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Kurukshetra October 2023: कुरुक्षेत्र अक्तूबर २०२३

by Publications Division

कुरुक्षेत्र के इस अंक में भारत के हरित भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की गई है। पहला लेख केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री का है, अपने लेख में उन्होंने भारत सरकार के 'स्वच्छ और हरित गाँव' विजन को प्रस्तुत किया है। भारतीय गाँव के हरित आवरण का संरक्षण, हरित गाँव के लिए जल का महत्व, पराली प्रबंधन और हरित विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेषज्ञ लेखकों के लेख इस अंक में शामिल हैं।

Kurukshetra September 2023: कुरुक्षेत्र सितंबर २०२३

by Publications Division

कुरुक्षेत्र के इस अंक में मेक इन इंडिया पर चर्चा की गई है। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश के आर्थिक विकास में तेजी आई है और अंतर्राष्ट्रीय मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संक्षेप में, मेक इन इंडिया पर आधारित इस अंक में इस अभियान की 9 वर्षों की विकास यात्रा का आकलन करने के साथ-साथ इसके मार्ग में आ रही चुनौतियों और उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया है। साथ ही, मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का भी विश्लेषण विशेषज्ञ लेखकों द्वारा किया गया है।

Lachhaman Gun Gatha: लछमन गुन गाथा

by Rajendra Arun and Vinod Bala Arun

लछमन गुन गाथा एक किताब है जिसमें लक्ष्मण के जीवन और चरित्र का चित्रण किया गया है. इस किताब के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि यह बहुत अच्छी है और इससे चरित्र को मज़बूत करने की ताकत मिलती है. इस किताब में लक्ष्मण को महापराक्रमी, श्रेष्ठ योद्धा, बुद्धिमान, धर्मज्ञ, नीतिज्ञ, शास्त्रज्ञ, वाक्-निपुण, दूरदर्शी, सेवाव्रती, आत्मवान्, जितेंद्रिय, परम संयमी, वैराग्यवान् और सदाचारी बताया गया है.

Lekhashastra Company Khate Evam Vittiya Vivaranon Ka Vishleshan class 12 - NCERT - 23: लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण १२वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

लेखाशास्त्र कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण 12 वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठपुस्तक में छह अध्याय दिये गये है, जिसमे हर अध्याय के विवरण कि व्याख्या कि गई है। पाठपुस्तक में वर्ष 2011 में लागू की गयी कंपनी अधिनियम 1956 की संशोधित अनुसूची VI (वर्तमान में कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची III) के अनुसार भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार किए गए वित्तीय विवरणों के प्रारूप और प्रदर्शन में बदलाव किया गया है जिसमें तुलन-पत्र और लाभ व हानि विवरण के विशेष संदर्भ में दर्शायी जाने वाली परिसंपत्तियों और देयताओं के सुनिश्चित वर्गीकरण एवं नामावली में परिवर्तन प्रमुख हैं।

Maine Gandhi Ko Kyon Mara?: मैंने गांधी को क्यों मारा?

