दिया गया और उनके शव कब्रिस्तान में दफ़ना दिए गए। परंतु नादिया ने हिम्मत नहीं हारी। यह संस्मरण, इराक में नादिया के शांतिपूर्ण बचपन से लेकर क्षति और निर्ममता, और फिर जर्मनी में उनके सुरक्षित लौटने तक का प्रेरणादायक सफ़र है। नादिया पर एलेक्जैंड्रिया बॉम्बाख़ ने ऑन हर शोल्डर्स नामक फ़िल्म बनाई है, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और वह संयुक्त राष्ट्र के डिग्निटी ऑफ़ सरवाइवर्स ऑफ़ ह्यूमन ट्रैफिकिंग की पहली गुडविल एंबेसेडर भी हैं। इस किताब का सबसे बड़ा संदेश है: साहस और प्रमाण के साथ अपनी बात कहने से दुनिया को बदला जा सकता है।
Lallu - Novel: लल्लू - उपन्यास
by Ved Prakash Sharmaएक ऐसा हैरतअंगेज किरदार जिसे लल्लू कहते थे। पुलिस इंस्पेक्टर केकड़ा के इलाके में घटने वाली घटनाओं को ताड़ने में कामयाब रहा जिन्हें 'एडवांस' में सूंघने में केकड़ा को महारथ हासिल थी। भारत के सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक का नया शाहकार – लल्लू
Lal Pari
by Ranjana Phatepurkarरंजना फतेपुरकर द्वारा रचित पुस्तक लाल परी गुलाब के फूल की काल्पनिक कहानी पर आधारित है। The book written by Ranjana Phatepurkar is based on imagenative story of the flower rose.
Lal Mitti Kee Karamaat
by Susheelkumar Fullaसुशीलकुमार फुल्ल दवारा रचित यह पुस्तक स्वतन्त्रता सेनानी भगतसिंह की कहानी पर आधारित है। This book written by Susheelkumar Fulla, is based on the story of freedom fighter Bhagat Singh
Lakshya!: लक्ष्य!
by Brian Tracyऐसा क्यों होता है कि कुछ लोग जीवन में सारे लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं जबकि कुछ लोग उनके बारे में सिर्फ सोचते ही रह जाते हैं। इस पुस्तक के द्वारा प्रसिद्ध लेखक ब्रायन ट्रेसी ने सरल, उपयोगी और प्रेरणादायी 21 नियमों द्वारा संपूर्ण सफलता की राह बताई है जिस पर चलकर लाखों लोगों ने सफलता प्राप्त की है। ये नियम न सिर्फ सफलता की कुंजी हैं बल्कि आपका आत्मविश्वास और व्यक्तित्व निखारने में भी सफल साबित होंगे।
Lahar: लहर
by Jaishankar Prasad“लहर” जयशंकर प्रसाद के प्रौढ़ रचनाकाल की सृष्टि है। इस संग्रह में कवि की सर्वोत्तम कविताएँ संकलित हैं। यह प्रसाद जी का ऐसा एकमात्र कविता-संग्रह है जिसकी किसी कविता में प्रथम, द्वितीय या तृतीय किसी संस्करण में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। प्रौढ़ता का विश्वास इसके प्रकाशकीय ('सूचना)' में भी झलकता है। 'सूचना' में लिखा गया था कि साहित्य क्षेत्र में यह संग्रह यदि अपना विशेष गौरव स्थापित करे तो हमें आश्चर्य न होगा, क्योंकि अनेक दृष्टियों से यह संग्रह कविता मर्मज्ञों को अपनी ओर आग्रहपूर्वक देखने के लिए बाध्य करेगा।
Lachhaman Gun Gatha: लछमन गुन गाथा
by Rajendra Arun and Vinod Bala Arunलछमन गुन गाथा एक किताब है जिसमें लक्ष्मण के जीवन और चरित्र का चित्रण किया गया है. इस किताब के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि यह बहुत अच्छी है और इससे चरित्र को मज़बूत करने की ताकत मिलती है. इस किताब में लक्ष्मण को महापराक्रमी, श्रेष्ठ योद्धा, बुद्धिमान, धर्मज्ञ, नीतिज्ञ, शास्त्रज्ञ, वाक्-निपुण, दूरदर्शी, सेवाव्रती, आत्मवान्, जितेंद्रिय, परम संयमी, वैराग्यवान् और सदाचारी बताया गया है.
