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Akhand 2: खण्ड 2: आर्थिक समीक्षा 2018-19

by भारत सरकार वित्त मंत्रालय

यह आर्थिक समीक्षा मिलजुल कर किए गए कार्य और परस्पर सहयोग का परिणाम है। आर्थिक प्रभाग से जिन व्यक्तियों का योगदान मिला है, उनमें संजीव सान्याल, सुष्मिता दासगुप्ता, अरूण कुमार झा, अरूण कुमार, राजीव मिश्र, राजश्री रे, ए. सृजा, सुरभि जैन, ए. प्रतिभा, एस. अर्पतास्वामी, निखिला मेनन, अश्विनी लाल, अभिषेक आचार्य, रजनी रंजन, सिंधुमन्निकल थंकप्पन, प्रेरणा जोशी, धर्मेंद्र कुमार, आकांक्षा अरोड़ा, एम. राहुल, रवि रंजन, तुलसीप्रिया राजकुमारी, शमीम आरा, जे.डी. वैशंपायन, आर्य वी.के., अभिषेक आनंद, सोनल रमेश, संजना काद्यान, अमित श्योरन, श्रेया बजाज, सुभाषचंद्र, रियाज़ अहमद खान, मो. आफताब आलम, प्रदयुत कुमार पाईन, नरेंद्र जेना, श्री वत्स कुमार फरीदा, मृत्युंजय कुमार, राजेश शर्मा, अमित कुमार केसरवानी, अर्पिता वायकरे, नवीन वाली, महिमा, अंकुर गुप्ता, लिपि बुद्धिराजा, सोनम गायत्री मल्होत्रा तथा लविशा अरोड़ा शामिल हैं।

EHI04 Rajnaitik Vichar Aur Sansthayen (4)

by Ignou

This book is a 4th Part of the EHI04 with emphasis on these topics. Chapter 12 - Mugal samprabhuta kee sankalpana, Chapter 13 - Mugal shaasak varg, Chapter 14- Mugal prashaasan: kendreey, praanteey aur sthaaneey & Chapter 15-Mugal prashaasan : manasab aur jaageer

EHI04 Rajnaitik Vichar Aur Sansthayen (4)

by Ignou

This book is a 4th Part of the EHI04 with emphasis on these topics. Chapter 12 - Mugal samprabhuta kee sankalpana, Chapter 13 - Mugal shaasak varg, Chapter 14- Mugal prashaasan: kendreey, praanteey aur sthaaneey & Chapter 15-Mugal prashaasan : manasab aur jaageer

EHI04 Rajnaitik Vichar Aur Sansthayen (4)

by Ignou

This book is a 4th Part of the EHI04 with emphasis on these topics. Chapter 12 - Mugal samprabhuta kee sankalpana, Chapter 13 - Mugal shaasak varg, Chapter 14- Mugal prashaasan: kendreey, praanteey aur sthaaneey & Chapter 15-Mugal prashaasan : manasab aur jaageer

Rajneeti Vigyan B.A. Second Year M.P. University

by Pukharaj Jain

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus for B.A. Second Year from M.P. University in hindi.

Hindi Sahitya Ka Saral Itihas - Competitive Exam

by Vishwanath Tripathi

This book explains about the history of hindi litreature for the students. The aim of the writer of this book is to explain about the changes that has taken place in case of the rights of the women and exploitation of the people. Writer has explain about the social, cultural, economic and political changes that has taken place all over the years in our country and has told about to resolve all shorts of problem faced by the women and people of the country.