by Nathuram Godse

व्यक्तिगत स्तर पर मेरे और गांधीजी के बीच कोई शत्रुता नहीं थी। वे लोग, जो पाकिस्तान-निर्माण में गांधीजी का अच्छा मकसद होने की बात कहते हैं, मुझे उनसे केवल इतना कहना है कि मैंने गांधी के विरुद्ध, जो इतना बड़ा कदम उठाया, उसमें मेरे हृदय में राष्ट्रहित का शुद्ध हेतु था। वे ऐसे व्यक्ति थे, जो बहुत सी भयावह घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जिनकी परिणति पाकिस्तान निर्मिति में हुई। गांधीजी के विरुद्ध की गई अपनी काररवाई के बाद मैं भविष्य में आने वाले अपने परिणाम को देख सकता था, उन परिणामों की उम्मीद कर सकता था और मुझे एहसास था कि जिस क्षण लोगों को गांधी को मेरे द्वारा गोली मारने की घटना का पता चलेगा, उन सभी का मेरे प्रति दृष्टिकोण बदल जाएगा, फिर चाहे परिस्थितियाँ कोई भी हों। समाज में लोगों का मेरे प्रति जो सम्मान, रुतबा और सहानुभूति है, वह समाह्रश्वत हो जाएगी, नष्ट हो जाएगी और बचा हुआ मान भी कुचल दिया जाएगा। मुझे पूरा एहसास था कि समाज में मुझे सबसे नीच और घृणित व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा। अपने समय के सबसे बड़े नेता गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए विशेष न्यायालय में बहुत विस्तृत बयान दिया, जिसमें उन्होंने क्रमवार वे कारण बताए, जिन्होंने उन्हें इतनी बड़ी घटना की परिणति करने के लिए बाध्य किया। ये कारण तत्कालीन सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाते हैं कि कैसे एक अल्पसंख्यक वर्ग विशेष के दबाव में निर्णय लिये जा रहे थे, जो अंतत: बहुसंख्यकों के उत्पीडऩ और अस्तित्व का कारण बन जाते। इन्हीं से क्षुब्ध होकर नाथूराम गोडसे ने विश्व के सबसे चर्चित कांड को अंजाम दिया। प्रस्तुत पुस्तक गांधी-हत्याकांड में नाथूराम गोडसे का पक्ष प्रबलता से रखती है।

Manav Paristhitiki Evan Parivaar Vigyan Bhag-1 class 11 - NCERT - 23: मानव पारिस्थितिकी एवं परिवार विज्ञान भाग-१ ११वीं कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

मानव पारिस्थितिकी और परिवार विज्ञान भाग 1 11वीं कक्षा का राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने पुस्तक हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पुस्तक में कुल दो इकाईंयाँ हैं - इस पाठपुस्तक में सिखाने वाले के दृष्टीकोण से सभी क्षेत्रों में ज्ञान के पुन: निर्माण के प्रती और समकालीन भारत के गतिशील समाजिक–आर्थिक वास्तविकताओं का अध्ययन किया गया है। इस पाठ्यक्रम में जेन्डर संबंधी शिक्षा मुद्दो पर राष्ट्रीय समूह द्वारा गृह विज्ञान जैसे पारंपारिक रूप से परिभाषित विषयों समावेश किया गया है।

Mister Laapata: मिस्टर लापता

by Devendra Pandey

नरेश अचानक से बेरोजगार हो गया। वह सालों से अपने कंफर्ट ज़ोन में फंसा कुएँ का मेंढ़क बना हुआ था। अचानक उसे अपना अनिश्चित भविष्य दिखाई देने लगा। नई नौकरी मतलब फिर से शुरुआत जिसके लिए वह बिल्कुल भी तैयार नहीं था। ऐसे में हताशा और निराशा से घिरे नरेश को ना जाने क्यों अपना गाँव याद आया जिसे वह सालों पहले कहीं छोड़ आया था। गाँव उसका अतीत था तो शहर वर्तमान और भविष्य दोनों थे। दोबारा शुरुआत करने से पहले वह अपनी जड़ों को एक बार देखना चाहता था। लेकिन क्या गाँव वैसा ही था जैसा उसने सोचा था? सुकून की तलाश में बेचैनियों को मंजिल बना लेने वाले नरेश की कहानी। अपने भीतर समाए बेचैनियों के शहर में लापता, ज़ेहन में कहीं छिपे सुकून के गाँव को खोजते नरेश जैसे ना जाने कितनों की कहानी।