Kya Hua!
by Jagdish Joshiजगदीश जोशी द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक चीकू नाम के बंदर पर आधारित कहानी है। The book published by Jagadish Joshi, is a story based on the monkey named Chiku.
Kurukshetra September 2023: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र के इस अंक में मेक इन इंडिया पर चर्चा की गई है। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के आर्थिक विकास में तेजी आई है और अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संक्षेप में, मेक इन इंडिया पर आधारित इस अंक में इस अभियान की 9 वर्षों की विकास यात्रा का आकलन करने के साथ-साथ इसके मार्ग में आ रही चुनौतियों और उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया है। साथ ही, मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का भी विश्लेषण विशेषज्ञ लेखकों द्वारा किया गया है।
Kurukshetra Saptember 2022: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२२
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र सितंबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु जनजातीय जीवन एवं संस्कृति हैं।
Kurukshetra October 2023: कुरुक्षेत्र अक्तूबर २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र के इस अंक में भारत के हरित भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की गई है। पहला लेख केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का है, अपने लेख में उन्होंने भारत सरकार के 'स्वच्छ और हरित गाँव' विजन को प्रस्तुत किया है। भारतीय गाँव के हरित आवरण का संरक्षण, हरित गाँव के लिए जल का महत्व, पराली प्रबंधन और हरित विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेषज्ञ लेखकों के लेख इस अंक में शामिल हैं।
Kurukshetra October 2022: कुरुक्षेत्र अक्टूबर 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र अक्टूबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु कृषि उद्यमिता हैं।
Kurukshetra November 2023: कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत में प्रतिभा हैं। संक्षेप में, ज़मीनी स्तर की उद्यमशीलता में ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को गति देने की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि इस परिवर्तन के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र सहित सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। साथ मिलकर, हम ग्रामीण भारत को सशक्त बना सकते हैं, इसकी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं और सभी के लिए अधिक समावेशी और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
Kurukshetra November 2022: कुरुक्षेत्र नवंबर 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र नवंबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु विज्ञान और तकनीक हैं।
Kurukshetra May 2023: कुरुक्षेत्र मई २०२३
by Publications Divisionकुरूक्षेत्र मई 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण शिल्प हैं।
Kurukshetra May 2022: कुरूक्षेत्र मई 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र हिंदी मई 2022 ग्रामीण विकास को समर्पित "ग्रामीण सम्पर्क" विशेष मासिक पत्रिका
Kurukshetra March 2023: कुरुक्षेत्र मार्च २०२३
by Publications Divisionकुरूक्षेत्र मार्च 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत का 2023-24 का बजट हैं।
Kurukshetra March 2022: कुरूक्षेत्र मार्च 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र मार्च 2022 हिंदी में प्रकाशित होने वाली एक मासिक पत्रिका है। पत्रिका ग्रामीण पुनर्निर्माण और ग्रामीण लोकतंत्र के सभी पहलुओं के लिए समर्पित है। पत्रिका में ग्रामीण विकास पर शिक्षाप्रद और सूचनात्मक लेख हैं और यह विद्वानों, शिक्षाविदों और सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है।
Kurukshetra June 2023: कुरुक्षेत्र जून २०२३
by Publications Divisionकुरूक्षेत्र जून 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु जल संरक्षण हैं।