Western Political Thinkers: पाश्चात्य राजनीति विचारक

by O. P. Gauba

‘पाश्चात्य राजनीति-विचारक’ के अंतर्गत मुख्यतः पश्चिमी जगत् के प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक राजनीति-दार्शनिकों के चिंतन का तुलनात्मक और आलोचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसके आरंभ में गौरव-ग्रंथों के सामान्य लक्षणों का विवरण देते हुए उनकी उपयोगिता और सार्थकता पर प्रकाश डाला गया है; उनकी व्याख्या की सामान्य समस्याओं की चर्चा करते हुए इस व्याख्या के विभिन्न उपागमों की जांच की गई है। फिर पश्चिमी राजनीति चिंतन के इतिहास से जुड़े प्रत्येक युग की सामान्य विशेषताओं का विवरण देते हुए उनके प्रतिनिधि दार्शनिकों की देन को परखा गया है।

Bharat Evam Vishva Ka Bhugol-civil Service

by Majid Hussain

जब हम इस पुस्तक का सूक्ष्म अध्ययन करने की कोशिश करते हैं,तो पाते हैं कि इसमें अपने देश भारत के अतिरिक्त विश्व के विविध पहलुओं को समाहित कर उसकी विश्लेषणात्मक रूप से चर्चा की गयी है जिन्हें सिविल सेवा एवं हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस में पूर्णतया स्थान दिया गया है।इसके प्रत्येक अध्याय में निहित विषय वस्तु को और अधिक पठनीय एवं ग्राह्य बनाने हेतु यथासम्भव मानचित्रों / चार्टों /तालिकाओं का उपयोग किया गया है ताकि अभ्यर्थियों / पाठकों को इस विषय को पढ़ने में आनंद की अनुभूति हो, क्योंकि मानचित्र भूगोल की आत्मा होती है तथा इसके बिना कोई भी भौगोलिक अध्ययन अधूरा है।

The Indian Economy Hindi

by Sanjiv Verma

"Thoroughly revised and updated edition based on new pattern of UPSC syllabus – now structured into 4 broad segments- A. Domestic Economy, B. External Sectors- looking outwards, C. Global Economy & Outlook and D. Indian Economy Revisited, Outlook and Challenges. The book is an attempt to ink down the economic issue with great conceptual clarity and bring in application part and its relevance to the present time. An attempt to make new generation student understand economy in the right perspective. The ease of learning has been kept in mind while updating and adding new concepts, policies and implementation being initiated by the Government of India in the economy in the following chapters: 1. Salient Features: New India 2. Poverty and Social Sector 3. Government Financing and Banking 4. Foreign Trade Policy… are few to be named The following sections have been inserted in the new edition: 1. Indian Economy Stellar Performance 2. Spreading JAM across India’s Economy 3. Goods and Service Tax: A Progressive Tax Regime 4. Niti Ayog: The Premier Policy Think Tank 5. Startup India: Wings to Fly above the Sky 6. Demonetisation Policy: Surgical Strike Against Black Money Contents have been enriched with diagrams to facilitate learning and grasping of concept(s) in no time "

Rajniti Siddhant Ki Rooprekha-An Introduction To Political Theory

by O. P. Gauba

“राजनीति-सिद्धांत की रूपरेखा’ के सप्तम संस्करण के अंतर्गत जगह-जगह नए संशोधन-परिवर्धन किए गए हैं, और अद्यतन सामग्री का समावेश किया गया है। विवेच्य विषय के निरंतर विस्तारशील स्वरूप को ध्यान रखते हुए इसमें कई नए, महत्त्वपूर्ण प्रकरण जोड़े गए हैं। ‘विचारधारा की संकल्पना’ के अंतर्गत ‘नारीवाद’ (Feminism) का संक्षिप्त परिचय जोड़ा गया है। ‘राज्य का स्वरूप: विविध परिप्रेक्ष्य’ के अंतर्गत दो नए, विस्तृत प्रकरण जोड़े गए हैं: ‘नारीवादी परिप्रेक्ष्य’ (Feminist Perspective) और ‘बहुलवादी परिप्रेक्ष्य’ (Pluralist Perspective) फिर, ‘लोकतंत्र के समकालीन सिद्धांत’ के अंतर्गत यहां दो नए प्रकरण यथास्थान जोड़ दिए गए हैं: ‘विचारणात्मक लोकतंत्र का सिद्धांत’ (Theory of Deliberative Democracy) और ‘लोकतंत्र का विरोधाभास’ (Paradox of Democracy)। ‘न्याय की संकल्पना’ के अंतर्गत ‘समुदायवादी दृष्टिकोण’ (Communitarian View) से जुड़े प्रकरण का प्रचुर विस्तार किया गया है। इसमें समुदायवाद (Communitarianism) के मुख्य-मुख्य उन्नायकों के योगदान की चर्चा करते हुए ‘जॉन सल्स के न्याय-सिद्धांत की समुदायवादी समालोचना’ (Communitarian Critique of John Rawls’s Theory of Justice) पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है।