Prismatic Jane Eyre: Close-Reading a World Novel Across Languages

by Matthew Reynolds Others

Jane Eyre, written by Charlotte Brontë and first published in 1847, has been translated more than five hundred times into over sixty languages. Prismatic Jane Eyre argues that we should see these many re-writings, not as simple replications of the novel, but as a release of its multiple interpretative possibilities: in other words, as a prism. Prismatic Jane Eyre develops the theoretical ramifications of this idea, and reads Brontë’s novel in the light of them: together, the English text and the many translations form one vast entity, a multilingual world-work, spanning many times and places, from Cuba in 1850 to 21st-century China; from Calcutta to Bologna, Argentina to Iran. Co-written by many scholars, Prismatic Jane Eyre traces the receptions of the novel across cultures, showing why, when and where it has been translated (and no less significantly, not translated – as in Swahili), and exploring its global publishing history with digital maps and carousels of cover images. Above all, the co-authors read the translations and the English text closely, and together, showing in detail how the novel’s feminist power, its political complexities and its romantic appeal play out differently in different contexts and in the varied styles and idioms of individual translators. Tracking key words such as ‘passion’ and ‘plain’ across many languages via interactive visualisations and comparative analysis, Prismatic Jane Eyre opens a wholly new perspective on Brontë’s novel, and provides a model for the collaborative close-reading of world literature. Prismatic Jane Eyre is a major intervention in translation and reception studies and world and comparative literature. It will also interest scholars of English literature, and readers of the Brontës.

Rashtra Mukti: राष्ट्र मुक्ति

by Akhilesh Sharma

‘राष्ट्र मुक्ति’ किसी आंदोलन का नाम प्रतीत होता है। वह आंदोलन जो ‘शायद’ एक या दो सदी पहले घटित हो गया। आज हम स्वतंत्रता का “अमृत महोत्सव” मना रहे हैं। ऐसे में यह नाम अप्रासंगिक लगता है। पर बात विधान की हो, न्याय की हो या कार्यपालन की, हर स्थान पर मध्यस्थता अनिवार्य है। न्याय के सर्वोच्च शिखर पर विदेशी भाषा अनिवार्य है। मुद्रास्फीति, विदेशी ऋण, विदेशी वस्त्र और शिष्टाचार सब कुछ अनिवार्य है। क्या इसी को स्वतंत्रता कहते हैं? राष्ट्र मुक्ति इन्हीं तत्वों का विवेचनात्मक अध्ययन है।

Sahayak Vachan class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh Board: सहायक वाचन ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

पाठ्य सामग्री का चुनाव छात्रों की मानसिक क्षमता व रूचि को ध्यान में रखकर किया गया है। केन्द्रित शिक्षाक्रम में सम्मिलित मूल्यों के समावेश का पाठों के चयन में विशेष ध्यान रखा गया है। कक्षा 8वीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक को विषय 'हिन्दी - छत्तीसगढ़ भारती' में सहायक पुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया है, इससे बच्चों में पठन, वाचन, तर्क एवं चिंतन क्षमता विकसित होगी। प्रत्येक पाठ के अन्त में विस्तृत प्रश्न और अभ्यास दिए गए है जिनसे छात्रों को पठित वस्तु को समझने, उस पर विचार करने की योग्यता और भाषा का प्रभावी प्रयोग करने में सहायता मिलेगी व क्रियात्मक अभ्यासों की गतिविधियाँ करने से भाषाई दक्षताओं का विकास हो सकेगा। पुस्तक के अन्त में शब्दार्थ भी दिए गए हैं। भाषा शिक्षण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को ज्ञान और आनन्द की प्राप्ति हो। यह एक संकलित दस्तावेज है और दस्तावेजों (पुस्तक) में प्रयुक्त शब्दों में बदलाव नही किया जा सकता है, अतः माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए दस्तावेज में प्रयुक्त मूल शब्दों के साथ ही इसे मुद्रित कराया गया है।