Kurukshetra June 2022: कुरुक्षेत्र जून 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र जून 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण पर्यटन, भारत में सांस्कृतिक पर्यटन का विकास हैं। पत्रिका भारत के विभिन्न हिस्सों में पर्यटकों के आकर्षण पर प्रकाश डालती है।
Kurukshetra July 2023: कुरुक्षेत्र जुलाई २०२३
by Publications Divisionकुरूक्षेत्र मार्च 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। इस अंक में सतत कृषि विकास की आवश्यकता, सतत कृषि पद्धतियों और इस दिशा में हुए नवाचार और सरकार द्वारा उठाए जा रहे क़दमों की जानकारी को समेटा गया है।
Kurukshetra July 2022: कुरुक्षेत्र जुलाई 2022
by Publications Divisionजल संसाधन प्रबंधन के संबंध में जागरूकता की सख्त आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, कुरुक्षेत्र के इस जुलाई 2022 के विशेष अंक का विषय जल संसाधन है।
Kurukshetra January 2024: कुरुक्षेत्र जनवरी २०२४
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत को पुनर्परिभाषित करते स्टार्टअप्स हैं। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार और उद्यमिता के लिए एक मज़बूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हो।
Kurukshetra January 2023: कुरुक्षेत्र जनवरी २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र जनवरी 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु सहकारिता हैं।
Kurukshetra January 2022: कुरूक्षेत्र जनवरी 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र जनवरी 2022 हिंदी में प्रकाशित होने वाली एक मासिक पत्रिका है। पत्रिका ग्रामीण पुनर्निर्माण और ग्रामीण लोकतंत्र के सभी पहलुओं के लिए समर्पित है। पत्रिका में ग्रामीण विकास पर शिक्षाप्रद और सूचनात्मक लेख हैं और यह विद्वानों, शिक्षाविदों और सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है।
Kurukshetra February 2024: कुरुक्षेत्र फरवरी २०२४
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र फरवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु खाद्य भंडारण अवरंसरचना हैं। संक्षेप में, देश में वर्तमान में खाद्य भंडारण अवसंरचना की कमी के चलते जो बाधाएं हमारी आत्मनिर्भरता और विकास के मार्ग में आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस अंक में विशेषज्ञों के लेखों के माध्यम से खाद्य भंडारण क्षेत्र की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई है और उनके समाधान ढूँढने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया गया है। उम्मीद है कि इस विषय में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए ये अंक संग्रहणीय होगा।
Kurukshetra February 2023: कुरुक्षेत्र फरवरी २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र फरवरी 2023 पत्रिका का संस्करण नवीकरणीय संसाधनों पर केंद्रित है।
Kurukshetra February 2022: कुरूक्षेत्र फरवरी 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र फरवरी 2022 हिंदी में प्रकाशित होने वाली एक मासिक पत्रिका है। पत्रिका ग्रामीण पुनर्निर्माण और ग्रामीण लोकतंत्र के सभी पहलुओं के लिए समर्पित है। पत्रिका में ग्रामीण विकास पर शिक्षाप्रद और सूचनात्मक लेख हैं और यह विद्वानों, शिक्षाविदों और सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है।
Kurukshetra December 2023: कुरुक्षेत्र दिसम्बर २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र दिसम्बर २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आत्मनिर्भर गाँव हैं। संक्षेप में, गाँवों में बिजली, पानी और कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे तक पहुँच संबंधी हाल की प्रगति से 'आत्मनिर्भर गाँव' की परिकल्पना के जल्द ही साकार होने की आशा है। दूरसंचार प्रौद्योगिकी में प्रगति ने ग्रामीण समुदायों को दूरस्थ कार्य के लिए और कम लागत पर जोड़ा है। आज इंटरनेट और ए आई के इस युग में रोजगार के अवसरों के लिए प्रवास जरूरी नहीं रह गया है। इन सभी प्रयासों के बीच सम्पूर्ण भारत में समृद्धि तभी संभव है जब गाँव स्वयं इस आंदोलन का नेतृत्व करें।
Kurukshetra December 2022: कुरुक्षेत्र दिसंबर 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र दिसंबर 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ई-गवर्नेस हैं।
