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BSHF 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram (Khand 1 Manav Samaj Evan Isaka Vikas) IGNOU: BSHF 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 1: मानव समाज एवं इसका विकास) – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में हमको समाज की संकल्पना से अवगत कराएंगे। समाज विज्ञानों में समाज तथा उसके अतीत, वर्तमान और भविष्य का अध्ययन किया गया है। मानव तथा आधुनिक समाज के उदय से संबंधित इकाइयाँ हैं। अंतिम इकाई में समकालीन समाज की धारणा विशेषतः उत्तर औधोगिक समाज की अवधारणा का परिचय दिया गया है। ये इकाइयाँ इस बात की जाँच करती हैं कि कैसे समाज में परिवर्तन घटित होता है और समय-समय पर उसमें परिवर्तन होता है समाज की इस परिवर्तन की प्रकृति के बारे में भी कुछ विचार व्यक्त किए गए हैं।

BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 2 Manav Samaj Aur Isaka Vikas - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 2: मानव समाज और इसका विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 2: मानव समाज और इसका विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें हम औनिवेशिक भारत के स्वरूप का अध्ययन करेंगे। विश्व के अन्य क्षेत्रों में होने वाले विकास की चर्चा करने के उपरान्त हम विशेष रूप से भारत पर ही ध्यान केन्द्रित करेंगे और हमको उन क्षेत्रों में औपनिवेशिक विस्तार के प्रभाव का अध्ययन कराएंगे जो औपनिवेशिक थी।

BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 4 Rajanitik Aur Prashasanik Pranali - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली -इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 4: राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड में भारतीय राजनीति और सार्वजनिक प्रशासन व कार्यनीतियों की प्रकृति और संरचना के बारे में चर्चा की गई है। इस खंड में 4 इकाइयाँ हैं, जिनमें भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं, भारत में लोकतंत्र की प्रकृति, प्रशासनिक संरचना और प्रक्रियाओं तथा शासन के मुद्दों व कार्यनीतियों का वर्णन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और प्रशासनिक संस्थाओं की मूल कार्यप्रणाली की जाँच करना है।

BSHF -101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 6 Kalaen Aur Saundaryashastra - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 6: आर्थिक विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 6: कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । कलाएँ और सौन्दर्यशास्त्र किसी भी समाज की सभ्यता सम्बन्धी प्रक्रिया के आधार हैं। उनमें हमें मानवीय कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता की उच्चतम अभिव्यक्ति मिलती है। इस खंड में चार आधारभूत पहलुओं पर चर्चा की गई है अर्थात् (i) साहित्य, (ii) ललित कलाएँ, (iii) नृत्य व संगीत, और (iv) चलचित्र व रंगमंच। हमने इन इकाइयों में कला के उन विभिन्न रूपों की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो इन अभिव्यक्तियों में विकसित हुए हैं।

BSHF- 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Mey Aadhar Pathyakram - Khand 5 Aarthik Vikas - IGNOU: BSHF -101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 5 आर्थिक विकास - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 5: आर्थिक विकास) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की चार इकाइयाँ हैं, इकाई 17 में भारत की अर्थव्यवस्था की आधारभूत संरचना का विवेचन किया गया है। यह आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर से प्रारंभ होता है। इकाई 18 आर्थिक योजना के भारतीय परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है जोकि आर्थिक विकास की प्राप्ति में सहायक भूमिका निभाई है। इसमें विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के मुख्य उद्देश्यों और दबाब क्षेत्रों को स्पष्ट किया गया है। इकाई 19 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकलन किया गया है। योजना उद्देश्यों को पृष्ठभूमि में रखते हुए इस इकाई में स्वतंत्रयोत्तर अवधि के दौरान आर्थिक संवृद्धि के संदर्भ में अंतर्वैयक्तिक और अतः क्षेत्रीय असमानता में न्यूनीकरण और गरीबी उन्मूलन के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था के निष्पादन का विश्लेषण किया गया है। इकाई 20 में भारतीय अर्थव्यवस्था के भूमंडलीकरण के आधारभूत सिद्धांतों और 1990 के दशक के दौरान देखे गए आमूलचूल नीति परिवर्तनों के पीछे तर्कों का विवेचन किया गया है।

BSHF - 101 Manvikee Aur Samajik Vigyan Me Aadhar Pathyakram - Khand 7 Samsamayik Mudde Aur Chunautiyaan - IGNOU: BSHF - 101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम - खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ - इग्नू

by Indira Vishvavidyalaya

BSHF-101 मानविकी और सामाजिक विज्ञान में आधार पाठ्यक्रम (खंड 7: समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ) - इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । इस खंड की पाँच इकाइयाँ हैं, इन खण्ड में कुछ "समसामयिक मुद्दे और चुनौतियाँ" पर विचार किया गया है। खण्ड में मानव सुरक्षा, शिक्षा और जागरूकता, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, शान्ति और संघर्ष तथा पर्यावरण से सम्बद्ध समाज विज्ञान में उभरते हुए कुछ मुद्दों से परिचित किया है। इन इकाइयों में कुछ मुख्य प्रश्नों, चिन्ताओं, और वाद-विवादों पर चर्चा करने का प्रयास किया है।

MSOE003 Dharam ka Samajshastra - IGNOU

by Ignou

In this Curriculum there is importance of religion in social life along with the changes.