Samajik Vigyan Itihas Evam Nagarik Shastra Bhag-1 class 8 - SCERT Raipur - Chhattisgarh: सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग-१ ८वीं कक्षा - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सामाजिक विज्ञान इतिहास एवं नागरिक शास्त्र भाग 1 पाठ्यपुस्तक कक्षा 8वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक में भूगोल, इतिहास, नागरिकता एवं अर्थशास्त्र के पाठों का समावेश किया गया है। इस पुस्तक में इतिहास और नागरीकशास्त्र का अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ राज्य के संसाधनों के साथ ही छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में स्थानीय इतिहास का भी समावेश है। इस पुस्तक में विषयवस्तु को समझने के लिए निर्देश दिये गए हैं चित्र देखिए, मानचित्र टांगिए, तुलना कीजिए। इसके साथ-साथ विषयवस्तु को स्थानीय परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया गया है। आवश्यकतानुसार प्रश्नों को भी समाहित किया गया है। पुस्तक में प्रत्येक पाठ का पूर्व के पाठों से संबंध जोड़ने का प्रयास भी है, उसके पश्चात आगे का ध्यान दिया गया है। पाठों में मूल्य शिक्षा, सामाजिकता, पर्यावरण संरक्षण तथा राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को बताने का सार्थक प्रयास किया गया है।

Santaptbhumi Berunda Rachna - Arnayam Ka Rakshak: संतप्तभूमि बेरुंडा रचना: एर्यनम का रक्षक

by Bhanupratap Yadav 'Shubharambh'

रामायण काल की एक घटना जो इतिहास के पन्नों से मिट चुकी है, जिसने क्रूरता और षड्यंत्र की सारी सीमाएँ लांघकर रच दिया था एक रक्त रंजित इतिहास। यह कहानी है इतिहास के अंधकार में खो चुके एक विशाल साम्राज्य की। एक घटना और जिसके पीछे छिपा हुआ है भयावह रहस्य जो आने वाले समय में शापित भूमि एर्यनम को फिर से पुनर्जीवित कर देने वाला था। इस सन्तप्तभूमि के उद्धार हेतु अवतरित हुआ वह योद्धा, जो कहलाया एर्यनम का रक्षक। जागृत हो चुके हैं ग्यारह हज़ार वर्षों तक मृत पड़े दानवीय योद्धा। तो क्या प्रारंभ हो चुका है एक और विध्वंस? लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न क्या एर्यनम का रक्षक कर पायेगा इन सभी दुष्टों का संहार और बचा पायेगा अपनी मातृभूमि को? एक महागाथा, संतप्तभूमि बेरुंडा रचना (चतुर्थांश) की पहली कड़ी- एर्यनम का रक्षक (विलुप्त एर्यनम साम्राज्य की महागाथा)

Sarangi class 1 - NCERT - 23: सारंगी १ली कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सारंगी भाग 1 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भाषा राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने और न्यायप्रिय समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता के विकास को बहुत महत्व दिया गया है। यह माना जाता है कि भाषा और साक्षरता की ठोस नींव बच्चों के लिए अन्य विषयों को सीखने में बहुत सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या-समाधान, तार्किक और रचनात्मक सोच के विकास पर भी बहुत बल दिया गया है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, चरित्र निर्माण, नैतिकता, करुणा और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को समेकित रूप में सम्मिलित करने की भी अनुशंसा की गई है।

Sarangi class 2 - NCERT - 23: सारंगी २री कक्षा - एनसीईआरटी - २३

by Rashtriy Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad

सारंगी भाग 2 किताब का निर्माण करते हुए मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विकसित बुनियादी स्तर की पाठ्यचर्या की अनुशंसाओं को भी इस पाठ्यपुस्तक में समाहित किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुसार यह पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नीति में बच्चों की शिक्षा में भाषा और साक्षरता विकास को बहुत महत्व दिया गया है। भाषा और साक्षरता की ठोस नींव अन्य विषयों को भी दक्षतापूर्वक सीखने में सहायक होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बुनियादी स्तर (फाउंडेशनल स्टेज) पर बच्चों में भाषा के विकास के साथ-साथ सतत सीखने की कला, समस्या समाधान, तार्किक और रचनात्मक चिंतन के विकास पर भी बहुत बल देती है। इस स्तर पर भाषा के साथ-साथ अन्य विषयों और गतिविधियों में भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक मूल्य, राष्ट्रप्रेम, चरित्र-निर्माण, नैतिकता, करुणा, जेंडर संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को भी समेकित रूप में सम्मिलित करने की अनुशंसा करती है।