Rajniti Vigyan Vishwakosh-Encyclopedia of Political Science

by O. P Guaba

‘राजनीति विज्ञान विश्वकोश’ का प्रस्तुत संस्करण एक तरह से नया लिखा गया है। इसकी बहुत सारी प्रविष्टियां नई हैं, और अधिकांश प्रविष्टियां नए ढंग से लिखी गई हैं। इस संस्करण के अंतर्गत राजनीति विज्ञान की मुख्य-मुख्य शाखाओं से जुड़े विषयों पर स्वाधीन तथा विस्तृत निबंध सम्मिलित किए गए हैं। जहां प्रस्तुत लेखक के ‘विवेचनात्मक राजनीति विज्ञान कोश’ (Conceptual Dictionary of Political Science) का प्रयोग एक व्यष्टि-विश्वकोश या ‘माइक्रोपीडिया’ (Micropedia) के रूप में किया जा रहा है, वहां ‘राजनीति विज्ञान विश्वकोश’ को समष्टि-विश्वकोश या ‘मैक्रोपीडिया’ (Macropedia) का रूप देने का प्रयत्न किया गया है। वैसे ये दोनों कृतियां अपने-आप में पूर्ण और एक-दूसरे से सर्वथा स्वाधीन हैं।

Tulnatmak Rajniti Ki Rooprekha

by O. P Guaba

‘तुलनात्मक राजनीति की रूपरेखा’ का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर के छात्र-छात्राओं को तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण की इन नवीनतम प्रवृत्तियों से परिचित कराना है। इसके अंतर्गत तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के सैद्धांतिक ढांचे की व्याख्या करते हुए उदारवादी, समाजवादी और विकासशील देशों की राजनीतिक प्रणालियों का सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसमें तुलनात्मक राजनीति-विश्लेषण के स्वरूप और विकास की चर्चा करते हुए संस्थात्मक उपागम और प्रणाली-विश्लेषण की व्याख्या की गई है। राजनीतिक अर्थ-व्यवस्था उपागम का वेिचन करते हुए उदारवादी और मार्क्सवादी दष्टिकोणों को स्पष्ट किया गया है। उदारवादी प्रणालियों में ब्रिटिश संसदीय प्रणाली और अमरीकी अध्यक्षीय प्रणाली के राजनीतिक ढांचों का विवरण देते हुए इनके सामाजिक-आर्थिक आधार की जांच की गई है। समाजवादी प्रणालियों में राजनीतिक प्रक्रिया के विशेष लक्षणों की पहचान करके सोवियत संघ के पतन के कारणों पर प्रकाश डाला गया है। सोवियत संघ और जनवादी चीन के विकास-मार्गों की विस्तृत समीक्षा की गई है। विकासशील देशों में राजनीतिक अस्थिरता के कारणों और परिणामों पर विचार किया गया है; एकदलीय प्रणाली के उदय और ह्रास की जांच की गई है; अल्पविकास की प्रकृति और कारणों के बारे में उदारवादी और मार्क्सवादी विश्लेषण का सारांश दिया गया है; नव-उपनिवेशवाद के समकालीन रूपों का सर्वेक्षण किया गया है; और संजातीय तनावों के विश्लेषण के लिए विकास दृष्टिकोण और पराश्रितता-दृष्टिकोण की मान्यताओं का विवेचन किया गया है। अंत में ‘पारिभाषिक शब्दावली’ के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या की गई है। शासन-प्रणालियों के विवरण को यथासंभव संक्षेप में देकर यथार्थ राजनीति के सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Ganit class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: गणित कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