MPSE012 Australia me Rajya aur Samaj - IGNOU

by Ignou

Political scicence Text Book for the students of IGNOU

MPSE013 Australia ki Videsh Neeti - IGNOU

by Ignou

Political scicence Text Book for the students of IGNOU

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 1 Sthapana Ke Liye Takneek – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 1 स्थापना के लिए तकनीक - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेशियों में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह पहला खंड "स्थापना के लिए टेक्नोलॉजी" शीर्षक वाला खंड है। सामुदायिक रेडियो केन्द्र की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचे तथा तकनीकी जरूरतों को के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 2 Karyakram Nirman – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 2 कार्यक्रम निर्माण - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह दूसरा खंड "कार्यक्रम निर्माण" शीर्षक वाला खंड है। इस पाठ्यक्रम में कार्यक्रमों की योजाना और विशेषज्ञों की भूमिका और बाहरी स्रोत जैसे अहम पक्षों पर प्रकाश डाला गया है।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 3 Nirman ki Takniki – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो का संचालन खंड 3 निर्माण की तकनीक – इग्नू यह किताब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया है । सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे।

CCR BJM 002 Samudayik Rediyo me Sanchalan Khand 4 Dirghakalin Kshamata – IGNOU: सी.सी.आर. बी.जे.एम. 002 सामुदायिक रेडियो में संचालन खंड 4 दीर्घकालीन क्षमता - इग्नू

by Indira Gandhi Rashtriya Mukta Vishvavidyalaya

सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का यह दूसरा पाठ्यक्रम, रेडियो स्टेशन में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप की जानकारी देता है। जिसमें केन्द्र की स्थापना की प्रक्रिया भी शामिल है। पाठ्यक्रम के इस दूसरे भाग में रेडियो के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है जैसे तकनीकी उपकरण, उनका रखरखाव तथा कार्यक्रम निर्माण की तकनीक। पाठ्यक्रम 2 की समाप्ति के बाद आपको किसी सामुदायिक रेडियो केन्द्र पर 10 दिवसीय इन्टर्नशिप करना होगी जहां आप रेडियो के कार्यक्रम बनाने के लिए तकनीकी, सैद्धान्तिक तथा प्रायोगिक रूप में जानकारियां प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम प्रबंधन भी इसका अंग होगा जो आप पाठ्यक्रम 1 और 2 में जान चुके हैं। सामुदायिक रेडियो में प्रमाण-पत्र के पाठ्यक्रम 2 का यह चौथा खंड "दीर्घकालीन क्षमता शीर्षक वाला खंड है। इसमें व्यावसायिक योजनाओं और दीर्घकालीन क्षमता विकास के बारे में चर्चा की गयी है।

MHD21 Meera ka Jeevan aur Yug - IGNOU

by Ignou

‘Meera Ka Jeevan Aur Yug’ has been written to highlight the life of Meerabai. She had to struggle against the norms of the society as well as talk of the bhakti and women empowerment.

MHD21 Meera ki Kavyakala - IGNOU

by Ignou

Third part of MHD21 is about Meera Ki Kavyakala. This Contains the following chapters. Meera ki Kavyakala, Meera ki vedna aur vidroh, Meera aur Lokmanas, Meera ki Kavyabhasha, Meera ki Pramukh kavitaon ka vishleshan.

MHD21 Aaj ke Samay mein Meera ka Mahatva - IGNOU

by Ignou

Fourth part of MHD21 is about Aaj Ke Samay mein Meera Ka Mahatva. This contains the following chapters. Stri Vimarsh aur Meera, Hindi Alochana mein Meera, Meera ki Prasangikta.

MHD21 Meera kavya Vividha - IGNOU

by Ignou

‘Meera Kavya Vividha’ is a essential part of the M.A Hindi syllabus of IGNOU. Meera talks about the situation of the women in medieval age, the discrimination they had to face and bhakti as a means to get out of the shackles.

MHD09 Kahani ke Siddhant aur Swaroop - IGNOU

by Ignou

In this book story nature and development are discussed. In this cerriculum, students study the different forms of narrative and narrative story as well as the meaning and nature of the study.

MHD09 Vishva Sahitya mein kahani - IGNOU

by Ignou

This is the third part of story curriculum, story format and story development. This sections tells us about the global perspective of the stories. The four sections of the books talks about story in Asia, Latin America, Africa and Europe. It also discusses about the development of stories in different countries.

MHD09 Bhartiya Sahitya mein Kahani - IGNOU

by Ignou

India has had a long tradition of story telling. Vrihadhkatha, jatakkathayein and panchtantra come under the tradition of story telling in India there is a lot of material given on Indian renaissance story telling grew in leps and bounds during independence movement redus will also get to now how stories grew after India's independence.

MHD09 Hindi Sahitya ki Kahani - IGNOU

by Ignou

In this book story nature and development are discussed. This section has been studying the development of Hindi story. In this units involved in the content, its aim is to introduce Hindi story development.