Seengawale Gadhe: सींगवाले गधे

by Prem Janmejay

प्रेम जनमेजय से मिलकर, बात कर, कभी नहीं लगता कि ये व्यंग्य विधा की राह के पहुँचे हुए मुसाफिर हैं। ऐसा ही श्रीलाल शुक्लजी के साथ था। वे कभी बातचीत में व्यंग्य नामक हथियार का इस्तेमाल नहीं करते थे। ये ऐसे व्यंग्य-गुरु हैं, जो अपनी तिरछी नजर पर मृदुता, मस्ती और मितभाषिता का चश्मा लगाए रहते हैं। कुछ लोगों का खयाल है कि व्यंग्य लेखक एक किस्म के कार्टूनकार होते हैं, जिन्हें सारी दुनिया आँकी-बाँकी दिखाई देती है। एकदम गलत धारणा है यह। जैसे कविता, कहानी, उपन्यास नाटक और निबंध, साहित्य की विधाएँ हैं, वैसे ही व्यंग्य तथा हास्य, व्यंग्य की विधाएँ हैं। कमजोर हाथों में पडक़र ये विद्रूप और फूहड़ हँसी-ठट्ठा का रूप लेती होंगी, लेकिन प्रेम जनमेजय उन इलाकों में जाते ही नहीं हैं। वे हरिशंकर परसाई, शरद जोशी और श्रीलाल शुक्ल की परंपरा में व्यंग्य विधा में संलग्न हैं। उनके लिए व्यंग्य एक गंभीर कार्य और चिंतन है, जिससे वे समाज की विसंगतियों और समय के अंतर्विरोधों पर रोशनी डाल सकें। परिवर्तन काल सुविधा के साथ-साथ सक्रांति काल भी लाता है। प्रेम जनमेजय ने बहुत समझदारी और गहन अध्ययन से अपनी साहित्य-विधा चुनी है। व्यंग्य विधा पर चाहे जितना हमला किया जाए, सब जानते हैं कि बिना व्यंग्य-विनोद के कोई भी रचना पठनीय नहीं हो सकती। प्रेमजी में एक कथातत्त्व समानांतर चलता है। इसी कथा-जाल में वे धीरे से अपना काम कर जाते हैं।

Shuttle Ki Rani P. V. Sindhu Ki Biography: शटल की रानी पी. वी. सिंधु की बायोग्राफी

by V. Krishnaswamy

चिडि़यों की उड़ान नौ साल की उम्र में पी.वी. सिंधु ने खेल-खेल में एक विजिटिंग कार्ड डिजाइन किया था, जिस पर लिखा था- बैडमिंटन अर्जुन अवार्डी। चौबीस साल की उम्र में उन्होंने अपनी अलमारी में सन् 2020 के ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए एक स्थान खाली रखा था। ‘शटल की रानी’, इन दो चरणों के बीच उनके सफर की कहानी है। जब वह रेलवे कॉलोनी से प्रशिक्षण मैदान तक प्रतिदिन पचास किलोमीटर से अधिक की यात्रा करती थीं, तो सिंधु का एक ही सपना था- भारत की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी बनना। वॉलीबॉल, जो उनके माता-पिता का खेल था, उसकी चर्चा डिनर टेबल पर हुआ करती थी, लेकिन स्पोर्ट्स आइकन पुलेला गोपीचंद उनके आदर्श थे। ऐसे समय में जब साइना नेहवाल एक उभरती हुई स्टार थीं, सिंधु भी उन्हीं की अकादमी में शामिल हुई और इस फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी। आज वह एक ओलंपिक रजत पदक विजेता, पद्मभूषण और फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की सबसे अधिक पैसा कमाने वाली एथलीटों की सूची में शामिल होनेवाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने भारी पराजय के झटके और जोश भरने वाली जीत के साथ विश्वप्रसिद्ध प्रतिद्वंद्विता भी देखी। फिर भी वह एक ऐसी लड़की हैं, जिन्हें फिल्मों, शरारतों और मैसूर पाक से प्यार है। ‘शटल की रानी’ पुस्तक बताती है कि कैसे दिग्गज बैडमिंटन खिलाडि़यों की हताशा युवा पीढ़ी के लिए एक परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आई; क्यों भारत में खेल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक ही शहर हैदराबाद से आते हैं और इन सबसे बढ़कर, कितने परिश्रम, त्याग और संघर्ष के बाद एक विश्व-विजेता खिलाड़ी तैयार होता है।

UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-1: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-१

by Dr Gunjan Saxena

Paper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.

UGC-NET Junior Research Fellowship and Assistant Professor Eligibility Test - Sangeet Paper-2 Part-2: UGC-NET जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर पात्रता परीक्षा संगीत पेपर-२ भाग-२

by Dr Gunjan Saxena

Paper- 2 shall consist of 100 objective type compulsory questions each carrying 2 marks which will be based on the subject selected by the candidate.

Yojana April 2023: योजना अप्रैल २०२३

by Yojana

योजना अप्रैल 2023 पत्रिका का संस्करण स्टार्टअप इंडिया पर केंद्रित है। पत्रिका में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में युवाओं के लिए अवसर, स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की नींव और भारत की जी20 अध्यक्षता में ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम का नया सवेरा जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana August 2023

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana August 2023: योजना अगस्त २०२३

by Yojana

योजना अगस्त 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में समग्र आरोग्यता के लिए एकीकृत दृष्टिकोण, आज़ादी का अमृत महोत्सव और देश को एकजुट रखने में भारतीय खेलों की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana December 2023: योजना दिसम्बर २०२३

by Yojana

योजना दिसम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। वर्ष भर का लेखा-जोखा देने वाले योजना के इस अंक का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति के जीवंत सारतत्व को संजोना है और प्रमुख नीतिगत पहलों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों को उद्योग, परिवहन, संस्कृति, कृषि और खेल जैसे सॉफ्ट पावर क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास और उपलब्धियों का व्यावहारिक विश्लेषण और झलक प्रदान करना है। यह अंक अपने पाठकों को गुजरे वर्ष और भावी अवसरों की झलक प्रदान करता है।

Yojana February 2023: योजना फरवरी २०२३

by Yojana

योजना फरवरी 2023 पत्रिका का संस्करण युवा एवं खेल पर केंद्रित है। पत्रिका में नए भारत के लिए पहल, हमारी युवा शक्ति के सामर्थ्य का विकास और फिट इंडिया: स्वस्थ भविष्य की ओर जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana January 2023: योजना जनवरी २०२३

by Yojana

योजना जनवरी 2023 पत्रिका का संस्करण मोटा अनाज (मिलेट्स) पर केंद्रित है। पत्रिका में मोटे अनाजों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष-2023, मोटा अनाज: हमारे देश की प्राचीन परम्परा, पूर्वोत्तर में मोटे अनाज की खेती, आहार में मोटा अनाज और मोटा अनाज: सेहत का खज़ाना जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

Yojana July 2023: योजना जुलाई २०२३

by Yojana

योजना जुलाई 2023 पत्रिका का संस्करण सहकार से समृद्धि पर केंद्रित है। पत्रिका में सहकार से समृद्धि: योजना से उपलब्धि तक, प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनेंगी सहकारी समितियां और कृषि ऋण सहकारी समितियों को डिजिटलीकरण के माध्यम से सशक्त बनाना जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

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