गणित पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में समूह में वस्तुओं की संख्या, प्राकृत संख्याओं की समझ व उन पर हुई सामान्य संक्रियाओं से आगे बढ़कर संख्याओं का सामान्य प्रतिरुपण व नियम, चर की अवधारणा, सिद्ध करने की धारणा, व्यापीकृत नियमों, व्यवहारिक गणित, आदि के बारे में सीखेंगे। इसके साथ-साथ हमे आकृतियों की रचना, प्रकार व आकार के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है। इस विषय में हमे आंकड़ो को व्यवस्थित करके प्रस्तुत करना और उनसे निष्कर्ष निकालना भी सीखाया गया है।

Samajik Vigyan Bhugol Bhag 2 class 7 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 कक्षा 7 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

सामाजिक विज्ञान भूगोल भाग 2 पाठ्यपुस्तक कक्षा 7 वीं का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में दस अध्याय दिए गए है, इसमें पर्यावरण, हमारी पृथ्वी के अंदर और हमारी बदलती पृथ्वी, वायु, जल, प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन, मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार, मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश, शीतोष्ण घासस्थलों में जीवन, रेगिस्तान में जीवन और परिशिष्ट आदी के बारे में बताया गया है। सामाजिक भूगोल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के चयनित संदर्भो की चर्चा पाठ्यपुस्तक में की गई है।

Itihas Darshan - Ranchi University, N.P.U

by Prof. Chaube

इतिहास मनुष्य का अध्ययन है, उसका अध्ययनकर्ता मनुष्य है और जिस मूल सामग्री पर वह आश्रित है वह मनुष्य द्वारा संचित निधि होती है। उपलब्ध स्रोत सामग्री की अपूर्णता के अतिरिक्त इतिहासकार समसामयिक परिस्थितियों की उपेक्षा नहीं कर सकता। अपूर्णताओं के बावजूद भी इतिहासकार सत्य की खोज के प्रति समॢपत होता है। इस कार्य के लिए जिस विशेष प्रकार के अध्ययन, चिन्तन और अनुशासन की आवश्यकता होती है, उसकी अपेक्षा एक प्रशिक्षित इतिहासकार से ही करनी चाहिए। स्रोत सामग्री के चयन, विश्लेषण और प्रस्तुतीकरण के कुछ आधारभूत सिद्धान्त सभी इतिहासकारों पर लागू होते हैं। इतिहास-दर्शन पर लिखित प्रस्तुत ग्रन्थ इस संदर्भ में एक बहुत बड़े अभाव का एक सराहनीय प्रयास है। इतिहास-दर्शन से सम्बन्धित प्राय: सभी विषयों का इस पुस्तक में विद्वत्तापूर्ण विवेचन किया गया है। इतिहास-दर्शन के व्यापक और गहन अध्ययन के लिए यह पुस्तक बड़ी उपयोगी होगी।

Vigyan Evam Praudyogiki class 6 - S.C.E.R.T. Raipur - Chhattisgarh Board: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कक्षा 6 - एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर - छत्तीसगढ़ बोर्ड

by Rajya Shaikshik Anusandhan Aur Prashikshan Parishad Raipur C. G.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पाठ्यपुस्तक कक्षा 6 वी का राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर ने हिंदी भाषा में प्रकाशित किया गया है, इस पाठ्यपुस्तक में सोलह अध्याय दिये गए है। पाठ्यपुस्तक में हमारी पृथ्वी और सौर परिवार के बारे में बताया है, पर्यावरण के घटक, पदार्थ की प्रकृति और पदार्थों का पृथक्करण, हमारे चारों और होनेवाले बदल और परिवर्तन आदि के बारे में समजाया गया है। मापन, सजीवों के लक्षण एवं वर्गीकरण, सजीवों की संरचना तथा उनके कार्य, गति-बल तथा दाब इनके बारे में पाठ्यपुस्तक में स्पष्टीकरण दिया गया है। इस पाठ्यपुस्तक में विज्ञान और गणित के क्षेत्र में विश्व को गौरवशाली योगदान प्रदान करने वाले कुछ महान भारतीय वैज्ञानिकों तथा गणितज्ञों के विषय में जानकारी भी दी गई है।

RRB Group D Samanya Vigyan Theory -Competitive Exam

by Indic Trust

This compilation is prepared for the candidates who are studying for the preparation of Railway Group D examination. This Samanya Gyan Theory book is processed in such a way that student will find them more accessible and easy for their preparation.