Pratinidhi Kahaniyan-Rangeya Raghav

by Rangeya Raghav

प्रस्तुत संकलन में जिन दस कहानियों को प्रस्तुत किया है वे हैं :‘पंच परमेश्वर’, ‘नारी का विक्षोभ’,‘देवदासी’, ‘तबेले का धुँधलका’,‘ऊँट की करवट’, ‘भय’, ‘जाति और पेशा’,‘गदल’, ‘बिल और दाना’ तथा ‘कुत्ते की दुम और शैतान : नए टेकनीक्स’।

Bhagat Singh Aur Unke Sathiyon Ke Dastavez: भगतसिंह और उनके साथियों के दस्तावेज

by Jagmohan Singh Chaman Lal

भगत सिंह की विचारधारा और उनकी क्रान्तिकारिता के ज्वलन्त प्रमाण जिन लेखों और दस्तावेजों में दर्ज हैं, वे आज भी पूर्ववत् प्रासंगिक हैं, क्योंकि 'इस' आजादी के बाद भी भारतीय समाज उस आजादी से वंचित है, जिसके लिए उन्होंने और उनके असंख्य साथियों ने बलिदान दिया था। हिन्दी में पहली बार प्रकाशित यह कृति भगत सिंह के भावनाशील पत्रों, विचारोत्तेजक लेखों, ऐतिहासिक दस्तावेजों, वक्तव्यों तथा उनके साथियों और पूर्ववर्ती शहीदों की कलम से निकले महत्वपूर्ण विचारों की ऐसी प्रस्तुति है जो वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों की बुनियादी पड़ताल करने में हमारी दूर तक मदद करती है। यह पुस्तक भगत सिंह की विचारधारात्मक भूमिका की समग्रतः हमारे सामने रखती है।

Pratinidhi Kahaniyan-Amarkant

by अमरकांत

अमरकांत की कहानियों में मध्यवर्ग, विशेषकर निम्न-मध्यवर्ग के जीवनानुभवों और जिजीविषाओं का बेहद प्रभावशाली और अन्तरंग चित्रण मिलता है ! अक्सर सपाट-से नजर आनेवाले कथ्यों में भी वे अपने जिवंत मानवीय संस्पर्श के कारण अनोखी आभा पैदा कर देते हैं ! सहज-सरल रूपबंधवाली ये कहानियां जिंदगी की जटिलताओं को जिस तरह समेटे रहती हैं, कभी-कभी उससे चकित रह जाना पड़ता है ! लेकिन यह अमरकांत की ख़ास शैली है ! अमरकांत के व्यक्तित्व की तरह उनकी भाषा में भी एक ख़ास किस्म की फक्कड़ता है ! लोक-जीवन के मुहावरों और देशज शब्दों के प्रयोग से उनकी भाषा में माटी का सहज स्पर्श तथा ऐसी सोंधी गंध रच-बस जाती है जो पाठकों को किसी छदम उदात्तता से परे, बहुत ही निजी लोक में, ले जाती है ! उनमे छिपे हुए व्यंग्य से सामान्य स्थितियाँ भी बेहद अर्थव्यंजक हो उठती हैं ! अमरकांत के विभिन्न कहानी-संग्रहों में चरित्रों का विशाल फलक ‘जिन्दगी और जोंक’से लेकर ‘मित्र मिलन’ तक फैला हुआ है ! उन्ही संग्रहों की लगभग सब चर्चित कहानियां एक जगह एकत्र होने के कारण इस संकलन की उपादेयता निश्चित रूप से काफी बढ़ गई है !

Pratinidhi Kahaniyan-Shekhar Joshi

by Shekhar Joshi

शेखर जोशी की कहानियों में शिल्प और संवेदना के अंतर्संबंधो की सुरम्य रचना के साथ जीवन और समाज के सहज उन्नयन एवं परिवर्तनकारी दृष्टि के प्रति दायित्वबोध साफ़ दृष्टिगोचर होता है ! कथात्मक गठन में भाषा के सूक्ष्म उपयोग का उन जैसा आधुनिक बोध हिन्दी कहानी में अपरिचित है ! अत्यन्त सहज और ठंडी भाषा के माध्यम से ए कहानियाँ हमारे समक्ष जिस यथार्थ का उद्घाटन करती हैं, उसके पीछे समकालीन जन-जीवन की बहुविध विडम्बनाओं को महसूस किया जा सकता है ! सपनों की वास्तविकता से अपरिचित बच्चों की ख़ुशी हो या बिरादरी की दलदल में फँसे व्यक्ति की मनोदशा-लेखकीय दृष्टि उन्हें एक अर्थ-गाम्भीर्य से भर देती है ! उसके पास आदर्शवादी निर्णय हैं तो उनके सामने खड़ा कठोर और भयावह यथार्थ भी है ! वस्तुतः शेखर जोशी की ये कहानियाँ बिना किसी शोर-शराबे के हमारी सोच के विभिन्न स्तरों को स्पर्श और झंकृत करनेवाले रचनात्मक गुणों से परिपूर्ण हैं !

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