Kurukshetra August 2023: कुरुक्षेत्र अगस्त २०२३
by Publications Divisionकुरूक्षेत्र अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। इस अंक में 'पोषण' से सम्बन्धित महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं सहित भारत सरकार के इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयासों और दृष्टिकोण की जानकारी समाहित की गई है। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयासों सहित आगे की राह आसान बनाने हेतु अपने सुझाव भी विशेषज्ञ लेखकों द्वारा दिए गए हैं। उम्मीद है कि ये अंक पोषण सम्बंधित आपके ज्ञान को बढ़ाने और खानपान के सन्दर्भ में आपको जागरूक करने में मददगार होगा।
Kurukshetra August 2022: कुरुक्षेत्र अगस्त 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र अगस्त 2022 पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण उद्योग हैं।
Kurukshetra April 2023: कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु पंचायती राज और गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका, बाल हितैषी गाँव, पर्याप्त जल संसाधन युक्त गाँव, ढांचागत आत्मनिर्भर गाव, सुशासित गाँव, भेदभाव रहित विकास, स्वस्थ गाँव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गाँव और स्वच्छ एवं हरित गाँव हैं। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से आज देश में हर दूसरे गाँव में सफलता की नित नई कहानियाँ लिखी जा रही है। आज पंचायतों में महिलाओं सहित सभी कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलने से वे राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं जिसने गाँवों की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल दी है। निसंदेह निकट भविष्य में 'स्मार्ट' गाँवों की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ रहे हमारे गाँवों की विकास गाथा एक नया इतिहास रचेगी।
Kurukshetra April 2022: कुरूक्षेत्र अप्रैल 2022
by Publications Divisionकुरुक्षेत्र हिंदी अप्रैल 2022 ग्रामीण महिला सशक्तिकरण विशेष मासिक पत्रिका
Kuraj Bandhi Gaay
by Indardan Dethaइन्दरदान देथा दवारा रचित यह पुस्तक एक गाय की कहानी पर आधारित है। जिसमें गाय से मिलने वाले लाभ और उनके पालन पोषण के बारे में बताया गया है।This book is based on the story of a cow written by Indrada Detha. In which the benefits of cow's and their upbringing are reported through the story.
Kuch Sahityik Samasyein
by Sriyut SahridayaThe book deals with the problems writers face while writing literature. The author picks up all the major problematic areas and tries to explain them.
Kshitiz class 10 - RBSE Board: क्षितिज 10वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerमाध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया गया है । बोर्ड द्वारा गठित इस विषय की पाठ्यक्रम समिति द्वारा नवीन पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अथक मेहनत के साथ पुस्तक लेखन किया गया है । इस पुस्तक की रूपरेखा उन्नीस पाठों में समाहित है । दस पद्य पाठ और नौ गद्य पाठ । कवियों को कालक्रमानुसार सजाया गया है । गद्य में इस टेक का निर्वहन संभव नहीं हो पाया है । गद्य खण्ड में यह प्रयास रहा है कि नवलेखन की विविध बहुरंगी विधाओं से आपका रचनात्मक परिचय एवं लगाव स्थापित हो जाए । शब्द और स्मृति के इस आयोजन की आप सैर करें ।
Kshitij Bhag-2 class 10 - NCERT - 23: क्षितिज भाग-२ १०वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। दसवीं कक्षा के लिए हिंदी के ‘अ’ पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग 2 पाठ्यपुस्तक मे बारह रचनाकारों की रचनाएँ शामिल हैं जिनमें छह गद्य रचनाएँ और छह कवियों की कविताएँ हैं। कविताओं को ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार रखा गया है। हिंदी की प्रमुख गद्य विधाओं और शैलियों का परिचय कराने के लिए विचारात्मक और व्यंग्यात्मक निबंधों के साथ कहानी, संस्मरण, रेखाचित्र, आत्मकथा आदि विधाओं को शामिल किया गया है। प्रसिध्द लेखकों के साथ कुछ नए लेखकों और शैलियों का समावेश किया गया है।