Adhunik Vishva Itihas (1500-2000) For Civil Services (Main) Exams - Ranchi University, N.P.U.

by Hukam Jain Krishn Mature

JPM History of Modern World (Aadhunik Vishwa ka itihas) 1500 se 2000 Tak for Civil Services (Main) Exams. & Other Allied. Tests and University Exams.

Udyamita Vikas (Foundation course) B.A. B.Sc. B.Com. B.H.Sc. First Year SEM-I and SEM-II - M.P. University

by Madhya Pradesh Hindi Granth Academy Bhopal

Udyamita Vikas (Foundation course) text book for B.A., B.Sc., B.Com., B.H.Sc. First Year SEM-I and SEM-II According to the Latest Syllabus based on syllabus from Madhya Pradesh Hindi Granth Academy Bhopal in Hindi.

Rajneeti Vigyan B.A. First Year Sem-I - M.P. University

by Pukharaj Jain

Rajneeti Vigyan text book According to the Latest Syllabus for B.A. First Year Sem-I from M.P. University in hindi.

आरम्भ्कर्ताओं के लिए बाइबल: अध्ययन गाइड 66 किताबें शुरू करने के लिए समझाया (Action Packs Ser. #115)

by ब्रायन गुगास

युगों से लोग मार्गदर्शन और आशा के लिए बाइबिल की तरफ मुड़े हैं| यह बाइबिल अध्ययन की पुस्तक शुरुआती लोगों के लिए बाइबिल की प्रशंसा विकसित करने और इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के लिए एक नक़्शे के रूप में कार्य करती है| बाइबिल की सभी 66 पुस्तकें विस्तार से शामिल हैं: •प्रत्येक पुस्तक के लेखक और उस समय की रूपरेखा जिसमें वह लिखी गई थी •प्रत्येक पुस्तक का मुख्य विषय •प्रत्येक पुस्तक के सन्देश का सारांश •चिंतन और आगे की खोज के लिए एक भक्ति बाइबिल की कहानियों, भविष्यवाणियों और संदेशों में खुद को विसर्जित कर दें और ईश्वर और ईसा मसीह की विस्मयकारी शक्ति, दया और उपचार शक्ति की खोज करें| अनुग्रहकारी और प्रेरणादायक, शुरुआती लोगों के लिए बाइबिल अध्ययन पाठक को मूल बातों में वापस लाता है और इश्वर के जीवित शब्द के साथ एक सीधे सम्बन्ध का रास्ता खोलता है|

आदतों का ढेर (हैबिट स्टैकिंग )

by The Blokehead

परिभाषा के अनुसार आदत स्टैकिंग, एक आदत है जो पहले से मौजूद है, के ऊपर नई आदत को "स्टैकिंग" करके एक नई जीवन आदत का निर्माण है। आप देखते हैं, वर्तमान में हम नियमित रूप से अभ्यास करने वाली आदतों में हमारे भीतर एक मजबूत जड़ प्रणाली है। एक शक्तिशाली मौजूदा नींव पर एक नई आदत बनाने की शुरुआत में, इस मामले में एक और आदत, आप पहले से ही आपके लिए पूरी तरह से कठिन परिश्रम के साथ काम शुरू कर रहे हैं जमीन से नई आदत का निर्माण शुरू करने का कोई कारण नहीं है। आदत स्टैकिंग का आधार काफी सरल है पढ़ते रहिये...