Kshitij Bhag 2 class 10 - NCERT: क्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 2 10वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । दसवीं कक्षा के लिए हिंदी के ‘अ’ पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग 2 आपके सामने है। इस संकलन में सत्रह रचनाकारों की रचनाएँ शामिल हैं जिनमें आठ गद्य रचनाएँ और नौ कवियों की कविताएँ हैं। कविताओं को ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार रखा गया है। उद्देश्य यह रहा है कि भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल की विभिन्न प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कवियों की कविताओं के माध्यम से विद्यार्थी हिंदी कविता की विकास-यात्र से परिचित हो सकें।
Kshitij Bhag 1 class 9 - RBSE Board: क्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा - आरबीएसई बोर्ड
by Madhyamik Shiksha Board Rajasthan Ajmerक्षितिज भाग 1 माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हेतु कक्षा नवमी के हिन्दी विषय हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की कुल आठ गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Kshitij Bhag 1 Class 9 - NCERT - 23: क्षितिज भाग-१ ९वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग-1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है। इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Kshitij Bhag 1 class 9 - NCERT: क्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा - एनसीईआरटी
by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishadक्षितिज भाग 1 9वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक में दो खंड (गद्य-खंड और काव्य खंड) दिए है, काव्य खंड में हिंदी कविता के विभिन्न कालों का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ कवियों की कविताओं को यहाँ संकलित किया गया है। हिंदी कविता के ऐतिहासिक विकास से भी वे वाकिफ़ हो सकें इसलिए संकलित कवियों की कविताओं को काल-क्रमानुसार रखा गया है। गद्य विधाओं के चयन में कहानी, यात्रा-वृत्तांत, निबंध, डायरी, व्यंग्य, आत्मकथा आदि विधाओं की कुल आठ गद्य रचनाएँ पुस्तक में रखी गई हैं। पुस्तक में गद्य और काव्य खंड के रचनाओं को 'सरलता से कठिनता की ओर' के शैक्षणिक सूत्र को ध्यान में रखकर संकलित किया गया है।
Krusnayan: कृष्णायन
by Kajal Oza Vaidya‘महाभारत’में कृष्ण एक राजनीतिज्ञ के रूप में प्रकट होते हैं तो’भागवत’में उनका दैवी स्वरूप दिखाई देता है।’गीता’में वे गुरु हैं,ज्ञान के भंडार हैं|स्वयं चेतना बन प्रकट होते हैं तो कभी सहज,सरल मानवीय संवेदनाओं के साथ|हम क्यों उन्हें नहीं देख सकते?द्रौपदी के साथ उनका संबंध आज से हजारों वर्ष पहले स्त्री - पुरुष की मित्रता का एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करता है|रुक्मिणी के साथ का दांपत्य - जीवन विद्वत्तापूर्ण,समझदारी पर आधारित,स्नेह और एक - दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान से भरा गृहस्थ - जीवन है|राधा के साथ उनका प्रेम इतना सत्य है कि सिर्फ विवाह को मान्यता देनेवाले इस समाज ने राधा - कृष्ण की पूजा की है|
Krodh: क्रोध
by Dada Bhagwanहमें क्रोध क्यों आता है? क्रोध आने के कुछ कारण यह है - जब कोई भी कार्य हमारी इच्छानुसार नहीं होता या हमें यह लगे कि सामनेवाला व्यक्ति हमारी बात नहीं समझ रहा या फिर किसी बात पर किसी के साथ मनमुटाव हो तब| लेकिन क्रोध आने का कोई भी निश्चित कारण नहीं होता| कई बार हमारी समझ से हमें यह लगता है कि, हम जो भी सोच रहे है या जो कुछ भी कर रहे है वह सब सही ही है| पर, उस वक्त यदि कोई दूसरा व्यक्ति आकार हमें गलत साबित करे तो हम अपना आपा खो बैठते है और उसपर अत्यंत क्रोधित हो जाते है| क्रोध करने से ना सिर्फ सामनेवाला व्यक्ति दुखी होता है पर हमें भी उतना ही दुःख होता है| कई किस्सों में यह देखा गया है कि जिससे हम सबसे अधिक प्यार करते है, उसपर ही सबसे ज्यादा गुस्सा भी करते हैं| इस तरह बिना सोचा समझे गुस्सा करने से कई बार हमारे संबंधो में भी काफी तनाव पैदा हो जाता है जिसका फल अच्छा नहीं होता| किस प्रकार हम अपने क्रोध पर काबू पा सकते है या किसी और क्रोधित व्यक्ति के साथ कैसा बर्ताव करे ताकि हमारे औरों से प्रेमपूर्वक सम्बन्ध बने रहे, इन प्रश्नों का हल पाने के लिए आगे पढ़े|