1% का नियम: प्रक्रिया से प्रेम कैसे करें और अपने सुनहरे सपने कैसे साकार करें

by टॉमी बेकर

1% का नियम प्रक्रिया से प्रेम कैसे करें और अपने सुनहरे सपने कैसे साकार करें लेखक: टॉमी बेकर फीचर फिल्म की चकाचौंध और माइक्रोवेव वाले संसार में - आपको यह विश्वास दिलाया जाता है कि सफलता बस मोड़ पर ही हैः यह कामयाब नहीं हो रहा है। न सिर्फ आपके लक्ष्य हासिल करने की योग्यता कुंद हो रही है, बल्कि आप कभी इतने ज्यादा कुंठित, फँसे हुए, तनावग्रस्त और असंतुष्ट भी नहीं रहे, जितने कि आज हैं। ज्यादातर व्यक्तिगत विकास बडे और साहसी सपने के बारे में है, लेकिन इन दिनों हमारे पास महत्वाकांक्षा या स्वप्नदर्शियों की कमी नहीं है... कमी तो परिणाम और क्रियान्वयन की है। लेकिन क्या हो, अगर अपने जीवन की अनूठी कृति का सृजन करते समय शोर-शराबे को बंद करने, प्रक्रिया से प्रेम करने और हर दिन एक कदम आगे बढाने का तरीका हो? 1 प्रतिशत नियम में आपका स्वागत है - एक दैनिक प्रणाली, ज

365 प्रेरणादायक विचार: अधिक खुशी, सफलता और संतुष्टि के लिए दैनिक प्रेरक वचन। (Dinner For Two 365 Ser. #Vol. 1)

by ज़ेबियर के. फर्नाओ

क्या यह सच नहीं है कि हमें पूरी तरह से प्रेरित होने और कुछ सार्थक करने के लिए पूरी किताब की आवश्यकता नहीं होती, आवश्यकता होती है शायद सिर्फ कुछ विचारों की, जो हमें कुछ बड़े कार्यों को करने के लिए प्रतिबद्धता देते हैं। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि जब हमारे बुरे दिन चल रहे होते हैं, तो विचार हमें सकारात्मकता पर पुन: केंद्रित करने में मददगार हो सकते हैं। एक अच्छा विचार जो हम अपनी कॉफी के लिए लाइन में खड़े-खड़े देखते हैं या जिसे हम शॉपिंग मॉल के आसपास घूमते हुए पढ़ते हैं वो हमारी भावना को आंदोलित कर सकता है और हमारे अंदर सकारात्मक विचारों और भावनाओं को ट्रिगर कर सकता है। प्रेरणादायक विचार इतने गहन और अर्थपूर्ण होते हैं क्योंकि उनके न केवल गहरे अर्थ हैं, उनके पास हर अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग अर्थ हैं। इन विचारों का कोई संदर्भ नहीं है, सिवाय आपके अपने जीवन के

Vishv Ki Prachin Sabhyataon Ka Itihaas

by Sushil Madhav Pathak

बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी हिंदी प्रांतों में स्थापित हिंदी ग्रंथ अकादमियों के समकक्ष है और इसे भी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा विभाग से प्रकाशन अनुदान प्राप्त होता है। अकादमी ने अनेक उत्कृष्ट पुस्तकों का सृजन तथा प्रकाशन किया है। प्रस्तुत ग्रंथ "विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का इतिहास", डॉ. सुशील माधव पाठक की मौलिक कृति का नवम् संस्करण है। डॉ. सुशील माधव पाठक जी इतिहास एवं पुरातत्त्व-विषय के विद्वान और अनुभवी लेखक हैं। आशा की जाती है कि यह ग्रंथ विश्वविद्यालय-स्तर के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों तथा सामान्य पाठकों के लिए रूचिकर होगा। इस ग्रंथ में विश्व की प्राचीन सभ्यताओं के इतिहास का सर्वेक्षण प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। स्नातकोत्तर कक्षाओं में पिछले उन्नीस वर्षों से इस विषय को पढ़ाने के अनुभव के आधार पर यह ग्रंथ लिखा गया है। हिंदी भाषा के माध्यम से एम. ए. कक्षाओं में इतिहास को पढ़ने की अभिरुचि विद्यार्थियों में बढ़ती जा रही है। ग्रंथ के मुद्रण-प्रकाशन में प्राप्त सभी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष सहयोग के लिए अकादमी आभार स्वीकार करती है।

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